अभिनेता महेश ठाकुर ने न्यूज़ मीडिया को लेकर कही खरी-खरी बातें, क्या कहा उन्होंने, पढ़ें इंटरव्यू

28 साल से फिल्म इंडस्ट्री में काम कर चुके अभिनेता महेश ठाकुर से कोई अपरिचित नहीं. महेश ठाकुर की फिल्म ‘हम साथ साथ है’ काफी लोकप्रिय फिल्म रही. इस फिल्म में उन्होंने आनंद की भूमिका निभाई थी. इस ब्लाक-बस्टर हिट फिल्म के बाद उन्होंने कई टेलीविजन शो में काम किया है. हिंदी फिल्म के अलावा महेश ने तमिल, तेलगू और मलायलम फिल्मों में भी काम किया है.

महेश ने एमबीए की पढाई अमेरिका से की है, इसके बाद वे 80 की दशक में मुंबई आये और फिल्म इंडस्ट्री में काम करने की कोशिश करने लगे. महेश का फिल्मों में अभिनय के प्रति प्यार बचपन से था, यही वजह थी कि उन्होंने स्कूल, कॉलेज से थिएटर करना शुरू कर दिया था. उन्हें पहली फिल्म ‘जानेमन’ मिली जो फ्लॉप रही. इसके बाद उन्होंने टीवी का रुख किया और कई धारावाहिकों में काम किया. उस दौरान उन्हें फिल्म हम साथ साथ है में काम करने का ऑफर मिला. फिल्म हिट रही और महेश ठाकुर को इंडस्ट्री वालों ने पहचाना. इसके बाद वे आशिकी 2, सत्या 2, जय हो आदि कई फिल्मों में दिखाई पड़े. उन्होंने जीवन में जो चाहा, उन्हें मिला और वे इससे बहुत खुश है, उनके इस जर्नी में उन्हें पत्नी सपना मिली और वे दो बेटों के पिता बने. उनके अभी वे सोनी सब की धारावाहिक आंगन..अपनों का में एक पिता की भूमिका निभा रहे है. उन्होंने गृहशोभा के लिए खास बात की पेश है, कुछ खास अंश.

पिता बनना है गर्व  

धारावाहिक में एक बेटी की पिता की भूमिका निभाना महेश के लिए गर्व की बात है, क्योंकि एक बेटी परिवार में पेरेंट्स की सबसे अधिक नजदीक होती है और माता – पिता के मानसिक स्ट्रेंथ को बढाती है. वे कहते है कि बेटे हो या बेटी पिता बनना ही अपने आप में एक बड़ी बात होती है, क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद ही कोई माता – पिता बन पाता है. इस तरह की कहानी मैंने पहले नहीं किया है, ये एक अलग कहानी है, जो टीवी पर दिखाई जा रही है. मुझे ऐसी कहानी का हिस्सा बनना अच्छा लग रहा है. इसमें कई इमोशनल सीन्स है, जिसमे मुझे चरित्र में घुसना पड़ता है, जो मुश्किल नहीं होता, क्योंकि अभिनय मैं काफी समय से कर रहा हूँ. एक्टिंग से अधिक ये स्किल होता है, जिसे करने के लिए मैं तैयार हूँ. इसे हर किसी के लिए आसान नहीं होता. इसमें सारे सीन्स बहुत ही इमोशनल है, जिसे करते हुए अनायास ही मेरे आँखों में आंसू आ जाते है.

सोच में बदलाव जरुरी

आज भी लड़कियों के जन्म होने पर कई पेरेंट्स दुखी होते है, क्या ऐसी किसी घटना को आपने अपने आसपास देखा है? महेश कहते है कि आर्थिक रूप से कमजोर या कुछ को बेटी की शादी में दहेज़ देना पड़ता है, ऐसे में उन्हें बेटी बोझ लगती है. ये मानसिकता है और इसे बदलना है. इसके अलावा लोगो की मानसिकता है कि शादी के बाद बेटी की जिम्मेदारी केवल ससुराल के लिए होनी चाहिए और कुछ नहीं. इस सोच को मैंने आसपास के लोगों में देखा है, इसे भी बदलना बहुत जरुरी है. एक बार शादी होने के बाद पेरेंट्स को छोड़कर बेटी की पूरी फोकस ससुराल पर चली जाती है, क्योंकि परिवार वाले यही चाहते है, इस सोच को बदलना है. समाज में इसे बैलेंस करने की जरुरत है. शादी होने के बाद बेटी को पराई कहने वालों के सोच को बदलना जरुरी है.

लड़की को न समझे कम  

कुछ परिवारों में आज भी लड़की पैदा होने पर पेरेंट्स दहेज़ जोड़ना शुरू कर देते है, जबकि आज की लड़की पढ़ी लिखी और कमाऊ होती है, क्या उसे व्याह कर ले जाने वाला पति और ससुराल वाले उसे ही दहेज़ समझे, क्या ऐसा होना संभव नहीं? इसमें जिम्मेदारी किसकी बनती है, समाज, परिवार या धर्म ? इस प्रश्न के जवाब में महेश कहते है कि आज लड़की ही दहेज़ होनी चाहिए, क्योंकि आज की लड़की हर क्षेत्र में पुरुषों की तरह ही काम करती है. साथ ही वह शादी के बाद प्यार को घर में लाती है. लड़की को कम समझना, ये परिवार और समाज की सोच है, जो काफी समय से चला आ रहा है, जिसे पूरी तरह से बदलना मुश्किल हो रहा है, लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव अवश्य आएगा.

मिला है सम्मान

महेश का जब अपना परिवार शुरू हुआ था, तो परिवार वाले इस काम को अच्छी दृष्टि से नहीं देखते थे. उन्हें इस बात की हमेशा चिंता रहती थी, लेकिन अब इंडस्ट्री में जीएसटी के आने पर उन्हें ऐसा महसूस नहीं होता. वे इसे एक अच्छा कदम मानते है. इस बदलाव के बारें में महेश कहते है कि पहले बड़े कलाकार को छोड़कर, बाकी कलाकारों को सम्मान नहीं मिलता था, लेकिन अब सभी एक्टर्स इनकम टैक्स के अलावा जीएसटी भी भरते है. मैं भी एक इंटरटैनर के रूप में सर्विस टैक्स भरता हूँ, जिससे मुझे ख़ुशी महसूस होती है, क्योंकि सरकार मेरे काम और मेरी इंडस्ट्री को रिकॉगनाइज कर रही है. अमिताभ बच्चन, शाहरुख़ खान, सलमान खान जैसे कलाकार को ही पहले रेस्पेक्ट मिलता था, लेकिन अब मुझे भी एक कलाकार के रूप में सम्मान मिलता है. अब कलाकार के काम को सम्मानपूर्वक माना जाने लगा है. मेरे दोनों बेटे मेरे काम से प्रभावित है और अगर वे चाहे, तो पढ़ाई पूरी कर इस क्षेत्र में आ सकते है.

नकारात्मक चीजो की भरमार

इतने सालों में इंडस्ट्री में कहानी में आये बदलाव के बारें में महेश का कहना है कि आजकल चारों तरफ कहानियां ही कहानियां है. चीजे जो चल रही है, वे प्रोग्रेसिव नहीं है, अधिकतर रिग्रेसिव ही है, इसकी वजह टीआरपी है और उसके पीछे भागने पर कोई भी चीज रिग्रेसिव ही दिखेगी. आज जो भी शोज चल रहे है, सारे निगेटिव विचार वाले है, कुछ पोजिटिव नहीं है. निर्माता मानते है कि सकारात्मक चीजे नहीं चलती, क्योंकि दर्शकों के विचार को समझ पाना आज मुश्किल हो चुका है. नकारात्मक फिल्में और वेब सीरीज ही आज सुपर डुपर हिट हो रही है. इसमें अगर सभी निर्माता निर्देशक कहानीकार समूह में सकारात्मक चीजे आज की जेनरेशन को परोसेंगे, तो शायद ऐसी नकारात्मक माहौल से यूथ निकल पायेंगे और समाज में बदलाव आएगा. आपस में कॉम्पिटीशन करने पर कुछ नहीं बदल सकेगा. मेरे धारावाहिक की कहानी आज के परिवेश की है, जिसे हर कोई रिलेट कर सकता है.

