Uneven Skin Tone आखिर है क्या?

इसके लिए सबसे पहले ये जानना जरूरी होता है कि अनइवन स्किन टोन किसे कहते हैं? दरअसल, जब हमारी स्किन का रंग एक समान नहीं होता, कहीं से गहरा, कहीं से हल्का, कही गोरा, कहीं काला होता है, कहीं गहरे निशान होते हैं तो उसे ही अनइवन स्किन टोन कहते हैं. अकसर यह स्थिति तब होती है जब आपकी त्वचा में मेलेनिन का उत्पादन असमान रूप से होता है, जिससे स्किन के कुछ जगह अन्य जगहों की तुलना में गहरे या हल्के दिखाई देते हैं.

अनइवन स्किन टोन होने के भी कई कारण है-

सूरज की रौशनी भी है जिम्मेवार

हमें हर बार सूरज की रौशनी में जाने से पहले सनस्क्रीन लगाने की आदत नहीं होती है इसे वजह से सूरज की हानिकारक किरणें मेलेनिन उत्पादन को बढ़ा सकती हैं, जिससे काले धब्बे और पिगमेंटेशन हो जाती है.

उम्र का बढ़ना

जैसेजैसे आप 35 प्लस होते हैं तो इसका उम्र का असर स्किन पर दिखने लगता है. यही वजह है स्किन अनइवन होने लगती है.

हार्मोनल चेंज

प्रेग्नैंसी या कुछ दवाइयों के कारण हार्मोनल संतुलन बिगड़ने से मेलेनिन का उत्पादन बढ़ सकता है, जिससे मेलास्मा (Melasma) जैसी समस्या होती है. जो त्वचा की रंगत को प्रभावित करती हैं.

त्वचा की स्थिति

किसी चोट या फिर एक्ने, एक्जिमा, या सोरायसिस जैसी स्थितियां भी अनइवन स्किन टोन का कारण बन सकती हैं.

जेनेटिक कारण

कुछ लोगों को आनुवंशिक रूप से असमान त्वचा टोन होने की अधिक संभावना हो सकती है.

खराब हुए हुए स्किनकेयर प्रोडक्ट का यूज

कुछ केमिकल युक्त या बहुत कठोर प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से त्वचा में जलन हो सकती है, जिससे पिगमेंटेशन बढ़ती है.

अनइवन स्किन टोन को सही करने के लिए कई प्रोडक्ट भी आते हैं-

नियमित एक्सफोलिएशन

मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने के लिए हफ्ते में 1 -2 बार एक्सफोलिएट करें, जिससे त्वचा की रंगत एक समान हो सकती है. इसके लिए एक सॉफ्ट एक्सफोलिएटिंग स्क्रब का इस्तेमाल स्वस्थ और एकसमान त्वचा बनाए रखने का एक बेहतरीन तरीका है.

एक्सफोलिएशन आपके चेहरे से गंदगी और मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाकर चमकदार स्किन प्रदान करता है. बस अपनी स्किन पर मसाज करें और धो लें. हालांकि, बहुत जोर से एक्सफोलिएशन न करें, क्योंकि इससे आपकी स्किन का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ सकता है और आगे और समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

अगर आपके चेहरे के अलावा, शरीर के किसी अन्य हिस्से में असमान त्वचा की रंगत चिंता का विषय है, तो बफर या एक्सफोलिएटिंग दस्तानों से धीरे से एक्सफोलिएशन करने का प्रयास करें.

मॉइस्चराइजर

अगर आपको दागधब्बे और मुहांसे होने की समस्या है, तो आप शायद इन दागधब्बों से भी अनजान नहीं होंगे. अपनी त्वचा को साफ, नमीयुक्त और हाइड्रेटेड रखना फायदेमंद ही होगा. जरूरी हाइड्रेशन के लिए हल्की मॉइस्चराइजर, डे क्रीम या कोई असरदार फेस सीरम इस्तेमाल करें. सिर्फ चेहरे पर ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर और हाथों पर मॉइस्चराइजर लगाना न भूलें.

सनस्क्रीन लगाएं

यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है. हर दिन बाहर निकलने से पहले कम से कम एसपीएफ 30 वाला ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाएं, चाहे मौसम कैसा भी हो. इसके लिए मार्किट में कई तरह के सनस्क्रीम आते हैं जैसे निव्या सन क्रीम. यह आपकी त्वचा को सूरज की क्षति से बचता है. इसमें प्रोटेक्ट एंड मॉइस्चर सन लोशन एसपीएफ50+ होता है साथ ही अत्यधिक प्रभावी UVA/UVB फिल्टर होते हैं, और यह लंबे समय तक और गहन मॉइस्चराइजर प्रदान करता है.

