फैस्टिवल अब पूरी तरह से मौडर्न स्टाइल में ढल चुके हैं, जो लोग साल भर अपने पहनावे के साथ कोई प्रयोग नहीं करना चाहते वे भी फैस्टिवल में अलग रंग में दिखना चाहते हैं. हों भी क्यों न, इस बार त्योहारों में रैड, मजैंटा, औरेंज, रौयल ब्लू जैसे कलर शिमर एलीमैंट के साथ पसंद किए जा रहे हैं.
‘कारनेशंस’ नाम से लखनऊ में अपना डिजाइनर ब्रैंड चला रहीं शिखा सूरी कहती हैं, ‘‘फैस्टिवल ड्रैसेज में हर कोई ऐसे प्रयोग चाहता है जो उसे भीड़ में सब से अलग दिखाएं. ड्रैस में ट्रैडिशनल लुक के साथसाथ मौडर्न स्टाइल का चलन लोगों की पसंद बदल रहा है. केवल महिलाएं ही नहीं पुरुष भी पूरी तरह से अपनी ड्रैस में बदलाव चाहते हैं. इंडियन ड्रैस पर इंडोवैस्टर्न ड्रैस हावी हो रही है. हर कोई इस बदलाव को अपनाना चाहता है.’’
बनारसी दुपट्टों, मिरर वर्क, फुलकारी वर्क की ऐंब्रौयडरी इत्यादि को काफी पसंद किया जा रहा है. स्कर्ट और कुरते फैस्टिवल सीजन में खूब चलन में हैं.
ममता बुटीक की ममता सिंह कहती हैं, ‘‘फैस्टिवल सीजन में लहंगा और टौप का प्रयोग भी पसंद किया जा रहा है. यह एक तरह की ऐवरग्रीन ड्रैस है. इस में कलर, फैब्रिक, डिजाइन, कढ़ाई और स्टाइल को ले कर तमाम तरह के प्रयोग हो रहे हैं.’’
इंडोवैस्टर्न में नए प्रयोग
धोती भारतीय पोशाकों में सब से ज्यादा पसंद की जाने वाली पोशाक है. भारत में धोती महिलाओं की ड्रैस का हिस्सा किसी न किसी रूप में रही है. इस का रूप जगह के हिसाब से बदलता रहा है. यही वजह है कि धोती और साड़ी को अलगअलग तरह से पहना जाता रहा है. एक तरह से देखें तो केवल फैस्टिवल में ही नहीं, बल्कि धोती हमारे कल्चर का प्रमुख पहनावा रही है. इंडोवैस्टर्न ड्रैस में धोती को एक अलग रंग में पेश किया जा रहा है. फैशन के तमाम रंग धोती पर पसंद किए जा रहे हैं.
शिखा सूरी कहती हैं, ‘‘धोती ड्रैप में लंबा सा टौप लैगिंग के साथ पहना जाता है. साड़ी का दुपट्टा साथ में लिया जाता है. दुपट्टा साड़ी का होने के कारण ऐसा दिखता है जैसे साड़ी को अलग तरह से ड्रैप किया गया है.’’
वेल स्लीव का चलन भी इस बार देखने को मिलेगा. इस के अलावा ऐथनिक लुक वाली स्कर्ट के साथ क्रौप टौप पहना जा रहा है. यह फैस्टिवल में एक अलग लुक देता है. लांग केप एक तरह की फ्रंट ओपन जैकेट की तरह होता है. 3 पीस में तैयार होने वाली यह ड्रैस पैंट, स्कर्ट, जंप सूट जैसे किसी भी कौंबिनेशन के साथ पहनी जा सकती है. सलवार के साथ भी नए प्रयोग हो रहे हैं, जिस में धोती स्टाइल की सलवार बनती है. इस में पटियाला स्टाइल की तरह घेरे अधिक होते हैं. इस के साथ शौर्ट कुरता बिना दुपट्टे के पहना जाता है. कुछ ड्रैसेज के साथ स्कार्फ भी गले में बांधा जाने लगा है. स्कार्फ वैस्टर्न लुक देता है.
कैसे करें ड्रैस का चयन
शिखा सूरी बताती हैं, ‘‘कई बार किसी सैलिब्रिटी को देख कर या फिर किसी दोस्त को देख कर लोग उन्हीं की तरह लुक बदलना चाहते हैं. यह सही नहीं है. हर किसी की फिगर, फेस, पर्सनैलिटी अलगअलग है. ऐसे में ड्रैस का चुनाव करते समय सावधानी की जरूरत है. ड्रैस का चुनाव करते समय अपनी फिगर, कौंप्लैक्शन और कंफर्ट का ध्यान रखें.’’
तो त्योहारों के इस मौसम में आप भी अपनी मनपसंद इंडोवैस्टर्न ड्रैस चुनें और औफबीट लुक अपना कर सभी को चौकाएं.
