Aamir Khan Interview: आमिर खान उन ऐक्टरों में से एक हैं जो अपनेआप को स्टार नहीं बल्कि आम इंसान मानते हैं. वे दिल की सुनते हैं, बौक्स औफिस आंकड़ों के पीछे नहीं भागते. फिल्म की कहानी उन के लिए सब से ज्यादा महत्त्वपूर्ण होती है. फिर वह कहानी किसी फिल्म की रीमेक ही क्यों न हो. करीब 3 साल के बाद आमिर खान की फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ चर्चा में है जो उन की पिछली फिल्म ‘तारे जमीन पर’ की सीक्वल है. फिल्म की कहानी 10 ऐसे बच्चों पर केंद्रित है जो इंटलैक्चुअल डिसेबल्ड, न्यूरो औप्टिकल बच्चे हैं.

फिल्म में आमिर खान ने फुटबाल कोच का किरदार निभाया है. ‘लाल सिंह चड्ढा’ की असफलता के 3 साल बाद आमिर खान की फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ चर्चा में है. इस फिल्म को ले कर उन की क्या सोच है? इस फिल्म में काम करने का अनुभव कैसा रहा, ऐसे कई दिलचस्प सवालों के जवाब दिए आमिर खान ने अपने खास अंदाज में:

आप की हालिया रिलीज फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ में आप का काम करने का अनुभव कैसा रहा?

बहुत ही मजेदार, शूटिंग के दौरान हर दिन अपने साथी कलाकारों से जो 10 बच्चे हैं, मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. सैट का माहौल भी एकदम कूल और पौजिटिव होता था. फिल्म की शूटिंग कब खत्म हो गई पता ही नहीं चला.

क्या आप को लगता है आज के समय में फिल्म बनाना जितना मुश्किल है उस से कहीं ज्यादा फिल्म रिलीज करना है? कई सारी बातों का टैंशन रहती है, फिल्म का सैंसर के तहत अटकना, विवादों में घिरने की टैंशन, बात का बतंगड़ होने का डर, फिल्म को ले कर नकारात्मक लोगों की नैगेटिव प्रतिक्रिया और आखिरी में फिल्म पायरेसी की टैंशन आदि?

हां यह सब तो होता है क्योंकि यह फिल्म प्रकिया का एक हिस्सा ही है, जिस से मुझे ही नहीं सब को गुजरना पड़ता है. मगर एक बात यह भी है कि ऐक्सीडैंट के डर से रास्ते पर चलना तो नहीं छोड़ सकते न. अगर हमारे ऊपर कोई इल्जाम लगता है या फिल्म को ले कर कोई अफवाह उड़ती है तो उस के लिए हमारा जवाब देना भी जरूरी होता है और अगर आप सच्चे हैं तो आप किसी बात से नहीं घबराएंगे.

मेरे साथ ऐसा ही कुछ है. मैं किसी बात से नहीं घबराता क्योंकि मुझे पर्सनली पता है कि मैं ने कुछ गलत नहीं किया है. मैं बस इतना जानता हूं कि मैं ने अपना काम ईमानदारी से किया है. अगर मेरा काम दर्शकों को अच्छा लगा,तो वे मेरी फिल्म को पसंद करेंगे और अगर अच्छा नहीं लगा तो फिल्म को नकार देंगे. दोनों ही सूरत में मुझे दर्शकों का फैसला मंजूर है क्योंकि अगर उन्होंने मुझे इतना प्यार किया है तो उन की पसंद मेरे लिए सब से ज्यादा माने रखती है.

आप की फिल्म का नाम ‘सितारे जमीन पर’. आप की नजर में असल में सितारा कौन है क्योंकि आप को ज्यादातर ऐसे लोगों के साथ जुड़ते और काम करते देखा है जिन्हें समाज ने नहीं अपनाया जैसे ऐबनौर्मल बच्चों पर आप की फिल्में ‘तारे जमीन पर’ और ‘सितारे जमीन पर’ के अलावा आप काफी समय से महाराष्ट्र के गांव के लिए पानी योजना पर भी कई सालों से काम कर रहे हैं?

सितारे या सुपरस्टारों का चलन बौलीवुड में एक ट्रैंड है लेकिन अगर मैं अपनी बात करूं तो मेरी नजर में हरकोई सितारा है, मेरी नजर में हरकोई अपना है हम सभी के तार एकदूसरे से जुड़े हैं भले ही हमारे प्रोफैशन अलग हैं. कोई दूसरा नहीं होता सब अपने होते हैं, यही मेरी असली सोच है.

मेरी नजर में सब स्टार हैं क्योंकि वे हमारे अपने हैं हम से अलग नहीं हैं. यह जो कौंसैप्ट है अद्वैता का, नौनडीवैलिटी का, मैं उस पर स्ट्रौंग्ली बिलीव करता हूं. हम सब कहीं न कहीं जुड़े हुए हैं. इंडियन फिलौसफी में हमें यह बताया जाता है कि हम सब एक हैं और हम में कोई फर्क नहीं है. मेरी सोच भी बिलकुल ऐसी ही है इसलिए मेरी नजर में हरकोई स्टार है.

आप अपनी हर फिल्म में कुछ नया पेश करने की कोशिश करते रहते हैं फिर चाहे फिल्म हिट हो या फ्लौप लेकिन आप का नजरिया जागरूकता से भरा होता है. ‘सितारे जमीन पर’ अपनी नई फिल्म में आप ने 10 स्पैशली ऐबल्ड ऐक्टर्स को इंट्रोड्यूस किया है. इस के पीछे क्या कोई खास वजह है?

