भारत की पहली पूरी तरह से Automated Diagnostic Laboratory Thyrocare टेक्नोलॉजीज लिमिटेड 2 दशक से दुनिया अपना अस्तित्व कायम किए हुए है, जिसके पीछे कई लोगों की मेहनत है. लेकिन जब भी बात इसे बनाने की आती है तो Dr. Arokiaswamy Velumani का नाम हर किसी की जबान पर होता है.  आइए आपको बताते हैं Thyrocare के निर्माण से जुड़े लोगों की कहानी..

मां की मेहनत और प्रेरणा है Thyrocare

Dr. Arokiaswamy Velumani “Thyrocare” के निर्माता और Thyrocare टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के संस्थापक हैं. तमिलनाडु के कोयम्बटूर के सुदूर गाँव अप्पनकेनपट्टी पुडूर से आने वाले Dr. Arokiaswamy Velumani ने Thyrocare का सफल निर्माण किया. उन्होंने पंचायत यूनियन स्कूल से पढ़ाई की और मद्रास विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है. मेहनती Dr. Arokiaswamy Velumani की सबसे बड़ी प्रेरणा उनकी मां हैं, जो उनके साथ हर मुश्किल वक्त में साथ खड़ी रहीं. Dr. Arokiaswamy Velumani की मां हिम्मत और धैर्य ’का अवतार थी, जिन्होंने Dr. Arokiaswamy के बचपन के दिनों को आसानी से पार करने में मदद की.

रेलवे स्टेशन पर बितानी पड़ी थीं रातें

लंबे समय तक संघर्ष के बाद Dr. Arokiaswamy ने 1979 में एक कैप्सूल निर्माण कंपनी में अपने करियर की शुरुआत केवल 150 रुपए में की थी. हालांकि, वह कारखाना जल्द ही बंद हो गया था. Dr. Arokiaswamy ने इसे एक प्रभावी वरदान के रुप में माना. इसी के बाद उनकी  मुंबई पहुंचने के बाद असली परिक्षा शुरु हुई. मुंबई के वीटी रेलवे स्टेशन पर कई दिनों तक रहने के बाद Dr. Arokiaswamy की मुलाकात मुंबई के BARC से एक सरकारी प्रस्ताव मिला.

 Dr. Arokiaswamy ने उठाया जोखिम भरा कदम

कड़ी मेहनत और कुछ कर दिखाने की भावना ने Dr. Arokiaswamy को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से बायोकैमिस्ट्री में मास्टर्स पूरा करके अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाया. वहीं इसी ओर कदम बढ़ाते हुए Dr. Arokiaswamy ने थायराइड फिजियोलॉजी में पीएचडी की. उनकी इस मेहनत ने उन्हें बेजोड़ सफलता हासिल करने के लिए मजबूर किया और इसी के कारण अपने सपनों को पूरा करने की ओर आगे कदम बढ़ाया. इसके बाद 1995 में Dr. Arokiaswamy ने एक बड़ा जोखिम उठाया और अपने सरकारी पद से इस्तीफा दे दिया.

150 वर्ग फुट के किराए के गैराज से हुई थी शुरुआत

1996 में मुंबई के बायकुला में एक छोटे से 150 वर्ग फुट के किराए के गैराज में Dr. Arokiaswamy ने Thyrocare की शुरुआत की, जिसके बाद Dr. Arokiaswamy ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसी कारण आज Thyrocare टेक्नोलॉजीज लिमिटेड सफलता की ऊंचाइयों को छू रहा है. 2017 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी के शेयरों की सार्वजनिक लिस्टिंग के साथ Thyrocare की शानदार प्रतिष्ठा को मजबूत किया गया था, जिसके बाद आज वह लोगों के भरोसे का कारण बन गया है.

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