बॉलीवुड में कई फिल्में ऐसी हैं, जो असल जिंदगी पर आधारित हैं. ऐसी फिल्में अमूमन अच्छा कारोबार भी करती हैं.

इस साल रिलीज हो रही फिल्म ‘रईस’ भी गुजरात के गैंगस्टर अब्दुल लतिफ से प्रेरित है. अब्दुल पर शराब के अवैध कारोबार का आरोप है. फिल्म में रईस आलम बनें शाहरुख खान का किरदार अंडरवर्ल्ड डॉन अब्दुल लतिफ से प्रेरित है.

यह पहला मौका नहीं है जब बॉलीवुड में किसी डॉन माफिया को उपर कोई फिल्म बनी होगी. गौरतलब है की बॉलीवुड में ऐसी भी फिल्में हैं, जो रियल लाइफ विलेन को पर्दे पर हीरो दिखाती हैं. आइए देखते हैं ऐसी ही कुछ फिल्में जो रियल लाइफ विलेन से प्रेरित हैं.

बैंडिट क्वीन

डकैत फूलन देवी के जीवन पर आधारित इस फिल्म में सीमा बिस्वास मुख्य किरदार में है. शेखर कपूर की इस को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के राष्ट्रीय पुरस्कार फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ट फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्दशन का भी पुरस्कार मिला था.

पान सिंह तोमर

एक सैनिक और एथलीट से बाघी डकैत बने पान सिंह तोमर के जीवन पर आधारित यह फिल्म बेहद शानदार है. तिग्मांशु धुलिया की इस फिल्म में इरफान खान मुख्य भूमिका में हैं. नेश्नल गेम्स में गोल्ड जीतने वाले पान सिंह तोमर की फिल्म को भी नेश्नल अवॉर्ड मिला.

शूटआउट एट लोखंडवाला

शूटआउट एट लोखंडवाला एटीएस के चीफ ए. ए. खान की कहानी है जो 16 नवंबर 1991 को 400 पुलिसकर्मियों के साथ लोखंडवाला कॉम्प्लैक्स में एक कुख्यात गैंगस्टर माया दोलास का एंकाउंटर करते हैं. अपूर्व लाखिया की इस फिल्म में विलेन ही असली हीरो हैं.

स्पेशल 26

नीरज पांडे की इस फिल्म की कहानी कुख्यात ओपेरा हाउस में की गई चोरी पर आधारित है. नकली सीबीआई बन कर कैसे एक शख्स मशहूर ज्वेलरी वाले को करोड़ों को चूना लगा कर चंपत हो जाते हैं. फिल्म टिकट खिड़की पर भी खूब चली.

वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई

मिलन लथूरिया की यह फिल्म मुंबई अंडरवर्ल्ड की दुनिया को बेहद करीब से दिखाती है. हाजी मस्तान और दाउद इब्राहिम के जीवन पर बनी इस फिल्म ने अंडरवर्ल्ड की काली दुनिया पर राज करने वाले डॉन की अच्छाई और उसूलों को दर्शाया था. फिल्म बेहद सफल रही थी.

शूटआउट एट वडाला

2013 में आई संजय गुप्ता की यह फिल्म देश में पहले दर्ज एंकाउटर पर आधारित है. मुंबई पुलिस ने सबसा पहला एंकाउंटर मान्या सुर्वे का डॉं अंबेडकर कॉलेज, वडाला में जनवरी 11, 1982 को किया था. फिल्म काफी हिट रही थी.

रक्त चरित्र

आंध्र प्रदेश के राजनेता के जीवन पर बनी इस फिल्म में विवेक ऑबेरॉय मुख्य किरदार में हैं. एक नेता की असल जिंदगी में तमाम-उतार चढ़ाव और सत्ता तक पहुंचने की उसके सफर को इस फिल्म में अच्छे ढंद से दिखाया गया है.

सिन्स

कई आपत्तिजनक सीन के चलते विनोद पांडे की इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने ‘ए’ सर्टिफिकेट दिया. फिल्म कैथलिक पादरी और एक महिला के प्रेम संबंध की सच्ची घटना पर आधारित हैं. फिल्म का काफी विरोध भी हुआ था. केरल के एक पादरी को एक शादीशुदा महिला के साथ अवैध संबंध और हत्या के मामले में मौत की सजा हुई थी.

ओए लक्की, लक्की ओए

‘सुपरचोर’ कहलाने वाले देवेंद्र बंटी की जिंदगी से प्रेरित इस फिल्म को लोगों ने काफी पसंद किया. एक चोर अपने शातिर दिमाग से कैसे लोगों और पुलिस वालों को बेवकूफ बना सकता है. अमीर लोगों के घरों से गाड़ियां, गहने, टीवी, म्युजिक सिस्टम के साथ यह चोर पालतू जानवरों को भी चुरा सकता है.

डर्टी पॉलिटिक्स

राजस्थान के कुख्यात भंवरी देवी मर्डर केस पर बनी इस फिल्म को दर्शकों ने कोई खास तवज्जो नहीं दी. राजनैतिक दबावों के चलते फिल्म ने रिलीज से पहले ही दम तोड़ दिया और फिल्म असलियत से भटक गई. कमजोर स्क्रिप्ट के कारण फिल्म फ्लॉप रही.

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