Valentine’s Day: हर उम्र में नजर आएं हौट

लेखिका- पूनम

हर उम्र में खूबसूरत नजर आने के लिए सिर्फ मेकअप करना काफी नहीं, उम्र के अनुसार अपनी ड्रैसिंगसैंस पर ध्यान देना भी जरूरी है. माना कि यंग जैनरेशन जैसा चाहे वैसा फैशन ट्रैंड अपना सकती है, लेकिन 30 पार कर चुकी महिलाएं भी किसी से कम नहीं.

कुछ बातों को ध्यान में रख कर वे भी खुद को ट्रैंड सैंटर कहला सकती हैं. इस उम्र में महिलाएं किस तरह के आउटफिट्स पहन कर यंग लड़कियों की तरह सुंदर दिख सकती हैं, इस संबंध में कुछ फैशन डिजाइनरों से बात करने के बाद कुछ टिप्प मिले जो इस प्रकार हैं:

कच्ची उम्र में खूबसूरत मैच्योर लेडी नजर आने के लिए आप ने भी कभी मां की साड़ी तो कभी मौसी की जूती पहनी होगी, लेकिन अब आप मैच्योर हो गई हैं यानी अब आप को खूबसूरत नजर आने के लिए बहुत ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है. अपने बार्डरोब का मेकओवर कर आप मिनटों में प्रेजैंटेबल लुक पा सकती हैं.

शेपवियर को बनाएं हमसफर

यह जरूरी नहीं कि बढ़ती उम्र में आप की फिगर 36-24-36 हो, लेकिन इस का मतलब यह भी नहीं है कि आप फिटिंग कपड़े पहनना छोड़ दें. परफैक्ट फिगर के लिए शेपवियर पहनें. इस से आप की बौडी शेप में नजर आएगी और उस के ऊपर आप जो चाहे वह पहन सकती हैं.

आप की सिर्फ टमी यानी तोंद बाहर निकली हुई है और बाकी सब शेप में है तो पेट को छिपाने के लिए टमी टकर पहनें.

अगर आप की वेस्ट लाइन झुकी हुई नजर आ रही है, तो सपोर्टिव ब्रा पहन कर इसे शेप दें. बौडी शेपर, शेपवियर, सपोर्टिव ब्रा की ढेरों बैराइटीज आप को औनलाइन शौपिंग वैबसाइट पर आसानी से मिल जाएंगी.

ब्लैक शेड्स का रखें कलैक्शन

अपने वार्डरोब में ब्लैक शेड्स के आउटफिट्स जरूर रखें जैसे ब्लैक ड्रैस, टौप, कुरती, साड़ी, जींस आदि. एवरग्रीन ब्लैक शेड कभी आउट औफ फैशन नहीं होता. इसे आप किसी भी सीजन में और कहीं भी जैसे किसी पार्टी में जाना हो या फिर फौर्मल मीटिंग में पहन कर जा सकती हैं. ब्लैक आउटफिट की तरह ब्लैक कलर के हैंड बैग, वाच, फुटवियर भी हमेशा फैशन में इन होते हैं. इसलिए इन का कलैक्शन भी जरूर रखें.

पार्टी में पहनें नीलैंथ ड्रैस

आप जब अब तक पार्टी में ड्रैसेज पहन कर जा रही थीं तो अब परहेज क्यों? 30 पार करने का यह मतलब नहीं कि अब आप डै्रस पहन कर पार्टी ऐंजौय नहीं कर सकतीं. फैशन के साथ कंफर्ट का खयाल रखते हुए शौर्ट के बजाय नीलैंथ यानी घुटनों तक की ड्रैस पहनें. यकीन मानिए इस में आप बेहद खूबसूरत नजर आएंगी.

स्टै्रपी टौप्स से न करें परहेज

हौट लुक के लिए यकीनन आप 20 की होने पर स्ट्रैपी टौप पहनती होंगी, तो अब इस से तोबा क्यों कर रही हैं? आज भी आप स्ट्रैपी टौप को अपने वार्डरोब में रख सकती हैं. हां, लेकिन वाइड यानी चौड़े स्ट्रैप वाला स्ट्रैपी टौप खरीदें. इस में आप कंफर्ट भी फील करेंगी और स्टाइलिश भी नजर आएंगी.

