ललिता पार्टी आदि में जाने के लिए पूरे उत्साह से तैयार होती है. कई दिनों पहले से उस की शौपिंग शुरू हो जाती है. मगर पार्टी से लौटने पर उस का कई दिनों तक मूड औफ रहता है. कारण किसी दूसरी महिला का उस से ज्यादा सजासंवरा होना. तब वह कभी अपने पति नीलेश को कम पैसे देने के लिए उलाहने देती है, तो कभी किसी और को दोष देती है. उस के इस रवैए से उस का पति नीलेश क्या पूरा घर परेशान होता है.

किसी को अपने से बेहतर सजासंवरा देख हीनभावना या जलन से ग्रस्त हो उस की तारीफ करनी तो दूर वह उस से कुछ सीखना भी नहीं चाहती.

जिस के पास जो गुण है, हुनर है उसे सीखने की कोशिश करने में कोई शर्म या संकोच नहीं करना चाहिए. यदि मन में हीनभाव आते दिखें, तो ऐसे में अपने भीतर की उमंग, उत्साह को कम न होने दें. मन में उदासी को बिलकुल जगह न दें, क्योंकि आप के पास भी बहुत कुछ अच्छा है. बस जरूरत है खुद पर नजर डालने की.

आप में आत्मविश्वास है

आप ने अपनेआप को पार्टी के लिए तैयार किया है तो अपनी बुद्धि से सही ही किया है. फिर उदासी किस बात की? अपना अपना अंदाज है अपना प्रस्तुतिकरण है. किसी से तुलना कैसी? अपने व्यक्तित्व पर जो जंचता है उसी के अनुरूप तैयारी की है आप ने.

आप के पास कौमनसैंस है

आप अवसर के अनुसार तैयार हैं. मौका, माहौल सब देख कर तैयार हुई हैं, क्योंकि कौमनसैंस है आप में. अवसर के अनुसार कपड़े, कपड़ों के अनुसार जेवर, मेकअप, घड़ी, सैंडल, नीचे से ऊपर तक आप एक लय में तैयार हुई हैं. इस बात से खुश हों.

आप ने तैयारी में ज्यादा समय, पैसा बरबाद नहीं किया

आप को खुश होना चाहिए कि आप ने वक्त और पैसे दोनों की फिजूलखर्ची से खुद को बचा लिया. खुशनुमा चेहरे की कीमती अंदरूनी मुसकान बनाए रखें. यकीन मानिए उस से बड़ी सजावट और कोई नहीं. उस की चमक के आगे सब फीका है.

आप के होस्ट और अन्य गैस्ट से मधुर संबंध

इस बात पर गौर करें कि आप जिन के यहां खुशी में शामिल होने आई हैं, उन से आप के कितने अच्छे संबंध हैं. वे सिर्फ आप के हैं. खुश रह कर उत्साहपूर्वक उन की खुशी में शामिल होना ही आप का प्रथम कर्तव्य है. ऐसे विचार मन में लाते ही हीनभावना अगर होती भी हो तो वह झट से जाती रहेगी.

बेहतर की तारीफ करें उस से कुछ सीखें

दिल से प्रशंसा तथा नजरों से टिप्स लेने का प्रयास दोनों आप के बेहतर बनने में उपयोगी सिद्ध होंगे. अवसर मिले तो एक बार बोल कर भी तारीफ करें. दूसरों से ज्ञान लेने से गुरेज न करें. गुण सीखने से कोई छोटा नहीं होता अपितु बड़ा ही होगा.

आप में कई खूबियां है

किसी ने आप की आंखों को, बालों को, चेहरे को, चाल को, प्रतिभा को, हुनर को, दिमाग को, संस्कारों को, भाषा को या अंदाज को यों ही नहीं सराहा होगा. इस सराहना को याद रखें. खुद पर विश्वास रखें.

यह मान कर चलें कि सब का अपना आकर्षण है. मुसकराते हुए सलमान खान की फिल्म ‘सुलतान’ का यह गाना अपने पर बिलकुल फिट जानें ‘जग घूमया थारे जैसा न कोई…’

देखिए अभी खिली खिली मुसकान आप के चेहरे पर आ गई, जो सब पर भारी है.

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