फिल्म ‘‘कल हो ना हो’’ की सफलता के साथ ही निर्देशक निखिल अडवाणी पर रोमांटिक फिल्म निर्देशक के रूप में ठप्पा लग गया था. उसके बाद निखिल अडवाणी ने ‘‘सलाम ए इश्क’ ,‘चांदनी चौक टू चाइना’, ‘पटियाला हाउस’ जैसी फिल्में निर्देशित की. मगर 2013 में जब उन्होने थ्रिलर फिल्म ‘‘डी डी’’ निर्देशित की, तो फिल्म के बौक्स औफिस पर असफलता के बावजूद उन्हें बेहतरीन थ्रिलर फिल्म निर्देशक माना जाने लगा.  ‘डी डी’ के बाद निखिल अडवाणी ने ‘कट्टी बट्टी’ औैर ‘हीरो’ जैसी रोमांटिक फिल्में निर्देशित की, जिन्होंने बौक्स औफिस पर पानी नहीं मांगा. निखिल अडवाणी मानते हैं कि उन्हें ‘कट्टी बट्टी’ और ‘हीरो’ निर्देशित नहीं करनी चाहिए थी. अब वह 15 अगस्त को प्रदर्शित हो रही थ्रिलर फिल्म ‘‘बाटला हाउस’’ लेकर आ रहे हैं.

सवाल- फिल्म ‘‘डी डे’’ के प्रदर्शन से पहले आपकी इमेज रोमांटिक फिल्म निर्देशक के रूप में थी. पर ‘‘डी डे’’के बाद जब आपने हीरोऔर कट्टी बट्टीजैसी रोमांटिक फिल्में बनायी, तो इन फिल्मों को लोगों ने स्वीकार नहीं किया. अब आपकी पहचान एक थ्रिलर फिल्मकार की हो गयी है?

-सच कहूं तो ‘डी डे’ के बाद मुझे ‘कट्टी बट्टी’या ‘हीरो’ इन दोनों रोमांटिक फिल्मों को बनाना नहीं चाहिए था. मुझे नए विषय की तलाश के लिए इंतजार करना चाहिए था.  मैने इन फिल्मों को बनाते हुए इंज्वौय किया. लेकिन मैं इन फिल्मों में अपना 100 प्रतिशत नही दे पाया.

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सवाल- तो क्या आपने इन फिल्मों को बेमन बनाया था? या हीरोके समय सलमान खान का दबाव था?

-ऐसा नही है. मेरा कहना यह है कि मुझे ‘डी डे’के बाद रोमांटिक फिल्म बनाने की बजाए ‘बाटला हाउस’जैसी फिल्म बनाने का इंतजार करना चाहिए था,जिसे देखकर लोग यह कहते कि हां,यह ‘डी डे’के निर्देशक की फिल्म है.

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