वन पीस भी है बैस्ट

वन पीस, गाउन, मैक्सी, बीच ड्रैस आदि भी आप 30 के बाद की होने पर बे?ि?ाक पहन सकती हैं. ऐसे आउटफिट्स काफी फैशनेबल नजर आते हैं जैसे आप पार्टी फंक्शन के मौके पर बन पीस या गाउन पहन सकती हैं और हौलिडे सैलिब्रेशन के दौरान बीच ड्रैस आप की पर्सनैलिटी को निखार सकती हैं. इसी तरह रैग्युलर बियर के लिए मैक्सी ड्रैस भी ट्राई कर सकती हैं.

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औल टाइम फैवरिट  है जींस

जींस एक ऐसा आउटफिट है, जिसे टीनऐज गर्ल्स ही नहीं, मैच्योर वूमंस भी बिंदास पहन सकती हैं. हां, यह बात और है कि आप इस उम्र में जींस के साथ टाइट फिट टी शर्ट नहीं पहन सकतीं, लेकिन फौर्मल शर्ट या लौंग कुरती पहन कर आप स्मार्ट नजर आ सकती हैं. ध्यान रहे, लौंग वेस्ट के बजाय हार्ट वेस्ट जींस आप पर ज्यादा सूट होगी.

साड़ी भी है बेहतर औप्शन

अगर आप रैग्युलर लुक से अगर ऊब चुकी हैं तो डिफरैंट लुक के लिए साड़ी भी ट्राई कर सकती हैं. साड़ी बौडी की खामियों को छिपाने के साथसाथ आकर्षक लुक भी देती है. सिंपल साड़ी के साथ स्लीवलैस, बैकलैस, हौल्टर या टी नैक ब्लाउज पहनें. इस से आप स्टाइलिश नजर आएंगी. इसी तरह किसी खास मौके पर रौयल लुक के लिए डिजाइनर साड़ी भी पहन कर जा सकती हैं. हालांकि अब साड़ी बहुत कम और सिर्फ औफिशियल अवसरों पर ही पहनी जाती है पर इस की ऐलिगैंस का जवाब नहीं है.

स्कर्ट ट्राई करें

न तो बहुत छोटी और न ही बहुत बड़ी, लेकिन नीलैंट स्कर्ट तो आप अब भी पहन सकती हैं. इसे टीशर्ट या क्रौप टौप के साथ पहनने के बजाय शौर्ट कुरती के साथ पहनें. इस लुक में आप काफी स्मार्ट नजर आएंगी. डार्क या ब्राइट शेड स्कर्ट के साथ डल ऐंड लाइट कलर की कुरती आप को बैलेंस्ड लुक देगी.

जैकेट या कोट

जींस या स्कर्ट के साथ टाइट फिटिंग टौप, टीशर्ट या शर्ट पहन रही हैं तो उस के ऊपर जैकेट या कोट पहनें, ये आप को सौफिस्टिकेटेड लुक देगी. इसी तरह शौर्ट ड्रैस के साथ कार्डिगन पहन कर आप पार्टी की जान भी बन सकती हैं. अगर आप कोई फुलस्लीव्स आउटफिट पहन रही हैं तो उस के साथ स्लीवलैस जैकेट या कोट की जोड़ी जम सकती है.

ऐक्सैसरी भी हैं जरूरी

मिस ब्यूटीफुल कहलाने के लिए परफैक्ट मेकअप, प्रैजेंटेबल आउटफिट के साथ आप को ऐक्सैसरी भी पहनी होगी. ज्यादा न सही, मगर आउटफिट से मैच करती 2-3 ऐक्सैसरीज जरूर पहनें या फिर हैंगिंग इयररिंग्स, लौंग नेम पीस, ब्राइट कफ या फुलसाइज फिंगर रिंग में से किसी एक ऐक्सैसरी को अपना स्टाइल स्टेटमैंट बनाएं और आउटफिट से मैच करती इस ऐक्सैसरीज का कलैक्शन जुटा कर रखें.

