कोविड 19 के संकट भरे दौर मे सबसे अधिक प्रभाव मेकअप की दुनिया पर पडा है. लोग अपने घरों में कैद हो कर रह गये. पार्टी और फंक्शन कम हो गये. जिसका प्रभाव यह हुआ कि मेकअप का खर्च कम हो गया. घर से बाहर निकलने पर चेहरे को को फेस मास्क से ढक करके निकलना है. ऐसे में फेशियल, लिपस्टिक, फेस क्रीम, लिपस्टिक करने से लोग बचने लगे. कोविड 19 के सकंट भरे दौर में भी केवल आंखों के मेकअप की जरूरत रह गई है. इसकी वजह यह है कि मास्क पहनने के बाद केवल आंखो का ही मेकअप दिखता है. अरब देशो में बुरका पहनने वाली महिलायें इसी तरह सबसे अधिक आंखों के मेकअप पर ध्यान देती थी. मेकअप आर्टिस्ट कविता तिलारा कहती है ‘मास्क पहनने के बाद केवल आंखे ही दिखती है. ऐसे में जरूरी है कि सबसे अधिक आंखों के मेकअप पर ध्यान दिया जाये. आंखो से ही बाकी मेकअप की कमी को पूरा किया जा सकता है.’

वैसे भी आंखे चेहरे का सबसे अहम हिस्सा होती है. इसीलिये आंखों को दिल की जुबान कहते है. आंखों को देखकर हर कोई यह कहे कि ‘इन झील सी गहरी आंखों में डूब जाने का मन करता है’. इसके लिये आंखो का मेकअप अच्छा होनेा चाहिये. पहले केवल काजल लगा लेने को ही आई मेकअप मान लिया जाता था. आज के बदलते दौर में आई मेकअप करने का तौर तरीका बदल गया है. अगर आप आंखों को ग्लैमरस दिखाना चाहती है तो उसके लिये हनीलस्ट रंग का आई शैडों चुने. हनीलस्ट बेज और सुनहरे रंग के आईशैडों को मिलाकर बनता है. इसमें चमक होती है. यह आंखों को बहुत अच्छा सा लुक देता है. बहुत सारे लोगो को यह खूब पसंद भी आता है.

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