आजकल प्लास्टिक सर्जरी के द्वारा शरीर की हर कमी को दूर किया जा सकता है. लेकिन यह थोड़ी महंगी होती है. सौंदर्य विशेषज्ञाएं चेहरे की कमियों मसलन, मोटी नाक, धंसी आंखें, डबल चिन, उभरा माथा, मोटे होंठ आदि को मेकअप से छिपा देती हैं, जिसे करैक्टिव मेकअप कहा जाता है. इस के लिए मेकअप के उचित तरीके व सौंदर्य प्रसाधनों की पूरी जानकारी होना अति आवश्यक है.

मेकअप की उचित तकनीकों को अपना कर चेहरे की छोटीमोटी कमियों को छिपाया जा सकता है.

दिल्ली प्रैस कार्यालय में आयोजित फेब कार्यक्रम में फेसेस कौस्मैटिक प्राइवेट इंडिया लिमिटेड की मेकअप कंसल्टैंट संगीत सबरवाल ने फेब मैंबर्स को करैक्टिव मेकअप के बारे में व कंपनी के रीजनल सेल्स मैनेजर, मुकेश भनोट ने फेसेस के प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी दी.

संगीत सबरवाल ने बताया कि करैक्टिव मेकअप करते समय 3 मुख्य बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है-

पहली, चेहरे की त्वचा, केशों व आंखों का रंग.

दूसरी, चेहरे का आकार व प्रकार.

तीसरी, कौस्मैटिक्स प्रोडक्ट्स के रंगों का उचित चुनाव.

मेकअप के जरीए चेहरे की कमियों को छिपाना ही करैक्टिव मेकअप कहलाता है. करैक्टिव मेकअप शुरू करने से पहले चेहरे की त्वचा की रंगत को अच्छी तरह से जांच लें. प्राय: क ई लोगों के चेहरे के किसी भाग की स्किन टोन गहरी होती है, तो किसी की हलकी. स्किन टोन एक समान बनाने के लिए कंसीलर का प्रयोग किया जाता है. त्वचा के अनुसार क्लींजिंग, टोनिंग और मौइश्चराइजिंग करने के बाद काले धब्बों, झांइयों, जलने व चोट आदि के निशान छिपाने के लिए उतने हिस्से में नौर्मल स्किन कलर का कंसीलर लगाएं.

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