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लाइट आउटफिट ब्राइट ऐक्सैसरीज

माना कि आप इस उम्र में बहुत ज्यादा ब्राइट, डार्क या चमकीला आउटफिट नहीं पहन सकतीं, लेकिन अपने लाइट शेड वियर को ब्राइट टच तो दे ही सकती हैं जैसे-

– लाइट शेड किसी ड्रैस के साथ ब्राइट कलर का स्कार्फ पहनें जैसे व्हाइट टौप के साथ डार्क औरेंज कलर का स्कार्फ लें.

– लाइट शेड जींस के साथ शिमरी या ज्वैल्ड बैल्ट लगाएं.

– बोल्ड शेड की हेयर ऐक्सैसरीज जैसे क्लिप, हेयर बैंड आदि बालों में लगाएं.

– पार्टी जैसे मौके पर सौफ्ट शेड आउटफिट के साथ सिल्वर या गोल्डन क्लच कैरी करें.

– नियोन शेड्स की बैली, मोजड़ी, शूज भी लाइट कलर के आउटफिट के साथ आकर्षक नजर आते हैं.

– कलरफुल फ्रेम वाले सनग्लासेज भी आप की खूबसूरती बढ़ा सकते हैं.

– शाइनी शिमरी लुक के लिए सिंगल से आउटफिट के साथ ऐलिगैंट डायमंड सैट पहनें.

– डार्क ऐंड ब्राइट शेड की नेलपौलिश लगा कर भी आप अपनी लाइट शेड ड्रैस को ट्रैंडी लुक दे सकती हैं.

जामदानी सिल्क को देते हैं मॉडर्न लुक, पढ़ें खबर

सालों से फैशन इंडस्ट्री में नाम कर चुके बेस्ट कॉस्टयूम डिजाईन नेशनल अवार्ड 2019 पुरस्कार विजेता टेक्सटाइल और फैशन डिज़ाइनर गौरांग शाह ने विलुप्त होती कारीगरी को नए रूप में लाकर इस विधा में काम करने वालों के हौसले को बढाया है, पहले जो कारीगर अपनी रोजी-रोटी के लिए तरस रहे थे, उन्हें काम और भरपेट भोजन मिला. गौरांग ने हर एक कारीगरी को अलग रंग और फैब्रिक देकर आज के परिवेश में पहनने योग्य बनाया है. वे मानते है कि हैण्डलूम टाइमलेस होता है और किसी भी डिजाईन में उसे बनाने पर खुबसूरत दिखता है. इसलिए हैंडलूम कपड़ों की सुन्दरता कभी ख़त्म नहीं होती.

मुश्किल है विलुप्त कारीगरी को बचाना

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फैशन के क्षेत्र में 20 साल से अधिक समय गुजार चुके गौरांग को हर एक विलुप्त होती कारीगरी को रैंप पर लाने की चुनौती आकर्षित करती है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि हैंडलूम, पॉवरलूम के आने से ख़त्म हो चुकी थी, क्योंकि पॉवरलूम से बने कपडे जल्दी बनने की वजह से सस्ते होते है, जबकि हैंडलूम से बने कपडे महंगे हुआ करते है, क्योंकि इसे बनाने में समय अधिक लगता है.इसलिए हैंडलूम को मॉस में पहुँचाना मुश्किल होता है. FDCIलेक्मे फैशन वीक विंटर कलेक्शन में डिज़ाइनर गौरांग ने ‘चाँद’ कांसेप्ट पर आधारित कपडे रैम्प पर उतारे.

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चाँद जैसी खूबसूरती

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कांसेप्ट ‘चाँद’की गरिमा को उन्होंने अलग तरीके से प्रस्तुत कीहै. उनके अनुसार चाँद के उगने परजब उसकी शीतल किरणें धरती पर पड़ती है, तो पूरी धरती पर मानो सफ़ेद चादर बिछ जाती है, इसी कल्पना के साथ उन्होंने पूरे भारत की कारीगरी को जामदानी सिल्क साड़ियों में उतारा. शो की शुरुआत को अधिक आकर्षक बनाने के लिए उन्होंने ग़ज़ल सम्राट अनूप जलोटा की ग़ज़ल‘चाँद अंगड़ाईयाँ ले रही है, चांदनी मुस्कुराने लगी है…… का लाइव सिंगिग प्रस्तुत किया. इससे रैंप पर उतरी मॉडल्स की भव्य प्रस्तुति भी देखने लायक रही. शो स्टोपरअभिनेत्री तापसी पन्नू कीजामदानी सिल्क साड़ी पर ‘वाइड फ्लोरल बॉर्डर’और अनूप जलोटा द्वारा लाइव गीत ‘चौदहवी का चाँद हो……गाने ने इस शो में चार चाँद लगाये.