वायलेंस है हिट  

वेब सीरीज का प्रचलन पिछले कुछ सालों में अधिक बढ़ा है. पहले और आज की कहानियों में बदलाव अधिक है. महेश कहते है कि वेब की भी कहानियां दर्शकों के अनुसार ही चल रही है. दो – तीन फिल्में जिसमे वायलेंस अधिक होने पर भी हिट हुई है. अभी आगे आने वाली फिल्मों को बनाने वाले सोच रहे होंगे कि इसमें 90 प्रतिशत वायलेंस है, तो आगे हम 100 प्रतिशत वायलेंस दिखायेंगे, क्योंकि दर्शकों को यही पसंद है, ऐसे में मनोरंजन गायब हो जायेगा और पैसा केसे बनाया जाय, उसके बारें में फिल्म निर्माता सोचने लगेंगे. मेरी शो में भी अगर टीआरपी नहीं आएगी, तो ये भी बंद हो जायेगी.

मीडिया को लेनी है जिम्मेदारी

महेश मानते है कि अच्छी मनोरंजक कहानियों को बढ़ावा देने के लिए सभी मीडिया पर्सन को समवेत रूप में आगे आने की जरुरत है. नकारात्मक शो हमेशा ही सबका ध्यान खींचती है और उसका असर समाज और परिवार पर पड़ता है. यही वजह है कि आज के यूथ की सहनशीलता में कमी आ चुकी है. न्यूज़ एजेंसियां भी इस दिशा में कम नहीं, हर चैनल पर युद्ध और उससे जुड़े न्यूज़ ही देखने को मिलते है, जिसमे कुछ भयावह तस्वीरों को दिखाकर लोगों को डराया जाता है. सभी चैनल इसे दिखाने की होड़ में रहते है.

किताबें पढ़ना जरुरी  

वे आगे कहते है कि देखा जाय तो किसी भी देश में, कही भी, किसी भी  बुद्धिजीवी की लिखी किताब में नकारात्मक बातें नहीं लिखी होती. रोज सुबह उठकर अगर एक अच्छी किताब केवल 15 मिनट के लिए कोई पढ़ लें, तो उसका दिन सुखद जायेगा. पर्सनल जीवन में किसी की भी इतनी तनाव नहीं होती, लेकिन दूसरों की जिंदगी में झांकना सबको पसंद होता है. मीडिया भी इसी को बढ़ावा देती है. पड़ोस में चोरी होने पर व्यक्ति खुद की ताले को मजबूत करता है और चोरी करने वाले की छानबीन नहीं करता, क्योंकि उन्हें किसी के बारें में नहीं, खुद के बारें में सोचना पसंद है. ये प्रभाव आज की यूथ पर गहरा हो रहा है, जिसका अंजाम कुछ सालों बाद सबको दिखेगा. इसलिए सभी को जागरूक होने की जरुरत है.

चोरी की पोल खुलते ही बौबी देओल का अपने प्रशंसक पर फूटा गुस्सा

हालिया प्रदर्शित संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘‘एनीमल’’में बौबी देओल का छोटा सा किरदार है.इसके एक दृश्य में बौबी देओल सिर पर शराब का गिलास रख कर नृत्य करते हुए नजर आ रहे हैं.जब हर तरफ से बौबी को तारीफ मिलने लगी,तो बौबी देओल इस कदर हवा में उड़ने लगे कि वह अनाप शनाप बकने लगे हैं.लोगो के संग उनका व्यवहार भी बहुत गलत हो गया है.अपने अहम में चूर बौबी देओल ने दावा किया है कि फिल्म ‘एनीमल’ में सिर पर शराब का गिलास रखकर डांस करने का उनका जो दृश्य है, वह पूरी तरह से मौलिक और उनके दिमाग की उपज है.बौबी देओल का दावा है कि उन्होने ही निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा को इस डांस के दृश्य को इस तरह फिल्माने के लिए सलाह दी थी.

अपने अहम में डूबे बड़बोले बौबी देओल ने जाने अनजाने इस बात को कबूल कर लिया कि वह दूसरी फिल्मों के दृश्यों की चोरी करने में माहिर हैं.जी हाॅ! पूरी दुनिया जानती है कि 29 जनवरी 1993 को मेहुल कुमार निर्देशित फिल्म ‘‘तिरंगा’’ प्रदर्शित हुई थी.इस फिल्म में नाना पाटेकर व स्व.राज कुमार शराब पीते हुए डांस करते हैं.इस नृत्य में नाना पाटेकर अपने सिर पर शराब का गिलास रखकर डांस करते हैं.यही वजह है कि बौबी देओल के ही एक प्रशंसक ने सोशल मीडिया पर फिल्म ‘तिरंगा’’ के इस डांस वाले दृश्य को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बौबी देओल से सवाल पूछ लिया कि वह सिर्फ चोरी करने में ही क्यों यकीन करते हैं?

सोशल मीडिया पर इस सच के सामने आने के बाद बौबी देओल का मूड़ इतना खराब हो गया कि अब वह अपने प्रशंसकों को धक्का मार दूर भगाने लगे है. यह कटु सत्य है. दो दिन पहले बौबी देओल मुंबई एअरपोर्ट पर नजर आए.उन्हे देखकर उनका एक प्रशंसक बौबी देओल के पास पहंुच गया और उसने  बौबी देबोल से एक सेल्फी लेने के लिए कहा.गुस्से में तमतमाए बौबी देओल ने उसे धक्का मारकर आगे बढ़ गए…और उनका यह प्रशंसक उनके व्यवहार से अचंभित रह गया.

फिल्म ‘एनीमल’ की सफलता से अहम में चूर बौबी देओल भूल गए कि वह कई वर्षों से घर पर बैठे हुए थे.बीच में वह वेब सीरीज ‘‘आश्रम’’ में जरुर नजर आए थे,पर इससे उनके अभिनय कैरियर पर कोई असर नही हुआ था.अब ‘एनीमल’ में बामुश्किल दस मिनट के छोटे किरदार की तारीफ हुई,तो वह हवा में उड़ रहे हैं. फिलहाल उनके पास एक भी हिंदी फिल्म नही है.दक्षिण में उन्हे एक फिल्म मिलने की बात कही जा रही है.पर अभी तक इस फिल्म की पटकथा भी तैयार नही है.यह फिल्म कब शुरू होगी,किसे पता…मगर बौबी देओल का यही रवैया रहा,तो उन्हे ही उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा….           .

डंकी को लेकर डरे शाहरुख, क्रिटिक्स को लगे धमकाने

कारपोरेट और बल्क बुकिंग की मदद से अपनी पिछली दो फिल्मों ‘पठान’ और जवान’ को सफल सिद्ध करा चुके अभिनेता शाहरुख खान इन दिनों 22 दिसंबर को प्रदर्शिात होने वाली अपनी नई फिल्म ‘‘डंकी’ को लेकर आशंकित है.फिल्म ‘‘डंकी’’ के टीजर के अलावा दो गाने और ट्रेलर सोशल मीडिया पर रिलीज किए जा चुके हैं.जिनसे यह बात उभर कर आती है कि फिल्म ‘डंकी’ लोगों को पसंद नही आने वाली.यॅूं तो ‘डंकी’ के टे्लर को सोशल मीडिया पर एक सौ तीस मिलियन व्यूज मिल चुके हैं.मगर शाहरुख खान अच्छी तरह से समझते है कि यह सारे फेक/गलत आंकड़े हैं. यह आंकड़े तो उन्ही के पैसे पर पल रही पीआर व मार्केटिंग एजंसी द्वारा कम्प्यूटर पर खेल करके दर्शकों को धोखा देने के लिए बताए जा रहे हैं.पर उन्हे पता है कि अब दर्शक मूर्ख बनने से रहा.

