Smelly Scalp : क्या आप के स्कैल्प से अजीब सी गंध निकलती है? क्या कई लोग आप को टोक चुके हैं कि आप के सिर से बदबू आती है? अगर ऐसा है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है, इस का उपाय है. दरअसल, यह आप के स्कैल्प पर पनप रहे बैक्टीरिया हैं जो इस के लिए जिम्मेदार हैं.
वैसे, स्कैल्प से बदबू आने के कई कारण हो सकते हैं जैसेकि हारमोनल चैंज के कारण भी स्कैल्प से बदबू आने की संभावना अधिक होती है. साथ ही जैसेजैसे गरमी बढ़ेगी वैसेवैसे शरीर और बालों से पसीने की समस्या भी बढ़ने लगेगी. यह भी स्कैल्प से आने वाली बदबू का एक कारण होता है. कई बार यह समस्या स्कैल्प के पीएच बैलेंस के बिगड़ने की वजह से होती है. इसलिए स्कैल्प की फंगस, बैक्टीरिया, ड्राई फ्लैक्स आदि के बारे में जानें और उसे ठीक करने की कोशिश करें.
इस के अलावा सैबोरिक डर्मैटाइटिस (Seborrheic Dermatitis) एक मैडिकल कंडीशन है जो फंगल और तेल के अत्यधिक प्रोडक्शन का कारण बनती है, जिस से सिर में असंतुलित निर्माण होता है, जिस से बालों और सिर से दुर्गंध आती है. इसे बदबूदार स्कैल्प सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है.
साथ ही सोराइसिस, एक औटोइम्यून विकार है, जो स्कैल्प को भी प्रभावित करता है जिस से वह ड्राई हो जाती है. इस के अलावा, यह माइक्रोबियल विकास के असंतुलन का कारण बनता है, जिसे द्वितीयक संक्रमण कहा जाता है, जिस से दुर्गंध आती है.
प्यूबर्टी और टैंशन के दौरान हारमोंस ग्रंथियों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं, जिस से सीबम और पसीने का प्रोडक्शन बढ़ जाता है.
ऐंड्रोजन (पुरुष हारमोन) के अत्यधिक स्राव से ग्रंथियां अतिसक्रिय हो जाती हैं, जिस से सिर की त्वचा में जमाव और दुर्गंध तेज हो जाती है.
लेकिन आप के स्कैल्प में क्या समस्या हो रही है इस का पता लगाए बिना कुछ भी उपयोग न करें. बैक्टीरियल, फंगल, वायरल अलगअलग तरह के इन्फैक्शन में अलग ट्रीटमैंट दिया जाता है और जब तक आप को यह न पता चले कि बदबू क्यों आ रही है तब तक कुछ भी स्कैल्प में इस्तेमाल करने से न सिर्फ बालों के झड़ने की प्रौब्लम बढ़ सकती है बल्कि इस से स्कैल्प का पीएच बैलेंस गड़बड़ा सकता है.
इसलिए सब से पहले डाक्टर को दिखा कर बीमारी का पता लगाएं और उस के बाद डाक्टर द्वारा बताए निर्देश को ही फौलो करें.
मैडिकल ट्रीटमैंट के विकल्प
ऐंटीफंगल शैंपू : स्कैल्प पर मौजूद फंगस को मारने के लिए ऐंटीफंगल शैंपू ठीक रहता है. यह शैंपू फंगल इन्फैक्शन को कंट्रोल करता है जिस से धीरेधीरे स्मैल आनी कम हो जाती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह फंगस को आगे बढ़ने नहीं देता और ठीक करता है. इस से बालों में होने वाली खुजली और जलन भी कम होती है. जब यह सब ठीक होने लगता है तो बदबू आनी अपनेआप ठीक हो जाती है.
इस का इस्तेमाल करना भी बहुत आसान है. शैंपू को स्कैल्प पर लगाएं और हलके हाथों से मालिश करें. इसे कुछ मिनट के लिए लगा रहने दें. फिर ठंडे पानी से धो लें.
ऐंटीफंगल शैंपू का इस्तेमाल हफ्ते में 2-3 बार करें.
ऐंटीफंगल शैंपू कई तरह के आते हैं
पायरिथियोन जिंक युक्त शैंपू : यदि कारण मालासेजिया जैसा कोई फंगस है, तो डाक्टर पायरिथियोन जिंक युक्त एक विशेष प्रकार के ऐंटी डैंड्रफ शैंपू का सुझाव दे सकते हैं. यह शैंपू फंगस को मारने और उस के प्रसार को रोकने में मदद करता है.
