सोनू सूद जो कि पूरे भारत से अपने नेक कामों के लिए वाह वाही बटोर चुके हैं को बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मजदूरों से मिलने से रोका गया तथा वापस जाने को बोला गया. आपको बता दें कि सोनू सूद अब तक कई हजार मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने में सफल हो चुके हैं. महाराष्ट्र सरकार उनकी पीठ थप थपाने की बजाए उनको यह नेक काम करने से रोकती नज़र आ रही है जो कि सही नही है. आखिर क्या है पूरा मामला, आईए गहराई से जानते हैं.

सोनू सूद को प्लेटफाॅर्म पर जाने से रोका

यह खबर आग की तरह फैल रही क्है कि सोमवार को रात में जब कुछ मजदूर बांद्रा से यू.पी. जाने के लिए ट्रेन में बैठे थे तो सोनू सूद उनसे मिलने के लिए बांद्रा रेलवे स्टेशन पर आए परंतु रेलवे पुलिस ने उनको स्टेशन के अंदर प्लेटफाॅर्म तक जाने से रोका व वापस जाने को बोला. हालांकि ऐसा कुछ समय के लिए ही हुआ व बाद में उनको मजदूरों से मिलने दिया. अतः यह खबर झूठ है कि अभिनेता सोनू सूद मजदूरों से बिना मिले ही वापस अपने घर चले गए.

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परंतु सोशल मीडिया के माध्यम से सोनू सूद ने यह स्पष्ट किया है कि उपर लिखित खबर पूरी तरह से झूठ है. सोनू सूद को मजदूरों से मिलने से नही रोका गया था. वह प्रवासी मजदूरों जिन्हें वे मुंबई से यू.पी भेज रहे थे से मिलने दिया गया था. यहां तक कि मुंबई पुलिस ने भी इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि सोनू सूद को हमने नहीं बल्कि रेलवे पुलिस फोर्स ने रोका था तथा बाद में उन्हे जाने भी दिया गया था.

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