माइग्रेन सताए तो करें ये उपाय

30 वर्षीय रेहाना पब्लिशिंग हाउस में ऐडिटर हैं. उन्हें भयंकर सिरदर्द रहता है, लेकिन उन्होंने इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया. शुरुआती वर्षों में यह सिरदर्द भयंकर तो था, लेकिन कभीकभी ही उभरता था. मगर फिर सप्ताह में 3 बार उभरने लगा. कई बार तो दर्द बरदाश्त से बाहर हो जाता. फिर जब वे डाक्टर से मिलीं तो उन्होंने बताया कि आप क्रोनिक माइगे्रन से पीडि़त हैं. माइग्रेन के सिरदर्द की सही वजह तो नहीं बताई जा सकती, लेकिन माना जाता है कि मस्तिष्क की असामान्य गतिविधियां स्नायु के सिगनल्स को प्रभावित करती हैं. मस्तिष्क की रक्तनलिकाएं इसे और तीव्र कर सकती हैं. यह डिसऔर्डर लगातार स्थिति बिगाड़ने वाला होता है, जिस से प्रभावित व्यक्ति की जिंदगी अस्तव्यस्त हो जाती है. इस के बावजूद बहुत सारे लोग चिकित्सकीय सलाह नहीं लेते.

क्रोनिक माइग्रेन की स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए. चिकित्सकीय सहायता, पौष्टिक खानपान व लाइफस्टाइल में बदलाव लाने से माइग्रेन की स्थिति पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है.

माइग्रेन का दौरा

माइग्रेन का दर्द बढ़ाने में कई कारक जिम्मेदार होते हैं. मसलन, हारमोनल बदलाव, नींद की कमी, अनियमित खानपान, ऐसिडिटी, अवसाद और धूप में रहना. कुछ महिलाओं को हारमोनल कारणों से मासिकधर्म के समय माइग्रेन का दौरा पड़ता है, जबकि कुछ लोगों को तेज रोशनी, ट्रैफिक के शोरशराबे और तीखी गंध के कारण इस स्थिति से गुजरना पड़ता है. खानेपीने की कुछ चीजों से भी माइगे्रन की संभावना बढ़ती है.

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तनाव और माइग्रेन

माइग्रेन की समस्या मस्तिष्क के स्नायु से शुरू होती है. मस्तिष्क में किसी तरह का बड़ा दबाव मस्तिष्क की गतिविधियों को सक्रिय करते हुए सिरदर्द की स्थिति में ला सकता है. अत: तनाव से यथासंभव बचना चाहिए ताकि हमारे शरीर और मस्तिष्क पर उस का कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े. महिलाओं को अकसर कई तरह की जिम्मेदारियां एकसाथ पूरी करनी पड़ती हैं. अपने कैरियर से जुड़े कामकाज के अलावा उन्हें परिवार की जिम्मेदारी भी उठानी पड़ती है. ऐसी स्थिति में वे बहुत ज्यादा काम के दबाव की स्थिति से गुजरती हैं, इसलिए माइगे्रन उन में ज्यादा पाया जाता है.

नींद का अभाव, भोजन से वंचित रहना, चिंता आदि कारणों से भी तनाव बढ़ता है और यह माइग्रेन के सिरदर्द का कारण बनता है. कई बार दर्दनिवारक दवा के ज्यादा इस्तेमाल से भी बारबार सिरदर्द उभरता है. कुछ समय बाद ये दर्दनिवारक दवाएं दर्द मिटाने में बेअसर हो जाती हैं. इस के अलावा लंबे समय तक दर्दनिवारक दवाओं का इस्तेमाल सिरदर्द के साथसाथ किडनी, लिवर और पेट पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालने लगता है.

