शरीर को स्वस्थ रखने के लिए केवल पौष्टिक भोजन लेना ही जरूरी नहीं है, बल्कि भोजन का सही पाचन भी जरूरी होता है. भोजन के सही पाचन से ही शरीर तंदुरुस्त रहता है, क्योंकि भोजन और पेयपदार्थों के पाचन से शरीर को ऊर्जा और पोषण मिलता है. पाचनतंत्र कमजोर होने से भोजन की ऊर्जा में बदलने की क्षमता कमजोर होती है और भोजन बिना पचे मल के रूप में निकल जाता है, जिस से कब्ज, गैस, ऐसिडिटी जैसी समस्याएं सामने आती हैं. मतली आना, पेट दर्द, पेट में सूजन, अपच, गैस आदि खराब डाइजैशन यानी पाचनक्रिया के सही न होने का संकेत है.

विशेषज्ञों की मानें तो डाइजैशन सही न होना कई खतरनाक बीमारियों को न्योता देना है. पेट की समस्याओं की प्रमुख वजह आजकल का खराब लाइफस्टाइल है.

हमारे शरीर का पाचनतंत्र भोजन को पचाने का काम करता है. भोजन के पाचन में दांत, मुंह, लार ग्रंथियां, छोटी आंत, आहार नाल, बड़ी आंत सभी प्रमुख भूमिका निभाते हैं. भोजन के मुंह में आते ही दांतों द्वारा उसे चबाने से मुंह की लार में उपस्थित ऐंजाइम्स भोजन को पचाने में मदद करते हैं. मुंह के बाद भोजन आहार नली से होते हुए आमाशय में पहुंचता है.

आमाशय की दीवारों से स्रावित होने वाले ऐसिड भोजन को छोटेछोटे कणों में तोड़ कर अर्द्ध ठोस के रूप में बदल देते हैं. इस के बाद यह भोजन छोटी आंत में पहुंचता है. छोटी आंत की ग्रंथियां भोजन से 90 फीसदी पोषक तत्त्वों का अवशोषण कर लेती हैं. छोटी आंत से हो कर भोजन बड़ी आंत में आता है जहां पर पानी को सोख लेने के बाद अवशेष मल के रूप में मल द्वार में जमा हो जाता है.

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