कुछ माह पहले हमने ‘‘गृहशोभा’’ के डिजिटल एडीशन में एक लेख ‘‘पचासवीं जयंती वर्ष में कौन यशराज फिल्मस को डुबाने पर है आमादा’’ प्रकाशित किया था, जिसमें हमने स्पष्ट रूप से इशारा किया था कि इसमें काफी हद तक ‘यशराज फिल्मस’ का अपना टैलेंट मैनेजमेंट ही काफी हद तक जिम्मेदार है. ‘गृहशेाभा’ के इस लेख का असर नजर आने लगा है. सूत्रों पर और मीडिया रिपोर्ट पर यकीन किया जाए,तो अब ‘यशराज फिल्मस’ के टैलेंट मैनेजमेंट ने अपने सभी कलाकारों से उनकी फीस में चालिस प्रतिशत तक कटौती कर बौलीवुड के निर्माताओं की मदद करने की सलाह दी है. वैसे इस संबंध में ‘यशराज फिल्मस’ के टैलेंट मैनेजमेंट ने आफीशियली कुछ भी कहने से चुप्पी साध रखी है.

मगर यशराज फिल्सम’ के ‘टैलेंट मैनेजमेंट’ के सदस्य अभिनेता आयुष्मान खुराना ने ऐलान कर दिया है कि वह अपनी फीस में कटौती कर रहे हैं. पहले वह 25 करोड़ रूपए ले रहे थे और अब वह सिर्फ 15 करोड़ रूपए प्रति फिल्म लेंगें. मीडिया रपट के अनुसार आयुष्मान खुराना की ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ और ‘अनेक’ जैसी फिल्मों के बाक्स आफिस पर बुरी तरह से असफल होने के बाद आयुष्मान खुराना की तरफ से यह कदम उठाया गया है.

आयुष्मान खुराना की लगातार दो फिल्मों ने भले ही बाक्स आफिस पर दम तोड़ा हो,मगर कटु सत्य यह है कि आयुष्मान खुराना उत्कृष्ट कलाकार हैं. वह ज्यादातर  लीक से हटकर और समाज में तोबा समझे जाने वाले विषयों पर आधारित फिल्मांे में ही अभिनय करते रहते हैं. आयुश्मन खुरसाना ने अपने कैरियर की पहली ही फिल्म ‘‘विक्की डोनर’’ को अपार सफलता दिलाकर स्टार का दर्जा हासिल कर लिया था. यह फिल्म ‘स्पर्म डोनेशन’ पर थी. इसमें आयुष्मान खुराना के अभिनय की जबरदस्त प्रशंसा की गयी थी. इस फिल्म के बाद ही आयुष्मान खुराना ने खुद को ‘गृहशोभा मैन’ कहना शुरू कर दिया था. उसके बाद उनकी फिल्म ‘नौटंकी साला’ ने भी जबरदस्त सफलता हासिल की थी. लेकिन ‘बेवकूफियां’ एवरेज फिल्म थी. 2015 में प्रदर्शित फिल्म ‘हवाईजादा’ ने बाक्स आफिस पर निराश किया था. जबकि 2015 में ही ‘यशराज फिल्मस’ की फिल्म ‘‘दम लगा के हाइसा’’ ने अपनी लागत का दस गुना अधिक कमाई कर एक नया रिकार्ड बनाया था. इस फिल्म के साथ ही आयुश्मन खुराना ‘यशराज फिल्मस’ के ‘टैलेंट मैनेजमेंट’ का हिस्सा बन गए और फिर ‘यशराज फिल्मस’ की ही उनकी फिल्म ‘‘मेरी प्यारी बिंदू’’ इतनी बुरी फिल्म आयी थी,जो कि बाक्स आफिस पर अपनी लागत तक नही वसूल पायी थी. इसके चलते अचानक उनके कैरियर में ब्रेक आ गया था. फिर दो वर्ष बाद वह अश्विनी अय्यर तिवारी निर्देशित फिल्म ‘‘बरेली की बर्फी’ में पुनः सफलता दर्ज करायी थी. इसका निर्माण ‘यशराज फिल्मस’ ने नही किया था,पर बीस करोड़ की लागत में बनी इस फिल्म ने बाक्स आफिस पर 57 करोड़ रूपए कमा लिए थे. फिर आयुष्मान खुराना के अभिनय सजी तोबा समझे जाने वाले विषय पर आधारित और 25 करोड़ रूपए मंे ंनिर्मित फिल्म ‘‘शुभ मंगल सावधान’ ने लगभग 65 करोड़ रूपए कमा कर उन्हे स्टार बनाए रखा.

लेकिन 2018 में ‘वायकाम 18’ निर्मित और श्रीराम राघवन निर्देशित आयुष्मान खुराना की 32 करोड़ की लागत में बनी फिल्म ‘‘अंधाधुन’’ ने बाक्स आफिस पर 457 करोड़ रूपए कमा कर हंगामा मचा दिया था. इस फिल्म में एक कलाकार की हत्या के आरोपी अंधे पियानो वादक आकाश श्राफ के किरदार में अपनी अति बेहतरीन परफार्मेंस से आयुष्मान खुराना ने हर दर्शक का दिल जीत लिया था. तो वहीं इसी फिल्म के बाद 29 करोड़ की लागत में बनी फिल्म ‘बधाई हो’ ने बाक्स आफिस पर लगभग 220 करोड़ कमाए. तीस करोड़ की लागत वाली फिल्म ‘आर्टिकल 15 ’ ने लगभग 94 करोड,28 करोड़ की लागत वाली ‘ड्रीम गर्ल’ ने 200 करोड़,‘बाला’ ने 172 करोड़ ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ ने 106 करोड़़ कमाए.