उपचार

शुरुआती स्तर के दर्द से नजात दिलाने के लिए डाक्टर अकसर माइगे्रन के बचावकारी इलाज पर ध्यान देते हैं और माइग्रेन के दौरे से उन्हें दूर रखते हैं. स्ट्रैस की स्थिति को बचावकारी उपायों से ही प्रबंधित किया जा सकता है. इस के समाधान में पौष्टिक भोजन सप्लिमैंट, व्यायाम, लाइफस्टाइल में बदलाव माइगे्रन के दौरे को टालने के उपाय हैं. यदि आप धूप के प्रति संवेदनशील हैं तो तेज धूप में न निकलें. कुछ लोगों पर ये उपचार पद्धतियां कारगर होती हैं और इन से उन के जीवन में व्यापक बदलाव आ जाता. हालांकि क्रोनिक माइग्रेन से पीडि़त कुछ लोगों पर ऐसी परंपरागत पद्धतियों का कोई असर नहीं होता. ऐसे लोगों के लिए ओनाबोटुलिनम टौक्सिन टाइप ए का इंजैक्शन ही राहत देता है. ऐसे वयस्क मरीजों को रोग से नजात दिलाने के लिए इस दवा को अमेरिकी फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन से मंजूरी मिली है. जो महीने में 15 या इस से अधिक दिनों तक सिरदर्द की समस्या से पीडि़त रहते हैं, उन्हें यह दवा गंभीर दर्द से राहत दिलाने में कारगर है.

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यह दवा स्नायु के उन संकेतकों को अस्थायी रूप से अवरुद्ध करने का काम करती है, जिन से बेचैनी और दर्द बढ़ाने वाले रसायन प्रवाहित होते हैं. इस दवा का असर कई महीनों तक रहता है. 3 महीनों के अंतराल पर नियमित रूप से इस का इंजैक्शन लेने वाले मरीजों में आश्चर्यजनक सुधार आ सकता है. ओनाबोटुलिनम टौक्सिन टाइप ए इंजैक्शन सिर के पास के कुछ खास बिंदुओं पर लगाए जाते हैं और ये निपुण चिकित्सकों द्वारा ही लगाए जाते हैं. स्ट्रैस मैनेजमैंट भी एक महत्त्वपूर्ण उपाय है, जिसे बेहद तनावपूर्ण जीवनशैली जीने वालों को अपनाना चाहिए. सक्रिय रहें, पर्याप्त नींद लें, क्योंकि नींद की कमी से तनाव और बढ़ता है. तनाव से राहत दिलाने में व्यायाम की भी अहम भूमिका होती है. आराम दिलाने वाले व्यायाम करने की प्रक्रिया अपनाएं, जिन से आप को तनाव से मुकाबला करने में मदद करेगी.       

– डाक्टर राजशेखर रेड्डी 
मैक्स हौस्पिटल, नई दिल्ली

माइग्रेन में फायदेमंद हैं ये पांच फूड

माइग्रेन की प्रॉब्लम बहुत कॉमन हो गई है. ये दर्द कभी भी और कहीं भी हो सकता है. यूं तो माइग्रेन होने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन ये एक अनुवांशिक बीमारी भी है. मतलब, अगर आपके घर में कोई माइग्रेन का पेशेंट रह चुका है तो हो सकता है कि उसकी ये प्रॉब्लम ट्रांसफर हो जाए.

माइग्रेन में सिर के एक ओर तेज दर्द उठता है. इस दर्द को बर्दाश्त कर पाना वाकई बहुत मुश्क‍िल है. उल्टी आना, चक्कर आना और थकान महसूस होना माइग्रेन के प्रमुख लक्षण हैं. माइग्रेन का दर्द सिर के एक हिस्से में होता है इसलिए इसे आम बोलचाल में अधकपारी भी कहते हैं.

माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए कई तरह की दवाइयां मौजूद हैं लेकिन आप चाहें तो कुछ घरेलू उपाय अपनाकर भी माइग्रेन के दर्द को कम कर सकते हैं. कुछ डाइट्स ऐसी हैं जो माइग्रेन की प्रॉब्लम को कम करने का काम करती हैं. खाने-पीने की इन चीजों से आप चाहें तो माइग्रेन की प्रॉब्लम को काफी हद तक कंट्रोल कर सकती हैं.

माइग्रेन होने के कई कारण हो स‍कते हैं. कई बार ये टेंशन की वजह से हो जाता है और कई बार हमारी अस्त-व्यस्त लाइफस्टाइल के चलते. ऐसे में कोशिश करें कि टाइम पर खाएं, सही खाएं और पूरी नींद लें .

