दुकान खोल कर अगरबत्ती जलाई ही थी कि वे दोनों व्यक्ति हमारे प्रतिष्ठान में आए. हम जान गए कि वे व्यापारिक पूछताछ के लिए आए होंगे, क्योंकि हमारी दुकान कोई पकवानमिठाई की तो है नहीं, कंसल्टैंसी करते हैं. शुद्ध हिंदी में कहें तो सलाहमशविरा, सुझाव देने का काम है. कभीकभी पार्टी से मिलवा कर दलाली खा लेने का भी छोटामोटा काम निबटा लेते हैं.

दोनों सज्जन हमारी टेबल के सामने रखी कुरसी पर बैठ गए. एक ने सफेद और दूसरे ने भगवा टोपी पहन रखी थी. चेहरे से शरीफ प्रतीत हो रहे थे. हम ने कहा, ‘‘कहिए?’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्या कहें?’’

हम ने कहा, ‘‘आप आए हैं तो प्लीज काम बताएं.’’

उन्होंने दाएंबाएं देखा और हम से कहा, ‘‘हम सलाह लेने आए हैं.’’

‘‘दोनों या एक?’’ हम ने क्लाइंट (मुरगों) को घूरते हुए कहा.

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों.’’

‘‘प्लीज, आप हमें फीस के 1 हजार रुपए दे दें, फिर हम आप को सलाह दे पाएंगे,’’ हम ने उन के चेहरे को उपेक्षा से देखते हुए कहा.

‘‘1 हजार?’’

‘‘जी हां, 500 रुपए प्रति व्यक्ति, प्रति घंटे के हिसाब से,’’ हम ने आगे का गणित भी उन्हें समझाते हुए कहा.

उन्होंने एकदूसरे का चेहरा देखा और 500-500 के 2 नोट हमें निकाल कर दे दिए. फिर पूछने लगे :

‘‘इन दिनों उपवास का मार्केट कैसा है?’’

‘‘शानदार है, लेकिन यह निर्भर करता है कि आप क्या पहन कर उपवास करेंगे.’’

‘‘उपवास से पहनावे का क्या संबंध?’’ सफेद टोपी वाले ने प्रश्न को क्रिकेट गेंद की तरह उछाला.

‘‘श्रीमान, पहनावे से तात्पर्य है कि आप सलवारसूट पहन, बुरका ओढ़, शाल ओढ़  या मुंह काला कर किस तरह बैठेंगे,’’ हम ने स्पष्टीकरण करते हुए कहा.

‘‘ठीक है, ठीक है. बिलकुल सच कहा. हम निर्वस्त्र भी तो बैठ सकते हैं? सुना है नंगों से भूत भागते हैं?’’

‘‘यह आप पर निर्भर करता है कि आप कौन सी जाति के भूतों के सामने उपवास पर बैठ रहे हैं. आप कितने लोग उपवास पर बैठेंगे?’’

‘‘संख्या से क्या अंतर पड़ता है?’’

‘‘गजब करते हैं भाई, एक उपवास पर बैठेगा, एक प्रैस को प्रैसनोट देगा, तीसरा समझौता वार्त्ता हेतु हाथपांव फटकारेगा,’’ हम ने उन्हें अनुभव ज्ञान देते हुए कहा.

‘‘इन दिनों कौन से उपवास का मार्केट चल रहा है?’’ भगवा टोपी वाले ने प्रश्न किया.

‘‘देखिए, इंडिया ने उपवास को इंटरनैशनल क्रेज दिलवाया है. गांधीजी के बाद उपवास का मार्केट अब हाई है, हम ने पिछले दिनों पाकिस्तान को ऐक्सपोर्ट किया है. अमेरिका से बातचीत चल रही है,’’ हम ने कंप्यूटर पर दिखाते हुए कहा.

‘‘उपवास में आप की भूमिका क्या होगी?’’

‘‘यदि आप हमें ठेका देते हैं और बता देते हैं कि कितने दिनों का कार्यक्रम चलेगा तो उसी अनुसार चार्ज होगा. मीडिया, पौलिटिक्स, भीड़ सब को मैनेज हम कर के देंगे. यह सब आप के बजट पर निर्भर करता है.’’

‘‘12 दिन के उपवास पर चार्ज क्या होगा?’’ सफेद टोपी वाले ने प्रश्न किया.

‘‘इतने बड़े उपवास के लिए विदेशी मदद लेनी होगी और बजट कम से कम 2 करोड़ रुपए के लगभग जाएगा,’’ हम ने कैलकुलेटर पर जोड़भाग कर के बताया.

‘‘यह कुछ अधिक नहीं है?’’ सफेद टोपी वाले ने प्रश्न किया.

‘‘बिलकुल नहीं है. पिछले दिनों 3 दिन के उपवास पर 18 करोड़ रुपया खर्च किया गया था. उस को भी मैनेज हम ने ही करवाया था. पूरा हाईटैक, हाईप्रोफाइल मामला था,’’ हम ने कंप्यूटर पर उपवास के फोटो को दिखाते हुए कहा.

‘‘यदि किसी एजेंसी को उपवास का कौंट्रैक्ट नहीं दें तो क्या हम सफल नहीं हो पाएंगे?’’ दोनों ने सम्मिलित रूप से पूछा.

‘‘बिलकुल नहीं. देखा नहीं रेत निकालने के खिलाफ बैठे स्वामीजी का स्वर्गवास ही हो गया, किसी ने नोटिस लिया? नहीं न. यह तो हमारी एजेंसी है जो तिल का ताड़ और ताड़ को राई बना दे. अब आप बताएं, आप किस मुद्दे पर उपवास का मूड बना रहे हैं?’’

