खूबसूरत, स्मूद व ग्लोइंग स्किन पाने के लिए हम सभी स्क्रबिंग का सहारा लेते हैं. क्योंकि एक्सफोलिएशन यानि स्क्रबिंग से हमारी आउटर लेयर यानि एपिडर्मिस से डेड स्किन रिमूव जो होती है. साथ ही ये पोर्स को बंद करके आपके रंग में निखार लाने का काम करता है. लेकिन ये भी एक सच्चाई है कि अगर आप अपने चेहरे को लंबे समय तक साफ नहीं करते हैं तो स्किन डल होने के साथसाथ उस पर ब्लैकहेड्स, वाइटहेड्स के साथसाथ पिगमेंटेशन की भी शिकायत होने लगती है. ऐसे में जरूरी होता है अपने स्किन केयर रूटीन में स्क्रबिंग को ऐड करने की. लेकिन हम अकसर  स्क्रबिंग करते वक्त कुछ सामान्य सी गलतियां कर बैठते हैं , जिससे हमारी स्किन पर खरोच, कट्स , रेडनेस व जलन जैसी समस्याएं पैदा हो जाती है . इसलिए आपके साथ ऐसी परेशानी न हो, इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. इस संबंध में जानते हैं कोस्मोटोलोजिस्ट पूजा नागदेव से.

1. टाई ओनली नेचुरल स्क्रबर 

पौधों , बीजों  व फलों से उत्पन होने वाले  नेचुरल स्क्रबर चेहरे व शरीर के लिए बेस्ट माने जाते हैं. कानों पर स्क्रब करने के लिए हमेशा सोफ्ट ग्रैन्यूल्स का ही इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है . उदाहरण के लिए वालनट शैल काफी कठोर स्क्रबर  होता है. जिसे अगर स्किन पर तेजी से रब किया जाता है, तो स्किन रेड पड़ने के साथसाथ लाल भी पड़ सकती है. वहीं दूसरी तरफ पपाया सीड पाउडर, अनार के बीज का पाउडर व ऑरेंज पील पाउडर काफी माइल्ड स्क्रबर होते हैं , जो फेस को क्लीन करने के साथसाथ किसी तरह का कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं. इनका इस्तेमाल हर तरह की स्किन के लिए बेस्ट माना जाता है. हमेशा सल्फेट और पैराबीन फ्री नेचुरल इंग्रीडिएंट्स से बने स्क्रबर का ही इस्तेमाल करें.

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