हर इंसान का सपना होता है कि उस का अपना एक प्यार खूबसूरत सा घर हो. इस सपने को साकार करने के लिए वह उधार लेने को भी तैयार रहता है. बैंकों तथा नौनबैंकिंग फाइनैंशियल कौरपोरेशन द्वारा इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु होम लोन की सुविधा उपलब्ध है. सरल किस्तों में कम ब्याज पर होम लोन एक सुरक्षित लोन है जो कौलेटरल के रूप में प्रौपर्टी खरीदने के लिए प्राप्त किया जाता है.

होम लोन किफायती ब्याज दरों पर लंबी अवधि के लिए अधिक रकम की फंडिंग प्रदान करते हैं. यह रकम बाद में ईएमआई के माध्यम से चुकाई जाती है. ईएमआई पूरी होने के बाद प्रौपर्टी आप के नाम हो जाती है. पर यदि आप पूरी रकम का भुगतान नहीं कर पाते यानी ईएमआई बीच में देना बंद कर देते हैं तो प्रौपर्टी की बिक्री से बकाया लोन राशि को रिकवर करने का कानूनी अधिकार ऋणदाता के पास होता है.

यदि सरल भाषा में समझें तो आप की संपत्ति आप के उधारदाता के पास गिरवी रहेगी. आप प्रतिमाह निश्चित ईएमआई की रकम उसे देते रहेंगे. कुल मूलधन तथा ब्याज जब आप वापस कर देते हैं तो वह संपत्ति आप को मिल जाती है. न्यूनतम ब्याज 6.50% होता है जो संबंधित बैंक या एनबीएफसी के द्वारा निश्चित होता है. ब्याज दर आप के सीआईबीआईएल स्कोर और प्रौपर्टी किस एरिया में है इस से भी निर्धारित होती है.

डिफाल्टर न बने

सीआईबीआईएल का फुल फौर्म है क्रैडिट इनफौर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड. इस का कार्य है किसी व्यक्ति की लोने के लिए साख तथा वित्तीय स्थिति तय करना. क्रैडिट स्कोर 3 अंकों की संख्या होती है जो 300 से 900 के बीच होती है. होम लोन के लिए योग्य होने के लिए सीआईबीआईएल स्कोर 700 से ऊपर रहना चाहिए अर्थात तब आसानी से होम लोन मिल जाता है.

सीआईबीआईएल स्कोर को सही रखने के लिए जरूरी है कि आप अपने अन्य ऋणों की ईएमआई का समय पर भुगतान करें, क्रैडिट कार्ड की लिमिट्स का ध्यान रख कर ही उपयोग करें, किसी पूर्व के ऋण वापसी में आप डिफाल्टर न हों.

प्रौपर्टी के मूल्य का अधिकतम 80% तक होम लोन के रूप में लिया जा सकता है. नया घर खरीदने, नया घर बनाने, घर की मरम्मत करने या पुनर्निर्माण के लिए या फिर प्लाट खरीदने के लिए होम लोन आसानी से मिल जाता है.

नौकरीपेशा व्यक्ति को होम लोन लेने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड के साथसाथ 3 महीने की सैलरी स्लिप और 6 महीने की बैंक स्टेटमैंट देनी होती है. व्यवसायी से 1 साल की बैंक स्टेटमैंट मांगी जाती है. साथ ही प्रौपर्टी के पेपर्स जांच के लिए देने पड़ते हैं. आप के सीआईबीआईएल स्कोर तथा प्रौपर्टी के मूल्य के आधार पर होम लोन की राशि स्वीकृत होती है.

किसी भी बैंक या संस्था से होम लोन लेने के पहले सभी पेपर्स की जांच स्वयं करें. ब्याज का प्रतिशत कितना है यह अवश्य जांच लें. जागरूकता के साथ लिए होम लोन से आप अपने घर के सपने को साकार कर सकते हैं, किराए के घर की जगह अपने स्वयं के घर के स्वामी बन सकते हैं. होम लोन की ईएमआई की रकम में टैक्स बैनिफिट भी लेना संभव है.