‘‘अभी हम ने तय नहीं किया है. आप के पास कोई आइडिया हो तो…’’

‘‘देखिए, मार्केट कैसा चल रहा है, हम बताते हैं. आइडिया बताने का अतिरिक्त चार्ज है जिस में हम आप को एक दरजन आइडिया बताते हैं, हर आइडिया पर हम क्याक्या करेंगे? ये सब बताते हैं,’’ हम ने उन से कहा.

‘‘इस समय किस तरह का मार्केट चल रहा है?’’

‘‘हीहीही,’’ हम हंस दिए. हम ने कहा, ‘‘5 हजार रुपया अतिरिक्त चार्ज है.’’

वे बड़े परेशान हुए, लेकिन धोती में छिपा कर रखी गड्डी निकाल कर हमें देते हुए कहा, ‘‘अब बताइए.’’

‘‘आप किस क्षेत्र में उपवास करना चाहते हैं, जैसे राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, नगर स्तर पर, राष्ट्र स्तर पर या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, पर्यावरण पर या किसी और पर? आप अपनी इच्छा स्पष्ट करें,’’ हम ने उन से प्रश्न किया.

‘‘जिस के चलते हम माल कमा सकें,’’ दोनों ने समवेत स्वर में कहा.

‘‘क्या आप दोनों एकसाथ या अलगअलग जगह उपवास पर बैठेंगे?’’

‘‘इस से क्या अंतर पड़ेगा?’’ सफेद टोपी वाले ने पूछा.

‘‘देखिए, 2 दुकानें खुलेंगी तो अधिक ग्राहक होंगे. एक दुकान पर कम ग्राहक होते हैं,’’ हम ने अनुभव का लाभ देते हुए कहा.

‘‘आप ही उपवास की जगह बता दें, हमें तो माल चाहिए.’’

‘‘नाम या माल?’’

‘‘पहले माल, फिर नाम.’’

‘‘बजट कितना है?’’

‘‘आप का कम से कम बजट कितना है?’’

‘‘हमारी रेंज 10 लाख से प्रारंभ होती है और 10 लाख वाले उपवासों की श्रेणी ‘डी’ होती है. इस में झुग्गीझोंपड़ी बचाओ, नाली का पानी निकलवाओ, गांवों का विस्थापन है, तथा इस के अतिरिक्त जितनी शक्कर डालेंगे हलवा उतना मीठा होगा,’’ हम ने अपनी घड़ी देखते हुए कहा.

‘‘हम 50 तक जा सकते हैं.’’

‘‘इस में प्रदेश को 2 भागों में बांटने, नदी के पानी का वितरण, नाभिकीय ऊर्जा जैसे मुद्दे होंगे.’’

‘‘और,’’ सफेद टोपी वाला चहका.

‘‘राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री पर आरोप लगा कर इस्तीफे की मांग रख कर उपवास, सीमा पर विदेशी घुसपैठ और धर्म के कुछ मामलों को लाया जा सकता है,’’ हम ने बताया.

दोनों ने सलाह की और हम से कहा, ‘‘नाभिकीय बिजलीघर के खिलाफ उपवास करना चाहेंगे.’’

‘‘वाह, यह तो बढि़या मुद्दा है. आप आधी रकम हमें एडवांस दे दें.’’

‘‘लेकिन माल कब मिलना शुरू होगा?’’

‘‘आप के बैठने के दूसरे दिन से सब व्यवस्थाएं होने लगेंगी.’’

‘‘माल कहां से मिलेगा?’’

‘‘जो नाभिकीय सामान सप्लाई करने वाली एजेंसी है वह अपने वैलफेयर फंड में से देगी,’’ हम ने उन्हें समझाया.

‘‘यदि नहीं मिला तो?’’

‘‘50 प्रतिशत फ्री.’’

‘‘आप उधार नहीं कर सकते?’’

हम ने घड़ी देखी, पूरे 1 घंटे का समय हो चुका था. उन्होंने हम से एक दरजन प्रश्नों को पूछा लेकिन हम ने मुंह बंद रखा. अगले सप्ताह वे 25 लाख रुपए पेशगी लेते आए.

हम ने उन का प्रैसनोट जारी करवा दिया. दिल्ली के फुटपाथ पर उपवास करने की घोषणा जारी करवा दी. नाभिकीय तापगृह के खिलाफ एक दरजन से अधिक फ्रांस, जापान, सोवियत देश के आंकड़ों को प्रस्तुत कर दिया. कुछ टुटपूंजियों की भीड़ भी एकत्र करवा दी. उन के उपवास की घोषणा हो गई. हम उन की हैल्प एजेंसी थे. हमारे पास विदेशों के सप्लायरों के फोन, मेल आने शुरू हो गए हैं. लेकिन अभी रेट कम हैं इसलिए दोनों क्लाइंटों को अलगअलग बैठा कर वसूली कर ही उठवाएंगे.

हमें मालूम है कि जो लागत उन्होंने उपवास के कारोबार पर लगाई है वह फिल्म रिलीज होने के 2 दिनों में ही लौट आएगी. पिछली बार भी पार्टी को विदेशी सहयोग दिलवाया था, उन्हें नाम अधिक दाम थोड़े कम दिलवाए थे. लेकिन इन टोपी वालों के साथ तो हम ने लाभ का सौदा किया है, इन की भी चांदी और हमारा सोना ही सोना. जय हो उपवास तेरी, जय हो उपवास करने वालों की.

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