जामदानी की तकनीक है कठिन

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डिज़ाइनर गौरांग कोविड 19 के लॉकडाउन के बाद पहली बार ‘चाँद’कलेक्शन को रैंप पर उतारे है. इस कांसेप्ट के बारें में उनका कहना है किये कलेक्शन मानव क्रिएटिविटी को कपड़ों के द्वारा प्रस्तुत करने काएक बेहतरीन उदाहरण है,जो लगातार जारी है. ये कला फैशन से हटकर महिला को एक अलग दुनिया के बारें में सोचने का मौका देती है, जो रोमांस और टाइमलेस सोफिस्टीकेशन होने का एहसास दिलाती है.

जामदानी कपड़ो की बुनाई की तकनीक सबसे कठिन होती है, ये कला ढाका, बनारस, कोटा, श्रीकाकुलम, उप्पदा, वेंकटगिरी, कश्मीर और पैठन में बुनी जाती है. इसे मॉडर्न लुक देने के लिए गौरांग ने पेस्टल, लाइट पिंक, लाइट ग्रीन जैसे आकर्षक रंगों के साथ कढ़ाई की सहायता ली है. इन 40 साड़ियों को बुनकरों ने पेंडेमिक और लॉकडाउन के दौरान पिछले 3 सालों से अपने-अपने घरों में बैठकर तैयार किया है.

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पेंड़ेमिक का असर फैशन इंडस्ट्री पर पड़ने के बारें में गौरांग का कहना है कि कोविड 19 की वजह से काम थोडा धीमा था, क्योंकि इसका असर कारीगरों पर अधिक हुआ है, उनकी रोजी-रोटी ख़त्म हो रही थी,लेकिन अब वे धीरे-धीरे सामान्य होते जा रहे है. फैशन का काम जो पहले महीनों में पूरा होता था, अब कोविड की वजह से पूरा साल लग गया है और नए-नए डिजाईनों पर अधिक काम नहीं हो पाया है.इसके अलावा कोविड की वजह से शोरूम बंद करने पड़े, जिससे कपड़ों की बिक्री पर काफी प्रभाव पड़ा है. अभी मेरे सारे शो रूम फिर से खुल चुके है.

जानें कैसा हो आपका मैटरनिटी वार्डरोब

आप गर्भकाल के दौरान अपनी मनपसंद पोशाक पहन सकें. इस से बढि़या क्या हो सकता है. जब समय ने करवट ली है, तो हमारे यहां भी बहुत से फैशन डिजाइनर केवल मां और शिशु के लिए विशेष तौर पर ड्रैसेज बनाते हैं.

स्टाइल, फैशन, ट्रैंड चलन के लिए विश्वविख्यात चंडीगढ़ भी मैटरनिटी वार्डरोब के लिए काफी प्रसिद्ध है. ‘‘मदरहुड ब्रांड की अच्छीखासी वैरायटी यहां मिलती है. यहां महिलाएं चाहे वे संभ्रांत परिवार से हों या मध्यवर्गीयकामकाजी या नवविवाहित युवतियां, वे ब्रांड के नाम पर खरीदारी करना खूब समझती हैं. फैशन और स्टाइल में जीना उन की पहली पसंद है. पैसे का मूल्य वे जानती हैं और पैसे की कीमत वसूल करना भी,’’ ऐसा कहा मन्नत मान ने, जो अपने मातृत्व काल में सैक्टर-9 के मम्स मौल तथा सैक्टर-8 के मौम ऐंड मी से शौर्ट स्लीव प्लीटेड ड्रैस, पेट का उभार छिपाने के लिए फौक्स रैप ड्रैस तथा रफल्ड मैटरनिटी ड्रैस लाना नहीं भूली थीं. वहां पोशाकों की विविधता तो देखते ही बनती थी. साथ में, योगा सीडीज, किताबें तथा और भी बहुत कुछ उपलब्ध हो जाता था.