सेबोसोरिस शैंपू : यह शैंपू फंगस से होने वाले सोरायसिस के इलाज में मदद करता है.
सैलिसिलिक एसिड युक्त शैंपू : सैलिसिलिक एसिड शैंपू एक दवा है जो रूसी, सोरायसिस, ऐक्जिमा और डर्मेटाइटिस का इलाज करता है. आप इस शैंपू को अपने गीले बालों पर लगा सकते हैं और मालिश कर सकते हैं. आप इसे धोने से पहले कई मिनट तक अपने सिर पर लगा रहने दे सकते हैं. यह शैंपू फंगल संक्रमण को कम करने के साथसाथ अतिरिक्त तेल और मृत त्वचा कोशिकाओं को भी हटाता है.
कैटोकोनैजोल (Ketoconazole) : कैटोकोनैजोल शैंपू का इस्तेमाल आमतौर पर स्कैल्प पर होने वाले संक्रमण के इलाज के लिए एक ऐंटीफंगल दवा के रूप में किया जाता है जो मालासेजिया नामक फंगस के कारण होने वाले रूसी और अन्य फंगल संक्रमण को कम करने में मदद करता है. इस का उपयोग स्कैल्प के इन्फैक्शन का इलाज करने के लिए किया जाता है.
केटोकोनैजोल का उपयोग बैक्टीरिया या फंगल वृद्धि जैसे दादखाज, खुजली, सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस या यहां तक कि रूसी के कारण होने वाले कई तरह के स्किन इन्फैक्शन के लिए किया जाता है. इस का उपयोग सोरायसिस के इलाज के लिए भी किया जाता है.
ऐंटीफंगल शैंपू के इस्तेमाल से पहले
यदि आप को स्कैल्प पर फंगल संक्रमण की समस्या है, तो डाक्टर से सलाह लेना बेहतर होगा. डाक्टर आप की समस्या के अनुसार सही शैंपू और इलाज की सलाह दे सकते हैं.
ओरल ऐंटीफंगल या ऐंटीबैक्टीरियल दवा
यदि इन्फैक्शन गंभीर है या स्थानीय उपचार से ठीक नहीं हो रहा है, तो डाक्टर ओरल ऐंटीफंगल या ऐंटीबैक्टीरियल दवा लिख सकते हैं.
ऐंटीफंगल क्रीम या लोशन
फंगल इन्फैक्शन के लिए डाक्टर ऐंटीफंगल क्रीम या लोशन (जैसेकि क्लोट्रिमेजोल या माइकोजोल) की सलाह दे सकते हैं.
ऐंटीफंगल क्रीम या लोशन के विकल्प
क्लोट्रिमेजोल (Clotrimazole) : क्लोट्रिमाजोल 2% क्रीम एक ऐंटीफंगल दवा है जो त्वचा के फंगल संक्रमण के इलाज में मदद करती है. यह फंगस की वृद्धि को रोकता है और मारता है. जैसेकि दाद या जौक खुजली. आप इसे सिर के स्कैल्प पर और आसपास की त्वचा पर पतली परत में लगा सकते हैं. यह इन्फैक्शन के कारण होने वाले लक्षणों से राहत देता है.
*सैलीसिलिक एसिड (Salicylic Acid) : सैलिसिलिक एसिड एक बीटा हाइड्रौक्सी एसिड है. रूसी, सोरायसिस के इलाज में इस की प्रभावशीलता के कारण इसे ‘केराटोलिटिक एसिड’ कहा जाता है. सैलिसिलिक एसिड त्वचा को ऐक्सफोलिएट करने और त्वचा के छिद्रों को साफ बनाए रखने का काम करता है. यह रूसी और अन्य फंगल संक्रमण के इलाज में मदद कर सकता है.
ध्यान रखें
आप को डर्मेटोलौजिस्ट को एक बार दिखा लेना चाहिए. हेयर स्मैल के लिए मैडिकल ट्रीटमैंट तो हमेशा ही कारगर सिद्ध होता है. डर्मेटोलौजिस्ट आप को सूटेबल मैडिकेटेड हेयर केयर प्रोडक्ट्स प्रिस्क्राइब करेगा और प्रौपर हेयर केयर रूटीन भी सजैस्ट करेगा, जो आप के बालों को सूट हो.