इन 7 होममेड टिप्स से करें सफेद कपड़ों की देखभाल 

मार्केट से कपड़े खरीदना तो आसान होता है, लेकिन जब बात कपड़ों की केयर करने की आती है तो हम उनकी केयर नही करते. वहीं बात सफेद कपड़ों की करें तो सफेद कपड़ों की सही देखरेख न की जाए तो ये पीले और डल लगने लगते हैं. अगर आप बिना खर्चे के अपने सफेद कपड़ों को एक दम नए जैसा रखना चाहती हैं तो ये टिप्स आपके काम की है. आज हम आपको बिना ड्राइक्लीनिंग के खर्चे के सफेद कपड़ों को नया जैसा कैसे रखें इसके लिए आसान स्टेप्स बताएंगे, जिसे आप आसानी से ट्राय कर सकती हैं.

1. कलरफुल कपड़ों से रखें सफेद कपड़ों को दूर

किसी भी सफेद कपड़े को धोने से पहले, उसे इकठ्ठा कर लें और फिर एक साथ धोएं. कभी भी अन्‍य रंगों के कपड़ों के साथ सफेद कपड़े को न मिलाएं.

2. नींबू के रस का करें इस्तेमाल

कपड़े के रंग को सुरक्षित रखने के लिए उसमें नींबू के रस को मिलाएं और तब धोएं. इससे कपड़े पर लगा हुआ दाग भी साफ हो जाएगा.

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3. सिरका का इस्तेमाल है जरूरी

कपड़े की आखिरी धुलाई में, पानी में कुछ बूंदे सिरके की डालें. इससे उस पर लगा हुआ दाग निकल जाएगा. सिरके की महक कपड़ों के सूखने के बाद खुद ही चली जाएगी.

4. क्‍लोरीन ब्‍लीच से करें सफेद कपड़ों को क्लीन

सफेद कपड़ों को क्‍लोरीन ब्‍लीच से भी साफ किया जा सकता है. पर कभी भी लाइनिंन और इलास्‍टिक वाले कपड़ों को क्‍लोरीन ब्‍लीच से साफ नहीं करना चाहिये वरना उनकी इलास्‍टिक खराब हो जाएगी. इसको हर रोज न प्रयोग करें, बस केवल महीने में एक बार ही करें वरना सफेद कपड़ों का पीला होने का डर रहता है.

5. बेकिंग सोडा भी अच्छा औप्शन

सफेद कपड़े का रंग बनाये रखने के लिए बेकिंग सोड़े में कुछ बूंद सिरके की मिला दें और फिर उससे कपड़ा साफ करें.

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6. गरम पानी से करें क्लीन

अगर कपड़े का मटीरियल सह सकता है, तो उसे गरम पानी में भिगोएं. इससे कपड़ों पर लगा हुआ दाग आसानी से निकल जाएगा.

7. सफेद कपड़ों को ज्यादा देर धूप में सुखाएं

ध्यान रखें की सफेद कपड़े को ज्यादा देर धूप में न रखे वरना ये कपड़ों का कलर सोख लेगा और वाइट कलर डल हो जाएगा.

जानें क्यों जरूरी है नए कपड़ों को धोना

अकसर देखा गया है कि लोग नए कपड़े बाजार से खरीदने के बाद उन्हें बिना धोएं ही पहन लेते हैं.पर क्या आपको पता है आपकी यह आदत आपकी सेहत के ल‍िए बड़ी समस्‍या लेकर आ सकती है. एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस हॉस्पिटल, फरीदाबाद के सीनियर स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर अमित बनगया (bangia) का कहना है कि जब हम किसी कपड़े को खरीदते हैं तो हम तक पहुंचने से पहले नये कपड़ों में कई प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके अंश कपड़ों में रह जाते हैं.जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं.