 

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आरामदेह व स्टाइलिश भी

पिछले 18-19 बरसों से इसी शहर में फैशन बुटीक चला रहीं डौली गर्ग का मानना है, कि आजकल की युवा पीढ़ी यदि वैडिंग ड्रैस, वैडिंग गाउन में लाखों रुपए खर्च करना जानती है, तो प्रैग्नैंसी के समय आरामदेह, स्टाइलिश कपड़ों पर खर्च करने में भी संकोच नहीं करती. उन्होंने बताया, ‘‘समय के साथ सोच बदली है. पुरुष भी साथ आते हैं. मेरे पास जो भी महिला आती है, सब से पहले कहती है, ‘मैडम, ऐसी ड्रैस सिल दो, जिस में सांस भी आए, पेट न दिखे और मैं आकर्षक लगूं.’ इस में किसी को लूज कुरता चाहिए, किसी को एथनिक वियर तो किसी को घेरेदार ड्रैस जो टौप फिटेड हो यानी जो चिपकी न हो, हवादार भी रहे, भले ही अम्ब्रेला कट हो. कुछ ग्राहक ऐसी भी हैं, जो सिर्फ गाउन चाहती हैं. वे काफ्तान मांगती हैं. बाकी रहे युवा पीढ़ी के लोग, जो सिलनेसिलाने के झंझट में नहीं पड़ते, वे मौम ऐंड मी जैसे नामीगिरामी स्टोर्स से अपना मैटरनिटी वार्डरोब तैयार कर लेते हैं.’’

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अच्छी फिटिंग वाले कपड़े

कोटक महेंद्रा ग्रुप की ओर से चंडीगढ़ के सैक्टर-8 में चलाए जा रहे मौम ऐंड मी शोरूम में सारे डिजाइंस मदरहुड चेन से लिए जाते हैं. शोरूम के एक कार्यकर्ता ने बताया, ‘‘हमारे अपने डिजाइन एथनिक और कृति नाम से मशहूर हैं. एथनिक की कुरती का काफी चलन है. यहां इस बात का ध्यान रखा जाता है कि मां को गर्भ के दौरान आरामदेह, ढीलेढाले लेकिन अच्छी फिटिंग वाले कपड़े मिलें. वेस्ट बैंड वाली जींस युवतियों की पहली पसंद है. हमारे यहां मैक्सी विद प्लीट्स, स्कर्ट, काफ्तान, पोंचू, टौप्स और वेस्ट बैंड वाली सलवारकमीज ही ग्राहकों की पहली पसंद रहे हैं. वैस्टर्न और इंडियन दोनों तरह की पसंद रखने वाली ग्राहकों को हम मैटरनिटी वार्डरोब की लिस्ट देते हैं महिलाए जींस, ड्रैस, स्कर्ट, टौप, स्लैक केपरी, स्विमसूट, स्वैटर या गाउन क्याक्या लेना पसंद करें. इस की उन्हे चौइस रहती है हम उन्हें यह भी सलाह देते हैं, एक साइज लूज लें, ताकि आने वाले समय में यह पूरा आ सके.’’

पसंद के अनुकूल डिजाइन

निकेत ऐंड जैनी की फैशन डिजाइनर जोड़ी के निकेत मिश्रा से जब बात हुई तो उन्होंने बताया, ‘‘हम कई नामीगिरामी हस्तियों के लिए ड्रैसेज डिजाइन कर चुके हैं. रही बात मैटरनिटी वार्डरोब की तो उस के लिए, ग्राहक की पसंद के अनुकूल हम डिजाइन तैयार कर देते हैं. मलमल, वायल, सूती कपड़ा या फिर नए टैक्स्चर से नए प्रयोग करना हमें अच्छा लगता है. बस शर्त है कि ड्रैस कूल और सैक्सी लगे.’’ यदि हम कहें कि अमेरिका की ओप्रा विन फ्रे के टौक शोज ने इसे मैटरनिटी इंडस्ट्री बना दिया है, तो इस कथन में कोई अतिशयोक्ति न होगी.

