Monsoon Special : मानसून में दिखना है खूबसूरत, तो ट्राई करें ये 8 ब्यूटी टिप्स

मौनसून के मौसम में स्किन में संक्रमण, चेहरे की स्किन का फटना, शरीर पर चकत्ते पड़ना, पैरों या नाखूनों पर फंगस होना आदि प्रौब्लम्स का सामना करना पड़ता है. पेश हैं, इन सब प्रौब्लम्स से बचने के उपाय:

1. मौनसून में स्किन एलर्जी से बचें

स्किन की एलर्जी शांत करने के लिए क्लींजिंग, टोनिंग और फिर मौइस्चराइजिंग जरूरी है. बालों को घुंघराले होने और सूखेपन से बचाने के लिए उन्हें पौष्टिकता प्रदान करना आवश्यक है.

2. बालों की केयर भी है जरूरी

घर से बाहर जाने से पहले बालों पर एंटीपौल्यूशन स्प्रे का प्रयोग करें. स्किन को भी सुरक्षित रखना आवश्यक है, इसलिए सनस्क्रीन, एलोवेरा जैल और अन्य स्किन प्रोटैक्टर्स जो आप की स्किन पर सुरक्षात्मक परत बना कर स्किन संबंधी समस्याओं से बचाते हैं, का प्रयोग कर सकती हैं. ये स्किन प्रोटैक्टर्स आप की स्किन के रोमछिद्रों को 6-7 घंटों के लिए बंद कर देते हैं और प्रदूषण से होने वाले नुकसान को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.

3. स्किन को रखें हाइड्रेट

स्किन को हाइड्रेटेड और रिजुविनेट रखने के लिए नियमित रूप से एक्सफौलिएशन और स्क्रबिंग करना तथा ग्लो पैक लगाना भी आवश्यक है. आप जब घर से बाहर निकलती हैं तो जहरीले प्रदूषकों का सामना करने के लिए घर में बने पैक का प्रयोग करना भी अच्छा रहता है.

4. बालों को रखें हैल्दी

मौनसून के मौसम में भीगने से बाल अनहैल्दी और गंदे हो जाते हैं, क्योंकि बारिश के पानी में अनेक प्रकार के कैमिकल्स और विषैले तत्त्व मिले होते हैं. एसे में अच्छे शैंपू और कंडीशनर का प्रयोग करें. ये बालों के सौफ्ट बनाए रखते हैं और उन की नमी को बाहर नहीं जाने देते. बालों की तेल से नियमित मालिश करना भी बेहद जरूरी है, क्योंकि बरसात के दौरान वातावरण में नमी की मात्रा काफी अधिक होती है, जो बालों की जड़ों को बंद कर देती है.

5. बालों की स्टीमिंग करें एसे

तेल लगाने के बाद भी बालों की स्टीमिंग और मास्किंग की जानी चाहिए. यदि आप घर पर ही मास्क तैयार करना चाहती हैं तो सब से अच्छा विकल्प है एवोकाडो के साथ केला, जैतून का तेल या आंवला, रीठा और शिकाकाई जैसी सामग्री का प्रयोग करना. नियमित अंतराल में बालों में कंघी करें.

6. इंफेक्शन से बचना है जरूरी

मौनसून के दौरान सिंथैटिक या टाइट कपड़े न पहनें. ढीले और सूती कपड़े पहनें वरना आप को स्किन इन्फैक्शन और चकत्ते पड़ने जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. सब से महत्त्वपूर्ण बात यह है कि अपनी स्किन पर सभी कीटाणुनाशक उत्पादों जैसे साबुन, पाउडर, बौडी लोशन आदि का प्रयोग करें जो नमी और शरीर से पसीना आने के दौरान भी स्किन को सभी प्रकार के संक्रमणों से बचाने में मदद करते हैं.

7. औयली प्रौडक्ट्स से बचना है जरूरी

मुंहासों और चकत्तों को रोकने के लिए चेहरे को हमेशा साफ रखें. अधिक औयली मेकअप प्रोडक्ट्स का प्रयोग न करें. आप के मेकअप प्रोडक्ट्स पाउडर या मिनरल बेस्ड होने चाहिए जो स्किन के लिए फ्रैंडली होते हैं. इस के अलावा अच्छी गुणवत्ता वाले मेकअप उत्पादों का ही प्रयोग करें, क्योंकि आप की स्किन हाई टैंपरेचर और नमी के कारण जल्दी इन्फैक्शन का शिकार हो जाती है.