केमिकल्स का प्रयोग

अगर आप कोई डार्क कलर का कपड़ा खरीदते हैं तो उससे पहनने से पहले जरूर धोएं. वो इसलिए क्योंकि नेचुरल थ्रेड का अपना कोई कलर नहीं होता, इसलिए उस पर विभिन्न प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे कपड़ों में ऐज़ो डाईस( azo) का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी वजह से त्वचा पर दाद, खाज और खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

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बहुत अधिक स्टार्च

नए कपड़ों को बार-बार खोलने-मोड़ने और पहनने के कारण वह मुड़ जाते हैं और उनमें चुन्नट पड़ सकती है. इससे बचने के लिए कपड़ों को कड़क स्टार्च करते हैं, इसीलिए इन कपड़ों को पहनने से पहले धोना ज़रूरी हो जाता है ताकि स्टार्च त्वचा के संपर्क में न आए.

अनेकों हाथों से गुजरते हैं

सिर्फ इतना ही नहीं यह अलग-अलग स्थानों और लोगों के हाथों से होकर गुजरते हैं, जिससे इंफेक्शन का खतरा अधिक बढ़ जाता है. इसलिए बहुत ज़रूरी हो जाता है कि नए कपड़ों को पहनने से पहले उन्हें उन्हें धोकर जरूर पहनें.

ट्राई किये गए कपड़े

शॉपिंग के दौरान आपको जो कपड़े पसंद आते हैं वो आप खरीद लेते हैं पर आपको ये नहीं पता होता क‍ि उस कपड़े को कितने लोगो ने ट्राई किया होगा और उस समय उनकी सेहत कैसी होगी. तो इसलिए जब भी आप नया कपड़ा खरीद कर लाएं तो उसे जरूर धो लें.

बच्चो के कपड़े

बच्‍चों को नए कपड़े बिना धोए पहनने से उन्हें रैशेस भी हो जाते हैं जो बहुत परेशान करते हैं. क्योंकि उनकी स्किन बड़ो से भी ज़्यादा सॉफ्ट होती है. इसलिए जब भी बच्चों के लिए कपड़े खरीदें तो उसे धोएं ज़रूर.

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9 Tips: कपड़ों से हटाएं Germs

हम चाहे घर में हो या फिर बाहर हर जगह कीटाणुओं, बैक्टीरिया, वायरस से न चाहते हुए भी संपर्क में आ ही जाते हैं. किसी जगह पर हाथ लगाने से, हवा में, खांसते हुए, छींकते हुए, किसी से हाथ मिलाते हुए, कोई चीज टच करते हुए, दीवार के सहारे खड़े होते हुए, किसी से गले मिलते हुए हमारा सामना जर्म्स से हो ही जाता है. ये जर्म्स हमारे कपड़ों पर भी चिपक जाते हैं और फिर यदि कपड़ों को अच्छी तरह क्लीन न किया जाए तो ये हमें बीमार भी बना सकते हैं. ऐसे में उन की खास केयर की जरूरत होती है, ताकि हम खुद को सेफ रख सकें. आइए, जानते हैं हम कैसे अपने कपड़ों को जर्मफ्री रख सकते हैं.

कपड़ों को इकट्ठा कर के न रखें

अधिकांश घरों में हफ्तेभर के कपड़े एकसाथ धुलने के लिए एक जगह जमा किए जाते हैं. मानसून के मौसम में इन कपड़ों में नमी आ जाती है जो जर्म्स को भरपूर पनपने का मौका देती है. कोरोना संक्रमण के दौर में तो यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है.

कुछ बैक्टीरिया तो ऐसे होते हैं जो उसी दिन मर जाते हैं, जबकि ई. कोली और सैल्मोनैला नामक बैक्टीरिया कुछ हफ्तों तक जीवित रहते हैं, वहीं स्टैफिलोकोकस बैक्टीरिया महीनों तक पनपते रहते हैं. इसलिए भूल कर भी कपड़ों को इकट्ठा कर के न रखें. इस से जर्म्स उन में पनप नहीं पाते और आप खुद को बीमारियों से बचा सकते हैं.

