जम्मू-कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद जी ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने ट्वीट कर कहा था कि प्यार एकतरफा नहीं हो सकता. यह नहीं चल सकता कि हम पाकिस्तानी कलाकारों को सिर आंखों पर बैठाएं, वे हमारे देश में रहें भी, काम भी करें, पैसे भी कमाएं और जब हमारे देश पर आंतकी हमला हो तो चुप्पी साध लें.
उन्होंने घोषणा की थी कि जी के जिंदगी चैनल पर आने वाले पाकिस्तानी शोज को बंद करके नए शोज शुरू किए जाएंगे. चैनल की टैग लाइन ‘जोड़े दिलों को’ भी बदलने की घोषणा की गई थी. दिल्ली में जब चैनल की नई टैग लाइन और नए शोज की घोषणा की गई, तब भी चर्चा का केंद्र यह मुद्दा ही बना रहा कि पाकिस्तानी कलाकारों और पाकिस्तानी शोज को बैन करने का फैसला कितना जायज है.
भारतीय दर्शकों को पहली बार पाकिस्तानी टीवी शोज से रूबरू करवाने वाले जिंदगी चैनल पर अब ये शोज नहीं आएंगे. अपने सादगी भरे अंदाज, डिफ्रेंट कॉन्टेंट, बेहतरीन अदाकारी और शॉर्ट पीरियड में ही सीरियल के खत्म हो जाने की वजह से भारतीय दर्शकों के बीच ये शोज काफी पॉपुलर हुए थे, मगर उड़ी हमले के बाद अब इस चैनल पर पाकिस्तानी शोज को बंद करके उनकी जगह नए शोज लाए जा रहे हैं. टैग लाइन भी ‘जोड़े दिलों को’ से बदलकर ‘ये लम्हा ही है जिंदगी’ कर दी गई है.
जी ग्रुप के चेयरमैन, जिनके फैसले के बाद चैनल ने यह बदलाव किया, उनका कहना है कि हमारा यह फैसला किसी व्यक्ति विशेष या पाकिस्तानी कलाकारों के खिलाफ नहीं है. हमें भारतीयता और मानवीयता के नाते और अपने दर्शकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला करना पड़ा. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें यह कदम उठाना पड़ा, लेकिन अब यह जरूरी हो गया था.
सुभाष चंद्रा के मुताबिक, ‘हम यह नहीं चाहते कि हमारे देश में रहकर काम कर रहे पाकिस्तानी कलाकार अपने देश या वहां की सरकार के खिलाफ कुछ बोलें. हम तो सिर्फ इतनी ही उम्मीद करते हैं कि वे कम से कम इस तरह के आतंकी हमलों की निंदा तो करते, भारतीय लोगों के प्रति थोड़ी संवेदनशीलता तो दिखाते, मगर उन्होंने वह भी नहीं किया.’ चंद्रा ने बताया कि हमारे पास अब भी 3000 घंटे के पाकिस्तानी शोज बाकी हैं और उनके लिए हम 60 करोड़ रुपये का पेमेंट भी पहले ही कर चुके हैं, मगर हमारे दर्शकों और देश के आम नागरिकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए हमने अब उन शोज को न दिखाने का फैसला किया है.
जिंदगी चैनल की वजह से भारत में पहचान हासिल करने वाले फवाद खान, माहिरा खान, अली जफर जैसे पाकिस्तानी कलाकारों का जिक्र करते हुए सुभाष चंद्रा ने कहा कि जिंदगी चैनल पाकिस्तानी कलाकारों या उनके सीरियल्स की वजह से नहीं, बल्कि उनकी प्रोग्रामिंग की वजह से फेमस हुआ. हम उनसे भी बेहतर प्रोग्राम्स लेकर आएंगे. फवाद खान की मौजूदगी की वजह से करण की फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की रिलीज पर मंडरा रहे खतरे के सवाल पर सुभाष चंद्रा ने बताया, ‘उनकी फिल्म रिलीज होनी चाहिए और उन्हें आश्वासन भी दिया कि अगर कोई दिक्कत आई, तो हम उनके सपोर्ट में खड़े रहेंगे, लेकिन साथ ही उनसे अनुरोध भी किया है कि भविष्य में वह अपनी फिल्मों में पाकिस्तानी कलाकारों को ना लें.
