अगर आपके एटीएम कार्ड को हैकर्स ने क्लोन बनाकर हैक कर लिया है तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है. इसके लिए कानून की तरफ से कई प्रकार के तरीके हैं जिनका इस्तेमाल करके न केवल आप मुआवजा पा सकते हैं बल्कि दोषियों को सजा भी दिलवा सकते हैं.

कैसे बनता है एटीएम कार्ड का क्लोन

हैकर्स एटीएम मशीन में एक पतली सी फिल्म लगा देते हैं जिससे एटीएम कार्ड की मैगनेटिक स्ट्रीप पर लगी जानकारी आ जाती है. फिर फिल्म के जरिए उस डाटा से कार्ड का क्लोन बना लेते हैं. स्ट्रीप पर मौजूद आपकी सारी जानकारी जैसे कि कार्ड नंबर, पिन नंबर और बैंक अकाउंट से संबंधित सारी जानकारी इससे मिल जाती है. फिर हैकर्स आपके अकाउंट से सारा पैसा निकाल लेते हैं, जिसकी जानकारी होने पर आपको नुकसान हो जाता है.

कानून के द्वारा मिल सकती है मदद 

अगर आपके साथ भी ऐसी कोई धोखाधड़ी हुई है और कहीं से किसी प्रकार की कोई राहत नहीं मिली है,  तो आप कानून की मदद ले सकते हैं. इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट में एटीएम कार्ड की हैकिंग होने पर कोर्ट से मदद मिलती है. एक्ट के सेक्शन 43 और 66 के अनुसार, आप पांच लाख रुपए से लेकर 5 करोड़ का मुआवजा पा सकते हैं और जिस व्यक्ति ने ऐसा किया है उसको तीन साल तक की सजा भी दिलवा सकते हैं. इसके लिए आपको पुलिस में जाकर के एफआईआर करनी होगी. केस की सुनवाई स्पेशल आईटी कोर्ट में होगी. अगर कोर्ट आपकी सभी दलील और सबूतों से संतुष्ट हुआ तो आपको मुआवजा मिल सकता है.

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