बच्चों के कपड़ों को अलग धोएं

बच्चों के कपड़ों की धुलाई का खास ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि वे जमीन पर खेलते रहते हैं, खिलौनों को अपने पास रख कर सोते हैं, गंदे हाथों को अपने कपड़ों से साफ करते हैं और न जाने कितनी ऐसी चीजों को छूते हैं, जहां गंदगी होती है. ऐसे में उन के कपड़े सब से ज्यादा जर्म्स के संपर्क में आते हैं. यदि आप उन के कपड़ों को दूसरे कपड़ों के साथ धोएंगी तो जर्म्स के दूसरे कपड़ों में भी जाने का डर बना रहता है. इसलिए उन के कपड़ों को अलग रखें और ऐसे लिक्विड या पाउडर से धुलें जिस में कैमिकल्स का ज्यादा इस्तेमाल न किया गया हो. कपड़े धोने के बाद किसी डिसइन्फैक्टैंट में कपड़ों को डिप जरूर करें.

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बाहर से आने पर तुरंत कपड़े धोएं

जब भी आप बाहर से आएं तो जितना जल्दी हो सके आप अपने कपड़ों को धोएं. एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि कोरोना वायरस काफी देर तक कपड़ों पर चिपका रहता है. यदि उन कपड़ों को बिना धुले दूसरे कपड़ों के साथ रख दिया जाए तो नमी पा कर यह वायरस और पनप सकता हे. जिस पर अगर हम ने ध्यान नहीं दिया तो हम वायरस के संपर्क में आ कर बीमार पड़ सकते हैं. इसलिए जितना जल्दी हो सके बाहर से आते ही अपने कपड़ों को डिसइन्फैक्टैंट मिले हुए पानी में डिप कर के कुछ देर के लिए छोड़ दें.

वाश का तरीका हो सही

आप अगर हाथ से कपड़े धो रही हैं तो आप बाल्टी में पानी डाल कर उस में डिटर्जैंट मिला कर थोड़ी देर के लिए उस में कपड़ों को भिगो कर रख दें, फिर उन्हें धोंएं. इस से सभी जर्म्स मर जाते हैं और अगर आप मशीन में कपड़े धोएं तो पहले मशीन को पानी से अच्छे से साफ कर लें, फिर कपड़ों को 10-15 मिनट अच्छे से डिटर्जैंट से धोएं और फिर उसे साफ पानी से वाश कर के ड्रायर करें. इस से कपड़े  अंदर तक अच्छे से साफ हो जाते हैं.

गरम पानी से कपड़े धोएं

सैंटर फौर डिजीज कंट्रोल के अनुसार, हलके कुनकुने पानी से कपड़ों को धोएं, ताकि कपड़ों से जर्म्स पूरी तरह से मर जाएं. डिटर्जैंट हमेशा अच्छी क्वालिटी का ही यूज करें. इस बात का भी ध्यान रखें कि जिन कपड़ों को गरम पानी से नहीं धोने की सलाह दी जाती है उन्हें गरम पानी से बिलकुल न धोएं बस उन के लिए कपड़े धोने का सही तरीका अमल में लाएं.

टौवेल्स की खास सफाई

आप भूल कर भी गंदे टौवेल्स को बाकी कपड़ों के साथ न रखें, क्योंकि टौवेल्स बहुत मोटे होने के कारण उनमें बैक्टीरिया लंबे समय तक जीवित रहते हैं. बाथरूम और किचन टौवेल्स जो गंदगी के संपर्क में ज्यादा आते हैं उन में साल्मोनेला और ई. कोली बैक्टीरिया पनपने के कारण हमारी हैल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए जब भी इन्हें धोएं तो इन्हें पहले तो अलग ही रखें और जब धोएं तो इन्हें गरम पानी में डिटर्जैंट डाल कर आधा घंटा भिगो कर रख दें. इस के बाद इन्हें धोने से उस में मौजूद सभी बैक्टीरिया मर जाते हैं.

