Women Health : कहीं आप को भी ऐसा तो नहीं लगता कि पीरियड (Period) ब्लड का रंग हमेशा लाल ही होता है. अगर ऐसा है तो आप गलत हैं. पीरियड का रंग हमेशा लाल नहीं होता है, इस के रंग में बदलाव होता है. हर महीने हार्मोन चेंज होने के कारण इस रक्त का टैक्सचर और कलर बदलता रहता है. सब से महत्त्वपूर्ण यह है कि महिलाओं की डाइट, लाइफस्टाइल, उम्र और ऐनवायरमैंट पर भी डिपेंड करता है.
हालांकि, इन्फैक्शन, प्रैगनेंसी और कुछ रेयर मामलों में सर्वाइकल कैंसर की वजह से रक्त के रंग में बदलाव और अनियमित ब्लीडिंग को देखा जा सकता है.
पीरियड्स साइकिल में कई ऐसे बदलाव आते हैं, जिन्हें देख कर महिलाएं नजरअंदाज कर देती हैं. इन बदलावों में पीरियड्स में ब्लड कलर का अलग होना, फ्लो ज्यादा होना, ऐंठन जैसे बदलाव इस बात का संकेत देते हैं कि कुछ प्रौब्लम हो रही है.
अगर आप गौर करें तो आप को पता चलेगा कि पीरियड ब्लड का रंग गाढ़ा भूरा भी हो सकता है, कला भी हो सकता है और हलका गुलाबी भी. हर रंग का अपना अलग मतलब होता है जो बताता है आप की सेहत के बारे में. आइए, जानें पीरियड ब्लड के किस रंग का क्या मतलब है.
क्यों बदलता है खून का रंग
महिलाओं में अकसर हीमोग्लोबिन की मात्रा कम या ज्यादा होती है और कई बार हीमोग्लोबिन का कम और ज्यादा होना और सही मात्रा में नहीं होना भी ब्लड के रंग में बदलाव का कारण होता है. दरअसल, हीमोग्लोबिन खून में मौजूद एक आयरन से भरपूर घटक होता है और यही शरीर में ब्लड फ्लो के लिए भी जिम्मेदार माना जा सकता है. अब आयरन जैसे ही हवा और पानी के संपर्क में आता है उस में औक्सिडाइजेशन जैसा प्रोसेस होने लगता है. यही कारण है कि हवा और खासतौर पर औक्सीजन के संपर्क में आते ही ब्लड का रंग बदल जाता है.
इस के आलावा प्रैगनेंसी के पहले और बाद में भी ब्लड के रंग में बदलाव आता है. कई बार हम कुछ दवाएं भी खाते हैं जिस की वजह से ब्लड का रंग बदल जाता है.
मेनोपोज के समय में भी ब्लड का रंग बदल जाता है. और भी कई कारण होते हैं ब्लड का रंग बदलने के. इसलिए जरूरी है कि आप भी ध्यान दें कि पीरियड के दिनों में आप के ब्लड का रंग क्या है और अगर कुछ गड़बड़ लगे तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं.
पीरियड का रंग भी देता है कुछ संकेत
आमतौर पर आप को यही लगता होगा कि आप के पीरियड ब्लड का रंग लाल ही है, पर अगर आप कभी इस बात पर गौर करें तो आप को पता चलेगा कि पीरियड ब्लड का रंग गाढ़ा भूरा भी हो सकता है और हलका गुलाबी भी। आमतौर पर शुरुआती दिनों में खून का रंग गाढ़ा होता है और अंत के दिनों में हलका. कई बार यह काला भी हो सकता है.
गाढ़ा ब्लड फ्लो : विशेषज्ञों के अनुसार अगर किसी महिला को गाढ़े रंग का फ्लो होता है तो इस का मतलब है कि जननांग से ब्लड का फ्लो बहुत ही धीरे और हलका है. वहीं अगर यह रंग गाढ़ा भूरा हो तो इस का मतलब है कि फ्लो हो रहा खून पुराना है, जो काफी समय से गर्भाशय में संग्रहित हो रहा होगा और जिस का अब फ्लो हो रहा है। ज्यादातर ऐसा फ्लो सुबह के समय होता है.
काला रंग का ब्लड : अगर आप का ब्लड फ्लो काला है तो यह खतरे की निशानी है। काला रंग के ब्लड का मतलब है एक लंबी अवधि के बाद यूट्रस में से रक्त निकला है, इसलिए यह ज्यादा औक्सिडाइज्ड होता है. यह आमतौर पर ऐसी औरतों में देखा जाता है, जिन के पीरियड्स नियमित तौर पर नहीं आते. पीरियड्स मिस होने की वजह से उन के यूट्रस में खून इकट्ठा हो जाता है और जब वह बाहर आता है, तो वह ब्लैक कलर का दिखता है.
