Personality : पार्टी में शोभा का परिचय अपने पति से कराते हुए आकृति ने कहा, ‘‘इन से मिलिए, ये शोभा हैं, सोशल मीडिया की क्वीन… छाई रहती हैं पोस्ट और फोटो से.’’
शोभा को यह सुन कर अजीब लगा. वह बिना कहे रह नहीं पाई कि आकृति तुम मेरा परिचय मेरे पति के नाम से दो या फिर मेरे प्रोफैशन से. यह क्या बात हुई, मेरे प्रोफैशन के अनुसार मु?ो सोशल मीडिया भी अपडेट करना होता है पर मैं सारा समय वहीं नहीं देती.’’
‘‘अरे चिल्ड यार, मजाक कर रही हूं,’’ आकृति समझ गई थी कि उस से गलती हो गई है. इस बात ने दोनों के बीच एक दूरी पैदा कर दी थी.
अकसर लोग किसी का परिचय कराते समय इस स्थिति की गंभीरता को कायम नहीं रख पाते हैं और यह बात उन को महत्त्वपूर्ण भी नहीं लगती जबकि किसी व्यक्ति के सामने किसी का परिचय देना उस के ‘फर्स्ट इंप्रैशन’ की तरह होता है. पहले परिचय का प्रभाव लंबे समय तक बना रहता है.
जब किसी का परिचय कराते हैं तो यह सुनिश्चित करना आवश्यक होता है कि दिया गया परिचय न केवल उस व्यक्ति की सकारात्मक छवि पेश करे बल्कि वह सुनने वालों और उस व्यक्ति के लिए सम्मानजनक भी हो. अकसर सामाजिक या पेशेवर माहौल में हम दूसरों का परिचय कराते समय लापरवाही या मजाक कर जाते हैं जो सामने वाले को असहज कर सकता है. इस का परिणाम यह हो सकता है कि व्यक्ति न केवल अपमानित महसूस करे बल्कि दोनों के संबंधों में दूरी भी आ जाए. इसलिए यह सम?ाना आवश्यक है कि एक प्रभावी और सम्मानजनक परिचय कैसे दिया जाए.
नकारात्मक शब्दों से बचें
परिचय देते समय हमेशा सकारात्मक आरंभ करें. ऐसे शब्दों से बचें जो किसी भी प्रकार की आलोचना या नकारात्मकता को दर्शाते हों. कभीकभी मजाक में भी नकारात्मक बातें बुरी लग सकती हैं, इसलिए हर बात का चुनाव सावधानी से करें.
उदाहरण के लिए:
गलत: ‘‘ये सुमन हैं. इन की खासीयत है कि ये सब की टांग खींचने में माहिर हैं.’’
सही: ‘‘ये सुमन हैं. इन की हाजिरजवाबी और मजाकिया स्वभाव से हर माहौल खुशनुमा हो जाता है.
नकारात्मक टिप्पणियां चाहे मजाक में ही क्यों न हों, सामने वाले के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा सकती हैं.
अतिशयोक्ति से बचें
कई लोगों की आदत होती है कि वे किसी व्यक्ति की तारीफ बढ़ाचढ़ा कर करने लगते हैं. यह सही नहीं होता क्योंकि इस से श्रोता और वह व्यक्ति दोनों ही असहज हो सकते हैं. किसी की प्रशंसा करना अच्छी बात है लेकिन यह अतिशयोक्ति के बिना होनी चाहिए. तथ्यात्मक और वास्तविक बातें कहना न केवल व्यक्ति को प्रेरित करता है बल्कि सुनने वालों को भी प्रभावित करता है.
उदाहरण के तौर पर:
गलत तरीका: ‘‘ये रमेश हैं. ये कंपनी के सब से मेहनती और सब से सफल कर्मचारी हैं.’’
सही तरीका: ‘‘ये रमेश हैं. ये हमारी टीम में विश्लेषण का काम करते हैं और अपने डैडिकेशन के लिए जाने जाते हैं.’’