इन चीजों को डाइट में शामिल करके आप भी कम कर सकते हैं माइग्रेन का दर्द

1. हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां खाकर

हरी पत्तेदार सब्ज‍ियों में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशि‍यम पाया जाता है. माइग्रेन के दर्द में मैग्नीशियम बहुत ही कारगर तरीके से काम करता है. अनाज, सी-फूड और गेंहूं में भी भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम होता है.

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2. मछली खाना भी रहेगा फायदेमंद

मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन ई पाया जाता है. ये दोनों ही चीजें माइग्रेन के दर्द को कंट्रोल करने में मदद करते हैं.

3. डाइट में जरूर शामिल करें दूध

माइग्रेन में फैट फ्री दूध पीना बहुत फायदेमंद रहेगा. दूध में विटामिन बी पाया जाता है. जो सेल्स को एनर्जी देने का काम करता है. कई बार ऐसा होता है कि दिमाग की नसें सुस्त पड़ जाती हैं और माइग्रेन का दर्द शुरू हो जाता है. ऐसे में में विटामिन बी उन्हें एनर्जी देने का काम करता है.

4. कॉफी पीना भी है फायदेमंद

जिस तरह नॉर्मल सि‍र दर्द में कॉफी और चाय पीना फायदेमंद है उसी तरह माइग्रेन में भी ये काफी मददगार है. माइग्रेन अटैक  आने पर कॉफी पीने से राहत मिलेगी.

5. रेड वाइन भी है बेहतर विकल्प

वाइन और बीयर में टायरामाइन पाया जाता है जो माइग्रेन के दर्द को दूर करने में मदद करता है.

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6. ब्रॉकली

ब्रॉकली में भरपूर मात्रा में मैग्नीशि‍यम पाया जाता है. जिससे माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है.

क्या Migraine आपकी Daily Life को Effect कर रहा है?

अगर आपको तेज सिरदर्द, मतली और प्रकाश और ध्वनि के प्रति ज्यादा संवेदनशीलता है, तो आपका यह सिरदर्द मामूली नहीं है. दरअसल यह सिरदर्द माइग्रेन हैं, जो न केवल आपको पूरी तरह से बिस्तर पर पहुंचा सकता हैं बल्कि आपकी रोजमर्रा की गतिविधियों को भी बाधित कर सकता हैं.द लाइफकार्ट .इन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ प्रवीण जैकब के मुताबिक यह एक सामान्य स्थिति है, जिसका  अनुमानित वैश्विक प्रसार 14.7% है अर्थात यह 7 लोगों में से लगभग 1 को होता है. जब माइग्रेन अटैक होता है, तो माइग्रेन से पीडित व्यक्ति कष्टदायी दर्द से छुटकारा पाने के लिए लगभग हर संभव तरीके को अपनाते हैं. दवा दर्द को कम करने में मदद कर सकती है, और एंटीडिपेंटेंट्स और बीटा-ब्लॉकर्स एपिसोड को रोकने में मदद कर सकते हैं. हालांकि इन सभी दवा की विधियों में मतली, अनिद्रा, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक सहित संभावित साइड इफेक्ट होते हैं. क्लीनिकल स्टडी से पता चला है कि सामान्य देखभाल की तुलना में घरेलू उपचार दर्द से राहत दिलाने में ज्यादा प्रभावी साबित हुआ है.

इस समस्या से निपटने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि पहले यह जान जाएं कि यह समस्या किस वजह से हो रही है. जिन चीजों से यह समस्या ज्यादा होती है उनमे मुख्य रूप से  हाई ब्लड प्रेशर, गर्दन या कंधे की मांसपेशियों में अकड़न, भावनात्मक तनाव, कुछ विशेष दवाएं, एडिटिव्स, या कुछ खाद्य पदार्थ शामिल है. हेलिकोबैक्टर पाइलोरी को आमतौर पर एच-पाइलोरी बैक्टीरिया के रूप में जाना जाता है, यह माइग्रेन, अल्सर और अन्य गैस्ट्रिक समस्याओं को पैदा करने के लिए जाना जाता है. माइग्रेन के लक्षणों को जांचने के लिए  प्राकृतिक उपचारों को अपनाना एक दवा-मुक्त तरीका है. ये घरेलू उपचार माइग्रेन को रोकने में मदद कर सकते हैं या इसकी गंभीरता और इससे पीड़ित होने के समय को कम से कम करने में मदद कर सकते हैं.

