कोरोना फेमिली का नया कोविड-19 वायरस दुनियाभर में जैसेजैसे खूंखार होता जा रहा है वैसेवैसे इस संकट के नएनए आयाम सामने आ रहे हैं. इसने दुनिया में एक नए तरह के विश्व युद्ध को जन्म दे दिया है. इस बार दुनियाभर के देश चिकित्सा उपकरणों के लिए एकदूसरे से भिड़ सकते हैं.

दरअसल, पूरी दुनिया को हथियार बेचने वाले अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में कोरोना फैलने के बाद दवाओं, मास्कों और चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी हो गई है जिसके बाद ये देश, विशेषकर अमेरिका, गुंडागर्दी और ताकत के बल पर इन सामानों पर क़ब्ज़ा जमा रहे हैं जिससे एक नया संकट पैदा हो सकता है. इस लूटमार में सब से पहले अमेरिका और फिर इस्राईल का नाम सामने आ रहा है.

इसी बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा भेजने का अनुरोध किया है. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने देश से वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसका पहला शिकार कनाडा हुआ. वहां भेजी जाने वाली चिकित्सा उपकरणों की खेप अमेरिका में रोक ली गई, जिसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री ने जवाबी कार्यवाही की धमकी दी है.

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उधर, अमेरिका ने बैंकाक से जरमनी जाने वाली फेसमास्कों की एक बड़ी खेप पर बैंकाक हवाई अड्डे पर ज़बरदस्ती क़ब्ज़ा करके उसे अमेरिका भेज दिया. इसी तरह अमेरिका ने जरमनी द्वारा चीन से खरीदे गए मास्कों की एक बड़ी खेप पर क़ब्ज़ा कर लिया और फिर उसे भी अमेरिका भेज दिया. जबकि, जरमनी ने इन मास्कों की क़ीमत भी अदा कर दी थी.

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