सर्दी के मौसम में ठंडी हवाएं चलने लगती हैं. इस दौरान उन की कोमल स्किन का खास ध्यान रखना जरूरी है. इस बारे में क्यूटिस स्किन सौल्यूशन की स्किनरोग विशेषज्ञा डा. अप्रतिम गोयल कहती हैं कि असल में बच्चों की स्किन वयस्कों की स्किन से 5 गुना नाजुक होती है. सही देखभाल से उस में रैडनैस या रैशेज होने की संभावना नहीं रहती. इस के अलावा सर्दी के मौसम में ड्राई स्किन के लिए ऐक्स्ट्रा पोषण की जरूरत होती है, क्योंकि बच्चों की स्किन वयस्कों की स्किन से पतली होती है. ऐसे में सर्द हवाओं और ठंड से वह डैमेज होने लगती है.

बाहर की ठंड और घर के अंदर की हीट से स्किन के सूखा होने और उस पर रैशेज होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है. इस के अलावा जिन बच्चों की स्किन शुष्क किस्म की होती है, उन के लिए यह मौसम और भी घातक हो जाता है.

ठंड का बच्चों की स्किन पर प्रभाव

- रैड, रफ और स्कैली गाल.

- गालों, बटक्स और कलाइयों पर स्किन का ड्राई और परतदार होना.

- फटे होंठ.

- ऐक्जिमा होना.

- हीट रैश.

देखभाल

ठंड के मौसम में बच्चों की स्किन के प्रति थोड़ी सी भी अनदेखी घातक सिद्ध हो सकती है. अत: पेश हैं कुछ सु झाव:

- बच्चों के लिए मौइस्चराइजिंग क्रीम का प्रयोग उन की ड्राई और खारिश वाली स्किन पर करें. उस क्रीम में डाइमेथिकोन, सिरामाइडस, लिकोरिस, विटामिन ई आदि होना जरूरी है. ये बच्चों की स्किन को नम रखते हैं. सुगंध और कलर फ्री उत्पाद, जिन में पीएच बैलेंस हो उन्हें चुनें.

- जब बच्चा थोड़ा बड़ा होने लगता है तो कई बार उस की स्किन पर सफेद पैचेस दिखाई देने लगते हैं. ऐसे में अच्छे मौइस्चराइजर का प्रयोग करने से पैचेस गायब हो जाते हैं. 18 महीने के बाद बच्चे को विंटर में भी सनस्कीन लगाना अच्छा रहता है.

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