यही वजह है कि टीजर या किसी गाने को जितने व्यूज सोशल मीडिया पर मिलते हैं ,उसका पांच प्रतिशत दर्शक भी फिल्म देखने सिनेमाघर नहीं पहुॅचता.अंदर से हकीकत को समझने वाले शाहरुख खान इन दिनों काफी बेचैन हैं.सूत्रों का दावा है कि इसी बेचैनी के चलते शाहरुख खान ने अपने कुछ विश्वस्त लोगों को बुलाकर फिल्म ‘‘डंकी’’ दिखाकर उनकी प्रतिक्रिया ली.लोगों को फिल्म पसंद नही आयी.तो अब शाहरुख खान इसी योजना पर काम कर रहे हैं कि उनकी फिल्म को एडवांस बुकिंग ज्यादा से ज्यादा मिल जाए और फिल्म सिनेमाघर पहुंचे,उससे पहले कम से कम तीन दिन की टिकटें सर्वाधिक बिक जाएं.

इसी सोच के साथ शाहरुख खान ने आनन फानन में एक नया प्रमोशनल गाना लिखवाया, उसे रिकार्ड करने के बाद फिल्म के निर्देशक राज कुमार हिरानी के साथ आबू धाबी जाकर तीन दिन में इस प्रमोशनल गाने की शूटिंग कर खुशी खुशी वापस आए.क्योंकि वह अपनी बेटी सुहाना खान की पहली फिल्म ‘‘द आर्चीज’’ का प्रीमियर कराना चाहते थे.

मगर ‘द आर्चीज’ का प्रीमियर कराना उनके लिए ही घातक बन गया.जी हाॅ! उनकी बेटी सुहाना खान के कैरियर की पहली फिल्म ‘‘द आर्चीज’’ भी  टें बोल गयी.और अब शाहरुख खान शुक्र मना रहे हैं कि अच्छा हुआ कि उनकी बेटी सुहाना खान की फिल्म ‘‘द आर्चीज’’ सिनेमाघरों की बजाय ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘नेटफ्लिक्स’’ पर स्ट्रीम हो रही है.अब शाहरुख खान को अपनी बेटी की फिल्म व उसके अभिनय से फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों को रूबरू कराने के लिए फिल्म ‘द आर्चीज’ का प्रीमियर आयोजित करने का फैसला भी उन्हें गलत लग रहा है. सूत्रों का दावा है कि शाहरुख खान के अति करीबी लोगों से मिली प्रतिक्रिया से उन्हे काफी निराशा हुई.अंततः ‘द आर्चीज’ को मीडिया में भी अच्छी प्रतिक्रियाएं नहीं मिली. कई फिल्म आलोचको ने ‘द आर्चीज’ को जीरो स्टार दिया है.

इसके बाद शाहरुख खान ने खुलेआम सोशल मीडिया पर अपने आलोचकों को धमकाना शुरू कर दिया है.सोशल मीडिया पर एक आलोचक को धमकाते हुए शाहरुख खान ने अपनी पीआर टीम से आग्रह किया है कि जिन लोगों के पेट में उनकी फिल्म ‘डंकी’ को लेकर अपच हो गयी है,ऐसे लोगों का अच्छी दवा देकर इलाज किया जाए.अब सवाल उठ रहा है कि क्या शाहरुख खान अपने आलोचकों को धमकी देकर उनका मुंह बंद कर अपनी फिल्म को सफलता दिला पाएंगे? क्या दर्शक  बेवकूफ है.

शाहरुख खान को आलोचको को धमकाने की बजाय अपनी फिल्म ‘‘डंकी’’ का ठीक से प्रचार करने पर धन देना चाहिए.अभी तक इस फिल्म का प्रचार बहुत खराब हुआ है.फिल्म का टीजर ,दो गानों और ट्रलेर ने निराश किया है.उम्मीद है कि फिल्म के प्रमोशनल सांग से कुछ उम्मीद बन जाएगी.

कंगना को जवाब देने के लिए करण जोहर ने मिलाया डिज्नी प्लस हौटस्टार से हाथ

कंगना रानौट और करण जोहर के बीच 36 का आंकड़ा है? यह बात जग जाहिर है. कंगना रानौट हर मौके पर करण जोहर पर हमला करने से बाज नही आती है. कंगना बार बार नेपोटिजम का मुद्दा उठाकर करण जोहर को कटघरे में खड़ी करती रहती हैं. जबकि करण जोहर कभी भी कंगना के खिलाफ तीखी टिप्पणी नही करते.मगर वह कंगना पर जब भी कोई सकारात्मक या यॅूं कहें कि व्यंगात्मक टिप्पणी करते है,तब भी कंगना ,करण जोहर पर हमला करने से बाज नही आती है.

पिछले दिनों करण जोहर ने एक ईवेंट में कहा कि वह कंगना रानौट की फिल्म ‘इमरजेंसी’ देखने के लिए उत्साहित हैं. तो इससे भी  कंगना रानौट को मिर्ची लग गयी और कंगना ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) का सहारा लेते हुए करण जोहर पर उनके खिलाफ बदनामी अभियान शुरू करने का आरोप लगाते हुए लिखा- ‘‘हा हा पिछली बार जब उन्होंने कहा था कि वह ‘मणिकर्णिका’ देखने के लिए उत्साहित हैं, तो फिल्म के प्रदर्शन वाले सप्ताहांत पर मेरे जीवन का सबसे बुरा बदनामी भरा अभियान मेरे ऊपर थोप दिया गया.फिल्म में काम करने वाले लगभग सभी मुख्य कलाकारों को मुझ पर कीचड़ उछालने के लिए भुगतान किया गया था.फिल्म में तोड़फोड़ की गयी और अचानक मेरे जीवन का सबसे सफल सप्ताहांत मेरे लिए एक जीवित दुःस्वप्न में बदल गया… हा हा, मैं अब बहुत डर गई हूं… क्योंकि वह फिर से उत्साहित है…‘‘

इस पर करण जोहर ने कोई प्रतिक्रिया नही दी.जबकि बौलीवुड के एक तबके ने शंका जाहिर की थी कि कहीं करण जोहर,कंगना के साथ भी दोस्ती तो नहीं करना चाहते.जिस तरह से वह कार्तिक आर्यन, सलमान खान सहित कई लोेगों के साथ दुश्मनी भुलाकर दोस्ती का हाथ बढ़ा चुके हैं.

मगर हकीकत यह है कि करण जोहर अपनी आदत के ुमुताबिक किसी पर भी आरोप लगाकर आरोप प्रत्यारोप के चक्कर में नहीं पड़ते.वह तो मीठे शब्दों या अपने कार्य से सामने वाले को जवाब देने में यकीन करते हैं. जी हाॅ! यह कटु सत्य है.पिछले तीन चार वर्षों से ‘नेपोटिजम’ को लेकर कंगना रानौट  ,करण जोहर पर लगातार हमलावर हैं.पर अब जो खबर आ रही है,उससे यह बात साफ हो गयी कि करण जोहर ने कंगना के नेपोटिजम के आरोपों का जवाब देने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए ओटीटी प्लेटफार्म ‘डिज्नी प्लस हौटस्टार’ से हाथ मिलाया है.यह कटु सत्य है.

इन दिनों करण जोहर एक फिक्शनल वेब सीरीज ‘‘शो टाइम’’ बना रहे हैं,जो कि 2024 में ‘डिज्नी प्लस हौट स्टार’ पर स्ट्रीम होगी. इस वेब सीरीज में करण जोहर नेपोटिजम पर बात करेंगे.इस बात को कबूल करते हुए ‘डिज्नी प्लस हौट स्टार’ के कंटेट हेड गौरव बनर्जी कहते हैं-‘‘हम करण जोहर के साथ मिलकर एक शो ‘‘शो टाइम’’ बना रहे है.इस शो  में फिल्म इंडस्ट्री के अंदर की कहानी है,जिसमें करण जोहर नेपोटिजम की कहानी बयां करेंगे.और नेपोटिजम हमारे लिए क्या मायने रखता है,यह भी समझ में आएगा.यह बहुत ही ज्सादा उत्साह जनक शो होगा.’’