काला ब्लड का मतलब होता है कि आप के गर्भाशय में संक्रमण है या मिसकैरेज हुआ है.
अगर आप को पूरी साइकल के दौरान काला रंग का ब्लड फ्लो हुआ है तो आप को तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए. हालांकि अगर काला रंग का पीरियड ब्लड चौथे दिन पर आए और उस में हलका लाल रंग भी मिक्स हो तो यह नौर्मल होता है.
डार्क रैड रंग का ब्लड : लाल और गाढ़ा लाल रंग खून हैल्दी पीरियड का संकेत देता है. अगर पीरियड के दौरान आ रहा खून डार्क रैड है तो इस का मतलब यह है कि वह बिलकुल ताजा है. ऐसे रंग का खून पीरियड के शुरुआती दिनों में या फिर आमतौर पर पीरियड के दूसरे दिन ऐसा फ्लो होता है, जब हैवी ब्लीडिंग होती है.
गहरे लाल थक्के : कई बार पीरियड्स में गहरे लाल रंग के थक्के आते हैं। पीरियड्स के दौरान यूट्रस के अंदर की परत निकल जाती है, तो सामान्य आकार के थक्के तो होते ही हैं लेकिन यदि यही थक्का काफी बड़े आकार में हो तो यह हार्मोन असंतुलन का कारण भी हो सकता है।
नारंगी रंग का ब्लड : जब खून गर्भाशय के ऊपरी हिस्से के तरल के साथ मिल कर फ्लो होता है तो इस का रंग नारंगी होता है। पर इसे हलके में लेना सही नहीं होगा। यह किसी संक्रमण का संकेत हो सकता है। दरअसल, पीरियड में इस रंग का खून तभी आता है जब किसी दूसरे स्राव के साथ खून का मिश्रण हो।
गुलाबी रंग का ब्लड : पीरियड के दौरान गुलाबी रंग का खून आ रहा है, तो इस का मतलब है कि आप पौष्टिक आहार नहीं ले रही हैं या फिर आप का ऐस्ट्रोजन लेवल कम है।
ब्राउन कलर का ब्लड : यह ब्लड अकसर पीरियड के खत्म होने वाले दिनों में आता है, जब आप का खून पुराना हो जाता है. यह एकदम नौर्मल है. इस में चिंता की कोई बात नहीं है. मगर एक बात का ध्यान जरूर रखें कि अगर इस खून के साथ आप को दर्द या ब्लड क्लौटिंग होता है तो यह इस बात की तरफ इशारा करता है कि शायद आप को इन्फैक्शन हो गया है। ऐसे में आप को डाक्टर को दिखना चाहिए.
औरेंज रंग का ब्लड : यदि आप अपने पीरियड्स के दौरान औरेंज रंग का ब्लड देखते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि वेजाइना में इन्फैक्शन, सैक्सुअल ट्रांसमिटेड इन्फैक्शन (एसटीआई) या किसी अन्य बैक्टीरिया के इन्फैक्शन के होने का। शायद इस रक्त में आप को कुछ अजीब सी महक भी आए। आप को ऐसा होने पर जरूर अपनी गाइनोकोलौजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए और उन के कहे अनुसार अपना ट्रीटमैंट करवाना चाहिए।
ग्रे ब्लड : ग्रे डिस्चार्ज आमतौर पर बैक्टीरियल वैजिनोसिस का संकेत है। यह प्राइवेट पार्ट में बैक्टीरिया के बीच असंतुलन के कारण होता है. बैक्टीरियल वैजिनोसिस के अन्य लक्षण इस तरह हैं- वेजाइना में और उस के आसपास खुजली, दुर्गंधयुक्त गंध, जलन या दर्द. अगर आप में भी ऐसे ही कुछ लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो डाक्टर से सलाह लें.
ब्राइट रैड : अगर आप के पीरियड का रंग चमकीला लाल है तो यह एक अच्छा संकेत है. इस से यह भी पता लगता है कि आप की प्रतिरक्षा प्रणाली और पाचनतंत्र मजबूत है.
डाक्टर को कब दिखाएं
अगर आप ने पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो को लाल के अलावा किसी और रंग का देखा हो, तो भी समय आ गया है कि आप अपने डाक्टर से परामर्श करें। अपनी गाइनोकोलौजिस्ट से मिलें और बताएं कि आप के पीरियड ब्लड का कलर चैंज हो गया है. इस के बाद वह चैक करेगी और कुछ टेस्ट आदि करवा कर पता लगाएगी कि यह हमारी शरीर में पनप रही किसी बड़ी बीमारी का संकेत तो नहीं है.