मेरी मां को बच्चेदानी का सर्विक्स कैंसर हुआ था, क्या मुझे भी होने का रिस्क है?

सवाल

मैं 32 साल की महिला हूं. मेरी मां को बच्चेदानी का सर्विक्स कैंसर हुआ था, जिस से वे दुनिया से चल बसीं. क्या मुझे भी यह कैंसर होने का रिस्क है? अपने बचाव के लिए मैं क्याक्या उपाय कर सकती हूं?

जवाब-

यह सच है कि कुछ खासखास कैंसरों जैसे ब्रैस्ट कैंसर में मां या बहन को कैंसर होने पर स्त्री में उस कैंसर के होने का रिस्क बढ़ जाता है, पर यह जोखिम सरविक्स कैंसर के साथ नहीं देखा गया. अब तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है, जिस से सरविक्स कैंसर की उपज में जेनेटिक कारकों के होने की पुष्टि होती हो. अत: मां को हुए रोग को ले कर आप अनावश्यक ही यह चिंता न रखें कि कहीं आप को भी यह रोग तो नहीं हो जाएगा. बचाव के लिए अच्छा यह होगा कि आप अपने पर्सनल हाइजीन का पूरा ध्यान रखें. यदि कभी योनि से असामान्य खून आए तो उसे नजरअंदाज न करें और तुरंत गाइनोकोलौजिस्ट से सलाह लें.

मैं 35-36 की उम्र में मां बनना चाहूं तो क्या इस में कोई समस्या आ सकती है?

सवाल

मैं 25 साल की विवाहित महिला हूं. मेरे कुछ सपने हैं, इसलिए मैं अभी मां नहीं बनना चाहती. यदि मैं 35-36 की उम्र में मां बनना चाहूं तो क्या इस में कोई समस्या आ सकती है? कुछ लोग कहते हैं कि इस उम्र में मां बनना संभव नहीं है. क्या यह सच है?

जवाब-

बढ़ती उम्र के साथ अंडों की संख्या और गुणवत्ता दोनों ही कम होने लगती है, जिस कारण इस उम्र में कंसीव कर पाना मुश्किल होता है. यदि आप ने ठान लिया है कि आप 35 की उम्र में मां बनना चाहती हैं, तो इस में कोई समस्या नहीं है. आज साइंस और टैक्नोलौजी में प्रगति के कारण कई ऐसी तकनीकें उपलब्ध हैं, जिन के माध्यम से इस उम्र में भी गर्भधारण किया जा सकता है. इस के लिए आप आईवीएफ की मदद ले सकती हैं.

आप की उम्र अभी कम है, इसलिए आप के अंडों की गुणवत्ता अच्छी होगी. आप अपने स्वस्थ अंडे फ्रीज करवा सकती हैं जो भविष्य में मां बनने में आप के लिए सहायक साबित होंगे और आईवीएफ ट्रीटमैंट भी आसानी से पूरा हो जाएगा. फ्रीज किए अंडे को आप के पति के स्पर्म के साथ मिला कर पहले भू्रण तैयार किया जाएगा और फिर उस भ्रूण को आप के गर्भ में इंप्लाट कर दिया जाएगा. कुछ ही दिनों में आप को प्रैगनैंसी की खुशखबरी मिल जाएगी.

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शादी के बाद कपल्स सारी कोशिश करके भी मां-बाप नहीं बन पाते हैं तो इसकी वजह इन्फर्टिलिटी यानी बांझपन को माना जाता है. इसमें बच्चा पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है या फिर पूरी तरह खत्म हो जाती है.

आमतौर पर शादी के एक से डेढ़ साल बाद अगर बिना किसी प्रोटेक्शन के कपल्स रिलेशनशिप बनाने के बाद भी मां-बाप नहीं बन पाते हैं तो मेडिकली इन्हें इन्फर्टिलिटी का शिकार माना जाता है. इसमें समस्या महिला और पुरुष दोनों में हो सकती है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- सही समय पर हो इलाज तो दूर होगी इन्फर्टिलिटी

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मेरी शादी को 8 साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कंसीव नहीं कर पाई हूं?