ब्लीच करें

ब्लीच गुड डिसइन्फैक्टिंग एजेंट के रूप में जानी जाती है. लेकिन हर तरह की ब्लीच कपड़ों पर इस्तेमाल नहीं की जाती. कपड़ों के लिए एक खास तरह की ब्लीच होती है, जिस से कपड़े खराब नहीं होते हैं. इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि कितने कपड़ों में कितनी क्वांटिटी डालनी है. इस से कपड़ों में लगे जर्म्स मर जाते हैं.

स्टीमिंग है कारगर

स्टीम क्लीनिंग कपड़ों से बैक्टीरिया को मारने में मदद करती है. साथ ही कपड़ों को फिनिशिंग देने का भी काम करती है. आजकल तो मार्केट में ऐसी वाशिंग मशीनें आ गई हैं, जिन में स्टीम मेयर टैक्नोलौजी होती है, जो 90% तक बैक्टीरिया को किल करने में सहायक है. तो आप अगर चाहें तो स्टीम क्लीनिंग का औप्शन को भी चुन सकती हैं.

वाशर या बकेट को हमेशा साफ रखें

अगर आप अपने कपड़ों को जर्मफ्री रखना चाहती हैं तो हर वाश से पहले अपनी मशीन के वाशर या फिर बाल्टी, जिस में आप कपड़े धोने वाली हैं उसे साफ करना न भूलें क्योंकि उस के तले में गंदगी और न दिखने वाले बैक्टीरिया और जर्म्स रहते हैं, जिन्हें पानी से अच्छे से साफ कर के ही हटाया जा सकता है. इस तरह आप खुद को व अपने परिवार की बीमारियों से बचा सकती हैं.

डिटर्जैंट चुनने से पहले

डिटर्जैंट पाउडर या लिक्विड खरीदने से पहले अपने बजट के साथसाथ इन खास बातों का भी ध्यान रखें:

– लिक्विड डिटर्जैंट पाउडर डिटर्जैंट की तुलना में काफी महंगा होता है और अकसर लोग लिक्विड की मात्रा का सही अंदाज नहीं लगा पाते. ऐसे में पाउडर डिटर्जैंट खरीदना बेहतर रहेगा.

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– बाजार में कौंबिनेशन डिटर्जैंट भी उपलब्ध हैं यानी पाउडर के साथ इन में ब्लीच या फैब्रिक सौफ्टनर या फिर इन दोनों में से किसी एक का मिश्रण होता है. इसी के अनुसार कीमत भी कमज्यादा होती है. इसलिए जरूरत के हिसाब से ही इस का चयन करें.

– यदि बच्चों के कपड़ों के लिए अलग से डिटर्जैंट लेना बजट से बाहर है तो ऐसा डिटर्जैंट चुनें जिस में कैमिकल्स का इस्तेमाल कम से कम किया गया हो.

– फैब्रिक सौफ्टनर महंगा मिलता है. यदि इस का इस्तेमाल बजट के अंदर करना है तो इसे सिर्फ उन्हीं कपड़ों पर इस्तेमाल करें जो डेलीकेट हों.

 

आपके काम आएंगी वौशिंग मशीन में कपड़े धोने की ये टिप्स

आजकल इलेक्ट्रौनिक मशीनों ने काम करने की मेहनत बचा दी है, लेकिन अगर हमारी मदद करने वाली चाजों का अगर हम सही ढ़ग से इस्तेमाल न करें तो यह आपके काम को बिगाड़ भी सकती है. क्या आप जानती हैं कि कपड़ों की सही धुलाई के साथ-साथ उनकी क्वालिटी को भी कैसे बरकरार रखा जा सकता है? अगर नहीं तो परेशान न हों. हम आपको बताएंगे हैं कि कपड़ों की सही धुलाई कैसे करें…

1. कपड़ों को अलग-अलग धोने की करें कोशिश

कपड़ों को धोने से पहले उन्हें अलग-अलग करें जैसे ज्यादा गंदे कपड़ों को अलग धोएं तो कम गंदे कपड़ों को अलग. इसी तरह ऊनी और सूती कपड़ों को भी अलग कर लें. कमीजों, पैंटों, नए सूती कुरतों आदि को अलग धोएं तो चादरों, तौलियों और नाइट सूटों को अलग से धोएं. सभी कपड़ों को एकसाथ मशीन में भर देना उचित नहीं है.

