पति से छिपा कर की गई बचत घर की आर्थिक मुश्किल के समय अंतिम सहारा होती है. इसलिए महिलाओं को अपने दम पर सेविंग करना मुश्किल समय में बहुत काम आता है. वहीं सी.ए. शालिनी तलवार मानती हैं कि बढ़ती महंगाई और अनिश्चित भविष्य के चलते हर महिला को आर्थिक तौर पर अपनी सुरक्षा के लिए कुछ न कुछ बचत करनी ही चाहिए. सब से पहले तो अपनेआप को प्रिपेयर करना चाहिए कि बचत करनी है. अब चाहे इस के लिए आप अपनी किसी जरूरत को आधार बनाएं या अपने किसी सपने को पूरा करने की चाहत को.

बजट बनाना

घर को चलाने के लिए बजट बनाना बहुत जरूरी होता है और उस से भी ज्यादा जरूरी होता है अपने वास्तविक खर्च का बजट से मिलान करना, जिस से फिजूलखर्च को पहचान कर कंट्रोल किया जा सके और यदि कुछ अमाउंट बच जाए तो उसे सेव करना चाहिए.

इमरजेंसी फंड

कभीकभी अचानक पैसों की जरूरत पड़ सकती है. इसलिए आदत डालें कि आप के पास घर में ही कुछ ऐसा फंड जरूर हो जिसे इमरजेंसी मेें इस्तेमाल किया जा सके. इस के लिए रोज, हफ्ते या फिर कभी भी कुछ रुपए किसी गुल्लक में डाल कर जमा कर सकती हैं. यही आदत बच्चों को भी सिखाएं.

चिट फंड

हाउस वाइफ अंजु अपनी सोसाइटी में हर महीने चिट फंड के लिए 200 रुपए देती हैं, जिस में 15 महिलाएं मिल कर हर माह एक चिट निकालती हैं. जिस का नाम आता है उसे 3,000 रुपए मिल जाते हैं. ऐसे ही हर जमाकर्त्ता का नाम बारीबारी से आता है. उन का मानना है कि इस तरह से उन में बचत करने की आदत बनती है और फायदा यह होता है कि एकसाथ उन्हें ज्यादा अमाउंट मिल जाता है, पर इस तरह का फंड आपसी विश्वास से बनाया जाता है. कुछ लिखित में न होने के कारण कई बार पैसा फंस भी सकता है. इसलिए यहां ज्यादा राशि का रिस्क नहीं लेना चाहिए. सेफ सेविंग के लिए खाता खुलवाना ही बेहतर विकल्प है.

आर.डी. अकाउंट

रिकरिंग डिपोजिट अकाउंट बैंक और पोस्ट आफिस दोनों में खुल सकता है. पोस्ट आफिस में मात्र 10 रुपए से इस खाते की शुरुआत की जा सकती है. हर माह जमा करवाना अनिवार्य है, जिस पर 7.5% की ब्याज दर से (तिमाही आकलन से भुगतान किया जाएगा) 5 वर्ष की अवधि के लिए बचत की जाती है. इसे 3 साल में भी समाप्त किया जा सकता है पर ऐसा करने से सेविंग अकाउंट की ब्याज दर लागू होती है, जो इस समय 3.5% है. वहीं बैंकों में आर.डी. अकाउंट की शुरुआत 100 रुपए से की जा सकती है और साधारण तौर पर इस की ब्याज दर 7% (तिमाही आकलन से भुगतान किया जाएगा) तक बैंक के हिसाब से अलगअलग हो सकती है. इस का संचालन 6 महीने से ले कर 10 वर्षों तक किया जा सकता है. बैंक और पोस्ट आफिस दोनों में ही इस खाते के लिए अधिकतम जमा राशि की कोई सीमा नहीं है.

टाइम डिपोजिट अकाउंट

पोस्ट आफिस में इस खाते की शुरुआत कम से कम 200 रुपए से की जा सकती है. इस की अवधि 5 वर्ष हो सकती है. हर वर्ष ब्याज दर बढ़ती जाती है. इस समय पहले वर्ष की ब्याज दर 6.25%, दूसरे वर्ष 6.50%, तीसरे वर्ष 7.25%, चौथे वर्ष 7.50% है, जिस का आकलन तिमाही आधार पर किया जाता है, जो डिपोजिट अवधि के अंत में देय होगा. इस खाते के लिए अधिकतम जमा राशि की कोई निर्धारित सीमा नहीं है.

