Breast Cancer Awareness: महिलाओं में अक्सर देखे जाने वाले कैंसर के मामलों में ब्रेस्ट कैंसर काफी तेजी से बढ़ा है. इनमे HER2+ ब्रेस्ट कैंसर, इसका सबसे आक्रामक सबटाइप्स में से एक है. भारत में 15-30% ब्रेस्ट कैंसर के मामले HER2+ होते हैं. HER2+ का मतलब ह्यूमन एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर 2 होता है. यह एक प्रोटीन रिसेप्टर है जो इस सबटाइप को अक्सर उच्च पुनरावृत्ति और कम जीवन दर से जोड़ता है. हालांकि, अब मरीजों के पास टार्गेटेड थेरेपी का विकल्प है जो HER2 कैंसर कोशिकाओं पर कीमोथेरेपी की तुलना में अधिक सटीक रूप से हमला करती है.

HER2+ ब्रेस्ट कैंसर के लिए टार्गेटेड थेरेपी अब सबक्यूटेनियस इंजेक्शन के माध्यम से मिनटों में दी जा सकती है. सबक्यूटेनियस थेरेपी लंबी इन्फ्यूज़न के बजाय आमतौर पर छोटे इंजेक्शन के माध्यम से दी जाने वाली टार्गेटेड थेरेपी होती है. यह अस्पताल में समय घटा सकती है, इन्फ्यूज़न-संबंधी प्रतिक्रियाओं को कम कर सकती है और IV डिलीवरी से जुड़ी असुविधा को भी घटा सकती है.

सबक्यूटेनियस फॉर्मुलेशन थेरेपी पूरी उपचार प्रक्रिया को सरल बनाने में मदद कर सकती है, उदाहरण के लिए, एडमिनिस्ट्रेशन समय को कम करके या कई बायोलॉजिक एजेंट्स को एक ही इंजेक्शन में मिलाकर. इसका मतलब है कि मरीज उपचार में कम समय बिताएंगे.  इस तरह पूरी उपचार प्रक्रिया अधिक कुशल और सुविधाजनक होगी, समय की बचत होगी और वही असर और सुरक्षा बनी रहेगी.

डॉ. बोमन धाभर, सीनियर कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, फोर्टिस हॉस्पिटल, मुंबई का इस पर कहना है-

_“हम देख रहे हैं कि अब कम उम्र की महिलाएं भी स्तन कैंसर से पीड़ित पाई जा रही हैं. चिंताजनक बात यह है कि इनमें से कई मामलों में आक्रामक प्रकार जैसे HER2+ स्तन कैंसर शामिल हैं. भारत में स्तन कैंसर के मामलों की कुल संख्या लगातार बढ़ रही है. इस बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं — शहरीकरण, बदलती जीवनशैली, देर से मातृत्व, स्तनपान की अवधि में कमी, आहार संबंधी परिवर्तन और बढ़ता तनाव.

_यह स्थिति बताती है कि नए उपचार विकल्पों के प्रति जागरूकता क्यों ज़रूरी है. लक्षित (टारगेटेड) थेरेपीज़, जो व्यक्तिगत जरूरतों के अनुसार दी जाती हैं, HER2+ स्तन कैंसर के इलाज में सामान्य उपचार पद्धति की तुलना में अधिक प्रभावी साबित हुई हैं._

_महत्वपूर्ण बात यह है कि अब उपचार के लक्ष्य केवल जीवन को लंबा करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उसमें गरिमा, सुविधा और सामान्य जीवन बनाए रखने पर भी ध्यान दिया जा रहा है. मरीज़ों को ऐसा उपचार मिलना चाहिए जिससे वे अपना दैनिक जीवन जारी रख सकें, परिवार के साथ सार्थक समय बिता सकें और उपचार के दौरान भी जीवन का आनंद ले सकें._

_नई थेरेपी अब त्वचा के नीचे एक साधारण इंजेक्शन (सबक्यूटेनियस रूप से) के माध्यम से दी जा सकती हैं, जिससे लंबे समय तक चलने वाले अंतःशिरा (IV) इन्फ्यूज़न की आवश्यकता नहीं पड़ती. इससे न केवल मरीज़ों और उनके देखभालकर्ताओं का समय बचता है, बल्कि कैंसर देखभाल प्रणाली पर भी बोझ कम होता है._

_चिकित्सकों के रूप में हमारी ज़िम्मेदारी सिर्फ़ बीमारी का इलाज करना नहीं है, बल्कि मरीज़ों को उनका जीवन फिर से संवारने में मदद करना भी है.”

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