‘एक था टाइगर,’ ‘आशिकी 2,’ ‘किक,’ ‘प्रेम रतन धन पायो,’ ‘काबिल,’ ‘बागी,’ ‘एमएस धोनी,’ ‘लव यात्री’ सहित सैकड़ों फिल्मों के अति लोकप्रिय गीत गा चुकीं बौलीवुड गायिका पलक मुच्छल दिल के रोगी व निर्धन बच्चों की काफी सहायता करती हैं. वे म्यूजिकल कंसर्ट से होने वाली कमाई से दिल के मरीज बच्चों के औपरेशन करवा कर उन्हें नई जिंदगी दिलाती हैं. अब तक वे 2,368 बच्चों के हृदय के औपरेशन का सारा खर्च उठा कर उन्हें नई जिंदगी दिला चुकी हैं.

प्रस्तुत हैं, पलक मुच्छल से हुई ऐक्सक्लूसिब बातचीत के कुछ अहम अंश:

अपने व अपने परिवार के संबंध में जानकारी देंगी?

मेरा जन्म 30 मार्च, 1992 को इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था. मेरे पिता राज कुमार मुच्छल अकाउंटैंट और मां अमिता मुच्छल गृहिणी हैं. मैं 8 साल की उम्र से चैरिटी स्टेज शो में गा कर पैसा इकट्ठा कर के गरीब बच्चों के दिल का औपरेशन कराती आ रही हूं. अब तक 2,368 निर्धन बच्चों के दिलों का औपरेशन करवा चुकी हूं. ये सभी बच्चे अब खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं, जबकि कई सौ बच्चे अभी भी मेरी मदद की आस लिए प्रतीक्षा सूची में हैं.

लोगों की मदद करने का विचार मन में  कब आया?

जहां तक मुझे याद है मैं ने सर्वप्रथम 6 साल की उम्र में नेत्रहीन बच्चों के लिए स्टेज पर गा कर धन इकट्ठा किया था. उस के बाद कारगिल के जवानों के लिए दुकानदुकान पर जा कर दुकान में मौजूद लोगों को ‘ऐ मेरे वतन के लोगो…’ गीत सुना कर चंदा मांगते हुए क्व25 हजार इकट्ठा कर के दिए थे. वास्तव में मेरी शुरू से ही लोगों की मदद करने की इच्छा रही है.

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गरीब व दिल के मरीज बच्चों के मुफ्त  में औपरेशन करवाने का सिलसिला कब शुरू किया था?

मार्च, 2000 की बात है. एक दिन हमारे घर पर मदद की उम्मीद ले कर राधेश्याम कुरील आए थे. उन के 6 साल के बेटे लोकेश के हृदय में दो छेद थे. राधेश्याम कुरील उन दिनों एक मोची की दुकान पर क्व75 रोज कमाते थे. उन के लिए अपने बेटे के दिल की सर्जरी करवाना असंभव था.

जब उन्होंने हमारे घर पर मेरे मातापिता के सामने अपना यह दुख बयां किया, तो मैं ने 8 मार्च, 2000 की शाम अपना पहला चैरिटी शो कर दिल के मरीज उस बच्चे के लिए क्व51 हजार एकत्रित किए. मीडिया ने इस कार्यक्रम को प्रचारित कर दिया, जिसे एक चैनल पर उन दिनों बंगलुरु के ‘मणिपाल हार्ट हाउंडेशन’ में कार्यरत डाक्टर देवी शेट्टी ने देखा, तो वे लोकेश का औपरेशन नि:शुल्क करने को तैयार हो गईं. 24 मार्च, 2000 को लोकेश का औपरेशन हो गया और मणिपाल हार्ट फाउंडेशन की दरियादिली से मेरे इकट्ठा किए क्व51 हजार बच गए. मैं ने यह क्व51 हजार लोकेश को ही देने चाहे. पर गरीबी के बावजूद उस के मांबाप ने यह रकम लेने से मना करते हुए किसी अन्य गरीब हृदयरोगी बच्चे के औपरेशन पर खर्च करने के लिए कहा. तब मेरे मातापिता ने स्थानीय समाचारपत्रों में यह खबर प्रकाशित कराई.

खबर के छपते ही हमारे पास चारों ओर से आग्रह आने लगे और हफ्तेभर में ही गुजारिशों का अंबार लग गया. उस वक्त तक हमें पता नहीं था कि शहर में इतने बच्चे हृदयरोगी, जिन के पास इलाज करवाने के लिए धन की कमी है. उस के बाद मैं ने केवल उन्हीं बच्चों को मदद के लिए चुनने का निश्चय किया, जो बहुत ही गरीब और 17 वर्ष से कम उम्र के थे. मैं ने उस वक्त 11 साल की उम्र के 7 बच्चों का औपरेशन इंदौर के ‘भंडारी अस्पताल व रिसर्च सैंटर’ में करवाया. तब से मैं अपने ज्यादातर बच्चों के औपरेशन इंदौर के ‘भंडारी अस्पताल व रिसर्च सैंटर’ में ही करवाती हूं. उस के बाद मैं ने गरीब बच्चों के दिल का औपरेशन करवाना अपनी समाज सेवा का मिशन बना लिया.

तो क्या आप सिर्फ भारतीय बच्चों की ही मदद करती हैं या…?

हम ने अपने इस मिशन को सरहद की सीमाओं में नहीं बांधा है, बल्कि हम ने कई विदेशी हृदयरोगियों के बच्चों के खर्च को भी वहन किया है. जुलाई, 2003 में पाकिस्तान के नदीम दंपती अपनी बेटी नूर फातिमा के दिल के छेद का इलाज करवाने बंगलुरु आए थे, जिस का खर्च हम ने वहन किया था.

कोरोना व लौकडाउन में तो आप का काम बंद रहा होगा?

मेरा अपना म्यूजिक स्टूडियो है. मेरा भाई संगीतकार है. मैं खुद गीत लिखती हूं, तो हम ने कई फिल्मों के लिए अपने स्टूडियो में लौकडाउन के समय गीत तैयार किए. इस के अलावा हम ने अपनी संगीत कंपनी और यूट्यूब चैनल ‘पर्ल म्यूजिक’ भी शुरू किया, जिस के एक लाख से अधिक सब्सक्राइबर हो गए हैं.

इस के अलावा लौकडाउन के दौरान जब सारे म्यूजिकल कंसर्ट बंद हो गए, तब हमारे म्यूजीशियनों को तकलीफ हुई. मुझे अपने ही एक म्यूजीशियन से जानकारी मिली, तब मैं ने अपनी ‘डौल्स’ को बेच कर मध्य प्रदेश के 400 म्यूजीशियनों तक पूरे 5 माह तक राशन आदि सामग्री भिजवाई. मेरे पास 50 से अधिक डौल्स थीं.

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अब तक आप किन भाषाओं में गा चुकी हैं?

मैं 17 भाषाओं में गाती हूं. मैं शास्त्रीय गीत ज्यादा गाती हूं. शमशाद बेगम, नूरजहां, लता मंगेशकर, सुनिधि चौहान के गाए गीतों को ज्यादा गाती हूं, पर हर शो में ‘ऐ मेरे वतन के लोगो…’ गीत जरूर गाती हूं.

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