पंजाब में पटियाला शहर के ‘नजाकत’ बैं्रड के डिजाइनर जैसमीन का कहना है, ‘‘मैं ओपरा विन फ्रे की बात को मानती हूं. गर्भावस्था में इनरवेयर यानी लांजरी की बहुत अहमिय होती है. ये बौडी को शेप देते हैं. वहीं, कट, ड्रेप और फौल ये 3 वे मुख्य चीजें हैं, जो परिधान को अमली रूप देती हैं. यदि कट सही हो, कपड़े का फौल अच्छा आता हो तो यकीनन शरीर के उभार को जहां दिखाया जा सकता है वहीं छिपाया भी जा सकता है. यहां प्लीट्स भी महत्त्वपूर्ण हैं. पटियाला सलवार बहुत भारी लगती है, इस की प्लीट्स इस की जान होती हैं, लेकिन गर्भकाल के दौरान यह सलवार नीचे न सरकती जाए, इसलिए इस पर विशेष बैंड सपोर्ट दिया जाता है.’’

 

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प्रैग्नैंसी के दौरान, सलवारसूट की तरह पैंट्स पहनने में भी दिक्कत होती है. इसलिए बैला बैंड ब्रैंड  के परिधानों में विविधता के साथ आराम का प्रावधान है. पैंट विद ऐडजस्टेबल वेस्ट, जींस विद इलास्टिक वेस्ट अच्छी रहती हैं. ओवर बंप हों ये तो ऐडजस्ट हो जाती हैं और लो राइज हों तो गिरती नहीं. इलास्टिक इसे पेट के उभार के अनुसार फिटिंग प्रदान करने का काम करता है. टौप और शर्ट भी स्ट्रैची मैटीरियल की मिलती हैं. यहां तक कि यदि जुड़वां या 3 बच्चे हैं तो भी ऐसे स्ट्रैची टौप्स और स्कर्ट्स को पसंद के अनुरूप पहना जा सकता है. ये कपड़े आप औनलाइन भी खरीद सकती हैं.

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मैटरनिटी वार्डरोब के लिए डै्रैसेज खरीदते समय ध्यान रखें:

ड्रैस ढीली हो.

लंबी अधिक न हो, गिरने का खतरा रहता है.

एड़ी से ऊंची हो.

जहां तक हो सके कौटन ड्रैस लें.

जूते आरामदेह हों, पैर में फिट हों, फिसलने वाले न हों.

बहुत स्टाइलिश ड्रैस के पीछे न भागें. पारंपरिक परिधान फ्राक, बंगाली कुरता आरामदायक रहता है.

एंपायर स्टाइल शर्ट्स/ड्रैस. ये ऊपर से फिट और बस्ट से नीचे एकदम खुली लहराती रहती हैं.

स्कर्ट, पैंट, वेस्ट बैंड या इलास्टिक बैंड वाला बड़ा साइज लें.

बहन, भाभी, सहेली द्वारा इस्तेमाल की गई ड्रैस रखने में भी कोई हरज नहीं.

यदि खुद सिल सकती हैं तो अवश्य सिलें या मनपसंद कपड़ा ले कर सिलवाएं.

पहनने से पूर्व धो लें.

कुछ कपड़े ऐसे रखें, जिन्हें जरूरत के अनुसार सिलवा सकें. जैसे, यदि जुड़वा हों या उभार ज्यादा हो तो उन के अनुकूल.

ये सब बातें ध्यान में रखें तो आप की पोशाक आरामदेह, स्टाइलिश, सस्ती और शरीर के उभारों को सामान्य आकार देती हुई आप की पोशाक यकीनन अच्छी लगेगी.