गौरव बनर्जी के इस बयान के बाद बौलीवुड में चर्चाएं गर्म हो गयी हैं कि करण जोहर ने ‘नेपोटिजम’ के मुद्दे पर कंगना रानौट को जवाब देने का यह रास्ता निकाला है.कुछ लोगों की राय में करण जोहर का ‘‘शो टाइम’ उसी वक्त स्ट्रीम होगा,जब कंगना रानौट की फिल्म ‘‘इमरजंसी’’ प्रदर्शित होगी.

करण जोहर ने थॅूंक कर चाटते हुए कार्तिक आर्यन से मिलाया हाथः क्या यह दोस्ती लंबी चलेगी..?

बौलीवुड में करण जोहर और उनकी प्रोडक्शन कंपनी ‘‘धर्मा प्रोडक्शन’’ एक बड़ा नाम है. करण जोहर ने 1995 में फिल्म ‘‘दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे’’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा था. मगर 1998 में ‘कुछ कुछ होता है’’ से वह लेखक व निर्देशक बन गए. फिर 2003 में फिल्म ‘‘कल हो न हो’’ से वह लेखक, निर्देशक व निर्माता बन गए. इतना ही नहीं इस फिल्म में छोटा सा किरदार भी निभाया. वह अब तक  52 फिल्मों का निर्माण या निर्देशन कर चुके हैं. तो वहीं सोलह फिल्मों में अभिनय,कुछ टीवी शो का संचालन वगैरह काफी कुछ कर चुके हैं. उनकी अकड़ व अहम जगजाहिर है. उनके बैनर की कई फिल्में बाक्स आफिस पर अपनी लागत तक नहीं वसूल पायी. मसलन ‘कलंक’,‘डाइव’,‘घोस्ट स्टोरीज’,‘सूर्यवंशी’,‘गहराइयां’,‘जुग जुग जियो’,‘लाइगर’,‘ब्रम्हास्त्र’, ‘सेल्फी’,‘रौकी और रानी की प्रेम कहानी’ जैसी फिल्में सुपर फ्लाप हो चुकी हैं. बीच में खबर आयी थी कि उन्हे मुकेश अंबानी से तीन सौ करोड़ का कर्ज लेना पड़ा. करण जोहर ने सिद्धार्थ मल्होत्रा के संग ‘योद्धा’ बनायी है,जो कि पिछले डेढ़ वर्ष से प्रदश्र्षित नही हो पा रही है.तो वहीं ‘मिस्टर एंड मिसेस माही’ भी बनी पड़ी. जिगरा’, ‘स्क्रूढीला’, ‘बेधड़क’, अनाम एक्षन फिल्म’ सहित छह फिल्मों की घोषणा कर चुके हैं.

लेकिन उनकी फिल्मों की शूटिंग आगे नहीं बढ़ पा रही है. गाड़ी एकदम से रूकी हुई है.ऐसे मोड़ पर करण जोहर ने कार्तिक आर्यन संग अपनी दुश्मनी भुला दी और कार्तिक के साथ कभी फिल्म न बनाने की कसम को तोड़ते हुए कार्तिक के साथ दोस्ती कर ली और कार्तिक आर्यन को हीरो लेकर एक फिल्म बनाने का ऐलान किया है,इस फिल्म का निर्देशन संदीप मोदी करेंगे और यह फिल्म 15 अगस्त 2025 में प्रदर्शित की जाएगी. इसके अलावा इस फिल्म को लेकर कुछ भी तय नही है.

 

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ज्ञातब्य है कि कुछ वर्ष पहले कार्तिक आर्यन को लेकर करण जोहर फिल्म ‘दोस्ताना 2’’ बनाने जा रहे थे,पर अचानक दोनों के बीच अनबन हो गयी और तब करण जोहर ने कार्तिक आर्यन के खिलाफ काफी कुछ कहा था. उस वक्त खबर उड़ी थी कि इस झगड़े का बीज कार्तिक आर्यन के मैनेजर व पीआर ने बोया. उन दिनों कार्तिक आर्यन लगातार सफल हो रहे थे. लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. कार्तिक आर्यन की ‘फ्रेडी’,‘शहजादा’ व ‘सत्यप्रेम की कथा’ असफल हो चुकी हैं. कार्तिक आर्यन ने स्वयं ‘शहजादा’ का निर्माण भी किया था,इसके चलते उन्हे काफी बड़ा नुकसान हुआ. तो वहीं कार्तिक आर्यन ने उस पीआर व मैनेजर से छुटकारा पा लिया है,जिसकी वजह से करण जोहर के साथ उनके झगड़े की बात उड़ी थी. इन दिनों उनके पास फिल्म ‘‘चंदू चैंम्पियन’’ के अलावा कोई फिल्म नही है. यह फिल्म बनकर तैयार है,जिसके जनवरी 2024 में प्रदर्शित होने की खबरें हैं. ऐसे में कार्तिक आर्यन को भी मजबूत सहारे की तलाश थी.

 

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सूत्रों पर यकीन किया जाए तो कार्तिक आर्यन ने सीधे करण जोहर से दोस्ती नही की. बल्कि एकता कपूर की कंपनी ‘बालाजी टेली फिल्मस’ के साथ की है.जी हाॅ! संदीप मोदी के निर्देशन में कार्तिक आर्यन जिस फिल्म को करने वाले हैं,उसका निर्माण एकता कपूर की कंपनी ‘बालाजी टेलीफिल्मस’ और करण जोहर की कंपनी ‘धर्मा प्रोडक्शन’ मिलकर कर रहा है. पर बौलीवुड का एक तबका मानकर चल रहा है कि यह फिल्म कभी नही बनने वाली है. इस फिल्म की घोषणा खुद को सूर्खियों में लाने के लिए की गयी है. बहरहाल,हम तो चाहेंगे कि कार्तिक आर्यन व करण जोहर का यह नया दोस्ताना बना रहे और फिल्में बनती रहें. भारतीय सिनेमा जिंदा रहेगा,तो लाखों लोगों का पेट भरता रहेगा.

कंगना की प्रकाश राज और दीपा मेहता से सोशल मीडिया पर तूतूमैंमैं

2006 में प्रदर्शित फिल्म ‘‘गैंगस्टर’ से अभिनय कैरियर की शुरूआत करने वाली कंगना रानौट ने अब तक लगभग चालिस फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा दिखाया है.2014 तक उन्होने ‘गैंगस्टर’,‘तनु वेड्स मनू’,‘क्वीन’ और ‘तनु वेड्स मनु रिर्टन’ सहित कुछ बेहतरीन फिल्मों में अभिनय कर अपने आपको  उत्कृष्ट अदाकारा के रूप में स्थापित किया.लेकिन उसके बाद वह धीरे धीरे वर्तमान सरकार की चापलूसी करने लगी.दक्षिणपंथी विचारधाराओं के साथ जुड़कर समय समय पर उन्होंने जो राय व्यक्त की है,उसके चलते उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों में लगातार टकराव ने विवादों को जन्म दिया है.पर वह खुद को बिंदास व धाकड़ साबित करने के लिए हर किसी को जवाब देत रहती हैं.फिल्म ‘तेजस’ से उन्होने खुद को देशभक्त व आतंकवादी के सफाए के लिए मर मिटने वाली नारी के रूप में स्थापित करने का असफल प्रयास किया है.फिल्म ‘तेजस’ पूरी तरह से एक नकली फिल्म नजर आती है.