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2. वौशिंग मशीन में कपड़े डालने से पहले रखें ये ध्यान

मशीन में कपड़ों को डालने का भी एक तरीका होता है जैसे कि बड़े कपड़े सबसे पहले फिर उन से छोटे और फिर उन से छोटे. कपड़ों की तह को खोल कर डालें. अगर कपड़ों को यों ही मशीन में भर देंगी तो वे आपस में उलझ जाएंगे और फिर जिस समय मशीन स्पंज करती है, तो उन के फटने और मशीन में एरर आ कर रुक जाने की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है.

3. रंग निकलने वाले कपड़ों को रखें अलग

कोई भी नया कपड़ा डालने से पहले चैक कर लें कि उस का रंग तो नहीं निकल रहा, क्योंकि अगर रंग निकलने वाला कपड़ा हुआ तो मशीन में डाले गए सारे कपड़े खराब हो जाएंगे.

4. मशीन के इस्तेमाल से पहले पढ़ें बुकलेट

कई मशीनों की बुकलेट में लिखा होता है कि नौर्मल डिटर्जैंट के साथ आधा ढक्कन मशीन का डिटर्जैंट भी डालें, जो अलग से खरीदना होता है. लेकिन कई बार महिलाएं सोचती हैं कि इसे खरीदने की क्या जरूरत है. मगर यह सोच ठीक नहीं है, क्योंकि उस डिटर्जैंट की वजह से ही तो कपड़े ज्यादा साफ होते हैं.

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5. वौशिंग मशीन के लिए चुनें सही डिटरजेंट

– डिटर्जैंट चुनते वक्त पहले यह तय कर लें कि पाउडर का इस्तेमाल करना है या लिक्विड डिटर्जैंट का. लिक्विड डिटर्जैंट अपेक्षाकृत ज्यादा महंगा होता है पर इस बात को भी ध्यान में रखें कि अगर आप कपड़े धोने के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल करती हैं तो पाउडर पानी में आसानी से नहीं घुलेगा. बेहद मुलायम कपड़ों को धोने के लिए लिक्विड डिटर्जैंट का इस्तेमाल करें.

6. फैब्रिक का रखें ध्यान

डिटर्जैंट का इस्तेमाल करते समय फैब्रिक का भी ध्यान रखें. सिल्क या ऊनी कपड़ों की धुलाई के लिए मुलायम डिटर्जैंट का इस्तेमाल करें. बच्चों के कपड़ों की धुलाई के लिए बेहद मुलायम डिटर्जैंट का इस्तेमाल करें, क्योंकि बच्चों की त्वचा बेहद संवेदनशील होती है. सफेद कपड़ों की धुलाई के लिए ब्लीच फौर्मूला वाले डिटर्जैंट का इस्तेमाल करें तो रंगीन कपड़ों की धुलाई के लिए ऐसे डिटर्जैंट का इस्तेमाल करें जिस से कि कपड़ों में चमक आ जाए.  वाशिंग मशीन में कपड़े धोते वक्त सब से पहले डिटर्जैंट डालें और फिर कपड़े, क्योंकि कपड़ों के ऊपर डिटर्जैंट डालने से न सिर्फ कपड़ों में डिटर्जैंट के चिपके रहने की आशंका रहती है, बल्कि कपड़ों का रंग भी उड़ जाता है.

7. दाग-धब्बों वाले कपड़ों का रखें ध्यान

कपड़ों को वाशिंग मशीन में डालने से पहले उन पर लगे दागधब्बों को हाथ से छुड़ा लें. दरअसल, वाशिंग मशीन में दाग लगे कपड़ों को सीधा डालने से निशान और गहरे हो जाते हैं.

