म्‍युचुअल फंड में निवेश करना हमेशा अच्छा होता है. हालांकि, लोग अक्सर इसे शेयर बाजार का हिस्सा मानकर यहां निवेश करने से कतराते हैं. विशेषज्ञों की मानें तो ये एक मात्र जरिया है जहां कम समय में बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सकता है. कुछ ऐसे म्युचुअल फंड्स भी हैं जिन्होंने एक साल में ही 300% तक का रिटर्न दिया है.

बाजार इन दिनों अपने हाई पर है, ऐसे में बाजार में सीधा निवेश थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है. लेकिन, म्‍युचुअल फंड ऐसी ही स्थिति का विकल्प है. जहां निवेश में कम जोखिम है और निश्चित रिटर्न है. बाजार के जानकारों की मानें तो म्‍युचुअल फंड के मैनेजर्स पहले स्‍टौक चुनते हैं और फिर धीरे-धीरे अपना निवेश बढ़ाते हैं. इससे उनकी एवरेजिंग होती है, जो बाद में अच्‍छा रिटर्न देती है.

रिसर्च के बाद चुनते हैं स्टौक्स

फंड मैनेजर्स निवेश से पहले स्‍टौक पर पूरी रिसर्च करते हैं. बाद में धीर-धीरे उन स्टौक्स में निवेश करते हैं, जहां रिटर्न की संभावना है. यही कारण है कि कई म्‍युचुअल फंड का रिटर्न अपने बेंचमार्क से अच्‍छा होता है. उनके अनुसार लोगों को शेयर बाजार ट्रैक करके निवेश से बचना चाहिए. कई बार इससे नुकसान हो जाता है. इससे बेहतर है कि म्‍युचुअल फंड में निवेश किया जाए. यहां पर फंड मैनेजर्स निवेशकों के पैसों अच्‍छी तरह से निवेश करते हैं और अच्‍छा रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है.

फंड मैनेजर्स बदलते रहते हैं पोर्टफोलियो

म्‍युचुअल फंड स्‍कीम्‍स में कई सारे स्‍टौक होते हैं. फंड मैनेजर्स इनको लगातार बदलते रहते हैं. इसीलिए अगर म्‍युचुअल फंड के सफल स्‍टौक को देखकर निवेश की रणनीति नहीं बनानी चाहिए. क्‍योंकि, हो सकता है कि आप जिस स्‍टौक को सफल समझ रहे हों, फंड मैनेजर्स उसे बेचकर फायदा लेने की सोच रहे हों. इसीलिए निवेश से पहले स्‍टौक के बारे में रिसर्च जरूर करें और किसी एक्सपर्ट की सलाह पर ही निवेश करें.

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