एयर कंडीशनर गरम वातावरण से राहत दे कर आप को ठंडक और सुकून का एहसास कराता है. यही कारण है कि अब पंखों और कूलरों से ज्यादा एसी का चलन बढ़ रहा है. एसी में स्नह्म्द्गशठ्ठ गैस का उपयोग किया जाता हैं. जब भी हम एसी खरीदते हैं तो हमें लगता है कि वह काफी समय तक चल सकता है जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है. कुछ हद तक एसी की लाइफ उस की मौडल यूनिट पर निर्भर करती है.

लेकिन उस से भी ज्यादा निर्भर करती है कि आप एसी की देखभाल कैसे करते हैं. अधिकांश लोग एसी पर तभी ध्यान देते हैं, जब उस से हवा आनी कम हो जाती है या उस में से बदबू आनी शुरू हो जाती है या उस में से आवाज आनी शुरू हो जाती है.

अगर आप चाहते हैं कि आप का एसी सालों तक आप का साथ निभाए और उस पर आप को पैसे खर्च भी नहीं करना पड़ें तो अपने एसी की देखभाल अच्छे से करें और कम से कम साल में 2 बार एसी की सर्विसिंग करवाएं. इस से उस की लाइफ को बढ़ा सकते हैं. अपने एसी की यूनिट की लाइफ को बढ़ाने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है:

धूल या डस्ट का जमा होना: एसी को भी सफाई की जरूरत होती है. एसी की सफाई न करने से इस में जमा होने वाली धूल या डस्ट एअर फ्लो को ब्लौक करने लगती है, साथ ही इस के फिल्टर पर जमा कचरे से कौइल पर बर्फ भी जम सकती है. इस के अलावा इस से सांस की बीमारी होने का भी खतरा बना रहता है और यह बड़ों से ले कर बच्चों तक सभी के नुकसानदेह हो सकता है. इन सब परेशानियों से बचने के लिए तो एसी की सफाई करना बेहद जरूरी है.

कम कूलिंग: तेज गरमी है और हम ने एसी चालू किया और उस में कूलिंग कम हो तो हम परेशान हो जाते हैं और हम एसी की सर्विसिंग भी नहीं करवा पा रहे हैं तो आप कोशिश और थोड़ी मेहनत कर के घर पर भी विंडो एसी की सर्विस कर सकते हैं. आप उस के एअर फिल्टर साफ कर लें. ऐसा करने से भी आप को राहत मिलेगी और एसी का एअरफ्लो भी काफी बढ़ जाएगा.

स्पिलिट एसी की सर्विसिंग भी आप ऐसे ही कर सकते हैं. इनडोर यूनिट के एअर फिल्टर साफ करने के बाद आप को आउटडोर यूनिट भी साफ करनी होती है जिसे आप पानी से धो भी सकते हैं. फिर समय मिले तो एसी की सर्विसिंग जरूर करवा लें ताकि आप गरमी से राहत पा सकें.

फिल्टर को नियमित रूप से बदलें: एसी की सर्विसिंग के दौरान फिल्टर की जांच करनी चाहिए. यदि वे गंदे हैं तो उन्हें बदलने के बारे में विचार जरूर करना चाहिए भले उन्हें अभी बदलने का समय नहीं आया हो.

गंदे एअर फिल्टर का मतलब है कि घर में हवा को फैलाने के लिए सिस्टम को दोगुनी मेहनत करनी होगी. इस से न केवल पंखे पर असर पड़ता है बल्कि पूरे कूलिंग सिस्टम को नुकसान पहुंचता और कमरा पूरी तरह से ठंडा नहीं हो पाता. फिल्टर भी जल्द ही खराब हो जाता है. एसी की लंबी उम्र के लिए फिल्टर की नियमित जांच जरूर करवानी चाहिए.

कंडैंसर की करें जांच: एअर कंडीशनर का आनंद लेने के लिए एसी के कंडैंसर की जांच भी जरूरी है क्योंकि कंडैंसर घर के बाहर स्थित होता है. कंडैंसर को बाहर के मौसम से भी नुकसान हो सकता है. इस के अलावा, कंडैंसर के आसपास जमा हुए कचरे को साफ करें. यदि कंडैंसर की बगल में घास या कोई पौधा बढ़ रहा है तो उसे साफ किया जाना चाहिए.

लीक्स को चैक करना भी जरूरी: 1 साल में कम से कम एक बार लीक चैक कर लेनी चाहिए. अगर किसी भी नली से लीक हो रही है तो यह एसी के लिए अच्छा नहीं होता है. इसे तुरंत रिपेयरिंग करवाना चाहिए वरना एसी की कंडीशन खराब हो सकती है और एसी जल्द खराब हो सकता है.

एसी को दे आराम: एसी को आराम देना बेहद जरूरी होता हैं. जिस तरह हम काम करतेकरते थक जाते हैं, हमारा शरीर आराम चाहता है, आराम मिलने के बाद शरीर वापस ऊर्जा प्राप्त कर के काम करने लगता है उसी प्रकार एसी भी लगातार चलतेचलते थक जाता है. इसलिए उसे फिर से ऊर्जावान बनाने के लिए उसे आराम देना बहुत जरूरी होता है.

जब एअर कंडीशनर लगातार चलाया जाता है तो वह जल्दी खराब हो जाता है. अगर आप कुछ दिनों के लिए घर से बाहर जा रहे हैं तो ध्यान रखें कि एसी को ठीक तरह से बंद कर के ही जाएं. यूनिट को चालू रखने के लिए आप थर्मोस्टैट को कम से कम 5 डिगरी घुमा सकते हैं. इस से हवा ठंडी नहीं होती है. वहीं रात के समय थर्मोस्टैट को चालू कर सकते हैं. ये दोनों ही तरीके आप की एसी यूनिट की लाइफ को बढ़ाने में मदद करेंगे.

डक्ट्स को रखें साफ: कई बार हमारे घर में एसी की ठंडक नहीं होती है. इस का एक बड़ा कारण एअर डक्ट्स हो सकते हैं. अगर ये गंदे हो जाते हैं तो हवा का फ्लो कम हो जाता है. ऐसे में एअर डक्ट्स की सफाई करना नियमित तौर पर जरूरी है. यह एसी की एअर क्वालिटी को बेहतर करता है. 1 वर्ष में एक बार एयर डक्ट की सफाई करनी चाहिए.

एसी की सर्विसिंग से शोर होता खत्म: एसी की नियमित सर्विसिंग से आवाज को कम किया जा सकता है. आप परिवार के किसी सदस्य के साथ बातचीत कर रहे हैं और इसी बीच एसी को चालू कर देते हैं, पर अचानक आप सदस्य की आवाज सही तरह से सुन नहीं पाते क्योंकि एसी की तेज आवाज उस की आवाज को दबा देती है. ऐसा दिन में कई बार होता है.

एक एसी यूनिट जिस की सर्विस नहीं किया जाता है वह आसानी से सिंक से बाहर हो सकती है. पंखा चीजों को इधरउधर कर सकता है और अलगअलग हिस्सों को ढीला कर सकता है.

जब पेंच थोड़े ढीले होते हैं तो वे आपस में खड़खड़ा या टकरा सकते हैं जिस से बहुत अधिक आवाज आनी शुरू हो जाती है.

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