1. हाइड्रेशन बहुत जरूरी है 

बिना दवा के माइग्रेन का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप ढेर सारा पानी या इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक  को पिएँ. यह देखा गया है कि डीहाइड्रेशन होने से सिरदर्द होता है. सुनिश्चित करें कि जिस इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक को आप पी रहे हो उसमे  चीनी या रंग न मिलाहो क्योंकि इससे सिरदर्द और ज्यादा बढ़ सकता हैं. विटामिन सी युक्त ड्रिंक पीना सबसे बढ़िया होता है. अगर व्यक्ति को डायबिटीज है तो ड्रिंक में कितनी चीनी है, इसको जरूर जांच लेना चाहिए.

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2. नियमित रूप से योग करें

रिसर्च से पता चला है कि योग करने से सिरदर्द को कम करने में मदद मिल सकती है. योग एक बहुत पुरानी परंपरा है, जिसमे सांस लेने की तकनीक और आसन के माध्यम से दर्द से  छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है. इन आसनों और प्राणायामों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. एक प्रमाणित ट्रेनर के मार्गदर्शन में हर दिन दो बार करने से माइग्रेन के दर्द की गंभीरता कम हो जाएगी और भविष्य के माइग्रेन अटैक  के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी.

3. एक्यूपंक्चर

एक्यूपंक्चर एक ऐसी  वैकल्पिक चिकित्सा तकनीक है जिसमे शरीर के प्रेशर पॉइंट की पहचान करके सुइयों को चुभा करके दर्द और माइग्रेन के अन्य लक्षणों को सही करने में मदद की जाती है. स्टडी ने एक्यूपंक्चर को पुराने सिरदर्द से पीड़ित लोगों के लिए दर्द से छुटकारा पाने के लिए सबसे  विश्वसनीय वैकल्पिक चिकित्सा तकनीक मानी गयी है. यहां तक कि थ्रोबिंग माइग्रेन के दर्द से पीड़ित मरीज को एक्यूपंक्चरिस्ट के साथ सेशन करने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि एक्यूपंक्चरिस्ट भी एक्यूपंक्चर से माइग्रेन के दौरान दर्द से राहत पाने के लिए सबसे सुरक्षित बिना दवा के इस विकल्पों को अपनाने की सलाह देंगे.

4. मेडिटेशन

माइंडफुल मेडिटेशन में बिना किसी निर्णय वाले दिमाग के साथ वर्तमान समय पर ध्यान केंद्रित करना शामिल होता है. मेडिटेशन एक तरह से तनाव को कम करने में मदद करता है, जैसा कि सभी को पता है कि माइग्रेन को बढ़ाने में तनाव सबसे बड़ा कारण है. मन-तन की तकनीक जैसे मेडिटेशन और कुछ समय के लिए आराम करने से  तनाव को कम करके सिरदर्द को दूर  करने में मदद मिल सकती है.

5. एक्सरसाइज

नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से माइग्रेन अटैक होने की संख्या  और  गंभीरता  को कम करने में मदद करता है. लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि ज्यादा मेहनत वाली एक्सरसाइज करने से माइग्रेन के लिए हानिकारक हो सकता है. एक्सरसाइज वास्तव में तनाव से बचाव में मदद करता है, तनाव होना एक सामान्य माइग्रेन ट्रिगर होता है. जब हम एक्सरसाइज करते हैं तो हम फील-गुड हार्मोन रिलीज करते हैं, इन हार्मोन को शरीर के प्राकृतिक दर्द निवारक और एंटी- डिस्पेरेंट भी माना जाता है. अगर आप  माइग्रेन दर्द से पीड़ित हैं तो एक्सरसाइज न करें क्योंकि इससे आपकी स्थिति और खराब हो जाएगी.