बहरहाल,कंगना रानौट ने  अपनी फिल्म ‘तेजस’ का प्रचार करते हुए मीडिया से दूरी रखकर इजराइल के राजदूत से मिली.रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित कई भाजपा नेताओं का अपनी फिल्म दिखायी.दशहरे पर दिल्ली में ‘लव कुश रामायण’ पांडाल जाकर रावण दहन किया.उसके बाद अयोध्या जाकर श्रीराम लाल के दर्शन भी किए. लेकिन अति घटिया फिल्म ‘तेजस’ को दर्शक नही मिले.तब कंगना ने दर्शकों के नाम माफीनामानुमा एक वीडियो संदेष जारी किया. जिसमें कंगना ने कोविड के बाद सिनेमाघरों में कम दर्शकों की संख्या के बारे में बात करते हुए अपने दर्शकों से सिनेमाघर जाकर फिल्म ‘तेजस’ को देखने व आनंद लेने का आग्रह किया.मगर कंगना रानौट की घटिया फिल्म ‘‘तेजस’’ देखने के लिए दर्शक नही आए.साठ करोड़ की लागत वाली फिल्म ‘तेजस’ तीन दिन में महज साढ़े तीन करोड़ ही कमा सकी.इससे वह बौखला गयी हैं.

ऐसे वक्त में जब कंगना के वीडियो पर अभिनेता प्रकाश राज ने कंगना के वीडियो को रीट्वीट करते हुए व्यंग्यात्मक टिप्पणी में लिखा, ‘भारत को हाल ही में 2014 में आजादी मिली है…कृपया इंतजार करें.. इसमें तेजी आएगी…’तब कंगना ने विरोधी फिल्म समीक्षकों ,प्रकाश राज और खुद को ट्रोल करने वालों पर कंगना ने एक लंबे पोस्ट के जरिए पलटवार करते हुए लिखा है, ‘वे सभी जो मेरे लिए शुभकामनाएं दे रहे हैं, उनका जीवन हमेशा के लिए दुखी रहेगा क्योंकि उन्हें जीवन भर हर दिन मेरी महिमा देखनी होगी. 15 साल की उम्र में बिना कुछ लिए घर छोड़ने के बाद से मैं लगातार अपने भाग्य को संवार रही हूं और इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि महिला सशक्तीकरण और अपने देश भारत के लिए महत्वपूर्ण काम करना मेरी किस्मत में है….अपने स्वयं के मानसिक स्वास्थ्य के लिए मैं उनसे मेरे फैन क्लबों में शामिल होने का अनुरोध करती हूं, इस तरह वे बड़ी सार्वभौमिक योजना के साथ जुड़ जाएंगे, मैं चाहती हूं कि मेरे शुभचिंतक उनके प्रति दयालु हों और उन्हें रास्ता दिखाएं.‘

दीपा मेहता पर प्रहार करते हुए कंगना ने सारी मर्यादाएं तोड़ बकी गाली

‘तेजस’ के प्रचार के क्रम में कंगना ने इजराइल के राजदूत नाओर गिलॉन से अपनी मुलाकात का कंगना ने वीडियो जारी किया है.जिसमे कंगना ने कहा है-‘‘“एक हिंदू राष्ट्र के रूप में, सदियों से जारी हिंदू नरसंहार, हम यहूदियों के साथ बहुत पहचान रखते हैं और हम दृढ़ता से मानते हैं कि हम हिंदुओं को समर्पित भारत के हकदार हैं, यहूदी भी एक राष्ट्र के हकदार हैं और वे हमें वह भूमि नहीं दे सकते बल्कि इस्लामी दुनिया बहुत ही अमानवीय और कंजूस है, जहां पूरी दुनिया में उनके पास दूसरे सबसे बड़े देश हैं, जिन पर मुख्य रूप से ईसाई देशों का वर्चस्व है.इसलिए मुझे लगता है कि आप लोग जिसके लिए लड़ रहे हैं, वह सही मायनों में आपका है और हम एक हिंदू राष्ट्र के रूप में इजराइल के समर्थन में खड़े हैं.‘‘

फिल्म सर्जक दीपा मेहता ने इजराइल-हमास युद्ध पर दिए गए कंगना के बयान से असहमत नजर आ रही हैं. उन्होंने इजराइल के राजदूत नाओर गिलॉन के साथ कंगना की मुलाकात का एक वीडियो फिर से साझा किया, साथ ही एक टिप्पणी भी की, ‘ओएमजी, किसने उन्हें खुला छोड़ दिया.‘’

इससे कंगना विफर गयी कंगना ने दीपा मेहता पर उनके निजी विचारों पर टिप्पणी करने के लिए पलटवार किया है. एक्स को संबोधित करते हुए, कंगना ने लिखाः “उसे खुला किसने छोड़ दिया? तुमको क्या औरंगजेब की आत्मा ने अपने हरम में जंजीरों में जकड़ा हुआ गुलाम बनाकर रखा है? मैडम लगता है आज कल रातों में कुछ ज्यादा बीडीएसएम हो रहा है..सुधर जाओ!!”

अब कंगना रानौट के इस कृत्य को ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ कहें या ‘सैंयां भए कोतवाल को डर काहे का…’’ कहा जाए.

मॉडल और अभिनेत्री अनुप्रिया गोयनका, त्यौहार को कैसे मनाती है, पढ़ें इंटरव्यू

मॉडलिंग से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली विनम्र, सांवली रंगत, छरहरी काया की धनी अभिनेत्री अनुप्रिया गोयनका कानपुर की है. उन्हें बचपन से ही अभिनय की इच्छा थी, जिसमे उनके माता – पिता ने साथ दिया. विज्ञापनों में काम करते हुए उन्हें कई भूमिकाएं मिली, जिसमें फिल्म ‘टाइगर जिन्दा है, ‘पद्मावत’ और ‘वार’ में उसकी भूमिका को दर्शकों ने सराहा. अनुप्रिया को इंडस्ट्री में जो भी काम मिलता है, उसे अच्छी तरह करना पसंद करती है. फिल्मों के अलावा उन्होंने कई वेब सीरीज में भी काम किया है. डिजनी प्लस हॉटस्टार पर उनकी वेब सीरीज ‘सुल्तान ऑफ़ दिल्ली’ रिलीज पर है, जिसे लेकर वह बहुत उत्साहित है. उन्होंने ज़ूम पर अपनी जर्नी और सपने को साकार करने की संघर्ष को लेकर बात की आइये जानते है, उनकी कहानी उनकी जुबानी.

अभिनय को दी है प्राथमिकता

काफी सालों तक इंडस्ट्री में रहने के बावजूद उन्हें उस हिसाब से फिल्मों में कामयाबी न मिलने की वजह के बारें में पूछने पर अनुप्रिया कहती है कि मैं हमेशा से थोड़ी क्वालिटी वर्क करने के पक्ष में हूँ. भूमिका छोटी हो या बड़ी,  उस विषय पर मैंने कभी अधिक जोर नहीं दिया. मेरे लिए चरित्र और जिनके साथ काम कर रही हूँ वह अच्छा होना बहुत जरुरी है. जहाँ मुझे लगता है कि मैं कुछ उनसे सीखूंगी, नया चरित्र है, या काम करने में मज़ा आएगा, वहां मैं काम करना पसंद करती हूं. मैं रोमांटिक, ग्रामीण और कॉमेडी फिल्म करना चाहती हूँ. इसके अलावा मुझे पीरियड फिल्म बहुत पसंद है. अलग और क्वालिटी वर्क, जो अलग हो, उसे करना पसंद करती हूँ. मेरे पास जो स्क्रिप्ट आती है, उसमें से मैं अच्छी भूमिका को खोजकर काम करती हूँ.

मेहनत जरुरी

किसी भी नई भूमिका के लिए अनुप्रिया बेहद मेहनत करती है, वह कहती है कि हर फिल्म की एक ख़ास जरुरत होती है जैसे फिल्म ‘वॉर’ के लिए शारीरिक रूप से फिट महिला चाहिए था, उसके लिए मैंने काफी वर्क आउट किया, क्लासेज लिए. एक्शन फिल्म के लिए फिटनेस जरुरी होता है. पद्मावत फिल्म में मैंने रानी नागमती की भूमिका के लिए बहुत रिसर्च किया. मैं खुद भी राजस्थान से हूँ, इसलिए वहाँ की रीतिरिवाज से परिचित थी. फिर भी मैंने संवाद बोलने के तरीके को अच्छी तरह से सीखा. इस तरह से मैंने हर किरदार के साथ पूरी तरह से न्याय देने की कोशिश किया है और उसके लिए जो भी जरुरी हो उसे अवश्य करती हूँ, ताकि भूमिका सजीव लगे.

