सचिन तेंदुलकर, जिन्होंने क्रिकेट की दुनिया में तमाम ऐसी उंचाईयां छू ली जिसकी कोई इच्छा ही रखता है. सचिन एक महान खिलाड़ी होने के साथ साथ एक अच्छे इंसान भी हैं. धोनी की बायोपिक की तरह ही सचिन की भी फिल्म आ रही है जिसमें उन्होंने तमाम उन रिश्तों का जिक्र किया है जिन्होंने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचाने में मदद की.

तेंदुलकर के नाम जितने रिकॉर्ड हैं, उतने ही उनसे जुड़े हुए किस्से हैं. क्रिकेट पिच पर हमेशा सीरियस दिखने वाले सचिन अपने टीम मेट्स और फैमली मेंम्बर्स के साथ हमेशा अलग ही अंदाज में रहते थे. उनकी जिंदगी पर बेस्ड फिल्म ‘सचिन ए बिलियन ड्रीम्स’ के टीजर में धोनी के बायोपिक से अलग उनके भाई और बहनों का जिक्र है. सचिन के दो बड़े भाई और एक बहन है.

कहते हैं गुरु के बिना ज्ञान नहीं आता. सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट की बारिकियां अपने पहले कोच रमाकांत अचरेकर से सीखीं. यहां भी सचिन को उनके बड़े भाई अजित तेंदुलकर ही ले गए थे. अजीत तेंदुलकर अपने भाई का कोई भी मैच देखने जाते थे तो उनपर प्रतिक्रिया देना नहीं भूलते थे.

क्रिकेट को अलविदा कह चुके मास्टर ब्लास्टर ने भी अजित तेंदुलकर का जिक्र अपने रिटायरमेंट स्पीच में भी किया था. उन्होंने कहा था कि मेरे भाई अजीत ने मेरा करियर बनाने के लिए खुद के करियर को कुर्बान कर दिया.

वो ही मुझे 11 साल की उम्र में आचरेकर सर के पास ले गए थे. कल भी जब मैं आउट हुआ तो वो मेरे आउट होने के बारे में ही बात कर रहे थे. और अब, जब मैं खेल नहीं रहा हूं, हम फिर भी बैटिंग तकनीक पर चर्चा करेंगे.

सचिन तेंदुलकर के 2 भाई हैं और वो अपने दोनों भाइयों को अपनी सफलता का श्रेय देते आएं हैं. रिटायरमेंट स्पीच में उन्होंने अजीत के साथ साथ अपने बड़े भाई नितिन तेंदुलकर और बहन सविता को भी याद करना नहीं भूले. उन्होंने कहा था कि मेरे सबसे भाई नितिन ज्यादा बोलते नहीं, उन्होंने बस एक ही बात कही कि मैं जानता हूं तुम अपना 100 फीसदी दोगे.

मेरी बहन सविता ने मुझे पहला बल्ला गिफ्ट किया और मैं जब बैटिंग करता हूं तो वो मेरे लिए व्रत रखती हैं. जहां एक तरफ धोनी की बायोपिक में उनके भाई का कोई जिक्र नहीं है, लेकिन सचिन की फिल्म में सिर्फ उनकी अपनी कहानी नहीं बल्कि पूरे तेंदुलकर परिवार की कहानी होगी.

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