सूत्रों का दावा है कि इस फिल्म के प्रदर्शन तक आयुष्मान खुराना अपने कैरियर व पत्रकारों से मिलने आदि के सारे निर्णय खुद लिया करते थे. मगर ‘अंधाधुन’ के बाद ‘यशराज फिल्मस’ के टैलेंट मैनेजमेंट और  ‘पी आर’ डिपार्टमेंट के शिकंजे में फंस गए. इससे उन्हे एक फायदा यह हुआ कि अचानक उनकी प्रति फिल्म फीस पच्चीस करोड़ रूपए हो गयी. तो दूसरी तरफ आयुष्मान खुराना के कैरियर से जुड़े सारे निर्णय टैलेंट मैनेजमेंट ने अपने हाथ में ले लिया. उसके बाद आयुष्मान खुराना उस पत्रकार से बात करते, जिनसे बात करने की इजाजत उन्हे ‘यशराज फिल्मस’ की पीआर टीम देती. यानी कि वह पूरी तरह से रीयालिटी व यथार्थ से दूर हो गए. जिसके परिणाम स्वरुप उनका कैरियर डूबने लगा.

‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ के बाद आयुष्मान खुराना ने अमिताभ बच्चन के साथ शुजीत सरकार की फिल्म ‘‘गुलाबो सिताबो’ की,जो कि ‘ओटीटी’ प्लेटफार्म ‘अमेजॉन प्राइम वीडियो’पर स्ट्रीम हुई. यह इतनी घटिया फिल्म है कि लोगो ने सवाल उठाया कि आयुष्मान खुराना ने क्या सोचकर इतनी घटिया फिल्म कर ली. इस फिल्म में उनके अभिनय को भी नहीं सराहा गया. फिर दस दिसंबर 2021 को प्रदर्शित अभिषेक कपूर की  फिल्म ‘‘चंडीगढ़ करे आशिकी’’ की भी बाक्स आफिस पर बड़ी दुर्गति हुई. इस फिल्म में आयुष्मान खुराना का अभिनय देखकर लोगों को यकीन करना मुश्किल हो गया कि इसी कलाकार ने ‘विक्की डोनर’,‘अंधाधुंन’,‘बधाई हो’,‘ड्रीमगर्ल’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया था. एक बेहतरीन कलाकार के अभिनय में इस कदर की गिरावट को हजम करना मुश्किल हो रहा था. मगर बची हुई कसर उनकी अगली फिल्म ‘‘ अनेक’ ने पूरा कर डाला. घटिया कहानी व आयुष्मान खुराना सहित सभी कलाकारों के घटिया परफार्मेंस की वजह से 47 करोड़ की लागत से बनी फिल्म ‘अनेक’ बाक्स आफिस पर महज दस करोड़ ही कमा सकी. नुकसान निर्माता का हुआ. आयुष्मान खुराना की जेब भरी रही. मगर आयुष्मान खुराना के प्रशंसकों व दर्शकों को इस बात की तकलीफ हुई कि वह  एक उत्कृष्ट कलाकार को खो रहे थे. पर आयुष्मान खुराना तो अपने ‘टैलेंट मैनेजमेंट’ और पीआर के आगे इस कदर नतमस्तक हो गए थे कि उनकी समझ में ही नही आ रहा था कि वह इस तरह से अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मार रहे हैं. वह जिन लोगों को करोड़ रूपए अपनी ‘ब्रांड वैल्यू’ को बढ़ाने के लिए दे रहे हैं,वही अपरोक्ष रूप से उनकी ‘ब्रांड वैल्यू’ को नष्ट करने का काम कर रहे हैं.

इसके बाद बौलीवुड के अंदर ही चर्चा होने लगी कि आयुष्मान खुराना की इस असफलतमा के पीछे उनका जमीन से दूर हो जाना ही है. बहरहाल,उनके क्षरा अपनी फीस में कटोती की खबर उस वक्त आयी है,जबकि उनकी फिल्म ‘डाक्टर जी’ 14 अक्टूबर को प्रदर्शित होने वाली है. यह फिल्म भी अलग तरह के विषय पर है. इसके अलावा उनकी दो फिल्में ‘एन एक्शन हीरो’ और ‘ड्रीम गर्ल 2’’ भी जल्द प्रदर्शित होंगी. लेकिन एक बेहतरीन कलाकार के कैरियर का इस तरह पतन से उनके प्रशंसक  भी निराश हैं. अपनी फीस में कटौती कर आयुष्मान खुराना ने इस बात का संकेत दे दिया है कि ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ और ‘अनेक’ की असफलता के लिए वही दोषी हैं. जबकि हकीकत यह है कि वह गलत लोगों के इशारे पर नाचते हुए अपने कैरियर को संभाल नही पाए. अन्यथा बौलीवुड में आयुष्मान खुराना जैसे उत्कृष्ट कलाकार कम हैं. आयुष्मान खुराना को समझना होगा कि चंद शहरों के शॉपिंग माल्स में या कुछ कालेज के ग्राउंड पर नाचने से न तो उनके फिल्म का सही प्रचार होता है और न ही इससे उनकी अपनी ‘ब्रांड वैल्यू’ में ही इजाफा होता है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...