सवाल

मेरी उम्र 35 साल है. मेरी शादी को 8 साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कंसीव नहीं कर पाई हूं. मुझे धूम्रपान की भी आदत है. क्या कोई तरीका है, जिस से मैं मां बन सकूं?

जवाब-

इस उम्र में कंसीव करने में समस्या आना आम बात है, लेकिन इस का सब से बड़ा कारण धूम्रपान है. यदि आप मां बनना चाहती हैं तो धूम्रपान को पूरी तरह छोड़ना होगा. यदि आप के पति भी स्मोकिंग करते हैं, तो उन्हें भी इस आदत को छोड़ने के लिए कहें. आप की उम्र अधिक है, इसलिए जल्दी गर्भधारण करना जरूरी है, वरना वक्त के साथ समस्या और बढ़ सकती है. इस के लिए पहले आप किसी डाक्टर से परामर्श लें. यदि इलाज से फायदा न हो तो आप आईवीएफ ट्रीटमैंट की मदद ले सकती हैं.

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आईवीएफ प्रक्रिया के माध्यम से हर साल हजारों बच्चे जन्म लेते हैं. जो महिलाएं बांझपन जैसी समस्या से जूझ रही हैं उन के लिए आईवीएफ प्रक्रिया की यह जानकारी काफी फायदेमंद हो सकती है:

पहला चरण: मासिकधर्म के दूसरे दिन आप के ब्लड टैस्ट एवं अल्ट्रासाउंड के माध्यम से आप के अंडाशय की जांच होती है. फिर यह अल्ट्रासाउंड सुनिश्चित करता है कि आप को कितनी मात्रा में स्टिम्युलेशन दवा दी जानी चाहिए. मासिकधर्म के दौरान डाक्टर जांच के तहत हो रही प्रक्रिया पर निगरानी करते हैं. फिर जांच के बाद आप के फौलिकल्स यानी रोम को मौनिटर करते हैं. जैसे ही आप का रोम एक निश्चित आकार में पहुंच जाता है तो फिर आप उसे रोज मौनिटर कर सकते हैं. मौनिटरिंग के बाद आप को दूसरी दवा दी जाती है, जो ट्रिगर शौट के रूप में जानी जाती है.

घर और औफिस की टेंशन के कारण मुझे रात को नींद नहीं आती?

सवाल-

मैं 34 साल का हूं और प्राइवेट सैक्टर में काम करता हूं. घर की टैंशन और औफिस की टैंशन की वजह से मुझे रात को नींद नहीं आती है. इस वजह से मैं ने नींद की गोलियां खानी शुरू कर दीं. मगर कुछ प्रौब्लम खत्म नहीं हुई, बल्कि और बढ़ गई. प्लीज मुझे गाइड करें?

जवाब-

हैल्दी जीवन गुजारने के लिए यह बहुत जरूरी है कि हम कम से कम तनाव लें. सब से पहले तो आप अपने थौट्स और फीलिंग्स पर गौर करें. जानें कि आप को क्या बात परेशान कर रही है. फिर उन्हें दूर करने की कोशिश करें. मैडिटेटिंग ऐक्टिविटीज जैसे ब्रीदिंग ऐक्सरसाइज करने से आप का माइंड रिलैक्स होगा और आप अपने काम पर फोकस कर पाएंगे. अपनी फैमिली के साथ समय बिताएं. उन से बातचीत करें, उन को समझें. धीरेधीरे आप अपनी लाइफ ऐंजौय करने लगेंगे.

एकल परिवारों में जहां मातापिता दोनों नौकरीपेशा होते हैं वहां बच्चे अपनी समस्या का हल खुद ही निकालने की कोशिश करते हैं और जब वे इस में कामयाब नहीं हो पाते हैं तब कई बार आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेते हैं.