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6. ख़ुद से मसाज करना मददगार हो सकता है

टेम्पल्स, कंधों और सिर के पिछले हिस्से के आसपास खुद से मालिश करने से तनाव से होने वाले सिरदर्द में राहत मिल सकती है. खुद से मालिश करने या किसी मालिश चिकित्सक के साथ काम करने से क्रोनिक  गर्दन के दर्द को हल किया जा सकता है और कंधे का तनाव को कम किया जा सकता है, इससे सिरदर्द नहीं होगा. यह हमेशा सलाह दी जाती है कि प्रेशर पॉइंट पर दबाव I-4 पर दबाव डाला जाए, इस पॉइंट को हेगू भी कहा जाता है, यह आपके अंगूठे और तर्जनी के आधार के बीच स्थित होता है. इससे आपको दर्द और सिरदर्द से राहत पाने में मदद मिलेगी.

7. अपने पेट के स्वास्थ्य को  बेहतर रखें

पेट और दिमाग के बीच एक मजबूत संबंध होता है. इसका मतलब है कि अगर हमारे पेंट का स्वास्थ्य सही है तो  इसका असर माइग्रेन की समस्या पर भी पड़ेगा. यही कारण है कि जीआई डिसऑर्डर, जैसे इरिटेबल बोवेल

सिंड्रोम और इन्फ्लेमेटरी बोवेल की बीमारी, और माइग्रेन अक्सर व्यक्ति द्वारा एक साथ अनुभव किया जाता है. अस्वास्थ्यकर खानपान की आदतों और एंटीबायोटिक दवाओं के ज्यादा सेवन में वृद्धि होने से  मानव शरीर में एच-पाइलोरी बैक्टीरिया की संख्या (मानव-आंत के अंदर) अच्छे और महत्वपूर्ण बैक्टीरिया को कम कर देते है, जिससे पेट की समस्या होती है और परिणामस्वरूप माइग्रेन होता है.

8. प्राकृतिक माइग्रेन रिलीफ किट

इन स्टेप्स का पालन करने के बाद भी अगर राहत नहीं मिलती है, तो प्राकृतिक माइग्रेन रिलीफ किट को आजमा सकते हैं. ये सभी किट ऑनलाइन उपलब्ध हैं और माइग्रेन और सिरदर्द से लड़ने तथा ठीक करने के लिए 100% प्राकृतिक इलाज प्रदान करती हैं. ये हर्बल प्रोबायोटिक किट देशी जड़ी बूटियों से बनाई जाती हैं जिनमें काला जीरा, जीरा, चाँद की पत्ती, अदरक, और पुदीना शामिल हैं जो आपके पेट में इंटेस्टिनल फ़्लोरा (आंतों के वनस्पतियों) को पनपने की अनुमति देकर सिरदर्द और दर्द को हल करने में मदद करते हैं.

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माइग्रेन के दर्द से छुटकारा दिलाएंगे ये 14 टिप्स

बहुत से लोगों को माइग्रेन की समस्‍या होती है, जो कि लंबे समय से चली आ रही होती है. जिसे माइग्रेन होता है उसे आधे सिर में काफी तेज का दर्द होता है. जहां सिर दर्द हो रहा होता है वहां की नस सूज जाती है. इस बीमारी में मचली आना, तेज रौशनी का बढ़ जाना, धुंधले धब्‍बे, गर्दन में दर्द आदि महसूस होता है. वैसे तो माइग्रेन का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसे कंट्रोल जरुर किया जा सकता है.

क्‍या आप जानती हैं कि ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जिन्‍हें खा कर आप माइग्रेन के दर्द से तुरंत ही छुटकारा पा सकती हैं. आइये जानते हैं इसके बारे में-

1. पेपरमिंट

पेपरमिंट आपके सिरदर्द को दूर करने में सहायक हो सकता है. आप चाहे तो पिपरमिंट की बनी हुई चाय को पी कर अपना सिर दर्द दूर भगा सकते हैं.

2. मसाला चाय पीएं

मसाला चाय पीने से दिमाग उत्‍तेजित हो जाता है. इसे बनाते वक्‍त इसमें अदरक, लौंग और इलायची डालना ना भूलें.

