एक इंटरव्यू में अभिनेत्री जाह्नवी कपूर से जब उन की शिक्षा के बारे में पूछा गया, तो पहले तो उन्होंने गर्व से कहा कि उन्होंने केवल 9वीं कक्षा तक पढ़ाई की है क्योंकि बचपन से उन्हें पढ़ाई पसंद नहीं थी और 5 साल की उम्र से वे अपनी मां और अभिनेत्री श्रीदेवी के साथ उन के शूटिंग सैट पर जाती रहती थी. उन्हें ये सब देखना पसंद था क्योंकि उन्हें भी अभिनेत्री बनना था. फिर अचानक कहती हैं कि क्या अभिनय के लिए शिक्षा जरुरी है? ऐसा मैं नहीं मानती. क्रिएटिविटी के लिए शिक्षा कहीं पर भी आवश्यक नहीं होती. पुराने कलाकर तो अधिकतर कम पढ़ेलिखे या बिलकुल भी शिक्षित नहीं थे. फिर भी सब ने अच्छा काम किया और सफल रहे.

यह सही है कि जाह्नवी जैसी कई आर्टिस्ट शिक्षा को अभिनय में जरूरी महसूस नहीं करते क्योंकि उन्हें पता होता है कि उन्हें अच्छा काम मिलने में कोई संघर्ष नहीं है क्योंकि वे सेलेब्स के बच्चे हैं और उन के पिता ही फिल्म के प्रोड्यूसर हैं. इन से अलग कुछ कलाकार ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी कर इंडस्ट्री में काम शुरू किया है.

एक इंटरव्यू में अभिनेता विकी कौशल से उन का इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद अभिनय में उतरना क्या सही है, पूछने पर उन का कहना है कि पढ़ेलिखे होने पर चरित्र के ग्राफ को सम झने में आसानी होती है क्योंकि अभिनय में भी चरित्र का खाका बनाया जाता है, जिस के अनुसार यह पूरी फिल्म बनती है, साथ ही आज की तकनीक को सम झना भी बहुत जरूरी है.

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