रंजना एक सिंगल पेरैंट हैं. अपनी बेटी श्रेया को ले कर वे बहुत महत्त्वाकांक्षी रही हैं. वे उसे डाक्टर बनाना चाहती थीं, परंतु श्रेया की साइंस में बिलकुल दिलचस्पी नहीं थी. यह बात वह कभी रंजना को खुल कर नहीं बता पाई. धीरेधीरे वह कुंठित होती गई. घंटों कमरे में बंद रहती. धीरेधीरे डिप्रैशन में चली गई.

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सांवली स्किन पर बालों का रंग कौन सा हो, कृपया मुझे बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 19 वर्ष है. मेरा रंग सांवला है और मेरे बाल काले हैं. एक सहेली की सलाह पर मैं ने अपने बालों में बरगंडी कलर कराया. लेकिन उस से मेरा रंग काफी दबा हुआ लग रहा है. मुझे लगता है कि वह रंग मुझ पर जरा भी नहीं फब रहा है. कृपया बताएं कि मेरे बालों का यह रंग कैसे और कितनी जल्दी हट सकता है साथ ही मेरे चेहरे और बालों पर कौन सा रंग ज्यादा फबेगा?

जवाब-

आप बालों के रंग को ले कर परेशान न हों. सब से पहले किसी अच्छे ब्यूटी क्लिनिक में जा कर अपने बालों में नैचुरल कलर वाली डाई करवाएं और बालों की कंडीशनिंग सही तरीके से लें. हमेशा अच्छी क्वालिटी के शैंपू का ही इस्तेमाल करें ताकि बालों को नुकसान न पहुंचे. आप की सांवली रंगत पर वाइन और वालनट कलर अच्छे लगेंगे. कोई जरूरी नहीं है कि पूरे बालों को कलर कराया जाए. आप चाहें तो हेयर कलर्स से बालों की स्ट्रीकिंग भी ले सकती हैं.

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आजकल के बिजी लाइफस्टाइल में जहां आप बालों की केयर करना भूल जाती हैं, वही केयर न करने की वजह से फर्क आपकी उम्र पर भी पड़ता है. वहीं इस प्रौबल्म के बारे में हेयर स्टाइलिस्ट व मेकअप आर्टिस्ट, निकिता कहती हैं, ‘‘मैं भी मां हूं और मैं जानती हूं कि बच्चों के साथ अपने लिए समय निकालना कितना मुश्किल हो जाता है. लेकिन फिर भी मां के लिए अपने लुक में बदलाव करना बेहद जरूरी होता है और यह बदलाव उनकी पर्सनैलिटी को भी निखारता है. बालों में हेयर कलर करवा कर भी अपने लुक में बदलाव किया जा सकता है. हेयर कलर करवाना काफी ट्रैंड में हैं, जिसमें आप अपनी पसंद और लुक के अनुसार ब्राउन, कौफी, बर्गेंडी, रैड आदि कोई भी कलर करवा सकती हैं. आजकल बाजार में नामी कंपनियों के अमोनिया फ्री कलर्स भी मौजूद हैं. इससे बालों को कोई भी नुकसान नहीं होता है.’’

कृपया बताएं काजल लगाने से मेरी आंखें खराब तो नहीं होंगी?

सवाल-

मेरी उम्र 17 साल है. मुझे आंखों में काजल लगाना काफी पसंद है, लेकिन डरती हूं कि कहीं इस से आंखों पर बुरा प्रभाव तो नहीं पड़ेगा. कृपया बताएं कि काजल लगाने से मेरी आंखें खराब तो नहीं होंगी?

