बांझपन एक आम समस्या है और देश में ऐसे दंपतियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो संतानहीनता के शिकार हो रहे हैं. मगर इस के लिए कहीं न कहीं हम खुद भी जिम्मेदार हैं. यों तो आज इतनी ऐडवांस टैक्नोलौजी आ गई है जिस से सूनी गोद को भरा जा सकता है लेकिन यह इलाज हर किसी के लिए संभव नहीं होता.

आइए, जानते हैं कि इस समस्या से किस तरह छुटकारा पाया जा सकता है:

नशे से दूर रहें: रिसर्च में यह साबित हुआ है कि उन महिलाओं में बांझपन का खतरा अधिक बढ़ जाता है, जो धूम्रपान करती हैं. सिर्फ आप के छोड़ने से ही यह समस्या हल नहीं होगी बल्कि अगर आप का पार्टनर भी इस का आदी है तो उसे भी इसे छोड़ने का निश्चय करना पड़ेगा ताकि आप मां बनने का हसीन आनंद ले पाएं.

शराब का सेवन न सिर्फ सेहत पर वार करता है, संतानहीनता की प्रमुख कारण भी है. इसलिए शराब से दूरी बनाए रखें.

खुद को न मानें दोषी: कई बार हम बांझपन के लिए खुद को इतना अधिक दोषी मान बैठते हैं कि डिप्रैशन तक में चले जाते हैं या फिर इस से अपनी पर्सनल लाइफ तक प्रभावित कर देते हैं जबकि आज इस समस्या से हर 8 में से 1 कपल प्रभावित है. इसलिए खुद को या एकदूसरे को दोष देना बंद करें.

न लें तनाव: रिसर्च में यह साबित हुआ है कि तनाव से फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ता है. इसलिए ऐसे टाइम में तनाव से दूर रहें और दोस्तों व परिवार के संग ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं जिस से आप खुद को खुश रख पाएं.

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