कई बार तमाम एहतियात बरतने के बावजूद डॉक्युमेंट्स गुम हो जाते हैं. लिहाजा, आपके के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि डॉक्युमेंट्स गुम हो जाने की सूरत में आपको क्या करना चाहिए या इसे फिर से कैसे हासिल किया जाए.

पॉलिसी की खरीदारी और निवेश का इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम आ जाने से कई लोगों को डुप्लिकेट डॉक्युमेंट्स की जरूरत नहीं पड़ती है. हालांकि, जिन लोगों ने फिजिकल रूट के जरिये निवेश किया है, उन्हें गुम या नष्ट हुए दस्तावेजों को फिर से हासिल करने के लिए निश्चित प्रक्रिया का पालन करना होता है.

म्यूचुअल फंड्स

पिछले कुछ समय में इनवेस्टमेंट प्रोसेस के डिजिटाइजेशन के चलते डुप्लिकेट डॉक्युमेंट्स हासिल करना काफी आसान हो गया है. खासतौर पर ऐसा करना और आसान होता है, जब आपने ऐप्लिकेशन फॉर्म में ई-मेल आईडी का जिक्र किया हो. आप रजिस्ट्रार और सीएएएमएस जैसी ट्रांसफर एजेंट्स की वेबसाइट्स पर जाकर मेल बैक सर्विस ऑप्शन का इस्तेमाल कर अपनी होल्डिंग का कंसॉलिडेटेड स्टेटमेंट हासिल कर सकते हैं. आप फंड हाउस के टोल फ्री नंबर पर कॉल कर और पैन नंबर का हवाला देकर ई-मेल के जरिये स्टेटमेंट की मांग कर सकते हैं.

लाइफ इंश्योरेंस

अगर आपके डॉक्युमेंट गुम हो जाते हैं, तो आपको अपने एजेंट या इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क कर इनडेमनिटी बॉन्ड पर डिक्लेयरेशन देना होगा. इसके बाद इंश्योरेंस कंपनी आपको डुप्लिकेट पॉलिसी बॉन्ड जारी करेगी. अगर आपकी पॉलिसी डॉक्युमेंट को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है, तो आपको इस डॉक्युमेंट्स को भी पेश करना होगा. तमाम डॉक्युमेंट्स दिए जाने के बाद इंश्योरेंस कंपनी 7 दिनों के भीतर आपको डुप्लिकेट पॉलिसी जारी कर देगी.

होम और लोन पेपर्स

अगर आपकी टाइटल डीड या प्रॉपर्टी से जुड़ा कोई अन्य डॉक्युमेंट गुम हो गया है, तो सबसे पहले आपको एफआईआर करनी होगी. इसके बाद अखबारों में पब्लिक नोटिस जारी करना होगा. फिर रजिस्ट्रार से संपर्क करने की जरूरत होगी. रजिस्ट्रार के पास हमेशा ओनरशिप डॉक्युमेंट्स की कॉपी होती है. मूल डॉक्युमेंट तो हासिल नहीं किया जा सकता है, लेकिन स्टैंडर्ड प्रोसेस से इसकी कॉपी हासिल की जा सकती है.

सुरक्षा के लिए डॉक्युमेंट्स को डिजिटाइजेशन जरूरी

डॉक्युमेंट्स को सुरक्षित रखने और डुप्लिकेट हासिल करने के झंझट से बचने के लिए जहां तक संभव हो सके, इलेक्ट्रॉनिक रूट का सहारा लिया जाना चाहिए. सभी डॉक्युमेंट्स को स्कैन कर उसे अपने मेलबॉक्स में स्टोर करना सबसे बेहतर उपाय है. जरूरत पड़ने पर फिजिकल डॉक्युमेंट्स हासिल करने में भी आपको इससे सहूलियत होगी. सरकार की तरफ से मुहैया कराए गए डिजिटल लॉकर में भी आप अपने डॉक्युमेंट्स की सॉफ्ट कॉपी रख सकते हैं.

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