मेघालय की राजधानी शिलौंग की रहने वाली 24 वर्षीय एंड्रिया तरियंग ने फिल्म ‘पिंक’ से डेब्यू किया. इस से पहले वे मौडल और सिंगर रह चुकी हैं. फिल्मों में आने की उन की कोई इच्छा नहीं थी. वे सिंगर बनना चाहती थीं. सुजीत सरकार की स्क्रिप्ट उन्हें इतनी पसंद आई कि उन्होंने तुरंत हां कह दी. फिल्म का मिलना और उस में काम करना खास था.

एंड्रिया शिलौंग से डेढ़ साल पहले मुंबई आई थीं, मेकअप का काम सीखने. 5 महीने काम सीखा पर उस में खास मजा नहीं आया. फिर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के साथ 3 महीने इंटर्न के तौर पर काम किया. उस के बाद सोचा कि अब घर लौट जाएंगी. लेकिन इसी बीच उन के पिता का फोन आया कि क्या वह बौलीवुड फिल्म करना चाहती है? इस पर एंड्रिया ने पूछा वे ऐसा क्यों पूछ रहे हैं, क्योंकि न तो उन्हें हिंदी आती है, न ही बौलीवुड सर्कल से परिचित थीं लेकिन उन के कहने पर औडिशन के लिए गईं.

फिर उन की बड़ी बहन भी उन के साथ रहती हैं. उन्हें भी किसी ने इस फिल्म के औडिशन के लिए बुलाया था. इस तरह दोनों बहनें साथ गईं. मजेदार बात यह थी कि दोनों को ही पता नहीं था कि वे दोनों एक ही फिल्म के औडिशन के लिए जा रही हैं. फिर औडिशन हुआ और एंड्रिया को यह फिल्म मिल गई. पेश हैं, एंड्रिया से हुई बातचीत के कुछ अंश.

फिल्म ‘पिंक’ आप को कैसे प्रेरित करती है?

यह एक साहसी फिल्म है. इसे करने के बाद मैं ने सीखा है कि मुझे कैसे किसी परिस्थिति में खड़ा होना है, मैं कैसे खुद को सुरक्षा दूं और जिस बात पर मैं विश्वास करती हूं उस के लिए मैं कैसे लड़ूंगी?

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