जवाब-

काजल लगाने से आंखों को नुकसान नहीं होता है बल्कि इस से वे और भी खूबसूरत दिखने लगती हैं. लेकन जरूरी है कि काजल अच्छी क्वालिटी की हो, जिस में लेड की मात्रा न हो. काजल कभी ऐक्सपायर होने के बाद न लगाएं. इससे आंखों को नुकसान पहुंचता है. आंखों में फ्लूया और किसी तरह का इन्फैक्शन हो तो काजल बिलकुल न लगाएं. अपना काजल कभी किसी के साथ शेयर न करें वरना इन्फैक्शन की आशंका रहती है. अगर काजल लगाने के बाद देखने में किसी तरह की परेशानी महसूस होती है तो काजल न लगाएं.

अगर आप जल्‍दी में हैं और आपके पास पूरा आई मेकअप करने का समय नहीं है तो आप अपनी आंखों को केवल काजल से ही सजा सकती हैं. काजल का प्रयोग आईलाइनर और आईशैडो के रुप में भी किया जा सकता है.

आज हम आपको कुछ मेकअप टिप्‍स देगें जिसके द्वारा आप केवल काजल के प्रयोग से ही अपनी आंखों से जादू कर सकती हैं.

काजल से आई मेकअप करने के टिप्‍स

  1. दिन और काम के हिसाब से आप अपनी आंखों को हाइलाइट कर सकती हैं. अगर आपको बस कैजुअल लुक चाहिए तो आप अपनी पलकों पर काजल लगा कर यह लुक पा सकती हैं.
  2. अगर आपको फारमल लुक चाहिए तो आंखों के नीचे का काजल मल कर मोटा न करें. आंखों के नीचे का काजल जितना पतला होगा उसके मिलने और खराब होने के चासेंज उतने ही कम होगें.
  3. अगर आपको अपनी आंखें थोडी बड़ी दिखानी हैं तो आंखों के नीचे और ऊपर मोटा काजल लगाएं इससे आंखें बड़ी और सुदंर दिखेगीं.
  4. शाम को अगर पार्टी में जाना हो तो आपकी आंखें बोलनी चाहिए इसलिए जरुरी है कि आंखों में लगाया जाने वाला काजल थोड़ा ज्‍यादा और उभरा हुआ हो. अपने काजल से आंखों की हाइलाइट करें वो भी सेमी डो आइ मेकअप से.

क्या भ्रूण की संख्या प्रैग्नेंट होने की संभावना पर असर करती है?

सवाल

मैं 35 साल की विवाहित महिला हूं. मैं आईवीएफ तकनीक की मदद से मां बनना चाहती हूं और उम्मीद करती हूं कि तकनीक सफल रहे. इसलिए मैं जानना चाहती हूं कि क्या भ्रूण की संख्या गर्भवती होने की संभावना को प्रभावित करती है?

जवाब-

गर्भवती होने के लिए एक भू्रण के साथ सफलता की उम्मीद 28% होती है, जबकि 2 भू्रण के साथ सफलता की उम्मीद 48% होती है. लेकिन इस के साथ ही जुड़वां बच्चे होने की संभावना भी अधिक हो जाती है. यदि आप जुड़वां बच्चों का रिस्क नहीं लेना चाहती हैं, तो आप एक ही भू्रण को इंप्लांट करवा सकती हैं. इस के लिए आप के स्वस्थ अंडे का भू्रण तैयार किया जाएगा और फिर उस भू्रण को आप के गर्भ में इंप्लांट कर दिया जाएगा. यह आप की प्रैगनैंसी की संभावना को भी बढ़ाएगा और आप को अधिक समस्या का भी सामना नहीं करना पड़ेगा.

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गर्भावस्था में सही खान-पान मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद जरूरी होता है. ठीक तरह से खाना लेने से गर्भस्थ्य शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास अच्छी तरह से हो पाता है. कई बार गर्भ के दौरान महिलाओं को इस बात का पता नहीं होता है कि उन्हें किन फलों के सेवन से बचना चाहिए. सही जानकारी का पता होना हर गर्भवती महिला के लिए जरूरी है. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि गर्भावस्था के दौरान किन फलों को और क्यों नहीं खाना चाहिए.