इस तरह का सटीक और सम्मानजनक परिचय न केवल श्रोताओं को विश्वास दिलाता है बल्कि रमेश को भी प्रेरित करता है.
विवादित विषयों से दूरी रखें
कभी ऐसा भी होता है कि किसी व्यक्ति के साथ कुछ विवाद जुड़ जाते हैं जिसे अधिकांश लोग जानते हैं लेकिन उसे परिचय का हिस्सा न बनाएं. हमेशा ऐसे विषयों पर बात करें जो उन की सकारात्मक पहचान को उभारें और जो उन के आत्मसम्मान को बढ़ाएं.
उपलब्धियों और गुणों से कराएं परिचय
व्यक्ति की उपलब्धियों, गुणों और कौशल का सम्मानपूर्वक उल्लेख करें, बिना किसी प्रकार की तुलना या टीकाटिप्पणी के जैसे इन्होंने अपने क्षेत्र में अपनी मेहनत से पहचान बनाई है. इस प्रकार का परिचय न केवल व्यक्ति को गर्वित करता है, बल्कि उस की छवि को भी उभारता है.
तुलना न करें
परिचय देते समय किसी भी प्रकार की तुलना करना सही नहीं है क्योंकि इस से व्यक्ति को नीचा महसूस हो सकता है या उन के बारे में श्रोताओं की राय बदल सकती है. हर व्यक्ति का स्वभाव, कार्यशैली अलग होती है. खासतौर पर बच्चों का परिचय कराते हुए इस का विशेष ध्यान रखना चाहिए. उदाहरण के लिए:
गलत तरीका: ‘‘यह मेरा बेटा है. इस की तुलना में मेरा बड़ा बेटा ज्यादा समझदार है.’’
सही तरीका: ‘‘यह मेरा बेटा है. बहुत रचनात्मक और तकनीकी चीजों में रुचि रखता है. अभी एक प्रोजैक्ट पर काम कर रहा है, जो बहुत सराहनीय है.’’
स्वाभाविक तरीके से बात करें
बनावटीपन अविश्वसनीय होता है. इसलिए भाषा में सहजता रखते हुए, सरल भाषा में किसी का परिचय देते हैं तो सुनने वालों और उस व्यक्ति सब के लिए अधिक प्रभावी और सहज होता है. अत: कोई दिखावा न करें और सीधे एवं ईमानदारी से परिचय दें.
परिवार और दोस्तों के बीच परिचय का महत्त्व
कई बार पारिवारिक और सामाजिक समारोहों में परिचय देते समय लापरवाही हो जाती है.
गलत: ‘‘यह मेरी बहन है. इसे सिर्फ शौपिंग करना आती है.’’
सही: ‘‘यह मेरी बहन है. इसे फैशन और डिजाइनिंग का शौक है. यह बहुत क्रिएटिव है.’’
पारिवारिक संबंधों में दिया गया परिचय न केवल उस व्यक्ति को गर्व महसूस कराता है बल्कि रिश्तों को भी गहराई देता है.
किसी का परिचय कराना एक महत्त्वपूर्ण क्षण होता है. यह परिचय कराने वाले व्यक्ति के व्यक्तिव को भी दर्शाता है, उस की छवि निर्धारित करता है और साथ ही भविष्य में संबंधों की मजबूती को भी प्रभावित कर सकता है. परिचय के दौरान व्यक्ति की छवि का खयाल रखना, उस के आत्मसम्मान को बढ़ावा देना और उस के प्रति सम्मान का भाव रखना आवश्यक है. ऐसा परिचय न केवल श्रोताओं को प्रभावित करेगा बल्कि परिचय कराए जा रहे व्यक्ति को भी संतुष्टि देगा और एक सकारात्मक संदेश छोड़ेगा. ध्यान रखें, एक अच्छा परिचय रिश्तों की नींव है, इसे मजबूत बनाने का मौका न चूकें.