इसी तरह सिटाफिल हेल्दी रेडियंस ब्राइटनिंग डे प्रोटेक्शन क्रीम एसपीएफ 15 हानिकारक यूवी किरणों से कुछ सुरक्षा प्रदान करती है और जब इसे दिन में दो बार सेटाफिल हेल्दी रेडियंस ब्राइटनिंग कम्फर्ट नाइट क्रीम के साथ इस्तेमाल किया जाता है, तो यह चार हफ़्तों में आपके चेहरे के काले धब्बों को कम करने में कारगर साबित होती है.

खुद को हाइड्रेट रखें

त्वचा पर निखार लाने के लिए स्किन का अंदर से क्लीन होना भी जरूरी है. इसलिए दिनभर खुद को हाइड्रेट रखें. इसके लिए आप डाइट में नारियल पानी, नींबू पानी और डिटॉक्स ड्रिंक्स शामिल कर सकते हैं. बॉडी हाइड्रेट रहने से स्किन भी हाइड्रेट रहेगी. इससे स्किन पर डार्क स्पॉट्स और डलनेस की समस्या भी खत्म होगी.

विटामिन सी सीरम

विटामिन सी सीरम काले धब्बों को हल्का करने और त्वचा की चमक बढ़ाने में मदद करते हैं. यह एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है जो त्वचा को चमकदार बनाता है और मेलेनिन उत्पादन को कम करने में मदद करता है. यह सीरम कई कंपनी के आते हैं जैसे कि Fleur & Bee का नेक्टर ऑफ द सी विटामिन सी सीरम.

नियासिनमाइड सीरम (Niacinamide)

नियासिनमाइड, जिसे विटामिन बी3 भी कहा जाता है, यह सीरम स्किन को अच्छी तरह प्रोटेक्ट करता है.स्कीन  की बनावट और रंगत में सुधार करते हैं. Simple® Skincare 10% नियासिनमाइड बूस्टर सीरम एक अच्छा विकल्प हो सकता है. यह विटामिन बी3 का एक रूप है, जो त्वचा की लालिमा, पिगमेंटेशन और पोर्स को कम करने में मदद करता है.

ग्लाइकोलिक एसिड

ग्लाइकोलिक एसिड, टीसीए, रेटिनॉल और अन्य केमिकल पील्स भी स्किन पिगमेंटेशन और अनईवन स्किन टोन को ठीक करने में मदद कर सकते हैं. आजकल केमिकल पील्स वैसे भी काफी ज्यादा इस्तेमाल हो रही है. केमिकल पील्स 2-3 हफ्ते के अंतराल से करनी चाहिए और अगर आप चाहें तो किसी एक्सपर्ट से इसका सेशन भी करवा सकती हैं. ये हाइपरपिगमेंटेशन को कम करने के लिए सबसे अच्छा तरीका साबित हो सकता है.

कोजिक एसिड (Kojic Acid) वाले प्रोडक्ट

ये तत्व मेलेनिन उत्पादन को रोकते हैं और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करते हैं.

एएचए युक्त प्रोडक्ट

यह एक्सफोलिएशन के माध्यम से स्किन की रंगत को एक समान करते हैं.

अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड (AHAs)

अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड जैसे ग्लाइकोलिक एसिड (Glycolic Acid) और लैक्टिक एसिड (Lactic Acid): ये मृत त्वचा को हटाते हैं और स्किन की बनावट को बेहतर बनाते हैं.

एंटीऑक्सीडेंट सप्लीमेंट्स का करें इस्तेमाल

अगर आपकी स्किन में काफी पहले से पैच पड़े हुए हैं या फिर स्किन की टोन अनईवन है तो आपको एंटीऑक्सीडेंट सप्लीमेंट्स इस्तेमाल करने चाहिए. ये फ्री रेडिकल्स से स्किन को फ्री करते हैं और अनईवन स्किन टोन को खत्म करते हैं.

हालांकि, इस तरह का कोई भी स्किन सप्लीमेंट लेने से पहले आपको डर्मेटोलॉजिस्ट से बात कर लेनी चाहिए. कई लोग बिना सोचे समझे फिश ऑयल, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स वगैरह भरपूर मात्रा में ले लेते हैं जो उनके लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं. Uneven Skin Tone

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