8. डाइट का भी रखें ख्याल

फास्ट फूड या अनहैल्दी खाना न खाएं. यदि आप फास्ट फूड खाना ही चाहती हैं या खाने को मजबूर हैं तो आप को यह तय करना चाहिए कि आप का खाना ताजा और गरम हो. पहले से पका खाना बिलकुल न खाएं. अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन 10-12 गिलास पानी जरूर पीएं ताकि शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ पेशाब के द्वारा बाहर निकल सकें. शरीर को साफ रखें. इस के लिए सुबह और शाम दोनों समय स्नान करें.

-आशमीन मुंजाल, हेयर एंड मेकअप एक्सपर्ट, डाइरैक्टर स्टार सैलून एंड एकैडमी द

5 टिप्स: मौनसून में स्किन को नुकसान से बचाएं ऐसे

स्किन शरीर के बचाव में अहम भूमिका निभाती है, मगर कैमिकल्स, संक्रमण, घाव, धूलमिट्टी, प्रदूषण आदि से स्किन बेजान सी हो जाती है. ऐसे में नाजुक स्किन का खास खयाल रखना बहुत जरूरी है. पेश हैं, स्किन से जुड़ी कुछ समस्याएं व उन से बचने के तरीके:

टैनिंग

धूप से निकलने वाली यूवी यानी अल्ट्रावायलेट किरणें स्किन को बेजान कर देती हैं. धूप में ज्यादा समय बिताने से स्किन में टैनिंग हो जाती है.

बचाव: धूप में निकलने से पहले कम से कम 20 एसपीएफ वाली सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें. यदि आप धूप में ज्यादा वक्त बिताती हैं तो हर 3 घंटे में सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें. अगर स्विमिंग भी करती हैं तो पूल में जाने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं. इस से स्किन पर टैनिंग नहीं आएगी. इस के अलावा गौगल्स पहनें, साथ ही हैट भी लगाएं. इन सब का प्रयोग न सिर्फ आप को अट्रैक्टिव बनाएगा, बल्कि स्किन को भी हर समस्या से बचाएगा.

कसे कपड़ों से संक्रमण

आजकल महिलाएं फैशन के चक्कर में कुछ भी पहन लेती हैं, यह सोचे बिना कि जो वे पहन रही हैं कहीं वह उन की स्किन के लिए घातक तो नहीं है. कुछ कपड़े तो ऐसे होते हैं जो स्किन में खुजली पैदा कर देते हैं. ज्यादा कसे और काटने वाले कपड़े पहनने से स्किन में निशान पड़ जाते हैं और कभीकभी तो स्किन कट तक जाती है, जिस से बारबार खुजलाने को मन करता है. यही नहीं ज्यादा देर तक या रोजरोज कसे कपड़े पहनने से स्किन कैंसर होने का भी खतरा रहता है.

बचाव: बाजार में हर मौसम के अनुसार कपड़े मिलते हैं. आप बाजार से फैशनेबल के साथसाथ स्किन फ्रैंडली कपड़ों का चुनाव करें. हलके और आरामदायक फैब्रिक वाले कपड़े पहनें.

रूखी और बेजान स्किन

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त पानी का सेवन जरूरी है. पानी की कमी से स्किन रूखी पड़ जाती है. फिर रूखेपन के कारण उस में दरारें आ जाती हैं जो बैक्टीरिया और फंगस को पनपने का मौका देती हैं. रूखी स्किन बेजान तो दिखती ही है, साथ ही इस में झुर्रियां भी पड़ने लगती हैं.

बचाव: स्किन को रूखेपन से बचाने के लिए दिन में कम से कम 2-3 लिटर पानी का सेवन जरूर करें. जब आप नहा कर आती हैं, तो उस के तुरंत बाद मौइश्चराइजिंग लोशन लगाएं. अगर स्किन ज्यादा रूखी है,तो हर 3-4 घंटे में लोशन लगाएं. स्किन को नरिश करने के लिए नारियल तेल का भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

कील मुंहासे

यह सच है कि हारमोंस में बदलाव मुंहासों को न्योता देता है, लेकिन इस के अलावा कई और कारण भी होते हैं, जिन से कीलमुंहासे निकलते हैं. जैसेकि ज्यादा पसीना आना, उमस, तनाव, स्किन को बारबार छूना आदि.

बचाव: बारबार फेस वाश करने से मुंहासे घातक रूप ले लेते हैं, इसलिए ऐसा करने से बचें. साफसफाई के साथसाथ खुद को तनाव से दूर रखें, उमस से बचें और स्किन को बारबार हाथ न लगाएं. यदि मुंहासों की हालत गंभीर है, तो तुरंत डाक्टर से सलाह लें.

