Dark Circles: सुरभि को हमेशा आंखों के नीचे काले घेरे रहते हैं, जिस से उन्हें हमेशा कहीं जाने से पहले कसींलर लगा कर मेकअप करना पड़ता है. उन्होंने इस बारे में कभी डाक्टर से सलाह नहीं ली, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह उन्हें अपनी मां से मिला है और यह जाने वाला नहीं है. मां को भी उन्होंने हमेशा आंखों के नीचे काले घेरे को देखा है.
असल में डार्क सर्कल्स आनुवंशिक हो सकते हैं, क्योंकि यह आप के परिवार के इतिहास से आ सकता है, क्योंकि आनुवंशिक कारण आंखों के नीचे की त्वचा को पतला बना सकते हैं या हाइपरपिग्मेंटेशन (मिलेनिन का अधिक उत्पादन) को बढ़ा सकते हैं, जिस से रक्त वाहिकाएं और गहरी त्वचा अधिक दिखाई देने लगती हैं. लेकिन ये केवल आनुवंशिक के कारण नहीं होते हैं, बल्कि आज की गलत लाइफस्टाइल भी इस के जिम्मेदार हो सकते हैं, जिसे जान लेना जरूरी है.
डार्क सर्कल्स नहीं बीमारी
यहां ये समझना आवश्यक है कि डार्क सर्कल कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक लक्षण है, जो अस्थायी या लंबे समय तक रह सकता है. इस का रंग कई वजहों से भूरा, नीला या बैंगनी हो सकता है. साथ ही यह किसी भी उम्र में हो सकता है और अधिकतर लड़के और लड़कियों में आजकल देखने को मिलता है.
इस बारे में मुंबई की स्किन केयर क्लिनिक की त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. शरीफा चौस कहते हैं कि आंखों के नीचे काले घेरे (डार्क सर्कल्स) वे हिस्से हैं जहां त्वचा का रंग गहरा दिखाई देता है या छाया जैसी लगती है, जिस से चेहरा थका हुआ या उम्रदराज लगता है. यह स्थिति त्वचा में पिगमेंट जमा होने, पतली त्वचा के कारण रक्त वाहिकाएं दिखने या चेहरे के वौल्यूम घटने से पड़ने वाली छाया के कारण होती है.
जानें वजह
डा. आगे कहते हैं कि सूरज की रोशनी, आनुवंशिक कारण या किसी त्वचा की सूजन के बाद होने वाला हाइपरपिगमेंटेशन त्वचा को गहरा कर सकता है. आंखों की त्वचा पतली होने या कोलेजन की कमी से नीचे की नसें और रक्त जमाव अधिक दिखाई देने लगते हैं.
चेहरे की चरबी या वौल्यूम कम होने से आंखों के नीचे गड्ढे बन जाते हैं, जिस से छाया जैसी लगती है. ऐलर्जी, नाक बंद होना या सूजन भी नसों की दृश्यता और पिगमेंटेशन बढ़ा सकते हैं. इस के अलावा उम्र बढना, हार्मोनल बदलाव, आयरन की कमी या अन्य बीमारियां भी कारण हो सकती हैं. इस के आलवा आज के समय में जीवनशैली भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसलिए उसे सुधारना बहुत आवश्यक होता है.
जीवनशैली से जुड़े कारण
नींद की कमी, तनाव और थकान डार्क सर्कल्स को बढ़ा सकते हैं, हालांकि कई बार ये मुख्य वजह नहीं भी हो सकते हैं, क्योंकि कई बार ऐसा देखा गया है कि पानी की कमी, ज्यादा शराब या धूम्रपान से त्वचा पतली और बेजान हो जाती है. धूप में ज्यादा रहना, आंखों के आसपास पिगमेंटेशन बढ़ाता है. पोषक तत्त्वों की कमी (जैसे आयरन, विटामिन बी12) और थायरायड या साइनस की समस्या के कारण भी यह हो सकता है. आनुवंशिक कारण की अगर बात करें, तो उम्र के साथ चेहरे की चरबी कम हो सकती है, जिसे बदलना संभव नहीं होता.
कुछ बातें निम्न हैं, जिन से डार्क सर्कल को कम किया जा सकता है :
डार्क सर्कल कम करने के उपाय
- ऐलर्जी का इलाज करें.
- पोषण की कमी पूरी करें.
- पर्याप्त नींद लें और पानी पीएं.
- हर दिन सनस्क्रीन और सनग्लासेस का उपयोग करें.
- मोइस्चराइजर, विटामिन सी या रेटिनौलयुक्त क्रीम त्वचा को मजबूत बनाती हैं और धीरेधीरे रंग हलका करती हैं.
- आंखों को रगड़ना, किसी भी अज्ञात व्हाइटनिंग क्रीम या टूथपेस्ट का उपयोग न करें इस से त्वचा खराब हो सकती है.
- कंसीलर या कलर करेक्टर से तुरंत लुक सुधारा जा सकता है.
अगर फिर भी डार्क सर्कल्स रहें, तो त्वचा रोग विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.
उपचार के विकल्प
टौपिकल ट्रीटमैंट्स : डाक्टर द्वारा दी गई रेटिनौल, विटामिन सी, ऐंटी औक्सीडेंट्स या पिगमेंट लाइटनिंग क्रीम्स उपयोगी हो सकती हैं. मसलन :
- प्रोसीजरल ट्रीटमैंट्स.
- कैमिकल पिल्स
- लेजर.
प्लेटलेट रिच प्लाजमा (पीआरपी)
डर्मल फिलर्स (वौल्यूम बढ़ाने के लिए)
इलाज का चुनाव कारण के अनुसार किया जाता है, जैसे पिगमेंट, नसें या त्वचा का होलोनेस आदि. इन में से कुछ प्रक्रियाओं में कई सीजन और रिकवरी टाइम लगता है और इस के नतीजे व्यक्ति विशेष की लाइफस्टाइल पर निर्भर करते हैं.
डार्क सर्कल्स से जुड़े मिथक
- डार्क सर्कल्स सिर्फ नींद की कमी से होते हैं. नींद जरूरी है, लेकिन आनुवंशिक कारण, पिगमेंटेशन और चेहरे की वॉल्यूम लॉस भी प्रमुख कारण हैं.
- खीरा या चाय के टी बैग्स से डार्क सर्कल हमेशा के लिए हट जाते हैं. ये सिर्फ ठंडक और अस्थायी राहत देते हैं, पर स्थायी इलाज नहीं हैं.
- टूथपेस्ट या ब्लीचिंग एजेंट से त्वचा गोरी हो जाती है. ये त्वचा को जला सकते हैं और पिगमेंटेशन बढ़ा सकते हैं.
- एक ही इलाज से सब के डार्क सर्कल ठीक हो जाते हैं. इलाज कारण पर निर्भर करता है, सही निदान और विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है.
इस प्रकार डार्क सर्कल्स से नजात पाना आज समस्या नहीं, सही समय पर सही इलाज और लाइफस्टाइल के बदलाव से इसे कम किया जा सकता है, इसलिए देर न करें, बल्कि समय रहते अपनी खूबसूरती को निखारें और बन जाएं खूबसूरत आंखों की मलिका.
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