केएआई इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राजेश यू पांड्या द्वारा इनपुट

भले पूरी दुनिया कोरोनोवायरस महामारी के दंश से उबर रही है, लेकिन हमें फिर भी अपने सुरक्षा को कम नहीं करना चाहिए. घातक कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए अपने हाथों की स्वच्छता के प्रति सतर्क रहना चाहिए. लेकिन क्या हम अपने नाखूनों की स्वच्छता पर पर्याप्त ध्यान दे रहे हैं?  हमारे नाखून हमारे पूरे शरीर के अच्छे स्वास्थ्य का संकेत होते हैं. कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने की संभावना गंदे नाखूनों से होती है. अपने नाखूनों की सफाई के प्रति साफ़-सफाई न होने से नाखूनों के नीचे  हानिकारक जीवाणुओं के पैदा होने का स्थान  बन जाता है. ये कीटाणु हमारे हाथों के जरिये मुंह से होते हुए हमारे शरीर के अंदर जाते हैं. चूँकि भारत में नंगे हाथ से खाना खाने की प्रथा है इसलिए नाखून की साफ़-सफाई रखना काफी महत्वपूर्ण है और इसके बिना हाथ की स्वच्छता अधूरी है.

बेहतर नाखून की साफ़-सफाई की आदत का पालन करने से  हमारे नाखून के स्वास्थ्य की उम्र  काफी लम्बी होती है. साफ़ सफाई की इन आदतों में यह शामिल होता है कि खाने के कण, गंदगी, धूल हमारे नाखूनों से चिपके न हो और नाखून के नीचे बैक्टीरिया का निर्माण न हो. शुक्र है नाखून की बेहतर स्वच्छता तथा सफाई बनाए रखना इतना मुश्किल नहीं है. थोड़ी सी लगन, जागरूकता और ध्यान हमारे नाखूनों को स्वस्थ रखने के लिए काफी है.

नाखून की साफ़-सफाई को नज़रअंदाज करने से वायरल इन्फेक्शन से ग्रसित होने की संभावना ज्यादा

नाखूनों की साफ-सफाई के प्रति लगातार लापरवाही बरतने से बैक्टीरिया और वायरल इंफेक्शन जैसी कई गंभीर समस्याएं पैदा हो जाती हैं. अक्सर इनकी वजह से गंभीर स्वास्थ्य समस्याए हमें घेर लेती हैं. जब तक हम नियमित रूप से हाथ धोने के अलावा अपने नाखूनों के नीचे के हिस्से को साफ नहीं करेंगे, तब तक हमारे हाथ की साफ़-सफाई पूरी नहीं मानी जायेगी. अधिकांश लोग दूसरों के साथ नेल क्लिपर शेयर करने से गुरेज नहीं करते हैं. हालांकि यह एक बेहद गन्दी आदत (अनहेल्दी प्रैक्टिस) है. जब हम अपने पर्सनल हाइजीन प्रोडक्ट्स (व्यक्तिगत स्वच्छता उत्पादों) को किसी से शेयर नहीं करते हैं तो हम अपने नेलकटर को क्यों शेयर करते हैं? इसलिए नेल क्लिपर को भी शेयर न करें, नाखून में प्रचुर मात्रा में कीटाणुओं, जीवाणुओं और वायरसों का जमाव हो सकता है जोकि नेलकटर शेयर करने की वजह से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जा सकते हैं.

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नेलकटर को सूखा और साफ़ रखें

ऐसा करने से हमारे नाखूनों के नीचे बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन को बढ़ने से रोका जा सकता है. यह देखा गया है कि लंबे समय तक पानी के संपर्क में रहने से नाखून टूट सकते हैं. बर्तन धोते समय, सफाई करते समय या कठोर केमिकल का उपयोग करते समय हमेशा कॉटन-लाइनेड रबर दस्ताने पहनने की सलाह दी जाती है. बेहतर नाखून की साफ-सफाई की आदत का पालन करने के लिए हमें अपने नाखून देखभाल प्रोडक्ट के बारे में सावधान तथा सतर्क रहना चाहिए. ग्रिम रिमूवर के साथ एक तेज स्टेनलेस-स्टील नेल क्लिपर का उपयोग करें, जो नाखूनों के नीचे छिपे कीटाणुओं और जमी हुई मैल को हटा सके. नाखूनों को सीधा काटें, फिर इन्हें एक कोमल कर्व में गोल करें. नाखून काटने के बाद हमेशा हाथों और नाखूनों के नीचे साबुन और पानी से धोएं.

क्यूटिकल्स को बढ़ने से बचाने के लिए हाथों और नाखूनों को नम बनाये रखें. नेल पेंट रिमूवर, हैंड सैनिटाइज़र और हार्श साबुन का बार-बार इस्तेमाल करने से नाखूनों के साथ-साथ क्यूटिकल्स के सूखने का कारण बन सकते हैं. नाखून कम से कम रखें, उन्हें नियमित रूप से ट्रिम करें और कम से कम 20 सेकंड के लिए हाथ धोएं और फिर इसे मॉइस्चराइज़ करें, इससे  बीमारियों की संभावना को कम तथा किसी भी तरह के वायरस से बचा सकता है. केएआई इंडिया नेल क्लिपर में 100% स्टेनलेस स्टील, नेल फाइलर, ग्रिम रिमूवर, नेल ट्रे और नॉन-क्रोमियम कोटिंग जैसी अनूठी विशेषताएं होती हैं, जो उन्हें उचित नाखून स्वच्छता बनाए रखने के लिए सुरक्षित और सबसे प्रभावी बनाती हैं.

यहां कुछ और तरीके दिए गए हैं जिनके माध्यम से हम अपने नाखूनों की स्वच्छता बरकरार रख सकते हैं, और नाखूनों को डैमेज होने से बचा सकते हैं.

नाखून चबाने से बचें:

इससे नाखून के मामूली कट के रूप में नुकसान होने की क्षमता होती है, जिससे इन्फेक्शन हो सकता है . इसके अलावा जब हम अपने नाखून मुंह से काटते हैं, तो कीटाणु सीधे हमारे मुंह में शरीर में अंदर चले जाते हैं.

हैंगनेल के प्रति सतर्क रहें:

अपने लटकते हुए नाखूनों को कभी भी न हटाएं. बल्कि उनके प्रति सावधानी बरतें और उन्हें अच्छे से काटें . उन प्रोडक्ट का उपयोग करना बंद कर दें जो नाखूनों पर नकारात्मक असर डालते हैं. हमेशा एसीटोन मुक्त प्रोडक्ट ही खरीदें.

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नियमित रूप से नेल चेकअप करवाएं:

अगर आपको लगातार नाखून की समस्या है, तो जांच कराने के लिए डॉक्टर या त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें.

नेल क्लिपर शेयर न करें:

कोशिश करें कि अपने नेल क्लिपर को शेयर न करें, क्योंकि उनमें कीटाणु होते हैं. नेल क्लिपर को गुनगुने पानी से धोएं और इसके बाद पानी और एक मुलायम कपड़े से पोछें.

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