Oil or Serum: सभी लड़कियों को लंबे और शाइनी केश पसंद आते हैं, लेकिन आज की भगदौड़ भरी जिंदगी में उन के बढ़ते स्ट्रेस, असंतुलित डाइट, कम नींद आदि ने उन के हेयर ग्रोथ को काफी हद तक प्रभावित किया है. कम उम्र में ही वे गंजेपन का शिकार हो रही हैं. ऐसा देखा गया है कि जिन लड़कियों के पेरैंट्स के हेयर ग्रोथ उम्र हो जाने के बाद भी अच्छे हैं, लेकिन उन की बेटी के हेयर लौस अधिक मात्रा में है, इस की वजह वे असंतुलित लाइफस्टाइल, स्ट्रेस और डाइट को मानती हैं.
इन लड़कियों ने दादीनानी के नुसखों से ले कर आज के महंगे सैलून ट्रीटमैंट्स तक, सबकुछ अपना लिया है, लेकिन हेयर ग्रोथ में फर्क नहीं आया है. कुछ लड़कियों को तो हमेशा इस बात की चिंता रहती है कि केशों के झड़ने की वजह हेयर औयल लगाना है या नहीं, क्योंकि आजकल बाजार में कई प्रकार के हेयर औयल, कंडिशनर, सीरम आदि मिलते हैं, जिसे ले कर वे बहुत कन्फ्यूज्ड रहती हैं. बालों में औयल लगाना कितना सही है या नहीं, इसे ले कर अलगअलग लोगों के अलगअलग मत हैं.
आइए, जानते हैं ऐक्सपर्ट की राय क्या है और हेयर औयल का हेयर ग्रोथ में कितना हाथ होता है.
स्कैल्प का क्लीन होना जरूरी
इस बारें में डर्मेटोलौजिस्ट डा. सोमा सरकार कहती हैं कि आमतौर पर मैं हेयर औयल लगाने से पहले उन के स्कैल्प क्लीन होने चाहिए, डैंड्रफ न हों, जिस में औयल अधिकतर रूट्स पर नहीं आगे के हेयर पर लगाने की सलाह देती हूं.
असल में उंगली के पोरो से औयल मसाज करने पर स्कैल्प का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिस से फीलगुड फैक्टर काम करता है. इस का हेयर ग्रोथ या हेयर फौल से कोई मतलब नहीं होता. यदि किसी को औयल लगाने की इच्छा होती है, तो औलिव, आलमंड या मस्टर्ड औयल बालों के लिए अच्छा माना जाता है.
किसी प्रकार की कैमिकल युक्त औयल हमेशा ही केशों के लिए नुकसानदायक होता है. बाजार में आजकल कई प्रकार के प्रोडक्ट्स विटामिन और मिनरल युक्त औयल मिलते हैं. ये सब मार्केटिंग गिमिक हैं, जिन में अधिकतर कुछ खास कैमिकल या आयुर्वेदिक दवाओं के मिश्रण से हेयर को हैल्दी बनाने का नुसखा कहा जाता है, जिस का असर हेयर पर नहीं होता.
हेयर क्वालिटी और ग्रोथ अधिकतर जेनेटिक होता है, जो जींस और लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है. इस के अलावा कुछ जगहों पर आज हेयरफौल की वजह केशों के साथ कई ऐक्सपेरिमैंट का करते रहना है, मसलन ब्लो ड्राई, कलरिंग, प्रदूषण, असंतुलित भोजन आदि जिम्मेदार हैं.
सप्लिमेंट्स का सहारा
डा. सोमा कहती हैं कि हेयर स्ट्रैंथ के लिए ऐनिमल प्रोटीन, जिस में खासकर एमीनो एसिड होता है, जिस में एग, मछली, चिकन आदि के साथ, ऐंटी औक्सीडैंट मसलन विटामिन सी, सिलेनियम, प्रोटीन, बायोटिन आदि डाइट में होने की आवश्यकता है. अगर आप की डाइट में कुछ कमी हो रही है तो डाक्टर की सलाह से सप्लिमैंट्स भी ले सकती हैं.
कई बार लोग शैंपू करने के बाद बालों में तेल लगा लेते हैं, ऐसा करने से बालों को नुकसान पहुंच सकता है. अकसर लोग यह सोचते हैं कि बालों में लंबे समय तक तेल लगा कर रखने से फायदे मिलते हैं, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है. बालों में 40 से 45 मिनट के लिए तेल लगा कर रखें. मसाज के बाद इसे छोड़ दें और 40 मिनट बाद बालों को हलके शैंपू से धो लें. बालों में तेल लगाने के बाद इन्हें गरम पानी से न धोएं.
1 घंटे से ज्यादा समय के लिए बालों में तेल लगा रहने से डैंड्रफ और गंदगी बढ़ने का खतरा रहता है. ऐसा करने से स्कैल्प के छिद्र बंद हो सकते हैं. इस से बालों को कई तरह के नुकसान पहुंच सकते हैं. अगर आप को ऐलर्जी या किसी अन्य तरह की समस्या है, तो बिना डाक्टर की सलाह के बालों की औयलिंग करने से बचना चाहिए.
सीरम कब लगाएं
हेयर सीरम एक सिलिकान बेस्ड लिक्विड प्रोडक्ट होता है. हेयर सीरम बालों की सतह पर कोटिंग करती है. हेयर सीरम बालों की ऊपरी सतह को ही पोषण दे कर मुलायम बनाता है. यह बालों के क्यूटिकल्स तक नहीं जाता. हेयर सीरम का इस्तेमाल करने से बालों की चमक को बढ़ावा मिलता है.
ऐक्सपर्ट के अनुसार, बालों में हेयर सीरम का इस्तेमाल हमेशा औयलिंग, शैंपू और कंडीशनर के बाद किया जाता है. इस के अलावा हेयर सीरम का कम पीएच लेवल बालों के स्ट्रैंड्स को एकसाथ रखता है, जो डैमेज को कम कर सकता है.
इस प्रकार सीरम और हेयर औयल दोनों बालों के लिए फायदेमंद होते हैं. अगर आप के केश ड्राई और डैमेज हैं, तो अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करें. हेयर औयलिंग हमेशा बालों को शैंपू से धोने से पहले करनी चाहिए. वहीं, हेयर सीरम का इस्तेमाल शैंपू करने के बाद किया जाता है. जो लोग अकसर अपने बालों की स्टाइलिंग करते हैं, उन के लिए हेयर सीरम ज्यादा बेहतर औप्शन है.
ऐक्सपर्ट की मानें तो सप्ताह में 2 बार हेयर औयल लगाने के बाद शैंपू करना चाहिए. शैंपू के बाद बालों के नमी को सही तरीके से सुखा कर सीरम लगाना चाहिए. ऐसा करने से बालों को सही पोषण मिलता है और बालों का डैमेज कम हो सकता है.
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