 

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सपना एक महिला की  

वेब सीरीज सुल्तान ऑफ़ दिल्ली में अनुप्रिया शंकरी की भूमिका निभा रही है, जो  60 की दशक में क्राइम से सम्बंधित है. इस कहानी में स्वाधीनता के बाद लोगों ने किस प्रकार अपनी उम्मीदों को पूरा करने की कोशिश में लगे है, जिसमे एक नारी, पुरुषों की दुनिया में अपने अस्तित्व को बनाये रखने की कोशिश करती है. इसमें सबसे बड़ी उसकी हथियार उसकी सेक्सुअलिटी और सेंसुअलिटी है. दिमाग से तीखी भी है. वह ऐसी औरत है, जो अपनी मोरालिटी की वजह से पीछे नहीं हटती, जिसने सारी दुनिया देखीं है, उसे काफी चीजों का सामना करना पड़ा है. उससे निकलकर कैसे वह अपनी वजूद को साबित करना चाहती है और कई बार वह सिद्ध भी कर देती है कि वह पुरुषों से पीछे नहीं, बराबर है. उसकी कोशिश है कि वह सुल्तान भले ही न बने , लेकिन सुल्तान की साथी बनकर सभी पर राज्य करें.

 

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चुनौतीपूर्ण भूमिका

अनुप्रिया आगे कहती है कि इसमें चुनौती इंटिमेट सीन्स का था, जिसे कठिन परिस्थिति में शूट किया गया.  इसे करीब 45 डिग्री की तापमान के साथ – साथ उसमे तकनिकी चीजो का अधिक प्रयोग हुआ है. राजकोट में 5 घंटे की इस शूटिंग को गर्मी में करना मुश्किल था. इमोशनली भी कठिन था, क्योंकि इसके तुरंत बाद मुझे शादी के गेटअप में आना था. ये मेरे लिए यादगार दृश्य है और जब तक कुछ नया अभिनय न कर लूँ, ये दृश्य मेरे जीवन का सबसे अधिक कठिन और यादगार सीन ही रहेगा.

सपने देखना आवश्यक

सपने हर कोई देखता है, क्या आप अपने सपने तक पहुंच पाई? अनुप्रिया कहती है कि सपने तो मैंने देखे है और इसमें अगर जद्दोजहत न हो, तो जिंदगी का मजा कम रह जाता है. सब सही होने पर सिंपल लाइफ शुरू होता है. मेरे हिसाब से एक सपना पूरा होने पर दूसरा सामने आ जाता है. मैंने जो सोचा था उससे कही अधिक मुझे मिला है, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं एक जानी – मानी एक्ट्रेस बनूँगी, मेरे कई लाख फैन फोलोवर्स होंगे. दर्शक मेरे काम की तारीफ करेंगे. ये मेरी एक जर्नी है, जिसमें मैंने धीरे – धीरे कामयाबी पाई है. मैंने अच्छे फिल्म मेकर्स और को स्टार के साथ काम किया है. मैंने जो सोचा उसी चरित्र को मैंने किया. इसके अलावा मेरे 4 से 5 मेरे लक्ष्य है, जिसे मैं पाना चाहती हूँ. जिसमे स्मिता पाटिल की ‘ मिर्च मसाला, रेखा की उमराव जान जैसे उन फिल्मों की इंतजार में हूँ और वैसी फिल्मों में काम करने की इच्छा रखती हूँ.

किये संघर्ष

अनुप्रिया कहती है कि मुझे यहाँ इंडस्ट्री में कोई जानने वाला नहीं है, ऐसे में मेरे लिए कोई कहानी लिखी नहीं जायेगी. मुझे काम ढूढना पड़ा और सब कुछ सीखना पड़ा. टाइगर जिन्दा है और पद्मावत फिल्म के बाद ऑडिशन देने की संख्या कम हो गयी है. ये मेरे लिए सबसे अधिक राहत है. इसके अलावा अभी भी आगे काम के लिए निर्देशकों से मिलना पड़ता है, पर मैं फिल्मों के अलावा विज्ञापनों में भी काम करती हूँ. आउटसाइडर के कलाकार का लर्निंग पीरियड हमेशा चलता ही रहता है.

इंटिमेट सीन्स समस्या नहीं

अन्तरंग दृश्यों को लेकर सहजता के बारें में पूछने पर अनुप्रिया कहती है कि मैं बहुत सहज हूँ, लेकिन सीन्स उस कहानी के साथ जाने की जरुरत होनी चाहिए. महिलाओं की कामुकता को उसकी गहराई को दिखाए बिना, मार्केटिंग के उद्देश्य से इंटिमेट सीन्स को दिखाने में मैं सहज नहीं और करना भी नहीं चाहूंगी. ऐसे दृश्य को बहुत ही मर्यादित तरीके से दिखाए जाने की जरुरत होती है, क्योंकि एक औरत में बहुत सारी चीजे होती है और उसे सम्हालना फिल्म मेकर का काम होता है.

 

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समय मिलने पर

अभी अनुप्रिया ह्यूमन ट्राफिकिंग पर कुछ काम करना चाहती है, जो देश में बहुत जरूरी है. इसके अलावा अनुप्रिया डांसिंग, सिंगिंग, पेंटिंग और गाने सुनती है.

महिलाओं के लिए अनुप्रिया का मेसेज है कि महिलाओं को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर होने की जरुरत है. जिससे उनकी सोच और विचार को रखने के साथ -साथ कुछ कहने की आज़ादी मिलती है. तभी वे एक अच्छे भविष्य का निर्माण कर सकती है.

त्यौहार, परिवार के साथ

त्यौहार को अनुप्रिया मनाना बहुत पसंद करती है, वह कहती है कि त्यौहार में शुरू से मैं अपने परिवार के साथ रहना पसंद किया है. उस दिन साथ मिलकर खाना खाते है. त्यौहार की सबसे अधिक खास बात उस दिन को परिवार के साथ सेलिब्रेट करना होता है. इसके अलावा इसमें घर की साफ – सफाई और नए कपडे पहनना आदि भी उत्साहवर्धक होते है, लेकिन इसका स्वरुप अब बदल चुका है. मोबाइल फ़ोन के ज़रिये ही त्यौहार मनाया जाता है, जो मुझे पसंद नहीं. थोड़े समय साथ मिलकर खुशियों को मनाना ही इसमें प्रमुख होना चाहिए, जिसे दूर – दूर रहकर अनुभव नहीं किया जा सकता. किसी भी रिश्ते की मजबूती साथ रहने से होती है.

Disha Parmar ने दिया नन्हीं परी को जन्म, खुशी में झूम उठे पापा राहुल वैद्य

बिग बॉस 14 फेम सिंगर राहुल वैद्य और एक्ट्रेस दिशा परमार टीवी इंडस्ट्री के सबसे क्यूट कपल है. इन दोनों की जोड़ी को फैंस काफी पसंद करते है. अभी हाल ही में राहुल वैद्य और दिशा परमार एक बेटी के माता-पिता बन गए हैं! राहुल ने खुलासा किया था कि उनका बच्चा गणेश चतुर्थी के दौरान आने वाला है. अभिनेता-गायक ने अपने फैंस को बताया कि मां और बच्चा दोनों ठीक हैं.

राहुल-दिशा ने बेबी गर्ल का वेलकम किया

टीवी एक्ट्रेस दिशा परमार ने मई में प्रेग्नेंसी की घोषणा करने के बाद, राहुल वैद्य और दिशा परमार एक बच्ची के माता-पिता बन गए हैं. इसे साझा करते हुए, जोड़े ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “हमें एक बच्ची का आशीर्वाद मिला है! मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और पूरी तरह से ठीक हैं! हम अपने गाइनेक @dhrupidedhia को धन्यवाद देना चाहते हैं जो गर्भधारण करने से लेकर जन्म तक बच्चे की देखभाल कर रहे थे”. हम ख़ुश हैं! कृपया बच्चे को आशीर्वाद दें.”