ट्रैंड न बन जाए ट्रैश

लगभग हर दिन एक नया ट्रैंड आता है और लड़कियां अपना वार्डरोब नए ट्रैंडी कपड़ों से भरना शुरू कर देती हैं. हड़प्पा सभ्यता की बात लगती है जब चंद कपड़ों को ही स्टेटस सिंबल मान कर खुश रहा जाता था. आजकल तो एक से एक टौप, पैंट्स, शूज फैशन में हैं जिन के नाम भी किसी को जल्दी याद न हों, जैसे स्किनी जींस, बेल बौटम्स, बैगी पैंट्स, पंक पैंट्स, पेग लेग पैंट्स, कैमिसोल टौप, कार्डिगन, चोकर टौप, टैंक टौप इत्यादि. यह लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती, बल्कि बढ़ती ही जाती है. पर फैशन का मतलब सिर्फ ट्रैंडी कपड़े पहन लेना ही नहीं है बल्कि सही तरीके से पहनना भी है. बेतरतीब तरीके से पहने गए कपड़े लुक और इम्प्रैशन तो खराब करते ही हैं, कंफर्टेबल भी नहीं होते जिस से हर समय अनईजी फील होता है.

लड़कियों के साथ एक अलग परेशानी यह है कि उन का साइज चार्ट अब बेहद बदल चुका है. मार्केट में जितनी तरह के ब्रैंड्स हैं उतने ही उन के अलगअलग साइज चार्ट हैं. मसलन, यदि एक ब्रैंड का मीडियम साइज आप पहन रहे हैं तो दूसरे ब्रैंड का मीडियम आप को टाइट भी हो सकता है.

इस में एक और मुश्किल यह आती है कि सभी लड़कियां मौल से या औनलाइन साइट्स से शौपिंग नहीं करतीं. वे सरोजिनी या कमला नगर जैसे बड़े बाजारों से तुक्के मार कपड़े ले आती हैं और किसी तरह ऐडजस्ट कर पहन भी लेती हैं. इस एडजस्टमैंट के चलते कभी वे कमर पर लगातार चुभने वाली बैल्ट लगाए रखती हैं तो कभी गले पर कसते हुए स्ट्रैप्स.

सो, यहां कुछ हैक्स दिए जा रहे हैं जिन से आप अपने साइज के सही कपड़े चुन सकती हैं.

1. ब्लेजर

अगर आप अपने ब्लेजर को पहनने के बाद किसी से आसानी से गले न लग सकें तो समझ जाएं कि आप को बड़े साइज के ब्लेजर की जरूरत है. हमेशा ब्लेजर खरीदते समय उसे पहनें और पहन कर गले लगने की कोशिश करें ताकि जिस से आप को अंदाजा हो जाए कि आप का ब्लेजर राइट साइज का है या नहीं.

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2. शौर्ट्स

शौर्ट्स इस तरह के लें जिन्हें पहनने पर शौर्ट्स का हेम यानी निचला हिस्सा आप की जांघों पर नीचे की तरफ गिर रहा हो न कि ऊपर चढ़ रहा हो. ऊपर चढ़ रहे हेम का मतलब है शौर्ट्स छोटे हैं और आप को उन्हें बदलने की जरूरत है.

3. गैप इन शर्ट

फिटेड बटन अप शर्ट्स डी कप साइज या हैवी ब्रैस्ट गर्ल्स के लिए प्रौब्लम क्रिएट करते हैं. यह शर्ट अगर पूरी तरह से बौडीफिट होगी तो उठनेबैठने पर बटनों के बीच गैप नजर आएगा जो शर्मिंदगी का कारण भी बन सकता है. इसलिए शर्ट्स में एक साइज बड़ा लें जिस से वह चैस्ट पर पूरी तरह चिपके नहीं और उठनेबैठने पर बटनों के बीच गैप न बने. आप चाहें तो शर्ट के सभी बटन खोल कर अच्छे फ्लोविंग सिल्क ब्लाउज या टौप के साथ भी पहन सकती हैं.

4. फुटवियर

एक सर्वे के अनुसार, केवल 28 से 37 फीसदी लोग सही साइज यानी लंबाई व चौड़ाई के शूज पहनते हैं. फुटवियर यदि बहुत पतला या छोटा होगा तो आप के पैर का पूरा प्रैशर आप के पंजों व नाखूनों पर जाएगा. इस से इन्ग्रोन टोनेल्स की परेशानी हो सकती है और पैर इन्फैक्टेड हो सकता है. फुटवियर के गलत साइज के चलते आप गिर सकती हैं, स्थिरता खो सकती हैं, आप के पैर में अनेक तरह के इन्फैक्शन हो सकते हैं और इस से पैर को परमानैंट डैमेज भी हो सकता है. इसलिए फुटवियर लेते समय अपना साइज सही तरह से नापें खासकर औनलाइन शौपिंग करते समय इस का ध्यान रखें.

