क्रोशिया और बुनाई एक प्राचीन कला है जिसे हम सब ने अपनी नानी, दादी को करते जरूर देखा होगा. यह एक ऐसी कला है जो न सिर्फ हमें कुछ नया बनाने को प्रेरित करती है अपितु हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है. आइए, जानें इस कला के फायदों को जो इस को महत्त्वपूर्ण बनाते हैं:

मानसिक एकाग्रता

जब हम क्रोशिया करती हैं तो हम उस की डिजाइन में उलझ जाती हैं जिस से हमारा ध्यान एकाग्र होता है. इस से हमारी मानसिक एकाग्रता बढ़ाती है. डिजाइन बनाते समय हम छोटीछोटी बातों का ध्यान रखती हैं ताकि हमारी डिजाइन गलत न हो जाए और परिणामस्वरूप हमारा दिमाग ऐक्टिव रहता है. इस का चैलेंज हमारे दिमाग को मजबूती देता है जिस से हमारा दिमाग तेज होता है और हम बढ़ती उम्र में होने वाली बीमारी डिमेंशिया को काफी हद तक दूर रख सकती हैं. आप कह सकते हैं कि यह एक टौनिक का काम करता है.

क्रिएटिविटी का विकास

क्रोशिया के रंगीन धागे हमें आकर्षित करते हैं. उन्हें देख कर हमारा दिमाग खुदबखुद कुछ बुनने लगता है. जैसे लाल धागा देख कर अनायास आप को लाल गुलाब याद आ जाएगा. ये धागे हमें कुछ बनाने को उकसाते हैं और जब हम क्रोशिया और धागे से कुछ बनाती हैं तो खुदबखुद डिजाइन हमारी उंगलियों से उतरने लगती है.

शारीरिक लाभ

जब हम क्रोशिया या बुनाई करती हैं तो हाथ की उंगलियां अलगअलग तरीके से काम करती हैं. परिणामस्वरूप हमारे हाथों की मांसपेशिया मजबूत होती हैं. हाथों के लगातार क्रियाशील होने से हमारे हार्ट पर भी पौजिटिव असर देखने को मिलता है.

धैर्य में बढ़ोतरी

क्रोशिए की चीजें बनाने में समय लगता है और हम 1-1 लूप बना कर सुंदरसुंदर चीजें तैयार करती हैं क्योंकि काम धीरेधीरे आगे बढ़ता है जिस से हम में सब्र और संतुष्टि का विकास होता है.

बेहतरीन हौबी

क्रोशिया एक ऐसी हौबी है जिसे हम अकेले भी कर सकती हैं और ग्रुप में भी. किट्टी पार्टी छोडि़ए 2 घंटे की क्रोशिया पार्टी रखिए. घर लौटते हुए अपनी क्रिएटिविटी का नमूना ले कर जाएं, न कि समोसे कचौड़ी का बोझ. बाहर देशों में जगहजगह हौबी सैंटर खुले हैं जहां जा कर आप अपने ही तरह के लोगों से मिलती हैं और कुछ नया सीखती हैं. यह हौबी आप का गेटवे है अपनी कला को निखारने का और समय का सदुपयोग करने का.

निवेश

इस हौबी को बढ़ाने के लिए आप को बहुत पैसों की भी आवश्यकता नहीं होती. बस एक क्रोशिया और धागे का गोला ये 2 चीजें आप कहीं पर भी आसानी से ले जा सकती हैं. ट्रेन हो, बस हो या कार आप आराम से इसे बनाते हुए अपना खाली समय बिता सकती हैं.

आत्मविश्वास को बढ़ावा

क्रोशिया हमारे अंदर आत्मविश्वास पैदा करता है. जब हम क्रोशिया से या सलाइयों से कुछ बनाती हैं तो कुछ करने का जज्बा हमारे कौन्फिडैंस को बढ़ाता है और जब लोग तारीफ करते हैं तो हमारी खुशी दोगुनी हो जाती है.

बच्चों का विकास: क्रोशिए से आप खिलौने बना कर बच्चों को दे सकते हैं. ये खिलौने अपने रंगों से बच्चों को आकर्षित कर लेते हैं. खेलखेल में बच्चों को जानवरों के नाम भी आप आसानी से सिखा देंगे और इस से आप स्क्वायर, सर्कल आदि बना कर शेप्स भी सिखा सकती हैं.

क्रोशिए का छोटा सा ब्रेक भी आप को रिलैक्स करेगा और आप की ऐंग्जाइटी को कम करेगा. क्रोशिया करने वालो के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण बातें:

  •  क्रोशिया की जो सब से खास बात है वह है इस की सिंम्लिसिटी. धागों का लूप बना कर हम 1 का 2 और 2 का 3 और फिर 3 का 2 और इक करने से ही कितनी सुंदर डिजाइन बना लेती हैं.
  •  क्रोशिया धागे या ऊन से करते हैं इसलिए इस को ज्यादा नहीं खींच सकते. इसलिए यह पर्स, ऐक्सैसरीज, टौप, स्कर्ट्स आदि बनाने के काम आता है.
  •  क्रोशिया से डिजाइन बनाने का कोई सैट फौर्मूला नहीं है. आप जैसे चाहें अपनी क्रिएटिविटी को उकेर सकती हैं. आप चाहें गोलाई में क्रोशिया बुनें या फिर सीधा टेढ़ा बना कर सूईधागे से जोड़ लें. आप चाहें तो सिंगल पीस बना लें या फिर छोटेछोटे मोटिफ बना कर जोड़ लें. आप जैसे चाहें अपना सामान बना सकती हैं. यह हर तरह से सुंदर ही लगता है.

धागे का चुनाव: आजकल बाजार में तरहतरह के धागे मिलते हैं मोटे, पतले, सिल्क के, कौटन के आप को जो भी धागा पसंद आए आप ले लें. बस एक बात का ध्यान रखें कि शुरुआत मोटे धागे से करें. ऊन सही रहता है क्योंकि ऊन का फाइबर क्रोशिया से आसानी से लूप को निकाल देता है. ऊन के साथ मोटा क्रोशिया ही लें.

इस का छोटा होना आप के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है. आप के पर्स में अपना चश्मा भी ज्यादा जगह घेरेगा इस क्रोशिए से.

क्रोशिया के प्रकार: क्रोशिया अलगअलग वैराइटी में मिलता है. आप चाहें तो लकड़ी का, प्लास्टिक का या फिर मैटल का भी क्रोशिया ले सकती हैं.

क्रोशियां पकड़ने का तरीका: क्रोशिए को 2 प्रकार से पकड़ा जाता है- एक पैंसिल की तरह और दूसरा चाकू की तरह. छोटे काम के लिए पैंसिल की तरह पकड़ें और बड़े काम के किए चाकू की तरह इस्तेमाल करें. इस से आप के हाथ पर खिंचाव नहीं पड़ेगा.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...