 

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राहुल वैद्य दिशा परमार के साथ पहले बच्चे का स्वागत कर रहे हैं

राहुल वैद्य ने हाल ही में बताया था कि दिशा परमार की डिलीवरी 19 सितंबर से 25 सितंबर के बीच है. अपनी खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने मीडिया से कहा, ”मैं हर साल की तरह इस बार भी बप्पा को घर ला रहा हूं. और इस साल यह और भी खास है क्योंकि मेरा बच्चा भी लगभग उसी समय आने वाला है. दिशा की डिलीवरी 19-25 सितंबर के बीच होनी है. मैं बस यही उम्मीद कर रहा हूं कि सब कुछ ठीक हो जाए.”

 

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गणपति उत्सव के बारे में बात करते हुए, राहुल ने यह भी कहा, “आमतौर पर, मेरी मां बप्पा की मूर्ति का चयन करने जाती हैं. वह इसे हमारे पारिवारिक व्हाट्सएप ग्रुप में भेजती है और फिर हम सब मिलकर एक को चुनते हैं. दिशा सजावट का ख्याल रखती है और हम हर साल पांच दिनों के लिए बप्पा को घर लाते हैं, इसलिए लोगों का आना जाना लगा ही रहता है. हालांकि दिशा इस साल भी वह सब करेगी, लेकिन निश्चित रूप से, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वह ज़्यादा मेहनत न करे.”

खूबसूरत एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह को सुपर पॉवर मिलने पर क्या बदलना चाहती है, पढ़े इंटरव्यू

फिल्म ‘यारियां’ से चर्चा में आने वाली मॉडल और अभिनेत्री रकुल प्रीत सिंह दिल्ली की है. उसने अपने कैरियर की शुरुआत मॉडलिंग से की है. हिंदी के अलावा उसने तमिल, तेलगू, कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है. माध्यम चाहे कोई भी हो, रकुल को किसी प्रकार की समस्या नहीं होती. उसे अच्छी और चुनौतीपूर्ण कहानियां प्रेरित करती है.

छरहरी काया और इंडस्ट्री की खूबसूरत रकुल को हर तरह की फिल्मों में काम करना पसंद है. उसे एडवेंचर और समुद्री तट अच्छा लगता है. कॉलेज के दिनों में वह गोल्फ प्लेयर भी रह चुकी है और फिटनेस को जीवन में अधिक महत्व देती है. गृहशोभा के लिए उन्होंने खास बात की पेश है कुछ खास अंश.

 

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सोशल फिल्में करना जरुरी

रकुल ने अब तक कई सुपरहिट फिल्में की है, जिसमे फिल्म ‘छतरीवाली’ काफी लोकप्रिय रही, क्योंकि ये सोशल मेसेज देती है. रकुल का कहना है कि इस फिल्म को करने का मकसद यही था कि लोग सेक्स एजुकेशन के बारें में खुलकर बात करें. हालाँकि सरकार ने इसे शिक्षा में अनिवार्य बताया है और पाठ में भी है, लेकिन बच्चे और अध्यापक इस पर आज भी बात करने से कतराते है.

लोग अपने दिल की बात कर सकते है, पेट से जुडी बिमारियों के बारें में बात कर सकते है, लेकिन रिप्रोडक्शन के बारें में बात क्यों नहीं कर सकते? इन सब बातों को नार्मल तरीके से लेना जरुरी है, क्योंकि ये एक बॉडी पार्ट है, इसी बात पर ये फिल्म फोकस करती है. इस फिल्म में मैंने सतीश कौशिक के साथ काम किया है, जो एक अच्छा अनुभव रहा, वे एक अनुभवी, मेहनती और खुश रहने वाले इंसान थे. उनको खो देना इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी लॉस है.

 

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इसके अलावा रकुल बेटी बचाओं बेटी पढाओं की ब्रांड एम्बेसेडर भी रही. इसका उद्देश्य छोटे शहरों और गावं में जाकर काम करना है. तेलंगाना के नालगोडा में जाकर रकुल इस पर काम किया. अभी उनकी रोमांटिक थ्रिलर फिल्म ‘आई लव यू’ जियो सिनेमा पर रिलीज हो चुकी है, जिसमे उन्होंने शोर्ट हेयर के साथ एक अलग लुक दिया है.

मिली प्रेरणा

रकुल कहती है कि बचपन मेरा खेलकूद में गुजरा, क्योंकि मैं एक फौजी की बेटी हूँ. 10वीं कक्षा के बाद मैंने फिल्में देखनी शुरू की थी, लेकिन मेरी माँ रिनी सिंह चाहती थी कि मैं अभिनय के क्षेत्र में कुछ करूँ, क्योंकि मेरी कद काठी अच्छी थी. उन्होंने मुझे मिस इंडिया में भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया था, लेकिन तब मुझे जाना नहीं था. 12वीं के बाद मुझे लगने लगा कि मैं मॉडलिंग करूँ और मैंने पढ़ाई ख़त्म करने के बाद मॉडलिंग शुरू की, साथ में फिल्मों के लिए भी ऑडिशन देती रही. इस तरह इस प्रोफेशन में आ गयी.

मिला ब्रेक

रकुल आगे कहती है कि जब मॉडलिंग शुरू की थी तो मुझे साउथ की इंडस्ट्री के बारें में कोई जानकारी नहीं थी. मैंने पहली बार तो उन्हें मना भी कर दिया था, लेकिन बाद में फिल्म समझ कर अभिनय किया. इससे मुझे कुछ पैसे भी मिले. मैंने अपने पैसे से कार भी खरीद ली और अभिनय के बारें में बहुत कुछ सीखने को भी मिला. अभिनय में मुझे मज़ा भी आने लगा. मेरे लिए माध्यम कोई बड़ी बात नहीं है. काम करते रहना जरुरी है. ‘यारियां’ मेरी पहली हिंदी फिल्म सफल थी, जिससे काम मिलना थोडा आसान हुआ था.

नहीं हुई हताश

इंडस्ट्री में कभी रकुल को किसी गलत परिस्थिति का सामना नहीं करना पड़ा, क्योंकि उन्होंने कभी भी काम के लिए हताश नहीं थी. वह कहती है कि अगर आप हताश है और जब ये बात किसी को पता चलता है तो लोग उसका फायदा उठाने की कोशिश करते है. मुझे जो काम मिला उसे करती गयी. इसके अलावा मेरे पास एक अच्छी फॅमिली सपोर्ट है, जिससे ‘डू ऑर डाई’ वाली परिस्थिति कभी भी नहीं आई. मैं जानती हूँ कि ऐसे कई कलाकार है, जो काम की तलाश में यहाँ आ जाते है और संघर्ष करते है, पर अच्छा काम नहीं मिल पाता.

केवल ग्लैमर इंडस्ट्री ही नहीं, दुनिया में हर कोई लाभ उठाने के लिए बैठा है, ऐसे में आप उन्हें कितना उसे लेने देते है, ये आप पर निर्भर करता है. मेरी जर्नी अच्छी चल रही है, जितना मिला उससे संतुष्ट हूँ, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है. अच्छे काम के लिए हंगरी हूँ. मैं इंडस्ट्री में जब आई थी, तो किसी को नहीं जानती थी, ऐसे में अपनी बलबूते पर आना, दक्षिण की फिल्मों और यहां की फिल्मों में बड़े- बड़े कलाकारों के साथ काम करना, इसे जब मैं देखती हूँ तो लगता है कि मैंने वाकई एक अच्छी जर्नी अबतक तय की है.