स्किन का पीला पड़ना

धूम्रपान से स्किन उम्र से पहले ही बेजान नजर आने लगती है और उस में झुर्रियां भी पड़ जाती हैं. धूम्रपान स्किन की बाहरी परत की नसों को छोटा कर देता है, जिस से रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है और स्किन पीली पड़ने लगती है. धूम्रपान स्किन में औक्सीजन और पोषक तत्त्वों को भी प्रभावित करता है, जोकि स्किन के स्वास्थ्य के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं. धूम्रपान से होंठ और आंखें भी काली पड़ने लगती हैं. यही नहीं धूम्रपान से स्किन और शरीर में कैंसर होने का जोखिम भी रहता है.

बचाव: स्किन को स्वस्थ बनाए रखने के लिए तुरंत धूम्रपान बंद कर दें.

स्किन इरिटेशन

जर्म्स, तेल, गंदगी और डैड सैल्स को हटाने के लिए नियमित रूप से फेस वाश करना जरूरी होता है. हालांकि, स्क्रबिंग से स्किन में इरिटेशन हो सकती है, जिस से वह फट जाती है. कई महिलाएं अपनी स्किन को ज्यादा रगड़ कर स्क्रब या फेस वौश करती हैं, जो ठीक नहीं है.

बचाव: जैंटल स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें. चेहरे को माइल्ड क्लींजर और कुनकुने पानी से धो लें. चेहरे की उंगलियों से सर्कुलर मोशन में मसाज करें. साबुन या झाग को पूरी तरह निकालने के लिए चेहरे को पानी से अच्छी तरह धोएं. चेहरे को रगड़ने के बजाय तौलिए से थपथपा कर पोंछें.

 -डा. गौरव भारद्वाज

कंसल्टैंट डर्मैटोलौजी, सरोज सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल,

नई दिल्ली

तो नहीं होगी मेकअप से एलर्जी

आज शायद ही ऐसा कोई इवेंट होगा, जहां महिलाएं मेकअप कर के न जाएं क्योंकि मेकअप भले ही थोड़ी देर के लिए, लेकिन उन की ब्यूटी और अट्रैक्शन को बढ़ाने का काम करता है और उन के चेहरे की खामियों को पूरी तरह से छिपा देता है.

लेकिन कई बार जिन ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल हम खुद के रूप को निखारने के लिए करते हैं वे असल में हमारे रूप को बिगाड़ने का काम भी करते हैं. जब तक हमें पता चलता है तब तक देर हो चुकी होती है.

ऐसे में जरूरी है आप को मेकअप ऐलर्जी के बारे में और प्रोडक्ट्स में कौन से इनग्रीडिऐंट्स आप की स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इस की जानकारी होना ताकि आप मेकअप ऐलर्जी से खुद को बचा सकें.

इस संबंध में जानते हैं फरीदाबाद के ‘एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज’ के डर्मैटोलौजिस्ट डाक्टर अमित बांगा से:

किसकिस से मेकअप ऐलर्जी

क्या आप के साथ भी ऐसा हुआ है कि आप ने स्किन पर मेकअप अप्लाई किया हो और अचानक स्किन पर रैड रैशेज पड़ गए हों. यही नहीं बल्कि जलन, खुजली, सूजन, दर्द इस कदर हो कि उसे सहन करना भी मुश्किल हो जाता. तब आप सोचती होंगी कि काश मैं ने मेकअप किया ही न होता. लेकिन आप को बता दें कि चेहरे पर ऐलर्जी आप को किनकिन प्रोडक्ट्स से हो सकती है.

फाउंडेशन व कंसीलर: फाउंडेशन का इस्तेमाल स्किन टोन को इंप्रूव करने व दागधब्बों को कवरअप करने के लिए किया जाता है. लेकिन क्या आप जानती हैं कि इन में ऐसे कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें ऐक्सपर्ट्स लगाने की सलाह नहीं देते हैं. लेकिन जब आप इन का रोजाना इस्तेमाल करने लगती हैं तो स्किन पर उस से ऐलर्जी हो जाती है.

बता दें कि इन में पैराबेंस, खुशबू, प्रिजर्वेटिव्स, ट्रिक्लोसन, सोडियम लौरेथ सल्फेट, फतहलातेस, लेड का इस्तेमाल किया जाता है. ये सब चीजें फाउंडेशन व कंसीलर के कलर, उस की शैल्फ लाइफ व उस में खुशबू बनी रहे, इस के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, जो स्किन पर ऐलर्जी, पोर्स को क्लोज करने, ऐक्नों के साथसाथ कैंसर व इनफर्टिलिटी का कारण भी बनती हैं.