किसान विकासपत्र

इस खाते की शुरुआत न्यूनतम 100 रुपए से की जा सकती है और अधिकतम जमा की कोई सीमा निर्धारित नहीं है. इस की खासियत यह है कि एक बार जमा करवाई गई राशि आठ साल 7 महीने के बाद दोगुनी हो कर खातेधारक को प्राप्त होती है. इस खाते को ढाई साल के संचालन के बाद भी समाप्त किया जा सकता है, परंतु पूरा लाभ उठाने के लिए निर्धारित समय सीमा तक राशि का जमा होना अनिवार्य है.

पोस्ट आफिस सेविंग अकाउंट

इस खाते में राशि जमा करवाने का समय तय नहीं है. न्यूनतम 50 रुपए से शुरुआत की जा सकती है और अगली जमा कभी भी करा सकते हैं. पोस्ट आफिस में इस खाते के लिए सिंगल अकाउंट हेतु अधिकतम जमा राशि एक लाख रुपए तक निर्धारित की गई है वहीं जौइंट अकाउंट के लिए 2 लाख की राशि निर्धारित की गई है, जिस पर वर्तमान ब्याज दर 3.5% है.

मंथली इनकम स्कीम

इस स्कीम में एकसाथ न्यूनतम 1,500 रुपए से ले कर अधिकतम 4.5 लाख रुपए तक सिंगल आकउंट में जमा किए जा सकते हैं. वहीं जौइंट अकाउंट में इस की अधिकतम जमा सीमा 9 लाख रुपए तक है, जिस की परिपक्वता अवधि 6 वर्ष है और प्रत्येक वर्ष का ब्याज 8% की दर से हर महीने प्राप्त होता है. इस खाते में जमा करने का एक लाभ यह भी है कि मैच्योरिटी डेट पर यानी 6 वर्षों बाद खातेधारक को इस पर 5% का बोनस भी प्राप्त होता है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड

यह सेविंग लंबे समय के लिए लाभकारी है. पी.पी.एफ की सुविधा पोस्ट आफिस और बैंकों दोनों में उपलब्ध है. इस अकाउंट में जमा राशि पर निश्चित तौर पर तय की गई 8% ब्याज दर के कारण सी.ए. शालिनी इसे सब से सेफ सेविंग मानती हैं. इस खाते की शुरुआत न्यूनतम 500 रुपए से की जा सकती है और एक वर्ष में अधिकतम 70,000 हजार तक की राशि जमा की जा सकती है. खाते का संचालन करने के लिए जमा राशि को लंपसम या फिर 12 किश्तों में जमा कराया जा सकता है. एक साल में 12 बार से ज्यादा जमा कराना स्वीकार नहीं किया जाता. इस खाते का एक लाभ यह भी है कि 3 वर्ष पूरे हो जाने पर इस के बदले लोन लेने की सुविधा उपलब्ध हो जाती है.

गोल्ड

ज्यादातर महिलाएं स्वयं पहनने वाली ज्वैलरी को एक इनवैस्टमैंट समझती हैं. लेकिन डिजाइनिंग और कटिंग की वजह से उस की बाजार में कीमत काफी कम हो जाती है. वहीं खरीदते समय यह महंगी पड़ती है, क्योंकि डिजाइनिंग के चार्ज अलग से लगते हैं. इसलिए सोने में निवेश के लिए गोल्ड के सिक्के खरीदना एक बेहतर विकल्प है. इस में शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए.

कैसे रहें जागरूक

सी.ए. शालिनी तलवार का मानना है कि जब तक महिलाएं स्वयं जागरूक नहीं होंगी वे बचत नहीं कर सकतीं. इसलिए अपनी जानकारी बढ़ाने के लिए वे बिजनेस मैगजीन, इंटरनेट पर सर्फ करने के साथ फाइनेंशियल एडवाइजर से भी बात कर सकती हैं. लेकिन खासतौर से इनवैस्ट करते हुए उन्हें जागरूक रहना चाहिए.

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