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8. कपड़े धोने के बाद भी करें मशीन की सफाई

कपड़े धोने के बाद वाशिंग मशीन का डिटर्जैंट बौक्स भी साफ करना जरूरी है. उसमें बचा वाशिंग पाउडर जरूर निकाल लें और अच्छी तरह साफ करें. यदि संभव हो, तो पूरे बौक्स को बाहर निकाल लें और किसी पुराने टूथब्रश से साफ कर लें. वाशिंग मशीन के अंदर का ड्रम भी साफ करती रहें ताकि मशीन साफ रहे. उस में कई सारे छोटेछोटे छिद्र होते हैं, जिन में कीटाणु जमा हो जाते हैं. बेहतर है हर महीने खाली मशीन चला दें. इस के लिए डिशवाशर टैबलेट और गरम पानी का इस्तेमाल करें.

ऊनी कपड़ों को धोने के आसान टिप्स

सर्दियों के मौसम को अलविदा कहने का वक्त आखिरकार आ ही गया. अब चिपचिपाती गर्मी का सामना करने के लिए खुद को मानसिक तौर पर तैयार कर लें और अपने खूबसूरत, नर्म, मुलायम स्वेटरों को कुछ महीनों के लिए संभाल कर रखने का समय है. अब ऊनी और गर्म कपड़ों को अलमारी और ट्रंक में बंद करके रखना होगा.

ऊनी कपड़े पूरी सर्दी हमारी सुरक्षा करते हैं वहीं इनकी देखरेख करना एक मेहनत का काम है. ऊनी कपड़ों को संभालकर रखना, उनकी धुलाई, उन्हें सुखाना और फिर उन्हें सही तरीके से अलमारी में रखना एक लंबी प्रक्रिया है. पर ये टिप्स अपनाकर आप अपना काम आसान कर सकती हैं-

1. जिद्दी दाग हटाना

इसके लिए तो बेहतर यही होगा कि आप थोड़ा सावधान रहें. सावधान रहने के बावजूद अगर आप शॉल या स्वेटर पर इंक या चटनी आदी के दाग लग जाए तो उसे तुरंत पानी से धोएं. इसके बाद घर पर स्वेटर या शौल को ईजी और वेनिश में 1-2 घंटे के लिए भिगो दें. उसके बाद अच्छे से धो लें. दाग साफ हो जाएंगे.

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2. सौल्ट पेपर का करें इस्तेमाल

ऊनी कपड़ो पर धूल बहुत जल्दी बैठ जाती है. इसे साफ करने के लिए आप सॉल्ट पेपर का इस्तेमाल कर सकती हैं.

3. गर्म पानी में गलती से भी न डालें

ऊना कपड़ों को गलती से भी गर्म पानी में न डालें. इससे कपड़े खराब हो जाएंगे. ऊन सॉफ्ट होता है, इसलिए वुलन स्पेशल क्लिनर का ही इस्तेमाल करें.

4. ऊनी कपड़ों पर ब्रश न मारें

बहुत से लोगों की कपड़े धोने की आदत में ब्रश शुमार है. पर आप ब्रश का गलती से भी यूज न करें. इससे ऊनी कपड़े खराब हो जाते हैं.

5. हैंगर में ही सूखायें

ऊनी कपड़ों को हैंगर में सूखाना बेहतर उपाय है. आप ऊनी कपड़ों को हैंगर में ही सूखाएं, इससे कपड़ों पर सिलवटें नहीं पड़ेंगी.

6. पेपर बैग में ही रखें

ऊनी कपड़ों को पेपर बैग में ही रखें. नैपथलीन बौल डालना न भूलें.

7. कभी न करें ब्लीच

स्वेटर और ऊनी कपड़ों को कभी ब्लीच नहीं करना चाहिए. पर आप नमक के पानी का प्रयोग कर सकती हैं. नमक के पानी में स्वेटर को भिगो कर रखने से दाग निकल जाते हैं.

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8. पर्याप्त धूप है बहुत जरूरी

ऊनी कपड़ों को धूप दिखाना बहुत जरूरी होता है. अच्छे से धूप में सुखाकर ही कपड़ों को अलमारी या ट्रंक में स्टोर कर रखें.

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