यदि आप नौकरीपेशा है तो सैलरी पर टीडीएस कटना कोई नई बात नहीं है. लेकिन कई बार आपकी कंपनी आपकी टैक्स देनदारी से ज्यादा टैक्स काट लेती है. इस बात का पता आपको तब चलता है जब आप पिछले वित्त वर्ष के लिए अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं. यदि आपकी भी कंपनी ने जरूरत से ज्यादा टीडीएस काट लिया है तो चिंता की कोई बात नहीं है. कंपनी की ओर से ज्यादा कटे हुए टीडीएस को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से रिफंड करवाया जा सकता है. अधिक टीडीएस उस स्थिति में कटता है जब आप निवेश से जुड़ें जरूरी दस्तावेज समय से जमा नहीं करवाते हैं.
जानिए आयकर विभाग से रिफंड लेने के लिए क्या करना होगा आपको
– इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय आपको यह पता चल जाएगा कि आपका टैक्स जरूरत से ज्यादा काटा गया है. इस स्थिति में आपको अलग कुछ करने की जरूरत नहीं है.
– अगर आपकी आय 2.5 लाख रुपए से कम है तो रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है, लेकिन टीडीएस काटा गया है और आप वह वापस चाहते हैं तो इस स्थिति में आपको रिटर्न फाइल करना पड़ेगा. फाइल करते समय उस निवेश की भी जानकारी देनी होगी जो आपके वर्ष के दौरान की है.
– आप को बता दें कि टैक्स रिफंड उस वित्तीय वर्ष के दो साल के अंदर क्लेम करना होगा जिसमें पैसे काटे गए हैं.
– एक्सपर्ट के मुताबिक टैक्स रिफंड क्लेम करने से पहले टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट या फॉर्म 26एएस को एक बार जरूर देखें. अगर जरूरत से ज्यादा टीडीएस काटा गया है और वह इस स्टेटमेंट में नहीं दिख रहा तो आपको रिफंड नहीं मिलेगा. फॉर्म 26एएस में पैन नंबर के आधार पर बताया जाता है कि किस व्यक्ति ने किस विशेष वर्ष में कितना टैक्स अदा किया था.
– अपना फॉर्म 26एएस आयकर विभाग की वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in से चेक किया जा सकता है. यहां मांगी गई जानकारी दें और लॉग इन करें.
– टैक्स से जुड़े जानकार बताते हैं कि टैक्स फाइल करते समय गड़बड़ी होने पर रिफंड पाने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
– अगर आयकर विभाग को आपको रिफंड दिया जाना है तो वह आपकी इस रकम पर 0.50 प्रति महीने की दर से ब्याज चुकाएगा. यह ब्याज अप्रैल से लेकर उस महीने तक लागू होगा जब तक कि आपको रिफंड चुकाया नहीं दिया जाता.
– अपने टैक्स रिफंड का स्टेटस आयकर विभाग की वेबसाइट से चेक किया जा सकता है.