इसलिए जब भी फाउंडेशन खरीदें तो देखें कि उस में स्किन की हैल्थ का खयाल रखने वाले इनग्रीडिऐंट्स जरूर होने चाहिए जैसे जिंक औक्साइड आदि. यह फाउंडेशन सैंसिटिव स्किन के लिए बैस्ट माना जाता है. साथ ही यह सन प्रोटैक्शन से भी बचा कर ऐजिंग प्रोसैस को भी स्लो करने का काम करता है.

ये भी पढ़ें- Silky Hair के लिए जानें कौन से हैं सही प्रोडक्ट्स

ब्लश व हाईलाइटर: मेकअप किया और ब्लश व हाईलाइटर अप्लाई नहीं किया, ऐसा हो ही नहीं सकता क्योंकि ब्लश से चीकबोंस की ब्यूटी को निखार मिलने के साथसाथ चेहरे पर एक अलग ही फ्रैशनैस आती है. वहीं हाईलाइटर कंटूरिंग व शाइन लाने का काम करता है.

लेकिन कई बार ब्लश व हाईलाइटर के इस्तेमाल से चेहरा भी खराब हो जाता है. उस पर इतनी अधिक ड्राईनैस आ जाती है कि कोई भी क्रीम, मौइस्चराइजर काम नहीं करता है क्योंकि इस के एक शेड को बनाने के लिए 3-4 पिगमैंट्स व कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है और जिन महिलाओं को कलर से ऐलर्जी होती है इस से उन्हें नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए जब भी ब्लश का इस्तेमाल करें तो कोशिश करें कि आप का प्रोडक्ट और्गेनिक हो. नैचुरल शेड यूज करें. इस बात का खास ध्यान रखें कि ब्लश व हाईलाइटर के लिए जिस भी ब्रश का इस्तेमाल करें वह साफ होना चाहिए क्योंकि यह भी ऐलर्जी का एक खास कारण होता है.

आई मेकअप: आंखों को निखारना हो, उन्हें बड़ा दिखाना हो, उन्हें संवारना हो इस के लिए आई मेकअप का सहारा लिया जाता है, जिस के लिए काजल, लाइनर, मसकारा, आईशैडो, आईलैश कर्लर्स का इस्तेमाल कर के उन्हें मनमुताबिक रूप में संवारने की कोशिश की जाती है.

लेकिन कई बार यह आंखों की ऐलर्जी का कारण भी बन जाता है क्योंकि इस में लेड सल्फाइड, कार्बन ब्लैक, ऐथानोल माइन, बेंजल्कोनियम क्लोराइड (प्रिजर्वेटिव), प्राइम यलो कारनोबा वैक्स (वाटरप्रूफ बनाने के काम आती है), फौर्मेल्डह्यदे रिलीजिंग प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया है.

साथ ही हैवी मैटल्स, ऐल्युमीनियम पाउडर, ये सभी कैंसर, आंखों में ड्राईनैस, ऐलर्जी, रैडनैस का कारण बनते हैं. इसलिए जब भी आई मेकअप की बात आए तो आप इनग्रीडिऐंट्स देख कर ही प्रोडक्ट्स खरीदें. वाटरप्रूफ प्रोडक्ट से बचें क्योंकि ये ड्राईनैस का कारण बनते हैं. जिस प्रोडक्ट में कम से कम कैमिकल का इस्तेमाल किया हो, वही बैस्ट होता है.

लिपस्टिक: लिपस्टिक के बिना मेकअप अधूरा होता है. तभी तो आज महिलाएं चाहे उन्हें घर से दो कदम दूर जाना हो या फिर किसी पार्टी में वे खुद को ग्लैमरस दिखाने के लिए अलगअलग तरह के अलगअलग शेड्स में लिपस्टिक्स ट्राई करने से नहीं चूकतीं. लेकिन शायद आप इस बात से अनजान हैं कि लिपस्टिक्स में इस्तेमाल होने वाले कैमिकल्स आप के लिप्स को नुकसान पहुंचाने के साथसाथ लिप्स के जरीए आसानी से आप के शरीर में जा कर आप को बीमार कर देते हैं.

इस में मिथाइलोपैराबीन का इस्तेमाल प्रिजर्वेटिव्स के तौर पर किया ज्यादा है जो ऐलर्जी के साथसाथ कैंसर का भी कारण बनता है. इस में सिंथैटिक ड्राई का भी इस्तेमाल किया जाता है जो पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स से आती है. इस से स्किन पर जलन व इरिटेशन की समस्या पैदा होती है.

