Bollywood : जिंदगी में अगला पल क्या होने वाला है, किसी को पता नहीं होता लेकिन भविष्य बताने का, भविष्य संवारने का वादा करने वाले हर गली, नुक्कड़ और बड़ेबड़े फ्लैटों में बैठे तथाकथित महान ज्योतिष न सिर्फ भविष्य को सुरक्षित करने का दावा करते हैं, बल्कि भविष्य और वर्तमान को सुरक्षित करने के लिए, सही समय लाने के लिए, बुरे वक्त से बचाने के लिए अपने द्वारा किए गए उपायों को ले कर लोगों से हजारोंलाखों और करोड़ों रुपए वसूलते हैं.

लोगों का भविष्य और वर्तमान सुरक्षित करने वाले ये तथाकथित ज्योतिष हाल ही में पहलगाम में आए मौत के सौदागरों द्वारा नए शादीशुदा जोड़े, बेगुनाह पुरुषों, बच्चों व स्त्रियों को मौत के घाट उतारने से क्यों नहीं बचा सके? कोविड जैसी जानलेवा बीमारी के आने के बाद देश में आई तबाही से देश को बचाने के लिए क्या ये ज्योतिष कोई उपाय कर सके? दूसरों की तो छोड़िए, वे इस से क्या खुद को भी बचाने में कामयाब हो सके? बावजूद इस के भारत की अधिकांश जनता इन ज्योतिषों के मायाजाल में फंसी हुई है.

जिस तरह बीमार होने पर इंसान डाक्टर के पास भागता है, ठीक उसी तरह जब वक्त खराब चल रहा होता है या जिंदगी में तकलीफों का आगमन होता है, तो लोग उस का हल ढूंढ़ने के लिए ज्योतिष के पास दौड़ पड़ते हैं.

ऐसे लोगों में सिर्फ अशिक्षित ही नहीं बल्कि शिक्षित लोग भी ज्योतिषों के मायाजाल में अपना भविष्य सुरक्षित करने पहुंच जाते हैं. इस सचाई से मुकरते हुए कि जिस तरह अंधेरा, उजाला, रातदिन, सुबहशाम को कोई नहीं बदल सकता, ठीक उसी तरह जिंदगी में आए सुखदुख को भी कोई नहीं मिटा सकता. इस कड़वी सचाई को जाननेसमझने के बाद भी सिर्फ लोग ही नहीं बल्कि आम लोगों के अलावा बौलीवुड भी इन ज्योतिष के मायाजाल में फंसा हुआ है.

बौलीवुड में आधे से ज्यादा फिल्मी हस्तियां फंसी हुई हैं ज्योतिष और अंधविश्वास के जाल में अंधविश्वास और ज्योतिष से घिरे बौलीवुड वालों का कुछ ऐसा ही हाल है कि अब तो खुद पर भी ऐतबार नहीं कि हम ने इतने फरेब खाए हैं.

जैसेजैसे इंसान तरक्की करता है, ऐशोआराम की जिंदगी में पहुंचता है, तो उस के मन में डर सताने लगता है कि कहीं यह सब उस से छीन न जाए। यही इंसान जिस को अब खुद पर ही एतबार नहीं है, वह सफलता के इस मुकाम पर सिर्फ अपने ही दम पर पहुंचता है. बावजूद इस के एक समय ऐसा आता है उस की जिंदगी में कि वह अपने से ज्यादा पंडितों, ज्योतिषियों, तंत्रमंत्र से अपनेआप को बचाना चाहता है. इसी चक्कर में बौलीवुड के कई सितारे ज्योतिष, टैरो रीडर, वास्तुशास्त्र, अंकशास्त्र ज्योतिष के पास अपनी समस्या का हल ढूंढ़ने पहुंच जाते हैं ताकि वे मुसीबत से निकल सकें और शांतिपूर्ण जीवन जी सकें.

ऐसे ही कई कलाकार पूरी तरह ज्योतिषों के मायाजाल में फंसे हुए हैं, जैसे गोविंदा का ज्योतिषों पर इतना ज्यादा विश्वास है, जिस के चलते एक प्रसिद्ध निर्माता के अनुसार गोविंदा ने ज्योतिषों के कहने पर ही इतना ज्यादा अंधविश्वास पाल लिया कि उन का अच्छाखासा फिल्मी कैरियर का भट्टा बैठ गया.

