नाटकों का लेखन और निर्देशन से एक लेखिका के तौर पर पहचान बनाने के बाद ताहिरा कश्यप खुराना ने मुंबई पहुंचने के बाद कालेज में प्रोफेसर की हैसियत से पढ़ाना शुरू किया, तो वहीं लेखन भी करती रहीं. सबसे पहले ‘‘आई प्रॉमिस’’ नामक उपन्यास लिखा. उसके बाद कई कहानियां लिखीं. ‘कै्रकिंग द कोड़’और ‘माई जर्नी इन बौलीवुड’ जैसी किताबें लिखी. उन्होने रेडियो पर भी काम किया. फिर फिल्मों की पटकथाएं लिखना शुरू किया.

अपनी लिखी कहानी पर ‘‘ईरोज इंटरनेशनल’’ के लिए लघु फिल्म ‘‘टौफी’’का निर्देशन किया. अब वह लघु फिल्म ‘‘पिन्नी‘’ का लेखन व निर्देशन किया है, जो कि ‘‘जिन्दगी इन शॉर्ट एन्थोलॉजी’’ की छह फिल्मों में से एक हैं. यह फ्लिपकार्ट के डिजिटल स्क्रीन पर रिलीज हो रही है. फिल्म ‘पिन्नी’ में मुख्य किरदार नीना गुप्ता का है और उनके पति के किरदार में शिशिर शर्मा हैं.

सवाल- किताब लिखना और फिल्म की स्क्रिप्ट लिखने में कितना फर्क महसूस करती हैं?

-किताब लिखना एक अलग बात है. उसमें आपके पास अपनी बात को कितने ही शब्दों या पन्ने में कहने की आजादी होती है. किताब लिखते समय हम सिर्फ एक कहानी पर फोकस नहीं करते,बल्कि हर किरदार की निजी जिंदगी, उसकी पृष्ठभूमि में भी उसकी जो छोटी-छोटी चीजें होती हें,उन पर भी ध्यान देते हैं. मसलन-किरदार कैसा खाना खाता हैं, उनकी आदतों की गहराई तक जा सकते हैं.

 

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He checks me out. I check him out. And we kiss...isliye merry Christmas ?? (with my skinnier half @ayushmannk )

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