इसलिए जब भी लिपस्टिक, लिप ग्लौस, लिप बाम का चयन करें तो देखें कि उस में नैचुरल प्रिजर्वेटिव के साथसाथ ऐसैंशियल औयल्स का भी ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया हो.

बिंदी व सिंदूर: ट्रैडिशनल लुक की बात आए और बिंदी का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. लेकिन अगर आप लंबे समय तक बिंदी व सिंदूर का इस्तेमाल करती हैं तो वह ऐलर्जी का कारण बनता है क्योंकि किसी बिंदी की ग्लू अच्छी नहीं होती तो कई बार हमारी आदत होती है कि हम एक ही बिंदी को शीशे वगैरह पर चिपका कर बारबार इस्तेमाल करती हैं, जो स्किन ऐलर्जी का कारण बनता है.

वहीं लिपस्टिक से सिंदूर लगाने की आदत व रैग्युलर सिंदूर लगाने से उस में इस्तेमाल होने वाले रैड लेड आगे के बालों को झड़ने व उस एरिया में ड्राईनैस लाने के साथसाथ आप के शरीर के लिए भी खतरनाक साबित होते हैं.

इसलिए हमेशा एक चीज की आदत न डालें और बिंदी व सिंदूर हमेशा ब्रैंडेड ही खरीदें ताकि आप का सिंगार आप की खूबसूरती को कम न करे.

नेल पेंट: नेल पौलिश लगाने का शौक हर लड़की व महिला को होता है क्योंकि यह नाखूनों व हाथों की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करता है. आज सिर्फ एक ही नेल पेंट से नाखूनों को रंगने का ट्रैंड नहीं है, बल्कि इस के बढ़ते चलन को देखते हुए नेल आर्ट का चलन चल गया है.

ये भी पढ़े-ं कैसे चुनें परफैक्ट फाउंडेशन

लेकिन यह भी सच है कि कई नेल पौलिश व नेल रिमूवर के इस्तेमाल के कारण नेल्स पीले व कमजोर होने लगते हैं, जिस के कारण हर समय नाखूनों को रंगना मजबूरी बन जाती है क्योंकि नेल पेंट्स में फौर्मेल्डह्यदे, टोल्यूने जैसे कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो नाखूनों को कमजोर, पीला व वे पील होने लगते हैं. इन से फर्टिलिटी भी प्रभावित होती है. वहीं नेल रिमूवर में एसीटोन, टोल्यूने, मेथानोल जैसे कैमिकल्स का इस्तेमाल होने के कारण ये कैंसर, स्किन एलर्जी व सिरदर्द का कारण बनता है.

इसलिए हमेशा कैमिकल फ्री नेल पोलिश व रिमूवर का इस्तेमाल करें और जब भी नेल पौलिश अप्लाई करें तो उस से पहले बेस कोट जरूर अप्लाई करें ताकि वह प्रोटैक्टिव लेयर का काम कर सके.

क्रीम्स व लोशंस: बहुत सी फेस क्रीम्स ऐलर्जी का कारण बनती हैं क्योंकि एक तो उन में कैमिकल्स का इस्तेमाल होता है और दूसरा आप जब उसे अपनी स्किन टाइप को ध्यान में नहीं रख कर खरीदती हैं तो यह ऐक्ने, पोर्स को क्लोज करने, स्किन इचिंग जैसी समस्याओं का कारण बनती है. बहुत सी फेस क्रीम्स, लोशंस में मिनरल औयल का इस्तेमाल किया जाता है जो स्किन के लिए ठीक नहीं होता क्योंकि ये पोर्स को क्लोज कर देता है, जिस से टौक्सिंस स्किन से बाहर नहीं निकल पाते और जो ऐक्ने का कारण बनते हैं. पैराबींस का इस्तेमाल ऐलर्जी के साथ हारमोंस के संतुलन को बिगाड़ने का काम करता है.

क्या है ट्रीटमैंट

– अगर आप को मेकअप के बाद ऐलर्जी हो गई है तो आप सब से पहले फेस को वाश कर के उसे बर्फ से ठंडक दें ताकि स्किन रिलैक्स हो सके. लेकिन फिर भी आराम न मिले तो आप ऐंटीऐलर्जी मैडिसिन लेने के साथसाथ 1% हाइड्रोकोर्टीसोन क्रीम अप्लाई करें. लेकिन फिर भी 2 -3 दिन में आराम न मिले तो डर्मैटोलौजिस्ट को दिखाएं.

– डर्मैटोलौजिस्ट माइल्ड मौइस्चराइजर बताते हैं.

– ट्रोपिकल स्टेरौइड्स क्रीम बताते हैं, लेकिन इन्हें डाक्टर की सलाह के बाद ही लगाना चाहिए.