फैस्टिवल अब पूरी तरह से मौडर्न स्टाइल में ढल चुके हैं, जो लोग साल भर अपने पहनावे के साथ कोई प्रयोग नहीं करना चाहते वे भी फैस्टिवल में अलग रंग में दिखना चाहते हैं. हों भी क्यों न, इस बार त्योहारों में रैड, मजैंटा, औरेंज, रौयल ब्लू जैसे कलर शिमर एलीमैंट के साथ पसंद किए जा रहे हैं.
‘कारनेशंस’ नाम से लखनऊ में अपना डिजाइनर ब्रैंड चला रहीं शिखा सूरी कहती हैं, ‘‘फैस्टिवल ड्रैसेज में हर कोई ऐसे प्रयोग चाहता है जो उसे भीड़ में सब से अलग दिखाएं. ड्रैस में ट्रैडिशनल लुक के साथसाथ मौडर्न स्टाइल का चलन लोगों की पसंद बदल रहा है. केवल महिलाएं ही नहीं पुरुष भी पूरी तरह से अपनी ड्रैस में बदलाव चाहते हैं. इंडियन ड्रैस पर इंडोवैस्टर्न ड्रैस हावी हो रही है. हर कोई इस बदलाव को अपनाना चाहता है.’’
बनारसी दुपट्टों, मिरर वर्क, फुलकारी वर्क की ऐंब्रौयडरी इत्यादि को काफी पसंद किया जा रहा है. स्कर्ट और कुरते फैस्टिवल सीजन में खूब चलन में हैं.
ममता बुटीक की ममता सिंह कहती हैं, ‘‘फैस्टिवल सीजन में लहंगा और टौप का प्रयोग भी पसंद किया जा रहा है. यह एक तरह की ऐवरग्रीन ड्रैस है. इस में कलर, फैब्रिक, डिजाइन, कढ़ाई और स्टाइल को ले कर तमाम तरह के प्रयोग हो रहे हैं.’’
इंडोवैस्टर्न में नए प्रयोग
धोती भारतीय पोशाकों में सब से ज्यादा पसंद की जाने वाली पोशाक है. भारत में धोती महिलाओं की ड्रैस का हिस्सा किसी न किसी रूप में रही है. इस का रूप जगह के हिसाब से बदलता रहा है. यही वजह है कि धोती और साड़ी को अलगअलग तरह से पहना जाता रहा है. एक तरह से देखें तो केवल फैस्टिवल में ही नहीं, बल्कि धोती हमारे कल्चर का प्रमुख पहनावा रही है. इंडोवैस्टर्न ड्रैस में धोती को एक अलग रंग में पेश किया जा रहा है. फैशन के तमाम रंग धोती पर पसंद किए जा रहे हैं.
शिखा सूरी कहती हैं, ‘‘धोती ड्रैप में लंबा सा टौप लैगिंग के साथ पहना जाता है. साड़ी का दुपट्टा साथ में लिया जाता है. दुपट्टा साड़ी का होने के कारण ऐसा दिखता है जैसे साड़ी को अलग तरह से ड्रैप किया गया है.’’
वेल स्लीव का चलन भी इस बार देखने को मिलेगा. इस के अलावा ऐथनिक लुक वाली स्कर्ट के साथ क्रौप टौप पहना जा रहा है. यह फैस्टिवल में एक अलग लुक देता है. लांग केप एक तरह की फ्रंट ओपन जैकेट की तरह होता है. 3 पीस में तैयार होने वाली यह ड्रैस पैंट, स्कर्ट, जंप सूट जैसे किसी भी कौंबिनेशन के साथ पहनी जा सकती है. सलवार के साथ भी नए प्रयोग हो रहे हैं, जिस में धोती स्टाइल की सलवार बनती है. इस में पटियाला स्टाइल की तरह घेरे अधिक होते हैं. इस के साथ शौर्ट कुरता बिना दुपट्टे के पहना जाता है. कुछ ड्रैसेज के साथ स्कार्फ भी गले में बांधा जाने लगा है. स्कार्फ वैस्टर्न लुक देता है.
कैसे करें ड्रैस का चयन
शिखा सूरी बताती हैं, ‘‘कई बार किसी सैलिब्रिटी को देख कर या फिर किसी दोस्त को देख कर लोग उन्हीं की तरह लुक बदलना चाहते हैं. यह सही नहीं है. हर किसी की फिगर, फेस, पर्सनैलिटी अलगअलग है. ऐसे में ड्रैस का चुनाव करते समय सावधानी की जरूरत है. ड्रैस का चुनाव करते समय अपनी फिगर, कौंप्लैक्शन और कंफर्ट का ध्यान रखें.’’
तो त्योहारों के इस मौसम में आप भी अपनी मनपसंद इंडोवैस्टर्न ड्रैस चुनें और औफबीट लुक अपना कर सभी को चौकाएं.