अगर आपको तेज सिरदर्द, मतली और प्रकाश और ध्वनि के प्रति ज्यादा संवेदनशीलता है, तो आपका यह सिरदर्द मामूली नहीं है. दरअसल यह सिरदर्द माइग्रेन हैं, जो न केवल आपको पूरी तरह से बिस्तर पर पहुंचा सकता हैं बल्कि आपकी रोजमर्रा की गतिविधियों को भी बाधित कर सकता हैं.द लाइफकार्ट .इन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ प्रवीण जैकब के मुताबिक यह एक सामान्य स्थिति है, जिसका  अनुमानित वैश्विक प्रसार 14.7% है अर्थात यह 7 लोगों में से लगभग 1 को होता है. जब माइग्रेन अटैक होता है, तो माइग्रेन से पीडित व्यक्ति कष्टदायी दर्द से छुटकारा पाने के लिए लगभग हर संभव तरीके को अपनाते हैं. दवा दर्द को कम करने में मदद कर सकती है, और एंटीडिपेंटेंट्स और बीटा-ब्लॉकर्स एपिसोड को रोकने में मदद कर सकते हैं. हालांकि इन सभी दवा की विधियों में मतली, अनिद्रा, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक सहित संभावित साइड इफेक्ट होते हैं. क्लीनिकल स्टडी से पता चला है कि सामान्य देखभाल की तुलना में घरेलू उपचार दर्द से राहत दिलाने में ज्यादा प्रभावी साबित हुआ है.

इस समस्या से निपटने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि पहले यह जान जाएं कि यह समस्या किस वजह से हो रही है. जिन चीजों से यह समस्या ज्यादा होती है उनमे मुख्य रूप से  हाई ब्लड प्रेशर, गर्दन या कंधे की मांसपेशियों में अकड़न, भावनात्मक तनाव, कुछ विशेष दवाएं, एडिटिव्स, या कुछ खाद्य पदार्थ शामिल है. हेलिकोबैक्टर पाइलोरी को आमतौर पर एच-पाइलोरी बैक्टीरिया के रूप में जाना जाता है, यह माइग्रेन, अल्सर और अन्य गैस्ट्रिक समस्याओं को पैदा करने के लिए जाना जाता है. माइग्रेन के लक्षणों को जांचने के लिए  प्राकृतिक उपचारों को अपनाना एक दवा-मुक्त तरीका है. ये घरेलू उपचार माइग्रेन को रोकने में मदद कर सकते हैं या इसकी गंभीरता और इससे पीड़ित होने के समय को कम से कम करने में मदद कर सकते हैं.

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