दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन के हुबेई प्रांत के शहर वुहान के बाहरी इलाके में तालाब के पास टीले पर एक लैबोरेट्री यानी प्रयोगशाला है जो वायरसों के बारे में रिसर्च करती है. इसका निर्माण फ्रांस व अमेरिका की मदद से किया गया. बहुत से वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस जानवर से इंसान में ट्रांस्मिट हुआ और इस लैब पर संदेह जताया जा रहा है कि वायरस का प्रसार यहीं से हुआ.

फ्रांस के नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक लूक मांटेग्नर कहते हैं कि कोविड-19 महामारी फैलाने वाले नोवल कोरोना वायरस की उत्पत्ति एक लैब में की गई है और यह मैनमेड यानी मानव निर्मित है. उन्होंने यह भी कहा कि एड्स बीमारी को फैलाने वाले एचआईवी की वैक्सीन बनाने की कोशिश में यह बेहद संक्रामक और घातक वायरस तैयार किया गया है.

एचआईवी (ह्यूमन इमोनोडेफिशिएंसी वायरस) के सह-खोजकर्ता फ्रांसीसी वैज्ञानिक लूक मांटेग्नर ने बताया कि इसीलिए नोवल कोरोना वायरस के जीनोम में एचआईवी के तत्वों और यहां तक कि मलेरिया के भी कुछ तत्व होने की आशंका है.

यह लैब क्या है?

विश्वप्रसिद्ध इंग्लिश डेली न्यूजपेपर वाशिंग्टन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन की राजधानी बीजिंग में अमेरिकी दूतावास के प्रतिनिधियों ने वुहान की लैब का कई बार दौरा किया और 2018 में उन्होंने अमेरिकी प्रशासन को सूचित किया था कि इस प्रयोगशाला में सेफ़्टी के मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है.

वहीं, अमेरिका के फ़ाक्स न्यूज़ चैनल ने कई ख़ुफ़िया सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी कि कोरोना वायरस के फैलने की शुरुआत वुहान की इसी लैब से हुई है.

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