‘कार बिना जीना कहां रे’ की सोच रखने वालों के लिए मौजूदा वायरसी तांडव के बीच खुशखबरी है. बाजार में ऐसी कार आने वाली है जो वायरसप्रूफ होगी.

कहा जा रहा है कि नोवल कोरोना वायरस खत्म नहीं होगा, इसके संग जीना सीखना होगा. देशबंदी एक न एक दिन खत्म करनी ही पड़ेगी. सभी देशवासियों को एहतियात बरतना होगा. वायरस से खुद को बचाना होगा.

कोविड-19 महामारी के जारी तांडव के बीच,  विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ के एक प्रतिनिधि ने चेतावनी दी है कि संभव है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन कभी विकसित ही न की जा सके. हालांकि, दुनियाभर के शोधकर्ता और वैज्ञानिक कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन विकसित करने के लिए जीतोड़ कोशिश कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Mother’s Day 2020: स्मार्ट फिटनेस के लिए जरूरी हैं शूज

ऐसे हालात के दरम्यान, चीन की कार कंपनी जीली ने एंटी-वायरस कारें तैयार करने की 52 मिलियन डौलर की परियोजना पर काम करना शुरू कर दिया है. इस परियोजना के तहत तैयार की जाने वाली कारों की ख़ास बात यह होगी कि वे गाड़ी में सवार लोगों को वायरस से भी बचाएंगी.

कंपनी ने गाड़ी की स्टेयरिंग, गेयर और दरवाज़ों के हैंडल को वायरस से बचाने के लिए एंटी-बैक्टीरियल पदार्थ भी तैयार किया है जो स्टेयरिंग, गेयर, बटन और दरवाज़ों के हैंडल को स्टरलाइज़ करता रहेगा.

एक इंग्लिश डेली में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, जीली कंपनी ने जिस परियोजना पर काम शुरू किया है वह दूसरी कंपनियों के लिए भी आकर्षक है और कोरोना वायरस के दौर में निश्चितरूप से इसका बड़ा स्वागत किया जाएगा.

जीली कंपनी का दावा है कि वह गाड़ी के भीतरी वातावरण को उसी तरह सुरक्षित बना देगी जिस तरह पीपीई के प्रयोग से इंसान सुरक्षित हो जाता है.

डा. डेविड नाबैरो, जो इम्पीरियल कालेज लंदन में विश्व स्वास्थ्य के प्रोफ़ैसर होने के साथ डब्लूएचओ प्रतिनिधि हैं, ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, “कुछ वायरस ऐसे हैं, हम आज तक जिनकी वैक्सीन तैयार नहीं कर सके हैं. हम पूरे विश्वास से नहीं सकते हैं कि कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार हो जाएगी या तैयार हो रही है. इसलिए कि एक वैक्सीन को सुरक्षा व प्रभाव की दृष्टि से कई परीक्षणों से गुज़रना होता है.”

हां, कोरोना वायरस का इलाज विकसित किया जा सकता है, लेकिन दुनिया में वर्षों तक कोरोना वायरस का प्रकोप जारी रह सकता है. संक्रमण व मौतें होने के साथसाथ समयसमय पर लौकडाउन लागू करने की ज़रूरत पड़ सकती है.

ये भी पढ़ें- ATM से लेकर गैस सिलेंडर तक, 2 मई से बदले ये 7 नियम

नाबैरो के मुताबिक़, कोरोना वायरस के जैसे ही सामान्य राइनो वायरस और एडेनो वायरस के लिए भी वैक्सीन विकसित करना एक चुनौती बनी हुई है.

इन सबके मद्देनजर, वायरसप्रूफ गाड़ियों का सड़क पर दौड़ना स्वास्थ्य के लिए मुफीद होगा ही. उम्मीद की जानी चाहिए कि निकट भविष्य में भारतीय वाहन निर्माता कंपनियां भी एंटी-वायरस कारें बनाएंगी.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...