5. जींस

कई बार लड़कियां जींस ट्राई करने के बाद भी गलत साइज ले आती हैं जो अकसर टाइट निकलती है. इसलिए हमेशा जींस ट्राई करते समय 2 उंगलियां कमर में घुसा कर देखें. यदि वे आसानी से जा रही हैं तो जींस की फिटिंग ठीक है, नहीं तो वह आप को टाइट आएगी और बैठने पर आप के पेट पर कसेगी. जींस खरीदते समय यह भी ध्यान दें कि जींस का साइज उस के टाइप के अनुसार होता है. हाई वैस्ट, मिड वैस्ट और नौर्मल वैस्ट जींस का आप को एक ही साइज नहीं आ सकता. अगर आप का वैस्ट साइज 36 है तो आप का हाई वैस्ट साइज कम ही होगा. तो जींस के मामले में थोड़ा संभल कर ही शौपिंग करें.

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6. ओवरसाइज्ड

ओवरसाइज्ड कपड़ों को सही तरह से न पहना जाए तो वे फैशन ब्लंडर से ज्यादा कुछ नहीं लगते. इसलिए जब भी ओवरसाइज्ड स्वैटर पहनें तो उस के साथ लैगिंग्स या स्किनी जींस ही पहनें. इसी तरह जब आप पजामा स्टाइल ट्राउजर पहनें तो ऊपर टाइट शर्ट या जैकेट पहनें.

7. लेयर्स

लेयर्स यानी एक के ऊपर एक कई कपड़े साथ पहनना. लेयर्स पहनते समय केयरफुल रहना जरूरी है वरना आप क्लम्जी भी लग सकते हैं. आप को लूज और टाइट लेयर्स के बीच बैलेंस बनाना होता है. अगर किमोनो पहनें तो उस के अंदर टैंक टौप पहनें और इसी तरह लूज टौप के साथ फिट ब्लेजर स्टाइल करें.

8. पैंट्स

जब आप पैंट्स पहनती हैं तो चाहे आप का बौडी टाइप कुछ भी हो, आप की पैंट की पौकेट्स बाहर नहीं लटकनी चाहिए. अगर आप के बैठने से आप की पौकेट्स उलटी हो जाएं, लटक जाएं, उन के अंदर का हिस्सा लटकने लगे तो आप को यह पैंट बदल देनी चाहिए और एक साइज बड़ा लेना चाहिए. आप को लग सकता है कि यह पैंट कमर पर फिट है लेकिन असल में यह आप का परफैक्ट साइज नहीं है, होता तो पौकेट्स आप की जांघों पर सही बैठतीं.

9. बौडीकोन ड्रैस

यह बौडीफिट ड्रैस है जो आप के कर्व्स को कौंप्लीमैंट करती है. लेकिन, अगर बौडीकोन ड्रैस पहनने पर आप को ऐसा लगे कि आप की सांसें चढ़ रही हैं, आप को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और आप का शरीर दबादबा सा लग रहा है तो आप को ड्रैस का साइज बढ़ा लेना चाहिए या इस ड्रैस को नहीं पहनना चाहिए. सैक्सी आप तब लगेंगी जब ड्रैस आप पर सुंदर लगेगी. टाइट ड्रैस में आप टैंस्ड लगेंगी और हो सकता है भद्दी भी लगें.

10. मिक्सिंग प्रिंट्स

प्रिंट्स मिक्स करना फैशनेबल तो है लेकिन अगर प्रिंट्स गलत मैच कर लिए जाएं तो भद्दे भी लग सकते हैं. ऐसे में हमेशा किन्हीं 2-3 प्रिंट्स को स्टाइल करने से पहले औनलाइन सर्च कर लें और तभी पहनें. एक्सपैरिमैंट्स करना अच्छा है, लेकिन ध्यान से.

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