सिनेमा में आ रहे बदलाव के चलते अब यथार्थपरक घटनाक्रमों पर न सिर्फ फिल्में बन रही हैं, बल्कि अब फिल्में तमाम सामाजिक मुद्दों पर सवाल भी उठा रही हैं. जी हां!लड़की के साथ छेड़छाड़ होने पर सख्त सजा का कानून है, मगर जब किसी लड़के या पुरूष के साथ एक लड़की बलात्कार करे, तो इस गुनाह पर कानून मौन क्यों रहता है? इसी सवाल पर फिल्मकार नयन पचोरी एक हास्य व रोमांचक फिल्म ‘‘रेस्क्यू’’लेकर आ रहे हैं.

14 जून को प्रदर्शन के लिए तैयार ‘‘आरजी टीएस पिक्चर्स’’के बैनर तले निर्मित फिल्म ‘‘रेस्क्यू’’ का ट्रेलर हाल ही में मुंबई में लांच किया गया. इस अवसर पर फिल्म के युवा निर्देशक नयन पचौरी ने कहा-‘‘यह अन एक्सपेक्टेड कौमिक थ्रिलर है, जिसमें समाज में कामुकता, पसंद की स्वतंत्रता, पाखंड, दोहरे मापदंड को व्यंगात्मक तरीके से दिखाया गया है. फिल्म की कहानी वास्तविक घटनाक्रम से प्रेरित है.’’

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फिल्म ‘‘रेस्क्यू’’ के निर्देशक नयन पचोरी महज 21 वर्ष के हैं. वह अब तक 22 लघु फिल्में व दो फीचर फिल्में निर्देशित कर चुके हैं. डार्क हास्य रोमांचक फिल्म ‘‘रेस्क्यू’’ की कहानी तीन मनोरोगी मेडिकल स्टूडेंट द्वारा अपने किराए के मकान के एजेंट से डरावना बदला लेने की है. कहानी की शुरूआत तीन मेडिकल की छात्राओं हनी, आयशा और मीरा द्वारा अपने घर के एजेंट जतिन को किराए के अपार्टमेंट में फंसाने से होती है. यह तीनों उसके साथ मारपीट कर उसे प्रताड़ित करते हैं.अंत में एक मुकाम पर उसके साथ बहुत बुरा करती हैं.

इस अवसर पर फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे अभिनेता राहुल गणेष तुलसीराम ने कहा-‘‘फिल्म ‘रेस्क्यू’मेरे लिए बहुत ही खास फिल्म है. समाज की रूढ़िवादिता को फिल्म की अवधारणा से साफ किया गया है. फिल्म में छेड़छाड़, मारपीट और यहां तक कि एक पुरूष के साथ बलात्कार की भी बात की गई है. हम एक ऐसे समाज में रहते हैं,जहां महिलाओं के साथ दुरव्यवहार करना एक गंभीर अपराध है. लेकिन अगर एक आदमी के साथ ऐसा हो जाए, तो क्या?

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