– ऐंटीऐलर्जी टैबलेट दी जाती हैं.

– थोड़े दिन कैमिकल्स, फैशियल, ब्लीच से दूर रहने की सलाह दी जाती है.

– कौस्मैटिक सीरीज का पैच टैस्ट करवाया जाता है, जिस से ब्यूटी प्रोडक्ट के किस इनग्रीडिऐंट से ऐलर्जी है, इस का पता लगाया जाता है.

– ऐलर्जी के कारण लिप्स या स्किन पर हुई पिगमैंटेशन को कम करने के लिए टायरोसिनैस इनहिबिटर्स दिया जाता है.

– ऐलर्जी ठीक होने पर भी खास तरह के स्किन केयर प्रोडक्ट्स लगाने को कहा जाता है.

– ट्रीटमैंट बीच में नहीं छोड़ना चाहिए.

ये भी पढ़ें- फेस लिफ्ट सर्जरी कराने से पहले ध्यान रखें कुछ ज़रूरी बातें

स्किन को एलर्जी से दूर रखने के लिए अपनाएं ये टिप्स

यह बहुत जरूरी है कि हम अपनी स्किन की देखभाल अच्छी तरह से करें. अक्सर इस मौसम में त्योहार हमें व्यस्त रखते हैं कि हम अपनी स्किन की अनदेखी करते हैं और सही देखभाल न करने का खामियाजा हमें बाद में भुगतना पड़ता है. डरमैटोलोजिस्ट सचिन गुप्ता का कहना है कि जिस वातावरण में हम रहते हैं वह हमारी स्किन के लिए बेहद नुकसानदायक है. जैसे प्रदूषण का स्तर और खाने-पीने की गलत आदतें. इन सब के चलते हमारी स्किन डल सूखी और पिगमेंटेशन से भरी हो जाती हैं .ऐसे में स्किन को चमकदार बनाए रखने के लिए विशेष देखभाल की जरूरत होती है. सबसे अहम बात ,यह मौसम स्किन के लिए ज्यादा अच्छा नहीं होता .क्योंकि कभी गर्म हवा तो कभी नमी, तो कभी आद्रता, हवाओं में रहती है. जिसकी वजह से ढेरों स्किन की प्रॉब्लम शुरू हो जाती हैं. हवा की वजह से चेहरे की स्किन बेजान और रुखी सी लगने लगती है. ऐसे में कुछ सावधानी बरतने की बहुत जरूरत होती है.

स्किन के प्रकार

तैलीय स्किन

इस प्रकार की स्किन को सबसे ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है क्योंकि डीप क्लींजिंग के बाद भी काफी चमकदार दिखती है और इस तरह की स्किन के पोर्स काफी बड़े होते हैं. इस तरह की स्किन पर मुहांसे, काले धब्बे तथा सफ़ेद धब्बे होने की संभावनाएं ज़्यादा होती हैं. तैलीय स्किन को दिन में दो बार बिना झाग वाले क्लीन्ज़र से फेस वॉश करें .  आप  अल्कोहल फ्री ,नमी प्रदान करने वाला टोनर भी इस्तेमाल कर सकती हैं. कॉटन कपड़ों का इस्तेमाल करें आपके शरीर पर कम से कम औयल का जमाव हो .

ये भी पढ़ें- 200 के बजट में खरीदें ये 4 मैट लिपस्टिक

रूखी स्किन

स्किन में नमी कम होने के कारण स्किन रूखी हो जाती हैं. इस प्रकार की स्किन में काले धब्बों के पैदा होने की संभावना ज़्यादा होती है. यदि स्किन रूखी है तो डेली क्लीन्ज़र और गुनगुने पानी की मदद से अपने चेहरे को साफ़ करना चाहिए. चेहरे को धो लेने के बाद रूखेपन और पपड़ीदार स्किन से बचने के लिए एक टोनर का भी प्रयोग करें.

सामान्य स्किन

सामान्य स्किन की पहचान है कि  मौसम में बदलाव होने की वजह से कक्षा में परिवर्तन आता  है. ऐसी स्किन को एक क्लीन्ज़र की सहायता से धोना या साफ करना चाहिए.

मिश्रित स्किन टी जोन एरिया

मिश्रित स्किन के अंतर्गत एक ही चेहरे पर दो प्रकार के स्किन के प्रकार दिखाई पड़ते हैं. ऐसी स्किन पर किसी एक भाग पर काफी मात्रा में तेल होता है. अधिकांशत: माथा, नाक और थोडी सबसे आयली जोन माने जाते हैं. जबकि चेहरे का  बाकी का हिस्सा आमतौर पर सूखा ही होता है.