पाकिस्तानी शोज को बंद करने के बाद जिंदगी चैनल अब 3 अक्टूबर से 6 नए शोज ला रहा है. इनमें से एक शो ‘ख्वाबों की जमीन पर’ को खुद अनुपम खेर ने प्रोड्यूस किया है. छोटे पर्दे के लिए वह पहली बार किसी फिक्शन को प्रोड्यूस कर रहे हैं. इस शो में एक नौजवान के फिल्मों में काम करने के सपने और उसकी अपनी पर्सनल वैल्यूज के बीच के द्वंद्व को दिखाया जाएगा. अनुपम का कहना है कि यह उनकी लाइफ पर आधारित ऑटोबायोग्राफिकल शो नहीं है, मगर अपनी जिंदगी के कई अनुभवें को उन्होंने इस शो में पिरोया है. कॉमेडी शो ‘टीवी के उस पार’ ‘तेरी मेरी जोड़ी’,’अगर तुम साथ हो’ इसके अलावा टर्किश लव स्टोरी ‘फोरिया’ का सीजन-2 भी शुरू किया जाएगा. साथ ही संडे को ‘सलाम बॉम्बे’, ‘गांधी’, ‘सलीम लंगड़े पर मत रो’, ‘त्रिया चरित्र’ जैसी भारतीय सिनेमा की क्लासिक हिंदी फिल्में भी दिखाई जाएंगी. इसके अलावा चैनल जल्द ही तुर्की, स्पेन, इटली, लैटिन अमेरिका और कोरिया की कहानियों को भी शोज के रूप में देखने को मिलेंगी.
उम्मीद का दरवाजा खुला है
पाक कलाकारों पर बैन को लेकर बॉलीवुड में भी दो राय है. हंसल मेहता जैसे फिल्मकार मानते हैं कि यह बैन सही नहीं है. इस पर सुभाष चंद्रा ने कहा, ‘सच पूछिये तो बॉलीवुड के ज्यादातर प्रड्यूसर्स सेलफिश हैं. मैंने तमाम बड़े प्रड्यूसर्स से बात करके कहा था कि पाकिस्तान में हमारी फिल्मों की सबसे ज्यादा पायरेसी होती है, इसलिए अगर हम अपनी फिल्मों में उनके कलाकारों को लेते हैं, तो उनसे यह वादा लें कि वे अपने देश में पायरेसी पर रोक लगवाने के लिए अपनी सरकार और वहां की आवाम से अपील करेंगे और कोशिश करेंगे कि हमारी सभी फिल्में उनके यहां भी रिलीज हों, मगर इस मामले में प्रड्यूसर्स ने काफी ढुलमुल रवैया अपनाया.
उन्होंने कहा कि हम तो अब भी यही चाहते हैं कि दोनों मुल्कों के रिश्तों में सुधार हो और ये खूनखराबा बंद हो. अगर ऐसा होता है, तो हम उनके शोज फिर से शुरू कर देंगे और टैग लाइन भी फिर से वही रख देंगे. हम अपने शोज के जरिये कोई पाकिस्तान को गाली नहीं देने जा रहे.
अनुपम ने भी किया अटैक
लॉन्चिंग के मौके पर मौजूद अनुपम खेर ने कहा कि जब पेशावर के स्कूल में आतंकी हमला हुआ था, तो मैंने उसकी कड़ी निंदा करते हुए आतंकियों को एक ओपन लैटर लिखकर चुनौती दी थी, उसके बाद जब मैंने वहां के एक लिटरेचर फेस्टिवल में जाना चाहा, तो मुझे वीजा नहीं दिया गया.
मेरा मानना है कि आर्ट ऐंड कल्चर को सीमाओं में नहीं बांधना चाहिए. मैं एक ऐक्टर हूं, मगर सबसे पहले भारतीय हूं और अपने देश पर होने वाले किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं कर सकता. कश्मीरी पंडित होने के नाते खुद को आतंकवाद का शिकार बताते हुए अनुपम ने कहा कि हमने उनके साथ संबंध सुधारने की हर कोशिश करके देख ली, अब कड़े कदम उठाने का वक्त है और जी जिंदगी ने उस दिशा में पहल कर दी है.