 

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इंटरेस्टिंग है कहानी

रकुलप्रीत सिंह आगे कहती है कि ‘आई लव यू’ की स्क्रिप्ट बहुत अच्छी थी. मुझे सत्या का ये चरित्र इंटरेस्टिंग और स्ट्रोंग लगा. ये एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो प्यारी है, फॅमिली वुमन है, काम भी अच्छा करती है, लेकिन जब मुसीबत आती है, तो कैसे कंट्रोल करती है, ये सारी बातें मेरे लिए नई और चुनौतीपूर्ण थी. ये फिल्म डर और गुप्त जैसी है, लेकिन अंतर यह है कि इस फिल्म में मेरी भूमिका सत्या लाचार नहीं, स्ट्रोंग है.

फिल्म शुरू करने के दो हफ्ते पहले मैंने कई वर्कशॉप किये है, जिसमे कलाकार के साथ निर्देशक भी थे. ये बहुत ही इनोवेटिव सेशन था, जहां चरित्र को पूरी तरह से समझने में कामयाबी मिली. फिल्म में एक्टिंग से अधिक रियल इमोशन को प्रयोग करना था. इसके अलावा मैंने अंडरवाटर ट्रेनिंग भी ली है. एक दृश्य में ढाई मिनट पानी के अंदर रहना पड़ा था.

इसे एक स्क्यूबा इंस्ट्रक्टर ने सिखाई थी. ये अलग चीजे करना ही मेरे लिए चुनौती होती है. आगे रकुल एक कम्पलीट लव स्टोरी करने की ड्रीम रखती है. वह कहती है कि मैंने अभी तक रोमांटिक लव स्टोरी नहीं की है. इसके अलावा मुझे हिस्टोरिकल फिल्म करने की इच्छा है, जिसमे हिस्टोरिकल ऑउटफिट पहननी पड़े. मैं एक डायरेक्टर की एक्टर हूँ और उनके विज़न के हिसाब से फिल्में करती हूँ, क्योंकि एक निर्देशक के सामने उसकी पूरी फिल्म होती है. कुछ भी अलग करने की इच्छा होने पर निर्देशक के साथ बैठकर चर्चा कर फिर उसे अमल करती हूँ.

खूबसूरत अभिनेत्री होने का फायदा

इंडस्ट्री की खुबसूरत अभिनेत्री होने का कोई फायदा या नुकसान के बारें में पूछने पर रकुल हंसती हुई कहती है कि कोई सुंदर होने पर न तो नुकसान होता है और न ही कुछ फायदा. असल में काम के प्रति डेडीकेशन, हार्ड वर्क, एक्टिंग स्किल्स, आदि ही मुख्य होता है, क्योंकि मैं जानती हूँ कि मुझसे भी अधिक सुंदर और प्रतिभावान कलाकार अवश्य इंडस्ट्री में होंगे, लेकिन मुझसे अधिक हार्ड वर्क करने वाला कोई नहीं होगा. ये सब किसी को भी आगे बढ़ने में हेल्प करता है. आगे हिंदी और तमिल में कई फिल्में आने वाली है और कुछ की शूटिंग शुरू होने वाली है.

मिला पिता का सहयोग

रकुल का कहना है कि मेरे परिवार का मेरे काम के प्रति बहुत सहयोग रहा है. पिता कर्नल के जे सिंह के साथ बिताया मेरे कई पल है, खासकर जब मैं घर से दूर रहती हूँ तो वे पल काफी याद आते है. आज जो मैं हूँ, मेरी कॉन्फिडेंस, मेरी वैल्यू सिस्टम, अनुसाशन सब मेरे पिता की वजह से मेरे अंदर आये है. मैंने 18 साल की उम्र में अभिनय शुरू किया था, उस समय पिता ने मुझे किसी से बात करना तक सिखाया है .

मेरे अकाउंट मेरे पिता ही हैंडल करते है. किसी भी स्ट्रेस को मैं उनसे डिस्कस करती हूं, वे मेरे लिए एक स्ट्रोंग पिलर है. बचपन मैं बहुत अच्छी बच्ची थी, किसी प्रकार की शैतानी करने पर भाई पर डाल देती थी. उसे ही डांट पड़ती थी. मेरा सभी यूथ के लिए सन्देश है कि जब हम छोटे होते है, तो लगता है कि हमारे पेरेंट्स हमें नहीं समझते, लेकिन जब बड़े होते है, तो समझ में आती है कि उनसे बेहतर हमें कोई भी समझ नहीं सकता.

आज के यूथ को इसकी समझ होना जरुरी है. खासकर इंडियन पेरेंट्स की पूरी जिंदगी बच्चों की परवरिश में लग जाती है, इसलिए उनकी दी हुई सीख को जीवन में उतारना है और अपने पेरेंट्स की देखभाल जितना हो सकें, दिल से करें, उन्हें कभी दुःख न दें. करती हूँ खुद की देखभाल वह आगे कहती है कि मानसून स्किन के लिए सबसे सुरक्षित समय होता है, विंटर और समर में स्किन की समस्या सबसे अधिक होती है.

मैं अधिक पानी पीती हूँ, वर्कआउट करती हूँ, ताकि पसीने से शारीर की टोक्सिन्स बाहर निकलती रहे और ये मेरे रोज का रूटीन रहता है, जिसमे समय से खाना, सोना, स्किन को हमेशा मोयास्चराइज करना, मेकअप उतार कर सोना और सबसे जरुरी होता है, अंदर से खुश रहना. इससे किस भी सीजन में स्किन हमेशा ग्लो करती है. अंत में वह मुस्कुराती हुई कहती है कि सुपर पॉवर मिलने पर मैं पूरे देश से क्राइम और नकारात्मकता को हटाना चाहती हूँ.

अशीष विद्यार्थी ने 60 की उम्र में की दूसरी शादी, पहली पत्नी का आया रिएक्शन

बॉलीवुड फिल्मों में विलेन के किरदार से लोगों के दिलों पर राज करने वाले दिग्गज अभिनेता अशीष विद्यार्थी को लेकर बड़ी खबर आई है. खबरों के मुताबिक अशीष विद्यार्थी ने गुपचुप तरीके से दूसरी शादी कर ली है.

सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर

आशीष विद्यार्थी ने 60 साल की उम्र में दूसरी बार शादी की है. आपको बता दें, अभिनेता ने असम की रहने वाली रुपाली बरुआ (Rupali Barua) के साथ शादी के रिश्ते में बंध गए हैं.  आशीष विद्यार्थी और रुपाली बरुआ ने 25 मई को अपने करीबी लोगों की मौजूदगी में कोर्ट मैरिज की.  इन दोनों कपल की तस्वीर अब सोशल मीडिया पर सामने आई हैं. इन तस्वीरों को देखकर हर कोई हैरान रह गया है. जिसमें दूल्हा बने आशीष अपनी दुल्हनियां के साथ पोज दे रहे हैं.

पहली पत्नी ने दिया रिएक्शन

आशीष विद्यार्थी की पहली पत्नी ने राजोशी ने इंस्टाग्राम पर 4 घंटे के करीब दो पोस्ट शेयर की है. पहली स्टोरी में लिखा है, ‘सही व्यक्ति आपसे ये सवाल नहीं पूछेगा कि आप उनके लिए क्या मायने रखते हैं. वो ये कभी वहीं करेगा जिसके बारे में वो जानते हैं कि उससे आपको तकलीफ होगी. इसे याद रखें.’

वहीं दूसरी स्टोरी में लिखा है, ‘हो सकता है ज्यादा विचार करना और शक अभी आपके दिमाग से बाहर निकल गया हो. यह भी संभव है कि क्लैरिटी ने कन्फ्यूजन की जगह ले ली हो. हो सकता है कि शांति और धीरज आपकी जिंदगी को भर दे. आप काफी लंबे समय से मजबूत बने हुए हैं और अब वक्त आ गया है कि आपको आशीर्वाद मिले. क्योंकि आप ये डिजर्व करते हैं.’

आशीष और रुपाली ने अपनी शादी में किया डांस

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में देखा जा सकता है कि आशीष और रुपाली अपनी शादी को एन्जॉय करते हुए दोनों साथ में डांस कर रहे है.

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