गर्भ के दौरान कई बार महिलाएं कुछ गलतियां कर बैठती हैं जिसकी वजह से गर्भपात तक हो सकता है. गर्भ के दौरान कई सारी चीजें निर्भर करती हैं महिला के खान पान पर. यदि वह इस दौरान कुछ गलत फलों को चयन करती हैं जो गर्भ के दौरान नहीं लेने चाहिए. तो इससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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मुझे पीठ दर्द की समस्या रहती है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 22 साल का हूं, 2 साल से मुझे पीठ दर्द की समस्या है. यह दर्द गरदन से होते हुए पीठ के निचले हिस्से तक पहुंच जाता है. ज्यादा देर बैठने, खड़े रहने, चलने आदि से पीठ में बहुत दर्द होता है. गरमियों में इस दर्द को मैं सहन कर लेता हूं, लेकिन ठंड के मौसम में असहनीय हो जाता है. लेटने पर आराम मिलता है, लेकिन हर वक्त लेट नहीं सकता. कृपया मुझे बताएं कि बिना मैडिकेशन के इस  दर्द से कैसे छुटकारा पाऊं?

जवाब-

ठंड में हड्डियों और जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है. हालांकि कम उम्र के लोगों को यह समस्या कम परेशान करती है, लेकिन लाइफस्टाइल की गलत आदतों के कारण युवा भी इस समस्या का शिकार बनते हैं. आप कोअपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की जरूरत है. अच्छा खानपान, अच्छी नींद, उठनेबैठने का सही पोस्चर, सही पोस्चर में काम करना, ऐक्सरसाइज आदि करने से इस समस्या से बचा जा सकता है.

हालांकि आप की समस्या गंभीर है, इसलिए आप के लिए डाक्टर से संपर्क करना आवश्यक है. पहले यह जानने की कोशिश करें कि कहीं आप सर्वाइकल का शिकार तो नहीं हैं. इस के लिए आप को प्रौपर मैडिकेशन और फिजियोथेरैपी की सलाह दी जाएगी. इस के अलावा हर दिन धूप में कम से कम आधा घंटा बैठें. गरम कपड़े पहन कर रखें और पीठ की सिंकाई करें. मल्टी विटामिन टैबलेट्स के सेवन से भी दर्द में राहत मिल सकती है.

पीठ के निचले हिस्से का दर्द बेहद आम है. लेकिन हम में से ज्यादातर लोगों का ध्यान इस की तरफ तब जाता है जब हम झुक कर अथवा हाथ ऊपर की ओर बढ़ा कर कोई चीज उठाने की कोशिश करते हैं और तब दर्द महसूस करते हैं. पीठ का तेज दर्द हमारी रोजमर्रा की गतिविधियों, मनोरंजन और व्यायाम आदि में बाधा उत्पन्न कर सकता है. कभीकभी इस के चलते काम करना भी मुश्किल हो जाता है.

एक अध्ययन में यह पाया गया है कि पीठ के निचले हिस्से में होने वाले इस दर्द का इलाज शुरुआत में ही कराना चाहिए, क्योंकि ज्यादातर मामलों में इलाज न कराने पर यह गंभीर रूप ले सकता है. जागरूकता की कमी के चलते ज्यादातर लोग डाक्टर के पास ही नहीं जाते. वे पारंपरिक तरीकों से अथवा कैमिस्ट से दवा ले कर मनमरजी से उपचार कराने की कोशिश करते हैं. ऐसा करना स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना है.

पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द के लक्षणों और गंभीरता के आधार पर इसे 3 प्रकारों में बांटा गया है :

एक्यूट लो बैक पेन : दर्द 6 सप्ताह से कम अवधि तक रहता है.

सब क्रौनिक लो बैक पेन : दर्द 6 से 12 सप्ताह तक रहता है.