3. नारियल तेल से मसाज

नारियल तेल से 10-15 मिनट मसाज करने से भी आपको सिर दर्द से राहत मिलेगा. अगर आप गर्मी के समय में सिर दर्द से जूझ रही हैं तो यह नुस्खा प्रभावी तरीके से काम करेगा. यह सिर को ठंडक पहुंचाता है और दर्द कम करने में काफी सहायक है.

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4. अदरक

आयुर्वेद के अनुसार अदरक आपके सिर दर्द को ठीक कर सकता है. यह आपको तुंरत ही आराम दिलाने में मदद करेगी. भोजन बनाते वक्‍त उसमें थोड़ा सा अदरक मिला दें और फिर खाएं. आप चाहें तो अदर की चाय भी बना कर पी सकते हैं.

5. काली मिर्च और पुदीने की चाय

यदि बहुत तेज माइग्रेन का अटैक आ गया हो तो काली मिर्च और पुदीने की चाय का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है. आप चाहें तो ब्लैक टी में पुदीने की कुछ पत्तियां मिलाकर भी ले सकती हैं.

6. लहसुन का रस

लहसुन को पीस कर उसका रस निकाल कर एक चम्‍मच रस पी लें. दरअसल लहसुन एक पेनकीलर के रूप में काम करता है, जिससे सिर दर्द में राहत मिलता है.

7. लौंग और नमक का पेस्ट

लौंग पाउडर और नमक के पेस्ट को दूध में मिलाकर पीएं. नमक में हाइग्रस्कापिक गुण पाया जाता है, जो सिर में मौजूद सभी द्रव्य पदार्थ को सोख लेता है.

8. सिर की मसाज करें

सिर में अगर भारीपन का अहसास हो रहा हो तो तुरंत ही सरसों के तेल को हल्‍का गुनगुना करके सिर की मसाज करें या देसी घी से भी आप हल्‍के हाथों से सिर की मसाज कर सकती हैं. इससे दर्द में राहत मिलती है और उल्‍टी आदि की समस्‍या से भी निजात मिलता है.

9. बर्फ से मसाज लें

तेज दर्द होने पर आप बर्फ की सेंक भी ले सकती हैं. बर्फ को कूटकर किसी रूमाल में रखकर भी सेंक लिया जा सकता है. इससे आपको राहत मिलेगा. दर्द होने पर आइस पैक या एलोवेरा पैक को भी आप अपने आंखों पर रख सकता हैं.

10. लैवेंडर का तेल

नहाने के समय पानी में लैवेडर का तेल मिला लें. इससे आपको काफी आराम मिलेगा पर हां, अगर आपको इससे किसी भी प्रकार की एलर्जी है तो इसका इस्‍तमाल ना करें.

11. पान का पत्ता खाएं

पान अपने दर्दनाशक गुणों के लिए जाना जाता है. इससे सिर दर्द में भी काफी जल्दी आराम मिलता है. आप कुछ पान के पत्ते लें और उसका पेस्ट बना लें. जब आप इसे अपने ललाट पर लगायेंगी तो सिर दर्द में बहुत आराम मिलेगा.

12. मैग्नीशियम

अपने खाने में मैग्‍नीशियम का डोज बढाएं. अपने आहार में 500 मिलीग्राम मैग्नीशियम की खुराख शामिल करें. मैग्नीशियम प्रभावी ढंग से विभिन्न माइग्रेन सक्रियताओं का मुकाबला कर सकता है क्योंकि यह रक्त शर्करा और रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करता है.

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13. कैफीन ज्‍यादा लें

ब्लैक कौफी, जो कैफीन का एक अच्छा स्रोत है, माइग्रेन के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन बहुत ज्‍यादा कैफीन की आदत ना डालें क्‍योंकि अगर आप को इसकी लत लग गई तो यह आपका माइग्रेन कभी ठीक नहीं कर पाएगी. पूरे दिन में आप 100 एम जी कैफीन ही ले.

14. वसा रहित दूध

वसा रहित दूध या उससे बने उत्पाद माइग्रेन को ठीक कर सकते हैं. इसमें विटामिन बी होता है जिसे राइबोफ्लेविन बोलते हैं और यह कोशिका को ऊर्जा देती है.

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