समाज में निचले तबके और उपरी तबके में विधवा विवाह को लेकर सोंच भले ही बदल रही हो पर मध्यम वर्ग अभी भी इसको लेकर दकियानूसी सोंच रखता है. एंड टीवी के सीरियल ‘एक विवाह ऐसा भी’ में विधवा विवाह की कहानी को समाजिकता के साथ दिखाने की कोशिश हो रही है.
सीरियल में सास की भूमिका निभाने वाली तस्नीम शेख कहती हैं, ‘समाज की सोंच को बदलने का काम टीवी की कहानियों और मीडिया के जरीये हो सकता है. जरूरत इस बात की है कि इस पहल को लगातार जनता के बीच रखा जाये तभी विधवा विवाह को लेकर समाज की सोंच बदल सकती है.’
तस्नीम शेख सीरियल मे सिंधूरा मित्तल का किरदार निभा रही हैं. बहू का किरदार सोनाली निकम और बेटे की भूमिका अभिषेक मलिक निभा रहे हैं. करीब 8 साल के बाद वह टीवी सीरियलों में अपनी वापसी कर रही हैं.
मुम्बई की रहने वाली तस्नीम ने कई सीरियलों में अपने अभिनय का जादू दिखाया इसके बाद मर्चेंट नेवी में जौब करने वाले समीर नेरूलकर के साथ शादी कर ली. दोनों का प्रेमविवाह था. शादी के बाद तस्नीम की बेटी टिया का जन्म हुआ. बेटी के जन्म से पहले ही तस्नीम ने टीवी सीरियलों की दुनियां को छोड़ दिया और पूरी तरह से अपनी गृहस्थी में रचबस गई. बेटी टिया 7 साल की हो गई स्कूल जाने लगी और खुद को संभालने के लायक हो गई तो तस्नीम ने एक्टिंग की दुनिया में आने का फैसला किया.
तस्नीम कहती हैं, ‘एक्टिंग के ऑफर तो बहुत पहले से मिल रहे थे. मैं रोनेधोन वाले सास बहू के किरदार से दूर कुछ अच्छी कहानी करना चाहती थी. ऐसे में जब ‘एक विवाह ऐसा भी’ की कहानी सुनी तो मुझे लगा कि यह रोल करना चाहिये. इसकी कहानी विधवा विवाह के आसपास घूमती है. सीरियल में मेरी बहू केवल विधवा ही नहीं है वह एक बेटे की मां है वह शादी के बाद अपने बेटे और पहले की सास के साथ आती है. अपने में यह अलग ही कहानी है. ऐसे मामले सामान्य रूप से कम है. पर समाज में ऐसी कहानियां है.’
रियल लाइफ में एक बेटी की मां बनने के बाद सीरियल में बेहद ग्लैमरस सास की भूमिका निभाने के लिये क्या उपाय किये ?
तस्नीम शेख कहती हैं कि ‘मैंने मां बनने के बाद से ही अपना वजन कम करना शुरू कर दिया था. अपनी डाइट और एक्सरसाइज करके मनचाहा फीगर हासिल किया. यह बात सच है कि सीरियल में मैं अपनी बहू से अधिक ग्लैमरस दिखती हूं. मुझे सास का रोल करने में कोई हिचक नहीं हुई. क्योंकि यह कहानी पंसद है.’
आपने अलग धर्म में शादी की है.आज भी आप अपने नाम से पहचानी जाती है कभी कोई परेशानी नहीं हुई ?
तस्नीम कहती हैं, ‘मैंने और समीर ने जब शादी की तो बहुत कुछ सोंच कर फैसला किया था. हमारे परिवार बहुत खुले विचारों के हैं. मेरी मां गुजराती हिन्दू और पापा इलाहाबाद के मुसलिम परिवार से हैं. ऐसे में मुझे कोई परेशानी नहीं हुई. हमारी बेटी का नाम टिया है. उसकी चाहत का ध्यान रखकर ही मैं वापस एक्टिंग की दुनियां में आई हूं. मेरा मानना है कि अगर पति-पत्नी के बीच की रिलेशनशिप अच्छी है तो जाति और धर्म कोई मतलब नहीं रखते’.
तस्नीम को पेंटिंग का शौक है. जब वह एक्टिंग से दूर थी तो पेटिंग बनाना सीखा और फिर अपनी बनाई पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाई और उसको बेचा. तस्नीम की बनाई कई पेंटिंग 1 से 2 लाख तक में बिकी. तस्नीम कहती हैं, पेंटिंग मेरे लिये हौबी है. मैं एक्टिंग करते हुये समय मिलने पर अपनी हौबी को करना चाहती हूं. तस्नीम कहती हैं, ‘मेरा मानना है कि अगर महिलाओं को समाज में बराबरी का हक देना है तो विधवा विवाह और शादी की आजादी जैसे मुद्दो पर अपनी सोंच बदलनी होगी. तभी सही बदलाव हो सकेगा.’