मेरी फैमिली मुझ पर शादी का दबाव डाल रही है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 27 साल की हूं शादी को ले कर मेरे घर वाले मुझ पर प्रैशर डाल रहे हैं. कई लड़कों से मिली, लेकिन बात नहीं बनी. भविष्य को ले कर काफी टैंशन में हो जाती हूं और अपना वर्तमान समय उस से खराब कर लेती हूं. जब ऐसे विचार आते हैं तब ऐसा लगता जैसे भविष्य एकदम अंधकारमय है. मैं कुछ नहीं कर पाऊंगी. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

कभी-कभार फैमिली का प्रैशर हमें कुछ निर्णय लेने पर मजबूर कर देता है. मगर शादी एक बहुत ही अहम निर्णय है. इसे किसी के दबाव में आ कर न लिया जाए. जब आप को लगे कि आप इमोशनली, मैंटली और फाइनैंशली तैयार हैं तभी शादी करने का निर्णय लें. फैमिली मैंबर्स से बात कर उन्हें समझाएं कि आप फिलहाल शादी के लिए तैयार नहीं हैं. जब हो जाएंगी तब खुद उन्हें बता देंगी. आप के ऐसा करने से वे रिलैक्स फील करेंगे.

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पिंपल और उनके दाग दूर करने का कोई उपाय बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 18 वर्ष है. मैं जब भी पिंपल के दाग दूर करने के लिए मसूर की दाल का उबटन लगाती हूं तो एक न एक पिंपल फिर से निकल आता है. पिंपल और उनके दाग दूर करने का कोई उपाय बताएं?

जवाब-

आप की प्रौब्लम से लगता है कि आप की स्किन अति संवेदनशील है तभी बार-बार आप के चेहरे पर दाने निकल आते हैं. आप उबटन का प्रयोग न करें. अकसर उबटन सूखने के बाद उसे मल कर छुड़ाने से स्किन के जिस भाग में नमी और तेल की जरूरत होती है, वहां से वह निकल जाती है. इसलिए प्रभावित स्थान पर नीम व तुलसी की पत्ती का पैक लगाएं. आप चाहें तो ताजा पत्तियों को पीस कर घर पर भी यह पैक तैयार कर सकती हैं. ऐलोवेरायुक्त क्रीम का इस्तेमाल भी आप के लिए फायदेमंद साबित होगा. इस से मुंहासे कम होंगे और धीरे-धीरे उन के दाग भी दूर हो जाएंगे.

हर लड़की बेदाग और निखरे त्वचा की चाहत रखती है, पर अक्सर ही मुंहासे या पिंपल होने की वजह से चेहरे पर दाग पड़ ही जाते हैं, जिससे चेहरे की खूबसूरती पर बहुत असर पड़ता है. कई बार तो मुंहासे ठीक हो जाते हैं पर उसके दाग इतने गहरे हो जाते हैं कि वह जल्‍दी जाने का नाम नहीं लेते. अलगअलग तरह की क्रीम का प्रयोग करने से अच्‍छा है की आप दाग को हटाने के लिए कुछ आसान घरेलू उपचार अपनाएं.

शहद

इसको पिंपल के दाग वाली जगह पर लगाएं और 45 मिनट तक ऐसे ही रहने दें. इसको सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लें. शहद हर प्रकार के दाग को ठीक कर सकता है.

आइस क्‍यूब

मुंहासे होने की वजह से त्‍वचा के पोर्स काफी बड़े हो जाते हैं. इसको कम करने के लिए और दाग को हटाने के लिए चेहरे पर 15 मिनट तक बर्फ से मालिश करनी चाहिये.

खीरा

खीरे को कस लें और अपने चेहरे पर एक घंटे के लिए लगाएं और फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें. इससे न केवल पिंपल साफ होता है बल्कि यह पिंपल को होने से रोकता भी है.

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