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आप को कितना लोन मिल सकता है

बैंक आप की कमाई के हिसाब से लोन देता है. दरअसल, आप की होम लोन लेने की क्षमता उसे चुकाने की कैपैसिटी पर निर्भर करती है. यह आप की मासिक कमाई, खर्च और परिजनों की कमाई, संपत्ति, देनदारी जैसे मसलों पर निर्भर करती है.

बैंक सब से पहले यह देखते हैं कि आप समय पर होम लोन चुका पाएंगे या नहीं. आमतौर पर कोई बैंक या कर्ज देने वाली कंपनी का ध्यान इस बात पर जाता है कि आप अपनी मासिक आमदनी का 50% होम लोन की किस्त के रूप में दे पाएंगे या नहीं. इस के अलावा बैंक होम लोन के लिए उम्र की ऊपरी सीमा भी फिक्स कर चलते हैं.

किसी मकान या फ्लैट की कीमत का 10 से 20% तक डाउन पेमैंट करनी पड़ती है यानी प्रौपर्टी की वैल्यू का 80-90% तक लोन मिल सकता है. इस में रजिस्ट्रेशन, ट्रांसफर और स्टांप ड्यूटी जैसे चार्ज भी शामिल होते हैं. अगर कर्ज देने वाली संस्था आप को ज्यादा रकम होम लोन के रूप में देने को तैयार है तब भी जरूरी नहीं कि आप सारी रकम लोन के रूप में ले लें. समझदारी इसी में है कि आप अधिक से अधिक अमाउंट डाउन पेमैंट कर दें ताकि लोन का बोझ कम से कम रहे और आप को ब्याज के रूप में बहुत ज्यादा रकम लंबे समय तक न देनी पड़े.

होम लोन लेने की पात्रता

आप की प्रति माह की कुल आय का 60 गुना लोन मिल सकता है. अगर आप ने कोई दूसरा लोन लिया है जो चालू है तो लोन देने वाला बैंक उस की मासिक किस्त आप की आमदनी से घटाने के बाद होम लोन की रकम पर विचार करेगा. अगर आप होम लोन लेना चाहते हैं, मगर आप का क्रैडिट स्कोर सही नहीं है या आप के पिछले किसी लोन/उधार के भुगतान में चूक हुई है तो बैंक लोन देने से मना कर सकता है.

आमतौर पर बैंक आप की कुल मासिक आय के 40 से 50% रकम को व्यक्तिगत खर्च के लिए जरूरी मानते हैं. इस के बाद बची रकम के हिसाब से होम लोन दिया जाता है.

उदाहरण के लिए अगर आप की मासिक आमदनी 60 हजार रुपए है तो बैंक यह मानता है कि आप का पर्सनल खर्च 25 से 30 हजार रुपए प्रति महीना होगा. अगर आप ने कोई और लोन नहीं लिया है तो आप 20 साल के लिए 9% सालाना ब्याज दर पर होम लोन के रूप में 35-40 लाख रुपए तक पा सकते हैं.

होम लोन के फायदे

निवेश: अगर आप होम लोन ले कर अपना घर खरीदते हैं तो समय के साथ आप के घर की कीमत में इजाफा होता रहता है. यह वास्तव में निवेश का एक अच्छा जरीया भी है.

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इनकम टैक्स में बचत

होम लोन की मासिक किस्त के रूप में चुकाई जाने वाली रकम में मूलधन और ब्याज दोनों ही होता है. अगर आप मूलधन के हिसाब से सोचें तो इनकम टैक्स कानून के सैक्शन 80सी के तहत आप सालभर में 1.5 लाख रुपए के भुगतान पर आयकर में राहत पा सकते हैं.

इस के साथ ही आप ने होम लोन की किस्त में ब्याज के रूप में जो रकम चुकाई है उस के लिए साल में 2 लाख रुपए तक की रकम पर अलग से इनकम टैक्स में छूट मिलती है.

रहने में सुविधा

अगर आप अपना घर लेते हैं तो भविष्य में आप होम लोन शिफ्टिंग के झंझट से मुक्त रह कर अपने काम पर पूरा ध्यान दे सकते हैं.

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