सेंसिटिव स्किन

सेंसिटिव स्किन पर कुछ भी इस्तेमाल करने से पहले किसी एक अच्छे डर्मेटोलौजिस्ट से सलाह लेना सही रहता है. क्योंकि इस तरह की स्किन को सौन्दर्य उत्पादों से ही नहीं बल्कि हर मौसम में एलर्जी रहती है, चाहे ठंडा हो या गर्म . बदलते मौसम के साथ इस प्रकार की स्किन ज्यादा सेंसिटिव हो जाती है. मौसम के बदलने पर आपकी स्किन पर रैश लालपन, एक्ने, डाईलेटेड केपिलरी  सूजन जैसी समस्याएं दिखाई पड़ती हैं. सेंसिटिव स्किन  पर क्लींजर तथा टोनर का प्रयोग करके रोज़ाना उसपर मौइस्चराइज़र का प्रयोग करें .

कुछ जरूरी टिप्स जो आप अपना कर अपनी स्किन को रख सकते हैं हैप्पी.

मेकअप हटाए बिना न सोयें

चाहे आप कितने भी व्यस्त हों, अपना मेकअप हटाए बिना कभी ना सोए .अगर आप एक अच्छे क्लींजर से मेकअप को अच्छी तरह नहीं निकालेंगे ,तो स्किन के छिद्र बंद हो जाएंगे और यह स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं .सोने से पहले एक अच्छे मॉइस्चराइजिंग क्लींजर से मेकअप और धूल मिट्टी को अच्छी तरह से साफ करें और दिन में दो बार अपने चेहरे को फेस वौश से धोएं.

क्लींजिंग

बेसिक होने के अलावा यह बेहद ही अहम रुल भी है .जिसे हमे रिलीजियसली फॉलो भी करना चाहिए .स्किन को साफ रखने से कील मुहांस और इन्फेक्शन के चांसेस कम हो जाते हैं. फेस वॉश का मतलब यह नहीं है कि आप दिन भर में 4 से 5 बार मुंह धोए और आपको मिल गई क्लींजिंग .नहीं अगर आप वाकई अपने स्किन को प्रोटेक्टेड रखना चाहती हैं तो कोशिश करें कि आप दिन में केवल दो या तीन बार ही मुंह को धोएं .इसके साथ ही ड्राइनेस को ट्रीट करने के लिए आप कॉटन बॉल में ठंडे दूध का प्रयोग करें और चेहरे को साफ करें .या अत्याधिक ऑयल हो तो किसी एस्ट्रिंजेंट का इस्तेमाल करें. इससे आपका चेहरा बेबी सॉफ्ट या डर्ट फ्री हो जाएगा.

स्क्रबिंग

वैसे तो स्क्रबिंग बेहद ही जरूरी है स्किन को हेल्थी व क्लीन रखने के लिए .लेकिन आप चाहे तो इस रूटीन में थोड़ी सी फेरबदल भी कर सकते हैं. जहां तक हो सके हफ्ते में केवल एक या दो बार ही स्क्रब करें. ज्यादा स्क्रबिंग से भी आपकी स्किन को नुकसान पहुंच सकता है. स्क्रबिंग स्किन को हेल्थी रखने के लिए जरूरी है. स्किन को हेल्थी रखने के लिए हो सके तो माइल्ड स्क्रब का ही प्रयोग करें .आप चाहे तो अपना स्क्रब घर में खुद तैयार कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- लिपस्टिक नहीं है ‘लिप टिंट’, जानें क्या है फर्क

मौइस्चराइजिंग

वैसे तो चेहरे को हर सीजन में मॉश्चराइजर करना चाहिए. लेकिन इस रूल को इस मौसम में थोड़ा कम तवज्जो देनी चाहिए .दरअसल गर्म हवाएं या अत्याधिक नमी का मौसम  हमारे चेहरे के ग्लो को कम कर देता है . इस मौसम में अत्यधिक पसीना आता है और स्किन पर ब्लैकहेड्स जैसी समस्याएं होने लगती हैं. नतीजा हमारी स्किन बेजान सी दिखने लगती है ऐसे में स्किन को माइश्चर की डोज़ की कम जरूरत होती है और किसी सूदिंग एजेंट जैसे एस्ट्रिंजेंट की ज्यादा.

ड्रिंक मोर

पानी हमारी बॉडी में संतुलन बनाए रखता है .यह ना सिर्फ स्किन को हेल्दी बनाता है बल्कि बॉडी को भी दुरुस्त रखता है .एक्सपर्ट्स की मानें तो व्यक्ति को रोजाना कम से कम 8 से 10 गिलास पानी का सेवन करना चाहिए .इससे चेहरे की इलास्टिसिटी बनी रहती है और चेहरा खूबसूरत ,स्किन जवान नजर आने लगती है.