इसी तरह अमिताभ बच्चन ज्योतिषों के कहने पर जहां अपने घर में नए नए वास्तुशास्त्र करवाते रहते हैं, वहीं हाथों में नक्षत्र वाली कई अंगूठियां पहने रहते हैं.

सलमान खान अपने हाथ में नीले रंग के स्टोन का ब्रैसलेट पहनते हैं जो उन के लिए न सिर्फ लकी है बल्कि उन की हमेशा रक्षा करता है, ऐसा सलमान खान का मानना है.

इमरान हाशमी ने एक इंटरव्यू में बताया कि वे अंधविश्वास के चलते 8 और 13 नंबर में फंस गए थे. उन का यह अंधविश्वास ओसीडी बीमारी जैसा हो गया था. इन दोनों नंबरों से वे इतना घबराते थे कि कहीं भी अगर यह नंबर होता जैसे कार का, फ्लैट का, होटल के कमरे का, तो वे वह जगह छोड़ देते थे. लेकिन बाद में इन्हीं तारीखों में जब इमरान हाशमी के अच्छे काम हुए तो वे इस अंधविश्वास से निकल गए.

इमरान की तरह ही रणबीर कपूर 8 नंबर को लकी मानते हैं। अक्षय कुमार 9 नंबर के पीछे पागल हैं. एकता कपूर और भूषण कुमार ज्योतिषों के कहे अनुसार गले और हाथों में अंगूठियां और मालाएं पहने रहते हैं। शाहरुख खान 555 नंबर के पीछे पागल हैं, उन की कार और मोबाइल के नंबर में 555 जरूर होता है.

बिपाशा बसु के लिए कहा जाता था की वे सैट पर काली गुड़िया ले कर आती हैं और काला जादू जानती हैं, जबकि इसमें कोई सचाई नहीं है। अनुष्का शर्मा और विराट कोहली ज्योतिषों के चक्कर लगाते रहते हैं.

विद्या बालन के अनुसार एक डाइरैक्टर ने अपनी फिल्म को हिट करने के चक्कर में 42 दिनों तक एक जोड़ी शौर्ट्स पहना था, ताकि फिल्म सफल हो जाए, लेकिन वह फिल्म सुपर डुपर फ्लौप हुई.

इसी तरह की दकियानूसी बातों को फौलो कर के बौलीवुड के कई सारे स्टार्स अपना पैसा और समय इस अंधविश्वास के चलते खराब करते रहते हैं.

खुद अंधविश्वास में घिरा बौलीवुड अपनी फिल्मों के जरीए आम लोगों को गुमराह कर रहा

कहते हैं कि फिल्में समाज का आईना होती हैं. फिल्मों में वही दिखाया जाता है जो समाज में हो रहा होता है. लेकिन बौलीवुड वाले अंधविश्वास और मनोरंजन के नाम पर अपनी फिल्मों में वह सब कुछ दिखाते हैं जो सिर्फ कहानियों में सुनने को मिलता है, हकीकत में कुछ भी सच नहीं होता. अजय देवगन की फिल्म ‘शैतान’ में काला जादू और वशीकरण को बढ़ावा दिया गया.

‘स्त्री’, ‘स्त्री2’ , ‘एक थी डायन’, ‘भूल भुलैया 2’, ‘1920’, ‘भूत’, ‘रागिनी एमएमएस’, ‘कांतारा’, ‘ओ माय गौड’ आदि कई फिल्मों में भूतप्रेत, चुड़ैल, काला जादू, वशीकरण आदि अंधविश्वास से संबंधित कहानियों को अपनी फिल्मों में प्रस्तुत करते हुए आम लोगों को गुमराह किया गया है.

हालांकि फिल्म ‘भूल भुलैया’ में विद्या बालन पर आए भूत को फिल्म के आखिर में कहानीकार ने विद्या बालन के फिल्म के किरदार मंजुलिका के दिमाग की ही उपज बताया है जो मंजुलिका को मानसिक बीमारी की वजह से खुद की ही सोच द्वारा पैदा और महसूस किया होता है.

एक सच यह भी है कि अंधविश्वास में डूबा बौलीवुड अगर सचमुच कुछ फायदा पा रहा होता, तो बौलीवुड की हालत इतनी खस्ता नहीं होती और इतनी सारी फिल्में फ्लौप भी नहीं होतीं.

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