मेरी हमेशा कोशिश रहती है कि मैं अपनी जिंदगी से या अपने से जुड़े लोगों की जिंदगी से कुछ न कुछ सबक लूं, ‘सितारे जमीन पर’ में मैं ने ऐसे बच्चों के साथ काम किया है जिन से मैं ने बहुत कुछ सीखा है. शायद यह पहली बार होगा जब इतनी बड़ी फिल्म के मुख्य किरदार इंटलैक्चुअल डिसैबल्ड 10 बच्चे हैं. इन के साथ काम करना मेरे लिए जहां एक तरफ ऐक्साइटमेंट और चैलेंज था, वहीं दूसरी तरफ उन के साथ काम करना एक अलग अनुभव भी था.

क्या फिल्म की सफलता को ले कर आप पूरी तरह संतुष्ट हैं?

इस बारे में कोई भी कमैंट करना आज के समय में बहुत मुश्किल है. कोशिश तो यही है कि दर्शकों को हमारी फिल्म पसंद आए. फिल्म पूरी तरह कौमेडी और मनोरंजन से भरपूर है, लेकिन कई बार मेरे साथ गड़बड़ हो जाती है. जब मैं ने ‘लाल सिंह चड्ढा’ कौमेडी फिल्म बनाई तो ऐक्शन फिल्मों का दौर था, जब मेरी फिल्म ‘गजनी’ रिलीज हुई तो कौमेडी फिल्मों का दौर था तो कई बार मैं खुद ही कन्फ्यूज हो जाता हूं कि दर्शकों का मूड किस ओर है. लिहाजा, मैं हिट और फ्लौप के चक्कर में न पड़ कर अपने काम पर ध्यान देता हूं और बाकी सब दर्शकों की पसंद पर छोड़ देता हूं.

आप की फिल्म में हमेशा सोशल मैसेज होता है, क्या आप की पहली पसंद सोशल मैसेज की कहानी है?

दर्शकों की तरह अगर फिल्म की कहानी मुझे हर भावना का एहसास कराती है तो मेरे लिए वह अच्छी है. अगर वह सोशल मैसेज देती है तो अच्छी बात है, लेकिन मैं सिर्फ इसलिए फिल्म साइन करूं कि उस फिल्म में सोशल मैसेज है तो ऐसा नहीं है क्योंकि मैं एक ऐंटरटेनर हूं और मेरी जिम्मेदारी है कि मेरी फिल्में दर्शकों को अच्छी लगें और मैं दर्शकों का मनोरंजन कर सकूं.

आप की ज्यादातर फिल्में रीमेक होती हैं जैसे ‘लाल सिंह चड्ढा,’ ‘गजनी’ और ‘अब ‘सितारे जमीन पर’ की कहानी भी स्पेनिश फिल्म केपिओंस की रीमेक है इस के अलावा यही फिल्म हौलीवुड में भी ‘चैंपियंस’ नाम से बनी थी. अब यही फिल्म हिंदी में ‘सितारे जमीन पर’ के नाम से बन रही है, इस बारे में आप क्या कहेंगे?

मुझे पर्सनली रीमेक से कोई प्रौब्लम नहीं है. मुझे नहीं लगता कि रीमेक फिल्मों में काम करना गलत है, मैं इस से पहले भी कई रीमेक फिल्मों में काम कर चुका हूं. अगर इस फिल्म की कहानी स्पेनिश या हौलीवुड से प्रेरित है तो इस में बुराई क्या है. कितने लोगों ने स्पेनिश, हौलीवुड फिल्म देखी होंगी, मेरा मकसद अच्छी कहानियों पर काम करना है फिर वह रीमेक हो या औरिजनल इस से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.

ज्यादातर लोग एक उम्र के बाद खुले तौर पर समाज के डर से अपना प्यार स्वीकारने से डरते हैं, लेकिन आप ने अपने प्यार गौरी से मीडिया को मिलाया और खुले तौर पर अपना प्यार स्वीकार भी किया जो एक औरत को सम्मान देने जैसी बात है, साथ ही आप ने यह भी साबित कर दिया कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती, वह कभी भी हो सकता है. इस बारे में आप क्या कहेंगे?

हां यह सच है, मुझे भी नहीं पता चला कब मैं गौरी के प्यार में पड़ गया, लेकिन मैं गौरी के साथ अपनेआप को पूरा महसूस करता हूं. मुझे उस का साथ अच्छा लगता है यह स्वीकारने में मुझे कोई झिझाक नहीं है. शुरुआत में हम दोनों पहले अच्छे दोस्त थे और हम दोनों एकदम अलग हैं. वह जितनी शांत है मैं उतना ही उद्यमी हूं.

मेरे दिमाग में कुछ न कुछ चलता रहता है जबकि वह बहुत सुलझा हुई है. उस के साथ रहने के बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं उस के बगैर अधूरा था और आज मैं अपनेआप को पूरा और संतुष्ट महसूस करता हूं. मेरा लेडीज के साथ हमेशा पौजिटिव अप्रोच रहा है. पूर्व पत्नी रीना और किरण के साथ भी मेरे आज अच्छे संबंध हैं. शायद इस की वजह यह है कि मैं रिश्ते थोपने में नहीं बल्कि निभाने में विश्वास रखता हूं. Aamir Khan Interview:

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