टोनिंग

अगर आप अपनी स्किन को यंगर लुकिंग और हेल्दी बनाना चाहती हैं ,तो टोनिंग जैसे महत्वपूर्ण रुल को जरूर अपनाएं. रोजाना चेहरे की टोनिंग करने से एजिंग के साइन खत्म हो जाते हैं और स्किन  नजर आने लगती है. वैसे तो बाजारों में बहुत से टोनर मिल जाएंगे .आप अपनी स्किन के अनुसार अपने लिए बेस्ट प्रोडक्ट चुन सकती हैं.

फेस पैक

चेहरे को पैंपर करने के लिए फेस पैक का प्रयोग करें. फेस पैक लगाने से हमारे चेहरे की कमियां काफी हद तक दूर हो जाती हैं, जिससे हम फ्रेश व कौन्फिडेंट भी महसूस करने लगते हैं. जहां तक संभव हो सके नेचुरल इंग्रेडिएंट्स युक्त फेस पैक भी इस्तेमाल करें .ऐसा करने से साइड इफेक्ट के चांसेस कम हो जाते हैं.

सनस्क्रीन क्रीम

स्किन को सूर्य  की किरणों से बचाना बेहद ही जरूरी होता है. खासकर तब जब बात ब्यूटी को संजो कर रखने की हो रही हो. स्किन बेहद डेलिकेट होती हैं और उसे प्रोटेक्ट करके रखना बहुत बड़ी जिम्मेदारी का काम होता है. एक अच्छा सनस्क्रीन क्रीम काफी हद तक आपकी स्किन प्रौब्लम को दूर करने में मदद करती है.इस मौसम में सनस्क्रीन क्रीम स्किन की देखभाल के लिए जरूरी है. जब भी घर से बाहर जाना हो तो सनस्क्रीन का प्रयोग करें. यही नहीं, हो सके तो घर में भी नहाने के बाद सनस्क्रीन क्रीम लगाए. ऐसा नहीं है कि सिर्फ घर से बाहर जाने पर ही सनस्क्रीन की जरूरत पड़ती है. इन दिनों में सूरज की किरणें काफी तेज होती हैं जो हमारी स्किन को नुकसान पहुंचाती हैं. जिसकी वजह से स्किन रूखी बेजान हो जाती हैं और जगह-जगह स्किन पर सनटैन दिखाई देने लगते हैं . स्किन क्रीम SPF 15 या उससे ज़्यादा का हो.  लोशन एवं फाउंडेशन वही इस्तेमाल करें जिनमें SPF की मात्रा हो.

तेल से करें मालिश

सुबह उठने के बाद अपने को 15 मिनट दे और पूरे शरीर की स्किन चेहरे और सिर पर गुनगुने तेल से मालिश करें. इसे 1 घंटे के लिए छोड़ दें. ऐसा सप्ताह में एक बार करें .तब तक अपने रोजमर्रा के काम को निपटाएं. जैसे अखबार पढ़ना, तैयार होना, नाश्ता करना आदि और इन सबके बाद एक घंटा पूरा होने पर नहाए .इससे पूरे दिन ही नहीं बल्कि पूरे हफ्ते के लिए आपकी स्किन स्वस्थ बनी रहेगी.

स्किन को दें पोषण

किसी अच्छे डर्मेटोलौजिस्ट से मिले और और अपनी स्किन के प्रकार को जाने. स्किन के प्रकार के अनुसार आप महीने में एक बार फेशियल करवाएं, जिससे आपकी स्किन को पोषण मिले. जुवेडर्म रिफाइन फिलर भी स्किन की ऊपरी परत को हाईल्यूरोनिक एसिड से पोषण प्रदान करते हैं, जिससे स्किन हाइड्रेट हो जाती है और इसमें पानी का स्तर सामान्य बना रहता है. स्किन जवान और चमकदार दिखती है.

ये भी पढ़ें- ब्लीच के इस्तेमाल से पहले जान लें ये बातें

सोना और पानी पीना

नींद के दौरान स्किन अपनी मरम्मत करते हैं .दुर्भाग्य से त्योहारों के दिनों में हम इन दोनों ही चीजों पर ध्यान नहीं देते. अक्सर हम अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते और पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते . इसलिए जरूरी है कि अपनी नींद पूरी करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिए. ये ३ टिप्स अपना कर, आप भी हैप्पी और आपकी स्किन भी हैप्पी.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें